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राजग ने बिहार के सीएम के नाम को राज्य में होने जा रहे चुनावों के नतीजों तक सुरक्षित रखा

[नयी दिल्ली] राजग ने बिहार के सीएम के नाम को राज्य में होने जा रहे चुनावों के नतीजों तक सुरक्षित रखा |
बिहार में राजग का सीएम कौन होगा इसका खुलासा आज की प्रेस कांफ्रेंस में भी नही हुआ |इसे चुनावों के नतीजों तक सुरक्षित रख लिया गया है|राजग की आज की प्रेस कांफ्रेंस में सीटों के बंटवारे की जरूर जानकारी दे दी गई है |
जिसमे भाजपा को 160 और मांझी को 20 सीटें मिली हैं|लोजपा के हिस्से में ४० सीटें आई हैं|
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बताया के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजग में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है और यह तय हुआ है कि भाजपा 160 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि उसकी सहयोगी लोजपा 40 सीटों पर, जीतन राम मांझी की ‘हम’ 20 सीटों पर और उपेन्द्र कुशवाहा की आरएलएसपी 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों की गहन चर्चा के बाद आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और सीटों के बंटवारे को लेकर राजग के चारों घटकों में कोई विवाद नहीं है।
शाह ने राजग के चारों घटक दलों के कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनाव लड़ने की अपील की और चुनाव में गठबंधन की जबर्दस्त जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।
बिहार के लोगों से राजग को मौका देने की अपील करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने याद दिलाया कि बिहार गैर कांग्रेसवाद का गढ़ रहा है और उम्मीद जतायी कि राज्य के मतदाता प्रधानमंत्री के कांग्रेस मुक्त भारत के आह्वान को आगे बढायेंगे।
शाह ने जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि उसमें दरार पड़नी शुरू हो गई है और जनता परिवार के नेता मुलायम सिंह यादव गठबंधन से अलग हो गए हैं।
हिन्दी पट्टी के इस महत्वपूर्ण राज्य में सत्ता में आने का विश्वास व्यक्त करते हुए शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 17 वर्ष पुराने गठबंधन को तोड़कर भाजपा के पीठ में छुरा घोपने का आरोप लगाया और कांग्रेस एवं राजद के साथ गठजोड़ करने के लिए निशाना साधा।

जीतनराम मांझी सरकारी आवास में सत्ता”आम”खाएंगे और गुठलियों से भाजपा को सहयोग करेंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये हसाडे सोणे बिहार में नितीश बाबू ने क्या उलटी गंगा बहानी शुरू कर दी है|ओये हसाडे हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के दलित नेता जीतन राम मांझी को जलील करने के लिए उनके अणे मार्ग स्थित सरकारी आवास पर ५० सिपाहियों का पहरा बिठा दिया है|ओये ये पहरा केवल परिसर में लगी आम+लीची+कटहल की फसल की रखवाली के लिए है |देख तो एक तरफ पूरे प्रदेश में लूट खसोट मची हुई है+सडकों पर जाम से लोग मर रहे हैं और इधर आम और लीची की निगरानी करवाने के लिए एसपी +इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों को एक कोठी में तैनात किया जा रहा है |ओये अभी कोठी का कब्जा जीतनराम मांझी जी के पास है औए आम लीची की तरफ कोई देखता भी नहीं इस पर भी ओनली हमें जलील करने के लिए दलितों को धमकाए रखने के लिए सारे हथकंडे अपनाये जा रहे हैं|ओये हसाड़ी गल भी नोट करके रख ले जनता इन्हें कभी माफ़ नहीं करेगी

झल्ला

ओ भापा जी !दरअसल ये नितीश बाबू को समझ आ गई है कि आप जी के जीतन राम मांझी ने इस अणे मार्ग में रह कर सत्ता के आम तो खुद खाने ही हैं और जो सहयोग की गुठली बचेंगी उन्हें भाजपा की तरफ उछाला जाएगा

नितीश जी! डूबते को तिनके का सहारा है और जीतन राम तो नाम में भी “मांझी”लगाते हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

जे डी[यूं] का चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ?ओये ये लालू प्रसाद यादव ने नए जनात परिवार बनाने में लगे हसाडे सोणे ठाकुर साहब जनाब नितीश कुमार जी की सारी मेहनत पर पानी ही फेर दिया |देख तो लालू प्रसाद यादव कहने लग गए हैं कि जीतन राम मांझी भी”व्यापक एकता”का हिस्सा होना चाहिए |ओये यारा अभी जनता परिवार का विलय हुआ नहीं कि ये नई घरेड़ आ गई |ओये जिस जीतन राम मांझी ने हसाडे ठाकुर साहब कि पीठ में छुरा घौंपा उसके साथ हम लोग कैसे जुगत बैठा सकते हैं?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान गाल हसाड़ी सुण खोल के कान|ओये सयानों ने सदियों पहले फ़रमाया था कि डूबते आदमी को तो तिनके का भी सहारा होता हैअब चूंकि आप लोग नरेंद्र मोदी की सुनामी में गोतेखाने लगे ही तो ऐसे में दलित नेता रुपी तिनको को अपने से दूर मत करो और फिर ये जीतन राम तो अपने नाम में भी मांझी लगा कर घूमते हैं

बिहार में विवादित बयानों के लिए कुख्यात हो चुके जीतन राम मांझी ने कमीशनखोरी स्वीकारी

[बिहार,पटना]विवादित बयानों के लिए कुख्यात हो चुके जीतन राम मांझी ने आज एक जनसभा में कमीशनखोरी स्वीकारी |
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज एक और विवादित बयान देकरअपनी मुसीबतों को बढ़ा लिया
पूर्व मुख्य मंत्री नितीश कुमार की नाराजगी के चलते अल्प मत में आ चुके सीएम श्री मांझी एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे | भाषण के दौरान उन्होंने नितीश कुमार और पूर्व मुख्य मंत्रियों पर निशाना साधा |श्री मांझी ने राज्य के पुल निर्माण कार्य में कमीशनखोरी होने का आरोप लगाया |
लेकिन इसके साथ ही यह भी कह गए कि कुछ कमीशन उन्हें भी मिलती है |
महा दलित कोटे से आये श्री मांझी ने नितीश कुमार का नाम लिए बगैर कहा कि जब उन्होंने इस कमीशन खोरी को रोकने की कोशिश की तो वे[नितीश कुमार]उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने में लग गए।उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पैसे को काट कर गरीबों के कल्याण में लगाया जाएगा|
गौरतलब है कि आज कल जे डी यूं +आरजे डी+कांग्रेस+सपा आदि जीतन राम मांझी को सी एम पद से हटाने के लिए एक जुट हैं नितीश कुमार ने ही जीतन राम मांझी को मुख्य मंत्री बना कर पद छोड़ा था |वर्तमान में मांझी ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं

संवैधानिक संस्थाओं को दबंगई से नहीं चलने देने वालों को जनविरोधों का सामना करना ही पड़ता है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

चिंतित नागरिक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये बिहार में जाती गत राजनीती में लिप्त मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी के “घरेलू” दरबार में बिहार के ही एक आम युवा ने जूता फैंक मारा |आम आदमी से “चंदावसेलू” खास बने अरविन्द केजरीवाल पर भी कुछ ऐसा ही हो गया |बंगाल के देवाशीष ने “शारदा” सरंक्षक मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को थप्पड़ मार दिया|
दिल्ली में तो हद ही हो गई यारा ये पिटे पिटाये कांग्रेसी पोलिस से ही भिंड गए | सत्ता रुड भाजपाई और “आप” वालों में तो आपस में ही लट्ठ चल गए|
ओये अब ऐसे ही चलेगा हसाडे लोकतंत्र

झल्ला

ओ मेरे भोले बादशाहो संवैधानिक संस्थाओं को असंवैधानिक तरीके से नहीं चलने देने वालों को जनविरोधों का सामना करना ही पड़ता है |
अपनी बात कहने के लिए संविधान ने लोक सभा+राज्य सभा +विधान सभाएं दी हैं लेकिन जो लोग असंवैधानिक तरीके से इन सभाओं को चलने नहीं देते उन्हें इस प्रकार के जन विरोधों का सामना करना ही पड़ता है |

जीतनराम मांझी के कब्जे में पूरी बिहार सरकार हैभीख लौटा दें और मनपसंद शिक्षा नीति बनवा लें

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

जनता दल [यूं] चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये हम गरीबों को कब तक भीख दे कर टरकाया जाएगा ? गरीबों के कल्याण के लिए इंदिरा आवास व भूमिहीनों को दी जाने वाली भूदान की जमीन की भीखकब तक दी जाती रहेगी ओये हसाडे मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी साहब ने भी मोतिहारी जिले के मधुबन में कह दिया है कि इंदिरा आवास के भरोसे न रहें। यह एक प्रकार की भिक्षा है।अगर देना ही है तो एक समान सबको शिक्षा दो तब गरीब अपना घर खुद बना लेंगे।

झल्ला

भाई बात तो इन्होने बढे पते की ही कही है |भीख की रौशनी दिखा कर पूरे देश में अशिक्षा का अन्धकार फैलाया जा रहा है | लेकिन वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय की छोड़ो पूरी सरकार ही इनके रहमो करम पर है जैसी चाहें शिक्षा नीति बनवा सकते हैं लेकिन दुर्भाग्य से इन्हें भी मुख्य मंत्री की कुर्सी ठाकुर नितीश कुमार ने ——-दी है

जीतनराम मांझी के पैरों में नितीश कुमार की खड़ाऊ चुभने लगी तो लगे हैं चिल्ल्पों करने

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

बिहार का चिंतित वोटर

ओये झल्लेया ये हसाडे सोणे ऐतिहासिक बिहार में क्या पंगा हो रहा है |अरे भाई ठाकुर नितीश कुमार साहब ने कृपा करके जीतन राम मांझी जैसे दल बदलू नेता को प्रदेश का मुख्य मंत्री बना दिया और अब ये महानुभाव हसाडे ठाकुर साहब की नसीहत मानने से भी इंकार कर रहे हैं |अब इन्हें नसीहत भी बेवकूफी नजर आने लग गई हैआल बिहार एससी /एसटी डॉक्टर्स एंड मेडिको मीट में ही अपना अड़ियलपन दिखाने लग गए| अब विकास के बजाय इन्हें जातिवाद की बात करने में अक्लमंदी नजर आने लग गई

झल्ला

ओ मेरे भोले बाबू ये खड़ाऊ का खेल बढे बढे खलीफाओं को भी खुंदकी बाण डालता है |शुरू शुरू में मांझी साहब ने ख़ुशी ख़ुशी नितीश की खड़ाऊ पहन कर राज चलाया अब वोही खड़ाऊ पैरों में चुभने लगी तो लगे चिलपों करने

बिहार के सीएम ने घरेलू दामाद को पीऐ बनाया तो हंगामा क्यूँ ,सुना नहीं चैरिटी बिगिन्स एट होम

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये बिहार में क्या मजाक बना हुआ है ?नितीश कुमार की खड़ाऊ रख कर राज चलाने वाले मुख्यमंत्री श्री जीतनराम मांझी ने सारे कायदे +कानून +नियम+ वियम ताक पर रख दिए| ओये देख तो देवेन्द्र दामाद को ही अपना पी ऐ बना लिया |अरे दामाद को घर जमाई बनाना था तो जमाई राजा को शाही ,रोबर्ट, दामाद की तरह घर पर रखते ऑफिस में लाने की क्या जरुरत थी?ओये अब तो हसाडे सोणे पी एम नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी ने भी कहा हुआ है कि केंद्र सरकार का कोई मंत्री /संत्री अपने किसी रिश्ते दार को अपना निजी सहायक नहीं बनाएगा और इन्हें देखो समाजवाड का ढोंग करने वाले कथित सोशलिस्ट सारी गंगा अपने ही घर में बहा रहे हैं

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी लगता है आप जी ने पढाई पूरी नही की इसीलिए आप जी ने सुना नहीं होगा कि “पानी तो ढलान पर ही बहेगा “चैरिटी बिगिन्स एट होम

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जीतन राम मांझी जैसे नेताओं के कारण अगड़ों पिछड़ों के कष्ट कम होने के बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

जे डी [यूं] का चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो हसाडे दलितों दे नाल बढ़ा जुल्म हो रहा है |ओये अनुसूचित जाति के लोगों के साथ आज भी भेदभाव किया जा रहा है|ओये हसाडे सोणे बिहार के मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी के कारन तो मधुबनी में भगवान की मूर्ति को धुलवा कर हसाडे सी एम का घोर अपमान किया गया| मांझी जी ने स्वयं भी यही दुखड़ा भोला राम पासवान शास्त्री जयंती पर रोया है |उन्होंने तो यहां तक कह दियाहै कि अनुसूचित जाति में जन्म लेने में उनका क्या कसूर है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान आप जी के यही मुख्य मंत्री दलित उत्थान के नाम पर चुनाव जीतते आ रहे हैं और कांग्रेस+आर जे डी वगैरह से होते हुए जे डी यूं तक पहुंचे हैं यहाँ भी नितीश कुमार की खडायूँ रख कर सरकार चला रहे हैं| अब लालू प्रसाद का पल्ला भारी देख कर नितीश कुमार के विकास अजेंडे को छोड़ कर लालू प्रसाद यादव के जाति वाद के अजेंडे को अपना कर चुनावी वैतरणी पार करना चाह रहे हैं |अगड़ों और पिछड़ों का रोना रोने वाले जे डी [यूं] के नेता श्री के सी त्यागी जाटों के वास्तविक दुखों का निदान करने के बजाय दिल्ली में सरकारी भवन पर स्मारक के नाम पर कब्ज़ा कराने पे तुले हुए हैं| सियासतदानों की इसी करनी के कारण ही अगड़ों पिछड़ों के दुःख दर्द बढ़ते ही जा रहे हैं

बिहार के सीएम,भूदान यज्ञ कमिटी के २ अक्टूबर के सम्मलेन में भाग लेने को सहमत

[पटना]बिहार के सीएम,भूदान यज्ञ कमिटी के २ अक्टूबर के सम्मलेन में भाग लेने को सहमत |
मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने आवास संकल्प में बिहार भूदान यज्ञ कमिटी के अध्यक्ष कुमार शुभमूर्ती और उनकी धर्मपत्नी डॉ कल्पना से मुलाकात की |इस मुलाकात के विषय में श्री शुभमूर्ति ने बताया कि उनकी संस्था दवारा २ अक्टूबर को महिलाओं का सम्मेलन बुलाया जा रहा है और सी एम ने उसमे भाग लेने के लिए सहमति प्रदान कर दी है|
उन्होंने बताया कि भूदान यज्ञ कमिटी द्वारा ५० हजार महिलाओं को जमीन का मालिक बनाया जा चुका है| २ अक्टूबर को गांधी जयंती है इस अवसर पर महिलाओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा|इस सम्मलेन में भाग लेने के लिए बिहार के २३ वें सी एम ने सहमति प्रदान कर दी है|
गौरतलब है कि शुभ मूर्ति दावा करते आ रहे हैं किउनकी संस्था दवारा वितरण योग्य संपुष्ट ढाई लाख एकड़ भूदान भूमि साढ़े तीन लाख भूमिहीन परिवारों के बीच हुकी है लेकिन उस भूमि पर दखल कब्ज़ा पर प्रश्न चिन्ह लगते रहे हैं याहन तक कि प्रदेश सरकार पर उदासीनता के भी आरोप लगते रहे हैं