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Tag: GOVERNOR OF R B I D SUBBA RAO

Raghuram Rajan has taken over charge of Reserve Bank Of India With Many Economic Problems

Raghuram Rajan has taken over charge of Reserve Bank Of India as 23rd Governor
Raghuram Rajan and D Subbarao shook hands warmly & hugged after Rajan signed papers taking over as 23rd Governor of central bank.
Raghuram Rajan, is a former International Monetary Fund chief economist
He takes charge Of many economical problems also.[1] central bank grapples with a weakening rupee,
[2]widening current account deficit and
[3] slowdown in economic growth.
[4]India’s currency has declined 20% against the US dollar since May

आर बी आई ने खजाना खोला: रेपो रेट ,सीआरआर में चौथाई फीसदी कटौती:18 हजार करोड़ रुपये फ्लोट होंगें

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आखिर कर खजाने का मुह खोल कर मंगलवार को रेपो रेट और सीआरआर में चौथाई फीसदी की कटौती के साथ बाज़ार में 18 हजार करोड़ रुपये डालने की घोषणा कर दी है|
आरबीआई के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने आज मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा पेश करते हुए लघु अवधि की ऋण दर (रेपो दर) में चौथाई फीसदी की कटौती की घोषणा की है| बताया जा रहा है कि मौजूदा दशक में सबसे धीमी वृद्धि का सामना कर रही अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए यह फैसला किया है|.बैंकों को अपनी जमा का एक निश्चित अनुपात केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है, जिससे सीआरआर कहा जाता है और बैंक अपनी लघु अवधि की जरूरत के लिए केंद्रीय बैंक से जिस दर पर उधारी लेते हैं, वह रेपो दर है|
रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद लघु अवधि की ब्याज दर 0.25 % घटाकर 7.75 % हो गई है. वहीं नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में चौथाईफीसदी की कटौती के बाद 4 % हो गया है.इस कटौती से 18 हजार करोड़ रुपये आएंगे। आरबीआई के फैसले के बाद कर्ज के सस्ता होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं आर बी आई ने समय समय पर सीआरआर में कटौती कर थोड़ी राहत देने की कोशिश जरूर की है मगर अप्रैल 2012 से लेकर अबतक आरबीआई ने रेपो रेट में कोई राहत नहीं दी थी। इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल 2012 में रेपो और रिवर्स रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती की थी.

रेपो रेटक्या है?

Governor of R B I D. Subba rao


आर बी आई जिस दर पर कम वक्त के लिए बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. जिस दर पर रिजर्व बैंक को बैंकों से कर्ज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट घटने से बैंको को रिजर्व बैंक से छोटी अवधि के फंड पर घटी दरों पर कर्ज मिलेगा. इससे बैंक ब्याज दरें घटाकर सकते हैं, जो उनके कस्टमर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा.

सीआरआर में कटौती के लाभ

बैंक रेट वह रेट है, जिस पर आरबीआई लंबी अवधि के लिए बैंको को उधार देता है. कैश रिजर्व रेशो के रेट के हिसाब से बैंक अपनी कुल जमा और देनदारियों का कुछ फीसदी हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखते हैं.