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Tag: Gulam nabi azad

Rahul Gandhi Asks President For SIT Into Justice Loya Death

[New Delhi] Rahul Gandhi Asks President For SIT Into Justice Loya Death
Congress Today Demanded SIT For Investigation Into Justice Loya Death
Congress President Rahul Gandhi today met President Ram nath Kovind and Demanded SIT
For Investigation Into CBI’s Justice Loya Death
After This Meeting Rahul Addressed TheMedia Along With Kapil Sibal and Gulam Nabi Aazad
He Said More then Hundred Parliamentarians Form Fifteen Poltical Parties has signed this memoremdum

रोटरी इंटरनेशनल ने पोलिओ मुक्त कान्क्लेव २०१४ का आयोजन किया

श्री गुलाम नबी आजाद ने सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की
रोटरी इंटरनेशनल द्वारा आयोजित पोलिओ मुक्त कान्क्लेव २०१४ में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ रामदॉस और वर्तमान मंत्री गुलाम नबी आजाद को मोमेंटो प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्र पति श्री प्रणब मुखर्जी ने देश को पोलियो से मुक्त बनाने के लिए सरकार सहित अनेक संस्थाओं के प्रयासों की यह कहते हुए सराहना की कि यह महत्वरपूर्ण और ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंंने कहा कि स्वास्थ्य कुछ समय से भारत सरकार के लिए प्राथमिकता रही है।
देश को पोलियो के वायरस से मुक्त कराने के लिए अभूतपूर्व कार्यक्रम केंद्र और राज्य सरकारों+रोटरी इंटरनेशनल+ युनिसेफ+ वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइज़ेशन + सीडीसी और मिलिंडा एंड गेट्स फाउंडेशन जैसी एजेंसियों के सहयोग से चलाया गया।
इस अवसर पर गुलाम नबी आजाद ने भारत को पोलिओ मुक्त बनाने का श्रेय नई स्वदेशी पोलियो वैक्सी्न को दिया इस अवसर पर सचिव श्री लव वर्मा, डॉ हर्ष वर्धन, रोटरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष श्री ग्रे हुआंग, रोटरी फांउडेशन के चेयरमैन डी के ली सहित अनेक जानी मानी हस्तियां मौजूद थी।
फ़ोटो कैप्शन
प्रेसिडेंट , श्री प्रणब मुख़र्जी, रोटरी इंटरनेशनल पोलिओ -फ्री कॉन्क्लेव -2014, में २९/३/2014

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित किया

[नई दिल्ली]विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित कर दिया है इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद ने प्रमाण पत्र ग्रहण किया|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को ‘पोलियो मुक्त’ देश का दर्जा देते हुए आज आधिकारिक प्रमाण पत्र प्रदान किया।
भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के उन देशों में शामिल हो गया हैं जिन्हे जिन्हें वाइल्ड पोलियो वायरस मुक्त देश का प्रमाण पत्र दिया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाब नबी आजाद ने एक समारोह में यह प्रमाण पत्र ग्रहण किया। इससे पहले 1994 में अमरीका के क्षेत्र, 2000 में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और 2002 में यूरोपीय क्षेत्र को यह प्रमाण पत्र मिल चुका है।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में श्री आजाद ने कहा कि भारत जनवरी 2011 में ही पोलियो मुक्त हो चुका था। समूचे दक्षिण-पूर्व एशियाई स्वास्थ्य मंत्रियों की ओर से इस ऐतिहासिक अवसर पर श्री आजाद ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने पर खुशी और संतोष जाहिर किया जो असंभव दिखाई देती थी क्योंकि दुनिया में पोलियो के सबसे अधिक मामले भारत में सामने आते थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने 19 वर्ष पूर्व 1995 में पोलियो समाप्त करने का कार्यक्रम आरंभ किया था, जब हर वर्ष देश में 50,000 हजार से ज्यादा बच्चे इसका शिकार हो जाया करते थे। उन्होनें कहा कि उच्च स्तर पर दृढ़ संकल्प के कारण इस उपलब्धि को हासिल किया गया। इनमें तकनीकी आविष्कार जैसे देश में तैयार द्विसंयोजक पोलियो टीका, पर्याप्त घरेलू वित्तीय संसाधनों और पोलियो कार्यक्रमों की सघन निगरानी शामिल है जिसके कारण 99 प्रतिशत टीकाकरण किया गया और भारत पोलियो मुक्त हो गया। उन्होनें कहा कि 10 लाख से अधिक मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएसएचए) और सहायक नर्स दाईयों (एएनएन) के प्रयासों से पोलियो समाप्त करने के कार्यक्रम को गति मिली। 23 लाख पोलियो स्वयं सेवकों और 150,000 सुपरवाइजरों की मजबूत टीम दिन-रात काम करते हुए प्रत्येक बच्चे तक पहुंची। स्वास्थ्य मंत्री ने डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, रोटरी इंटरनेशनल, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और बच्चों के माता-पिता सहित अन्य साझेदारों के मजबूत तकनीकी और सामूहिक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
इस समारोह में डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र संगठन देशों के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सहयोगी एजेंसियों जैसे रोटरी इंटरनेशनल, यूनीसेफ और डीएफआईडी के प्रतिनिधि मौजूद थे।

Central Government Health Scheme Has No Provision For Treatment Abroad

Central Government Health Scheme Has No Provision For Treatment Abroad
Under Central Government Health Scheme,[ CGHS ] there is no provision for treatment abroad. However There Is Provision for such treatment under the Central Services (Medical Attendance) Rules, 1944 Which Requires Permission with the approval of Standing Committee headed by the Director General of Health Services only And This Provision Is For Exceptional Cases in which the treatment is not available in India.
Union Minister for Health and Family Welfare Ghulam Nabi Azad Informed In Lok Sabha That This facility is available to all Central Government employees. On an average, 2 cases have been allowed per year in last three years for availing treatment abroad with the approval of the Standing Committee.
Shri Azad Stated That Every Department has separate budget provision for providing medical treatment to their employees. Accordingly, the expenses incurred on availing medical treatment by the serving employees under CGHS or CS (MA) Rules are reimbursed by the Department concerned to their employees. The employees of Ministry of Health and Family Welfare covered under CGHS have been allowed credit facility in empanelled hospitals for the sake of administrative convenience as the payments to the CGHS empanelled hospitals for providing medical treatment to the pensioner beneficiaries are also released by this Ministry. However, as per the terms and conditions of empanelment under CGHS, the empanelled hospitals are to provide treatment on cashless basis to all serving employees covered under CGHS for treatment under medical emergency.
The CGHS package rates for Angioplasty and Angioplasty with Balloon were revised in February, 2013 as per the advice of experts. The empanelled hospitals are expected to provide treatment as per the approved package rates. The ceiling rates for implants are revised from time to time and if any beneficiary intends to have implants of a specific brand, he/she can opt for the same if he/she agrees in writing to bear the additional expenditure.

C G H S Has Two Years Rotational Transfer Policy For Sensitive Posts

Central Government Health Scheme [C G H S ]Has Rotational Transfer Policy For Sensitive and Non Sensitive Posts :Gulam Nabi Azad
There is rotational transfer policy for sensitive/non-sensitive post holders under Central Government Health Scheme (CGHS) with transfer of staff posted at sensitive posts in two years and at non-sensitive posts in three years.
While Replying In Lok Sabha,Ghulam Nabi Azad, Union Minister for Health and Family Welfare,stated that Transfers are made in CGHS on regular basis. However, in certain cases officers are allowed to continue keeping in view the exigencies of administration and public interest. Minister Informed the house that Recently, Committees have been constituted for transfer and posting in respect of different categories of CGHS officers.

M C I Inspected 31 And Rejected 6 Colleges, 5 Of Which Are From The States Not Ruled By U P A

M C I Inspected 31 And Rejected 6 Colleges 5 Of Which Are From The States Not Ruled By U P A
Medical Council Of India [M C I] carried out inspection of 31 medical colleges during 2013-14 and proposed rejection for opening of 6 medical colleges ,which is much less then the previous years.
Interestingly five out of six have been rejected from the states which are not ruled by UP A.and Fifty Percentage colleges are rejected from U P Only.During 2011-12 Inspectors inspected 6 Colleges out of which they rejected 2 colleges.During 2012-13 i out of 3 colleges were rejected. Apart from this 1 each from Chattisgarh and Tamil Nadu are rejected.
This Inspection was also carried out in Bihar[2colleges],Delhi[1college]Haryana[1],HimachalPradesh[1]Karnataka[3]Kerala[2]Maharaashtra[1]But these all were granted positive nod .
[1] During 2011-12== 43 colleges were inspected and 22 were rejected
[2] during 2012-13==33 colleges were inspected and 13 were rejected
[3]During 2013-14 ===6 out of 31 colleges have only been rejected for opening
The MCI has recommended to the Ministry of Health & Family Welfare for withdrawal of recognition for reported irregularities in respect of Santosh Medical College,[with 100 seats] Ghaziabad and Subharti Medical College, Meerut.[100 seats] The matter has been referred back to Board of Governors for re-examination.The Fate of students, specially quota students, have not been Unveiled.Both Colleges have 100 U G seats each.
Reservation Quota is prescribed for admission to undergraduate
Union Minister of Health & Family Welfare Shri Ghulam Nabi Azad in written reply to a question in the Lok Sabha has informed that Medical colleges are established/recognized as per the provisions of Indian Medical Council (IMC) Act, 1956 and the Regulations made thereunder. For this purpose, the Medical Council of India (MCI) inspects the medical colleges to assess the standards of examination and facilities available at the college as per the minimum standard requirement as prescribed in Medical Council of India Regulation, 1999.

देश में मातृ मृत्‍यु दर घटकर एक लाख नव जात शिशुओं पर 212 हुई

केंद्र सरकार ने देश में मातृ मृत्‍यु दर में कमी का दावा करते हुए बताया है कि वर्ष 2007-09 में मातृ मृत्‍यु दर घटकर एक लाख नव जात शिशुओं पर 212 हो गई।
स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय से सम्‍बद्ध सलाहकार समिति की बैठक में मातृ स्‍वास्‍थ्‍य पर चर्चा के दौरान आज नई दिल्‍ली में मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि भारत सरकार मातृ स्‍वास्‍थ्‍य के परिणामों को सुधारने के लिए अनेक नीतियां और कार्यक्रम लागू कर रही है। इन कार्यक्रमों से देश में मातृ मृत्‍यु दर में कमी आई है। यह दर 2001-03 में 100,000 नवजात शिशुओं पर 301 से 2004-05 में घटकर 254 हो गई तथा 2007-09 में यह दर घटकर 212 हो गई।
इस बैठक में श्री एम.आई. शैनवास (लोकसभा), शैलेन्‍द्र कुमार (लोकसभा), डॉ. पी. वेणुगोपाल (लोकसभा), श्री मातीलाल वोहरा (राज्‍यसभा), डॉ. सी.पी. ठाकुर (राज्‍यसभा) तथा श्री बैश्‍नब परिदा (राज्‍यसभा) स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी , एनआरएचएम की मिशन निदेशक तथा अतिरिक्‍त सचिव श्रीमती अनुराधा गुप्‍ता भी उपस्थित थे।

Yes There is deficiency in services but No Complaints from beneficiaries of C G H S Delhi : Union Health Minister

Yes There is deficiency in services but No Complaints from beneficiaries of C G H S Delhi : Union Health Minister
The dental services in CGHS Delhi have been outsourced in 13 Wellness Centres for 22 dental procedures.
It has been informed by the union health minister Gulam Nabi Azad that No specific complaint has been reported about any irregularities committed by the dental clinics in connivance of some officers. However deficiency in services has been reported from the beneficiaries. An Inspection Committee has been constituted for regular inspection of the dental units to ensure proper delivery of services as per the terms and conditions of the agreement.
Details of CGHS Wellness Centers where the Dental Care Services have been outsourced
Central Zone : New Delhi
S. No.=Wellness Centres Name=Address
[1]Dr. Z.H. Road (D44)CGHS Dispensary Building, Dr. Z.H. Road, New Delhi.
[2]Chitra Gupta Road (D51)CGHS Dispensary Building, Near Aram Bagh, New Delhi.
[3]Aliganj, Lodhi Road -I (D9)CGHS Dispensary Building, Near Lodhi Road, New Delhi.
[4]Kali Bari (D 76)CGHS Dispensary Building, Kali Bari Marg, DIZ Area, New Delhi.
[5]CGHS Dispensary Chanakyapuri
CGHS Dispensary Chanakyapuri, New Delhi.
South Zone: New Delhi
S. No.==Wellness Centres Name==Address
[1]Sadiq Nagar (D63)
CGHS Dispensary Building , Behind Siri Fort Road, Near G.K.-I, New Delhi.[2]SriniwasPuriCGHS Dispensary Building, Sriniwaspuri, New Delhi[3]PushpVihar (D78)
A-B/125, 126, 127 – Sector –IV, PushpVihar, New Delhi.
[4]R.K. Puram-V (57)CGHS Dispensary Building, Sector-XII, R.K. Puram.[5]Moti Bagh (D 16)
CGHS Dispensary Building near Begum Zaidi Market, Moti Bagh, New Delhi.[6]Kidwai Nagar (D 12)
CGHS Dispensary Building, 61-63, Kidwai Nagar.[7]
Kalkaji. I (D42)
CGHS Maternity Centre & Dispensary, Kalkaji.[8]
Faridabad (D70)
CGHS Dispensary Building, NH-4, Faridabad.

Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited:Tobacco tear lives and families apart

 Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited:Tobacco tear lives and families apart

Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited:Tobacco tear lives and families apart

Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited . Government has launched a nationwide campaign “Tears You Apart”, to raise public awareness about the dangers of smokeless tobacco.
Government of India has prohibited the use of tobacco and nicotine as ingredients in any food products.Government has notified the Food Safety and Standards (Prohibition and Restrictions on Sales) Regulations, 2011 dated 1st August 2011, under the Food Safety and Standards Act, 2006, which prohibit the use of tobacco and nicotine as ingredients in any food products. Regulation 2.3.4 is as under:
“Product not to contain any substance which may be injurious to health: Tobacco and nicotine shall not be used as ingredients in any food products”.
So far 33 States / Union Territories have issued orders for implementation of the Food Safety Regulations banning manufacture, sale and storage of food products including Gutka and Pan Masala containing tobacco or nicotine. (Madhya Pradesh, Kerala, Bihar, Himachal Pradesh, Rajasthan, Maharashtra, Mizoram, Chandigarh, Chattisgarh, Jharkhand, Haryana, Punjab, Delhi, Gujarat, Uttar Pradesh, Nagaland, Andaman & Nicobar, Daman & Diu, Dadra and Nagar Haveli, Uttarakhand, Odisha, Andhra Pradesh, Goa, Sikkim, Manipur, Arunachal Pradesh, J&K, Assam, West Bengal, Tripura, Tamil Nadu, Karnataka and Puducherry).
.Union Minister of Health & Family Welfare Shri Ghulam Nabi Azad in written reply to a question in the Lok Sabhahas stated that The campaign public service announcement (PSA) was filmed in B. Barooah Cancer Institute in Guwahati, Assam and at the Tata Memorial Hospital in Mumbai, Maharashtra. The PSA features real victims who are suffering from horrific cancers and disfigurements as a result of their chewing addiction. It also includes comments from relatives of victims, who describe how tobacco-related illnesses have destroyed careers, family life, and added to financial burdens.
The PSA graphically warns the public that tobacco can literally tear lives and families apart, and urges smokeless tobacco users to quit the habit.
The Ministry, under the National Level Public Awareness Campaign, has launched other media campaigns both in national as well as regional electronic channels (both TV & Radio/FM) , outdoor media and print media focusing on the harmful effects of smokeless tobacco use.
The Ministry has notified the new graphic health warnings which have come into effect from 1st April 2013. Three sets of graphic health warnings each have been notified for smokeless as well as smoking forms of tobacco.
The Ministry has also notified the rules to regulate depiction of tobacco products or their use in films and TV programmes. As per these rules, all films and TV programmes (both Indian & Foreign) depicting tobacco products or their use have to screen a health spot of 30 seconds duration and a disclaimer of 20 seconds duration on the harmful effects of tobacco use, at the beginning and the middle of the films and TV programmes.

आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के इलाज के लिए भी स्वास्थ्य बीमा लाभ लिया जा सकता है

आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के इलाज के लिए भी बीमा लाभ लिया जा सकता है|बीमा नि‍यामक एवं वि‍कास प्राधि‍करण ने यह घोषणा की है|
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परि‍वार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज लोक सभा में एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में कहा कि केंद्र सरकार ने आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के लि‍ए क्रमश: जयपुर में राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान तथा कोलकाता में राष्‍ट्रीय होम्‍योपैथी संस्‍थान की स्‍थापना की है। इसके अलावा नई दि‍ल्‍ली में अखि‍ल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान तथा शि‍लांग में पूर्वोत्‍तर आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी संस्‍थान की मंजूरी दे दी गई है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान अखि‍ल भारतीय होम्‍योपैथी संस्‍थान के लि‍ए 50 करोड़ रुपए की राशि‍ स्‍वीकृत की गई है।
बीमा नि‍यामक एवं वि‍कास प्राधि‍करण (आईआरडीए) ने बताया है कि‍आईआरडीए स्‍वास्‍थ्‍य बीमा वि‍नि‍यम 2013 (वि‍नि‍यम संख्‍या 5 (1) ) ने स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलि‍सि‍यों में पहले से ही आयुष को इसके दायरे में लाये जाने का प्रावधान है, जि‍समें आयुर्वेदि‍क एवं होम्‍योपैथि‍क बीमा शामि‍ल हैं।
इस प्रावधान के अनुसार बीमा कम्‍पनि‍यां गैर एलोपैथि‍क इलाज के लि‍ए बीमा सुवि‍धा उपलब्‍ध करा सकती हैं, बशर्ते कि‍इलाज कि‍सी सरकारी अस्‍पताल या मान्‍यता प्राप्‍त सरकारी संस्‍थान तथा/ या भारतीय गुणवत्‍ता परि‍षद द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त/ स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधि‍त राष्‍ट्रीय प्रत्‍यायन बोर्ड द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त या कि‍सी अन्‍य उपयुक्‍त संस्‍थान द्वारा कि‍या गया हो।