#अनुभवीवकील
ओए झल्लेया!
ये क्या हो रहा है?
ओए कोरोनावधि में भी सरकार ब्याज पर ब्याज वसूल कर आम आदमी की कमर तोड़ने पर तुली हुई है।कहने को तो सरकार इस चक्रवृद्धि ब्याज को माफ कर रही है लेकिन एक माह से ज्यादा हो गया मगर अभी तक फ़ाइल खिसकाने वाले सरकारी पहिये जाम हुए पड़े है।ओए माननीय #सुप्रीमकोर्ट ने भी आम आदमी की दिवाली को ना बिगाड़ने के आदेश दे दिए है
#झल्ला
भापा जी !सुप्रीमकोर्ट जी!आम आदमी के दर्द की चीखें हुक्मरानों के कान से कोसों दूर हैं
।अब देखों सात दशकों से 1947 के पीड़ित अपने हक के #कंपनसेशनक्लेम के लिए दर दर भटक रहे हैं लेकिन संसद तो क्या माननीय #सुप्रीमकोर्ट भी स्वतः संज्ञान नही ले रही
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