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Deeply Concerned PM Asked Immediate Report Of Attacks On Christians

[New Delhi]After H M O Now Prime Minister’s Office Asked Immediate Report Of Attacks On Christians in Haryana and W B
The Prime Minister, Shri Narendra Modi is deeply concerned about the incidents in Haryana and West Bengal.
PMO has asked for immediate report on facts and action taken regarding the incidents in Hisar And Nadia
Earlier The Home Ministry has also asked the Haryana government to send a report on desecration of an under-construction church in Hisar district and the action taken so far.
In a communication, the Ministry told the state government to send a comprehensive report about the incident, whether any group was involved in it and whether the suspects were arrested.
In The State Assembly CM Of Haryana Manohar Lal Khattar has already given A Detailed Report And Assured Appropriate Remedial Action
A church under construction was demolished in Haryana’s Hisar district on Sunday. The miscreants even hoisted a flag with “Shri Ram” written at the site in a village,
Angry villagers alleged a priest’s[Subhash Maseeh] Involvement in conversion of the local residents.It Is also alleged that Land occupied for residential purpose was being converted into religious purpose
Police have already taken action on the complaint of the priest and registered a case against 14 local residents
.A panchayat was held in the village and the members decided to take the issue to the deputy commissioner of Hisar district.
In Nadia Of West Bengal .An Elderly Nun has been Gang raped and Looted

गृहंमत्री सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में कहा कि अरुण जेटली के फोन टेपिंग में सरकार का हाथ नहीं

बीजेपी के राज्यसभा में नेता [एडवोकेट]अरुण जेटली के फोन टेपिंग के मामले में केन्द्रीय गृहंमत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज १ मार्च , शुक्रवार को संसद में . इस बात से इनकार कर दिया कि जेटली के फोन की टैपिंग हो रही थी|इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अभी जाँच चल रही है और यह आश्वासन दिया कि मामले के तह तक जरूर जायेंगे| .गृहमंत्री ने कहा कि मामले में सरकार का हाथ नहीं है|
गृहमंत्री ने बताया कि जेटली की कॉल डिटेल्स लीक मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है. पुलिस ने 14 फरवरी को इस मामले में केस दर्ज किया था. दिल्ली पुलिस ने जेटली के फोन टैपिंग के मामले में एक कॉन्सटेबल डबास और तीन प्राइवेट जासूसों को गिरफ्तार किया है.|
. उन्होंने कहा कि कॉल डिटेल्स निकालने का आदेश सरकार ने नहीं दिया था|. गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित एक निजी जासूसी एजेंसी के कहने पर कॉन्स्टेबल ने गैरकानूनी तरीके से कॉल डिटेल हासिल करने की कोशिश की| आरोपी अनुराग सिंह का संबंध इसी जासूसी एजेंसी से बताया गया है.
श्री शिंद ने संसद में बताया कि [५] मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल्स निकाल गए है. गिरफ्तार कांस्टेबल डबास 1500 रुपये में नीरज को डिटेल्स देता था. नीरज ये जानकारी नीतीश को देता था
.शिंद ने बताया कि कांस्टेबिल डबास एक साल से [अनधिकृत ]गैरहाजिर था. वह 6 महीने से एसीपी की आईडी की फिराक में था. दिल्ली पुलिस के नाम का गलत इस्तेमाल करके कॉल डिटेल्स निकाली गई.
इस मुद्दे पर अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि ‘इस मामले में फोन टेपिंग नहीं बल्कि कॉल रिकॉर्ड हासिल किए गए थे।
लेकिन गृह मंत्री के बयान से सदन के कई नेता असंतुष्ट रहे। बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने आरोप लगाया कि सरकार जासूसी केस को हल्के में ले रही है।उन्होंने पूछा कि सरकार क्या छिपा रही है? उन्होंने टाईम बाउंड इन्क्वायरी और दोषियों के नाम उजागर किये जाने की मांग की|
बीजेपी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या जासूसी एजेंसी ने सरकार से इजाजत ली थी? क्या कोई सरकारी एजेंसी भी जासूसी में शामिल थी? रविशंकर प्रसाद ने यह भी पूछा कि प्राइवेट व्यक्तियों के हाथों में टेप रिकॉर्ड करने वाले यंत्र कैसे गए? उन्होंने कांस्टेबिल डबास की एक साल से अनुपस्थिति और ऐ सी पी की साईट की हैकिंग और उसकू सुरक्षा के लिए सरकार की कार्यवाही पर प्रश्न उठाये |
बीजेपी के अलावा इस इशु को उठाने वाली सपा के नेता नेता प्रो.रामगोपाल ने गृह मंत्री के ब्यान कि आलोचना करते हुए कहा, ‘गृहमंत्री का बयान आधा अधूरा है। किनकी कॉल डिटेल मांगी गई थी, गृहमंत्री ने उनका नाम नहीं बताया। गृह मंत्री जी आपने कोई नहीं जानकारी नहीं दी। आपसे ज्यादा जानकारी तो मीडिया से मिल रही है।उन्होंने मांग की कि फोन टेपिंग के लिए राज्यसभा के सभापति की अनुमति होनी चाहिए। दोनों सदनों के करीब सौ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके फोन कॉल डिटेल हासिल किए गए हैं या फोन टेप किए गए हैं।’ सपा नेता रामगोपाल ने गृहमंत्री से यह भी जवाब मांगा कि एक कांस्टेबल को राजनीतिक नेता के कॉल डिटेल की जरूरत क्यों होगी? इसके घटना के पीछे कौन है?

अकाली दल के एन गुजराल ने स्मरण कराया कि एक बार अजित सिंह के फोन टेपिंग की बात उठाने पर तत्कालीन मंत्री हेगड़े ने इस्तीफा दे दिया था|

माया सिंह+शिवा नन्द तिवारी,+नरेश कश्यप+डी राजा संजय सिंह आदि ने भी चर्चा में भाग लेकर अपनी चिंता व्यक्त की |
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी दावा किया कि उनका फोन कॉल भी टेप किया जा रहा है

।इससे पूर्व सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह मामला उनके द्वारा उजागर किया गया था लेकिन उनकी पार्टी को सबसे पहले बोलने दिया जाना चाहिए था

सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में नेताओं के सवालों की बौछार के बाद जवाब देते हुए कहा, ‘भारत सरकार किसी भी सांसद को फोन टेप नहीं कर रही है। सरकार ने किसी भी नेता के फोन कॉल के रिकॉर्डिंग की मांग नहीं की थी। सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्डिंग) के बारे में कोई कानून नहीं है। इस मामले में अभी तक सिर्फ शुरुआती जांच हुई है।’ गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि जिनका कॉल डिटेल निकालवाने की कोशश की गई थी वह

( अरुण जेटली) आसान आदमी नहीं है। जब सांसदों ने गृहमंत्री की ‘आसान आदमी’ की टिप्पणी पर चुटकी ली तो उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘मेरा आसान आदमी कहने के पीछे आशय साधारण आदमी से था।’ इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली मुस्कराते हुए नजर आए।

बेशक पुलिस इस बात का पता कर रही है कि पकड़े गए मास्टर माइंड अनुराग सिंह के क्लाइंट कौन-कौन हैं। पुलिस इस बात का भी पता कर रही है कि इन कॉल डिटेल्स में ज्यादातर नेता सिर्फ बीजेपी के ही क्यों हैं। लेकिन सरकार अभी तक अनुराग के क्लाइंट के नामों खुलासा नहीं पाई है।
जो बात अभी तक उभरकर सामने आई है वो यही है कि अनुराग सिंह ने अरुण जेटली के अलावा 60 अन्य लोगों की भी कॉल डिटेल्स निकलवाई थी। अनुराग एक प्राइवेट जासूसी एजेंसी चलाता है। उसके पिता कस्टम विभाग से सेवानिवृत्त आईजी हैं।एक[१] सिपाही एक साल से ड्यूटी से गायब रहता है बकौल शिवा नन्द तिवारी[2] महंगी गाड़ियों में घूमता है [३]अपने ऐ सी पी की साईट का प्रयोग करता है और [४]गैर कानूनी ढंग से फोन डिटेल्स निकलवाता है|इस पर भी दिल्ली की पोलिस की पकड़ से दूर रहता है इसे पोलिस और सरकार की नाकामी कहा जा सकता है और कांस्टेबिल की योग्यता |