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Tag: Garuda finance company

मोदी के पेटीएम् मार्का “मोदक”तो ग्राहकों के भी पेट में मरोड़ डालने लग गए

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

क्रुद्ध व्यापारी

ओऐ झल्लेया!ये पेटीएम वालों ने क्या गोरखधंधा फैला रखा है ?इन्होंने पहले कहा के फ्री में डिजिधन मुहैय्या करवाएंगे लेकिन नोटबंदी के तुरंत बाद जब डिजिधन की जरुरत बढ़ गई तो अपने असली दांत दिखाने शुरू कर दिए| दुकानदारों के साथ ही ग्राहकों की जेब भी अनाप शनाप ढंग में काटी जाने लग गई है| ओऐ अनेकों वेबसाईटों पर पेटीएम् के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ लग गई है| मोदी के ये पेटीएम् मार्कामोदक तो दुकान्दारोंके साथ ही ग्राहकों के भी पेट में मरोड़ डालने लग गए

झल्ला

ओ मेरे चालाक सेठ जी! |बाजार में अनेकों डिजिधन मुहैय्या करवाने वाले हैं लेकिन आपलोगों की भेड़ चाल का फायदा उठाते हुए पेटीएम् वालों ने अपनी समानांतर अर्थ व्यवस्था सफल कर ली और अपना बैंक स्थापित कर लिया है |अब जब आधा अरब रूपया उसकी जेब में चला गया तो सभी रोने लग गए |अरे भापा जी अब तो चिड़िया खेतों को चुग गई |शारदा+माल्या+कुबेर+गरुड़+सहारा जैसों का कुछ नहीं हुआ तो अब इस पे टी एम् का क्या बिगड़ेगा ?

सहारा श्री सुब्रत रॉय की जेल नही बल्कि निवेशकों के २० हजार करोड़ रुपयों के खेल पर नजर रखो

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

सहारा का निवेशक

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाड़ी सुप्रीम कोर्ट ने हसाड़ी फरयाद सुन ली| माननीय न्यायाधीश महोदय ने ,२० हजार करोड़ रूपये दबाये बैठे, अकड़ू सहारा श्री सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं ओये हुन ते हसाडे खून पसीने की कमाई हमें मिल ही जाणी हैं

झल्ला

ठीक है भोले शाह जी आप जी के पैसे को दबाने और फिर सर्वोच्च न्यायालय की मानहानि का दंड तो मिलना ही चाहिए लेकिन क्या इससे पैसा मिल जायेगा|इस पर झल्ले को संदेह है इससे पहले ऐसी एक कुबेर फाइनेंस कंपनी का केस भी चला था उसके मुखिया को जेल भी हुई थीउसका अरबों रूपया आर बी आई में जमा भी है लेकिन निवेशकों का पैसा अभी तक नहीं मिला है उनमे से कई लोग मोह माया के बंधन से मुक्ति भी पा चुके हैंसाउथ की गरुडा फाइनेंस का भी कुछ कुछ ऐसा ही जाल रहा है इसीलिए जेल पर नहीं, पैसे के खेल पर नजर रखो

चिट फंड कंपनियों द्वारा की जा रही धोखा धडी की जाँच की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने राज्यों पर डाली

चिट फंड कंपनियों द्वारा की जा रही धोखा धडी के मामलों की जाँच की जिम्मेदारी आज केंद्र सरकार ने राज्यों पर डाल दी है| चिट फंड कंपनियों द्वारा की जा रही धोखा धडी [चिट फण्ड एक्ट १९८२ & १९७८ ] के मामलों की जाँच की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और कंपनी एक्ट १९५६ के उल्लंघन की दोषी कंपनियों की जांच मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स की एजेंसीज द्वारा की जानी है यह जानकारी आज कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्टर सचिन पायलट ने लोक सभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में दी|
गौरतलब है क इ देश अनेकों भागों में दशकों से चिट फण्ड कम्पनियों द्वारा उपभोक्ताओं के साथ धोखा धडी की जा रही है और जाँच के नाम पर मामलों को लटका कर उपभोक्ताओं का उत्पीडन किया जा रहा है| साउथ]गरुडा चिट एंड फाइनेंस + [नार्थ]कुबेर आदि अनेकों ऐसे नाम गिनाये जा रहे हैं|स्थानीय पोलिस और सेबी [ Securities and Exchange Board of India (SEBI), ] द्वारा ऐसी ही ६३ कंपनियों के विरुद्ध चीटिंग और फ्रॉड की जांच की जा रही है |इसके आलावा एस ऍफ़ आई ओ द्वारा भी कम्पनी एक्ट १९५६ के अंतर्गत जांच की जा रही है|
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