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अमेरिका के इंजीनियरों ने अपने भारतीय काउंटर पार्ट्स के लिए एच वन वीजा कोटा बढाने का विरोध किया

अमेरिका के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक्स प्रोफेशनल्स ने आउट सोर्सिंग का विरोद्ध करते हुए भारतीय पेशेवरों के लिए एच-1बी वीज़ा की संख्या में विस्तार करने की पहल को खारिज़ करने की मांग की है.| अमरीकी इंजीनियर्स की सबसे बड़े संस्था आईईईई-यूएसए[IEEEUSA ]ने कॉम्प्रिहेंसिव इमिग्रेशन बिल में ऐसे संशोधन को खारिज करने के लिए अमरीकी सीनेट की न्यायिक समिति से आग्रह किया है|
संस्था का कहना है कि भारतीय पेशेवरों के कारण अमरीकी और अन्य विदेशी कामगारों की नौकरियां खतरे में पड़ेंगी और साथ ही इससे अमरीकी कंपनियां आउटसोर्सिंग के लिए भी मजबूर होंगी|
अध्यक्ष मार्क ऐप्टर के अनुसार एच-1बी कार्यक्रम का उपयोग विदेशियों को अच्छी नौकरियां देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए|
गौरतलब है कि ऑरिन हैच + टेड़ क्रूज़ ने एच-1बी वीज़ा कोटा को मौजूदा 65000 से बढ़ाकर 300000-325000 तक किए जाने के लिए संशोधन पारित किया है
बताते चलें कि संभवत पहली बार भारतीयों के लिए .ब्रिटेन ने तत्काल वीजा जारी किए जाने को लेकर ‘सुपर प्राइआरिटी’ योजना शुरू की है। इसके तहत जो भारतीय सैलानी तत्काल ब्रिटेन जाना चाहते हैं| उन्हें उसी दिन वीजा सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। बेशक इसके लिए 600 पाउंड यानी 51 हजार रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे लेकिन यू एस ऐ जिसकी कंप्यूटर इंडस्ट्रीज के विकास में भारत का महत्वपूर्ण योगदान है उस यू एस ऐ में भारतियों के लिए एच वन वीजा कोटा को बढाया जाना दोनों देशों के हितों की रक्षा ही करता है|