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मोदी का नया “करोड़ी” नारा !कहो एलपीजी सब्सिडी अब नहीं प्यारा

मोदी का नया “करोड़ी” नारा !कहो एलपीजी सब्सिडी अब नहीं प्यारा
अक्सर देखने में आता है कि जब कभी भी कोई नया नारा उछला जाता है तो पुराने नारे का महत्व कम होजाता है|कमोबेश यही पीएम नरेंद्र मोदी के नारों में भी आज कल देखने को मिल रहा है | अभी तक अपने विपक्षियों के नारों को छोटा या नगण्य करने के लिए नए नए नारे गढ़े जाते रहे हैं लेकिन यहां थोड़ा अंतर हैं क्योंकि यह प्रधान मंत्री के अपने ,मात्र दस महीनों में ही उछले गए,नारों से संबंधित है|ऐसा नहीं कि ये महज नारे ही हैं क्योंकि लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के बाद मोदी के नारों ने जन मानस को प्रभावित किया है|गरीबों के कल्याण के लिए एलपीजी के २ लाख उपभोक्ता सब्सिडी छोड़ भी चुके हैं | फ़िलहाल १ करोड़ का लक्ष्य रखा गया है| इस नए नारे के पीछे स्वछता का नारा सम्भवत पार्श्व में जाता दिख रहा है | अपनी आम सभाओं के अंत में मोदी अपने समर्थकों से आस पास फैले खाली बोतल+कागज आदि को समेटने का भी आग्रह करते थे | आज कल उस आग्रह के स्थान पर एलपीजी सब्सिडी छोड़ोका नारा आ गया है |चुनावों के पश्चात की इन जनसभाओं में जिस प्रकार भीड़ उमड़ कर आ रही है उसे देख कर कहा जा सकता है कि पुराने नारे की भांति इस का भी सकारात्मक लाभ जरूर होगा|ऐसा नहीं हे कि मोदी ने स्वछता अभियान को पूरी तरह पीछे छोड़ दिया है क्योंकि वोह अपने भाषणों में उसका उल्लेख जरूर करते हैं बेंगकुरु में भी उन्होंने कहा कि ‘सब्सिडी छोड़ो’ अभियान को ‘स्वच्छ भारत’ तथा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की तरह ही लिया जाना चाहिए| न्यू होराइजन एजुकेशनल इंस्टीटूशन ने बेंगलुरु में ही मोदी को स्वच्छ भारत इनिशिएटिव ,में पांच करो रुपयों का चेक भेंट किया है |जिस प्रकार जनसभाओं में भाषण के अंत में लोगों से अपने आस पास फैली खाली बोतलों और कागजों को समेटने के लिए आग्रह करते थे वोह विशेष आग्रह अब नहीं दिखाई दे रहा |
राजनीतिक चश्मे से अगर इसे देखा जाये तो सत्ता परिवर्तन के लिए मोदी को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से चुनावी मुकाबिला करना था इसके लिए जन मानस को अपनी और मोड़ने के लिए प्रयोग जरूरी थे |”आप “पार्टी चूंकि राजनीतिक सफाई के लिए अभियान चला रही थी तो मोदी ने स्वयं झाड़ू पकड़ कर आम और खास की दूरी को समाप्त कर दिया इसका परिणाम भी सकारात्मक ही आया विपक्ष के कटाक्षों के बावजूद सफाई अभियान पूरे देश में चल निकला|
अब कांग्रेस ने अपने पारम्परिक वोट बैंक को समेटना शुरू कर दिया है|कांग्रेस शुरू से ही गरीबों और किसानों के नाम पर सत्ता में रही है | कांग्रेस अब सत्ता में है नही इसीलिए उसके पास गरीबों को देने के लिए आलोचनाओं और वायदों के आलावा और कुछ नहीं बचा तो मोदी का यह कार्यक्रम सीधे गरीबों के बैंक खातों में सब्सिडी का पैसा पहुंचाएगा |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कल जनसभाओं में समाज के संपन्न तबके से अपनी रसोई गैस सब्सिडी[LPG] छोड़ने का आह्वान करते हैंइसके लिए उन्होंने “गिव इट अप” का नारा दिया है | आरबीआई का स्थापना दिवस हो या फिर बंगलुरु में भाजपा का कार्यक्रम हो मोदी सब जगह सम्पन्न लोगों से एलपीजी पर सब्सिडी छोड़ने का आह्वाहन कर रहे हैं |बेंगलुरु में तो उन्होंने देश के राजनीतिक नेताओं के साथ ही डॉक्टर्स+इंजीनियर आदि से भी इसके लिए आग्रह कर दिया है|
वापिस की गई सब्सिडी का इस्तेमाल गरीबों को सब्सिडीशुदा गैस कनेक्शन देने में किया जाएगा.ऐसा कहा जा रहा है |
श्री मोदी के अनुसार समाज के संपन्न तबके से प्राप्त सिलेंडर उन गरीबों को स्थानांतरित किए जाएंगे जो कि खाना पकाने के लिए लकड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. एक करोड़ लोग एलपीजी सब्सिडी छोड़ते हैं तो एक करोड़ गरीबों को लाभ होगा |मोदी ने कहा,‘ मैं सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों, आईएएस व आईपीएस अधिकारियों, प्रोफेसरों और पेशेवरों से अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ने व इससे मिलने वाली खुशी का आनंद लेने का आग्रह करता हूं.