झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
उत्साही एलोपेथी डाक्टर
ओये झल्लेया हमें मुबारक तो दे दे यारा देख हसाडी मेरठ की आई एम् ऐ ने १०० साल पूरे कर लिए | हमने संस्था के भवन की स्थापना पर पंडित जवाहर लाल नेहरु को बुलवाया था तो अब संस्था की सेन्चुअरी[शतक] पूरी होने पर डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम साहब को मुख्य अतिथि बनाया है | हम केवल ओ टी या ओ पी डी में बंद होकर नहीं रह रहे हैं | हमारी डाक्टरों की यह संस्था दिन दूनी रात चौगिनी तरक्की कर रही है ओये अब तो मानता है ना हमारी संस्था की धाक और सम्प्रदाइक सौहार्द |
झल्ला
डाक्टर साहब आप जी को अपनी सेञ्चुअरी पूरी करने पर बधाई लेकिन आप जी के मुख्य अतिथि डॉ कलाम साहब ने आपको मरीज की जेब से नजरें हटा कर सहानुभूति के साथ जरुरत मंदों का इलाज करने का जो उपदेश दिया है उससे तो लगता है कि देश भर में अधिकांश डाक्टर अपने पवित्र पेशे में परोपकार कम और पैसा ज्यादा देख रहे हैं हम जी को बताया गया है कि जो साठा सो पाठा मगर आप लोग तो १०० पूरे कर चुके हो और अपने पेशे के लिए स्थापित यह १०० टकों वाली हिप्पोक्रेटिक ओथ [HIPPOCRATIC OATH ]को भूले बैठे हो
Recent Comments