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Tag: HarishRawat

कांग्रेस को उसके खासुलखास ही क्यूँ तलाक देने पर हुए उतारू ?

Congress[नई दिल्ली]कांग्रेस को उसके खासुलखास ही क्यूँ तलाक देने पर हुए उतारू ?यह यक्ष प्रश्न आज सर्वत्र उत्तर तलाश रहा है
क्या यह नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने कांग्रेस का बौनापण है?या फिर कांग्रेस लीडरशिप की कोई आत्मघाती नीति”
लगता है के हिंचकोले खाती कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज मान लिया गया है तभी इसके खासुलखास सिपहसलार एकएक कर के किनारा करने में लगे हैं और तात्कालिक लाभ केप्रेम पींगें बढ़ाने में लगे हैं|
छत्तीस गढ़ में अजित जोगी की बगावत अभी सम्भली नहीं थी के अब महाराष्ट्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रधान रहे गुरुदास कामत ने “रायता” फैला दिया ।जोगी ने कांग्रेस छोड़ कर अपनी पार्टी बनाई तो कामत ने राजनीती से ही सन्यास [फिलहाल]ले लिया।यूपी में बेनी प्रसाद वर्मा पहले ही गुठलियां फैंक कर सपाई आमों की तरफ लपक चुके हैं।पांजब में भी कप्तान अमरिंदर सिंह लगातार अपनों का विरोध झेल रहे हैं
उत्तराखंड के असंतुष्ट विधायकों के दंश से मुख्य मंत्री हरीश रावत पूरी तरह बाहर नही निकल पाये हैं ।
अरुणाचल प्रदेश की बगावत की कहानी अभी सभी की जुबान पर चढ़ी हुई है ।ऐसा क्या हो गया के अपने प्रिय नेतागण ही कांग्रेस को तलाक देने पर उतारू हो गए ?
[१] राहुल गांधी की लगातार असफलता
कांग्रेस को एक के बाद एक प्रदेश में हार का मुंह देखना पढ़ा है।यहां तक के बिहार जैसे प्रदेश में भी विशाल+ऐतिहासिक कांग्रेस छोटे सहयोगी के स्तर पर सिमट चुकी है
[२]स्थानीय नरेतत्व की उपेक्षा
लोक सभा चुनाव हारे हुए बढे नेताओं को दूसरे सुरक्षित राज्यों से राज्य सभा में लाया जा रहा है ।पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम इसका जीता जागता उदारहण है चिदंबरम को साउथ से महाराष्ट्र लाकर राज्य सभा में निर्विरोध भेजा गया
[३ ]स्थानीय चुनावों में स्थानीय बड़ों की उपेक्षा
कहीं न कहीं स्थानीय नेताओं को आंकने में कमी हुई है जिसके परिणाम स्वरुप बगावतें हो रही है
पुराने नेतागण जो कभी राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के करीब माने जाते थेऔर सोनिया गांधी के भी कृपा पात्र बने हुए थे उन्हें राहुल गांधी के आने से अपां सिंहासन डोलता दिख रहा है। कामत इसका जीता जागता प्रमाण है

स्टिंग ऑपरेशन में सीबीआई के चंगुल में फंसे ‘रावत’ ने अब जेल जाने की बात कही

[देहरादून,उत्तराखंड] स्टिंग ऑपरेशन में सीबीआई के चंगुल में फंसे हरीश रावत ने शहादत देने की बात कही
उन्होंने कहा के “में जेल जाने को तैयार हूं “|
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार पर सीबीआई को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि वह[रावत] जनता के हित में काम करने के लिये जेल जाने या और कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं ।
बीते दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों को संबोधन में रावत ने कहा, ‘‘भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिये सीबीआई को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है । हमें भाजपा की राजनीति का जवाब राजनीति से ही देना होगा तथा भाजपा के फासीवादी चेहरे को बेनकाब करना होगा लेकिन इसकी जिम्मेदारी सभी कार्यकर्ताओं की है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जेल जाने से नहीं डरता हूं । मैंने राजनैतिक जीवन में संघर्ष किया है और जनता के सहारे और उसके आशीर्वाद से इस मुकाम तक पहुंचा हूं । मैं सीबीआई और केन्द्र सरकार के इस अन्याय का जवाब देने का निर्णय जनता और आप सब कार्यकर्ताओं पर छोड़ता हूं ।’’ पार्टी कार्यकर्ताओं को भाजपा के षड्यंत्र से सजग रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के बीच में जाकर भाजपा के कुटिल मंसूबों का जवाब देना होगा । उन्होंने कहा कि भाजपा षड्यंत्र, झूठ और फरेब की राजनीति करना जानती है और उसका न तो लोकतंत्र में भरोसा है और न ही न्यायपालिका में विश्वास है ।

Former CM Bahuguna Along with 8 Cong MLAs Are Saffroned

[New Delhi,Dehradun] Former CM Bahuguna Along with 8 Cong MLAs Are Saffroned
The nine rebel Congress MLAs in Uttarakhand led by former Chief Minister Vijay Bahuguna, who were disqualified from the state assembly under the anti-defection law, today joined the BJP “unconditionally” and sought dissolution of the assembly and holding fresh polls.
The much-anticipated move came after Bahuguna along with eight other MLAs met the senior BJP leadership.
“All the nine rebel Congress MLAs who had raised the banner of revolt against Harish Rawat in Uttarakhand have today joined the BJP unconditionally,” Uttarakhand BJP President Ajay Bhatt said.
He said another dissident Congress MLA Rekha Arya, who had voted against Rawat during the floor test, was also to join the BJP today but could not as she was away in Ujjain to participate in the Mahakumbh.
Making it clear that their entry into the BJP was not for any personal gain but in the state’s interest, Bahuguna said they will continue to fight for protecting the interests of the state.
Praising Prime Minister Narendra Modi, Bahuguna said, “He is a pragmatic leader and has unflinching commitment towards good governance and development. We have confidence in his leadership and are impressed by his working and policies of last two years.
Among those came to the BJP fold included former minister in the Rawat government Harak Singh Rawat, who rejoined the party after a gap of 20 years.
Besides Bahuguna and Rawat, those who joined BJP are:
Amruta Rawat,
Shailendra Mohan,
Kunwar Pranav Singh,
Subodh Uniyal,
Pradeep Batra,
Shaila Rani Rawat and
Umesh Sharma

योगगुरु बाबा रामदेव ने”रावत”सरकार के तख्ता पलट अभियान से किया किनारा

[New Delhi] बाबा रामदेव ने हरीश रावत सरकार के तख्ता पलटअभियान से किनारा करते हुए कहा के उत्तराखंड में राजनितिक अशांति में उनकी कोई भूमिका नहीं है
योग गुरु रामदेव तने कहा के उत्तराखंड में पोलिटिकल संकट उतपन्न करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है उत्तराखंड में केंद्र द्वारा लगाए गए राष्ट्रपति शासन को है कोर्ट ने समाप्त कर दिया है |बाबा रामदेव के अनुसार इस सरे प्रकरण में उनकी कोई भूमिका नहीं हैऐसे में यदि कोई भ्रम फैलाता है तो उसका उत्तर उनके पास नहीं है|गौरतलब हे के बीते माह कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के नजदीकी बाबा राम देव पर आरोप लगाया था के उनके द्वारा उत्तराखंड में राजनितिक अशांति फैलाई जा रही है|बाबा द्वारा इन आरोपों का तभी खंडन कर दिया गयाथा|उत्तराखंड में कांग्रेस के ९ विधायकों के विद्रोही हो जाने और हरीश रावत की स्टिंग सी डी आने से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था जिसे अब नैनीताल हाई कोर्ट ने हटा दिया है और ९ विधायकों की सदस्यता भी समाप्त कर दी हैअब २९ अप्रैल को फ्लोर पर बहुमत का परिक्षण होगा

कांग्रेस की उत्तराखण्डी सरकार तो १८ मार्च से ही असंवैधानिक+अनैतिक थी :जेटली

[नयी दिल्ली]उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार तो १८ मार्च से ही असंवैधानिक थी :प्रेस वार्ता में जेटली
कांग्रेस द्वारा साजिश की आशंका जताने के बीच, सरकार ने आज उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने को सही ठहराया और कहा कि हरीश रावत सरकार 18 मार्च से ‘‘असंवैधानिक’’ और ‘‘’अनैतिक’ थी जब ‘‘गिरने’’ के बावजूद विनियोग विधेयक पारित हुआ दिखाया गया।कांग्रेस ने इसे लोक तंत्र की हत्या बताया है |
केन्द्रीय वित्त और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अनुच्छेद 356 :राष्ट्रपति शासन लगाने: को लागू करने का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता
उत्तराखंड में पूरी तरह से संवैधानिक अव्यवस्था थी
उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्रीय कैबिनेट के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के बहुत अच्छे आधार थे
मुख्यमंत्री 18 [मार्च]को ही अपना बहुमत खो चुके थे और उनका बना रहना असंवैधानिक और अनैतिक था।’’ जेटली ने कहा कि यह समय की मांग थी कि सरकार को बख्रास्त किया जाए।
उन्होंने 18 मार्च के संदर्भ में कहा कि 71 सदस्यीय विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर 67 सदस्य उपस्थित थे जिनमें से 35 विनियोग विधेयक पर मत विभाजन चाहते थे।
जेटली ने कहा कि 35 सदस्यों ने पहले से लिखकर मतविभाजन का अनुरोध किया था और उन्होंने विधेयक के खिलाफ मत भी दिया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयक को पारित हुआ दिखाया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने लिखित में कहा कि ‘मत विभाजन की मांग हुई लेकिन मैंने विधेयक को पारित बताया’। यह आजाद भारत के इतिहास में पहली बार है कि विधेयक के गिरने के बावजूद उसे पारित दिखाया गया।
यह संविधान का पहला उल्लंघन था।
विनियोग विधेयक सरकार को एक अप्रैल से व्यय के लिए कोष निकालने की शक्ति देता है और अगर सदन के पटल पर यह गिर जाता है तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।
रावत सरकार को बख्रास्त करने के लिए बताए गए अन्य कारणों में ‘‘विधानसभा के संयोजन में बदलाव’’ का प्रयास अैर मुख्यमंत्री द्वारा कथित रूप से विधायकों को ‘‘लुभाने’’ और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री को लंबा समय देना शामिल है।

Governance Broke In U’khand President Rule Imposed

[New Delhi] Governance Broke In U’khand President Rule Imposed.
Congress Called it a Murder of Democracy Whereas Rebel Congress leader Vijay Bahuguna welcomed the imposition of President’s Rule in Uttarakhand, saying the government headed by Harish Rawat needed to be dismissed as it was involved in “corruption”a Sting CD Is Also Produced Before Media In Which CM Rawat himself Was Conversing For Horse trading Of MLAs
Uttarakhand was today brought under President’s rule by the Centre on grounds of “breakdown of governance” in a controversial decision which comes in the wake of a political crisis triggered by a rebellion in the ruling Congress.
President Pranab Mukherjee signed the proclamation under Art 356 of the Constitution dismissing the Congress government headed by Harish Rawat and placing the Assembly under suspended animation this morning on the recommendation of the Union Cabinet.
The Cabinet had held an emergency meeting here last night presided over by Prime Minister Narendra Modi, who had cut short a visit to Assam to return to the capital for the purpose.
The Cabinet considered several reports received from Governor K K Paul, who had described the political situation as volatile and expressed apprehensions over possible pandemonium during the scheduled trial of strength in the state Assembly tomorrow.
Finance Minister Arun Jaitley is believed to have briefed the President late last night explaining the rationale for the Cabinet’s recommendation.
The dismissal of the Rawat government now renders tomorrow’s confidence vote infructuous.
It also came amidst reports that Speaker Govind Singh Kunjwal had disqualified 9 rebel Congress MLAs that would have enabled Rawat to sail through in the trust vote.
The Congress denounced the decision calling it a “murder of democracy” and said it showed that BJP did not believe in democracy.

उत्तराखंड की कुर्सी के लिए कांग्रेसी ठाकुरों में मची जंग में कौन से ब्राह्मण बाजी मारते है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

चिंतित कांग्रेसी चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये हसाडे स्वर्ग उत्तराखंड में क्या हो रहा है ?ओये हसाडे ठाकुर साहिब हरीश रावत जी की ओनली सवा साल की सरकार के पाये काटने के लिए बगावत शुरू हो गई है |ओये ये माइनॉरिटी वाले भाजपाई हसाडे ही ठाकुर हरक सिंह रावत और ८ विधायकों को चार्टर्ड प्लेन की मुफ्त सैर के बहाने बरगलाने में लग गए हैं |ओये अब हसाडे कर्मठ ठाकुर हरीश साहिब का क्या होगा ?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान!गल झल्ले की सुनो खोल के दोनों कान| उत्तराखंड के निर्माण से ही इस पर कब्जे के लिए ठाकुरों में तो जंग होती ही आई है |अब देखना यह है के कांग्रेसी ठाकुरों की इस जंग में किस पार्टी के ब्राह्मण बाजी मारते है |

यूंपी+ऊख के हुकमरान गुजराती “तीस्ता”की शराब के लिए इम्पोर्टेड गलती को दोहरना नहीं चाहते होंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

नशा विरोधी चिंतित नागरिक

ओये झल्लेया ये हसाडे हुकमरान क्या नया कुफ्र कमा रहे हैं|ओये हम लोग तो शराब बंदी के लिए दिनरात एक कर रहे हैं और ये लोग शराब की बिक्री बढ़वाने में ही लिप्त हैं |ओये उत्तराखंड के कांग्रेसी सीएम हरीश रावत के खासुलखास सचिव मोहम्मद शाहिद खुद शराब व्यापारियों से सौदे बाजी करतेहुए अपनी सी डी बनवाने में लगे हुए है |इनके पड़ौसी उत्तर प्रदेश में तो शराब की बिक्री बढ़वाने के लिए सीधे सीधे जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं |ओये एक तरफ तो शराब से बेगुनाह लोग मर रहे हैं तो दूसरी तरफ ये लोग मौज मस्ती करने में लगे हुए हैं

झल्ला

ओ मेरे भोले भापा जी आप जी का सामान्य ज्ञान तो मेरे से भी कम होता जा रहा है| भई गुजरात में कांग्रेसी खिलौना तीस्ता सीतलवाड और उसके पति ने अपनी शराब+वाइन+व्हिस्की+रम के लिए अपनी “सबरंग” के माध्यम से विदेशों से चन्दा उगाही का जुर्म कर दिया इसीलिए झल्लेविचारानुसार यूंपी+ऊख के हुकमरान गुजराती “तीस्ता”की शराब के लिए इम्पोर्टेड गलती को दोहरना नहीं चाहते होंगे इसीलिए देसी तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं

राज बब्बर राज्यसभा के लिए उत्तराखंड से निर्विरोध निर्वाचित

फिल्म अभिनेता से नेता बने पंजाबी संगठन के सरंक्षक राज बब्बर कांग्रेस के टिकट पर उत्तराखंड से राज्य सभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए हैं|
कांग्रेस शासित उत्तराखंड में मात्र एक सीट के लिए हुए चुनावों में राज बब्बर को निर्विरोध चुना गया है|मुख्य मंत्री हरीश रावत के लिए भी यह एक उपलब्धि से कम नहीं है|राज बब्बर ने १९९९४ से राजनितिक पारी की शुरुआत की थी |पहली बार इन्हें सपा ने राज्य सभा में भेजा था| लोक सभा के लिए उन्होंने १९९९ में आगरा से चुनाव लड़ कर जीता|पार्टी के तत्कालीन सर्वे सर्वा ठाकुर अमर सिंह में मतभेदों के कारण राज बब्बर २००८ में कांग्रेस में आ गए लेकिन २००९ और २०१४ के चुनाव हार गए |
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भोले की नगरी केदारघाटी में मानव कंकाल मिलने से राहत कोषों के उपयोग की जांच तो बनती ही है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया इन कांग्रेसियों की नंगई तो देख जरा |केंद्र में सरकार गवाने के बावजूद भी इन्होने अपनी कार्यशैली नहीं बदली |उत्तराखंड का उदाहरण ही ले लो | एक साल पहले यहां प्राकृतिक आपदा आई थी जिसमे सैकड़ों लोग मारे गए थे +हजारों छेत्र वासी तबाह हो गए थे|तभी से केंद्र सरकार और जनता से धन लेकर इनके पुनर्वास और सभी शव बरामद कर लिए जाने के तमाम दावे किये जा रहे थे| हेलीकाप्टर द्वारा लोगों को जीवित निकालने के दावे किये जा रहे थे |दुर्भाग्य वश भोले शंकर की केदार घाटी में एक साल के बाद भी श्रद्धालूओं के शवों के कंकाल मिल रहे हैं|जंगल चट्टी+रामबाड़ा आदि में मात्र तीन दिनों की काम्बिंग में ३४ शव बरामद हो चुके हैं |ये शव किसी मलबे में दबे हुए नहीं थे वरन किसी पेड या पहाड़ की शरण में थे| अब उत्तरा खंड की सरकार के मुखिया हरीश रावत अपनी गलती से घायल होकर aiims में भर्ती हो गए हैं |यारा धार्मिक नगरी में आपदा से निबटने के लिए कोई वास्ता रखेगा कि नहीं?

झल्ला

ये बात तो वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है|प्रधान मंत्री+मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में आये अरबों रुपयों के चंदे का हिसाब जरूर माँगा जाना चाहिए और बिना सियासत के केदार घाटी को राज्य और केंद्र दोनों के दवारा शुद्धिकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए|