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२३ मई को विनोद राय के रिटायर होने से केंद्र और कारपोरेट को राहत मिलती नही दिख रही :नए कैग को सरकार का मोहरा बताया

२३ मई का दिन कांग्रेस [ CONGRESS ]और रिलायंस[ Reliance ] के लिए कुछ ख़ास राहत प्रदान करने वाला नही होगा क्योंकि यह दिन कैग[ CAG ]विनोद राय[ VinodRai ] के लिए कैग कार्यालय में बेशक आखिरी दिन होगा| लेकिन नए कैग के रूप में जिस शशि कान्त शर्मा[ ShanshiKantSharma ] का चयन किया गया है उसके चयन प्रक्रिया में बरती जा रही गोपनीयता पर भी सवाल उठने लग गए हैं| राय २३ मई को रिटायर होंगे और नए कैग शर्मा एक बजे पद की शपथ लेंगे|
शर्मा को नए कैग के रूप में चुने जाने की प्रक्रिया जानने के लिए एक सरकारी अधिकारी द्वारा आर टी आई भी दाखिल की जा चुकी है जिसके उत्तर में पहले तो फाईल को इकोनोमिक्स अफेयर्स और सेंट्रल सचिवालय में तीन माह तक घुमाया जाता रहा अब जा कर १६ मई को बताया गया है केकैग के चयन के लिए किसी पात्रता की आवश्यकता नहीं है|
कैग के चयन के लिए कोई निश्चित गाईड लाईन नहीं है| इसीलिए सलेक्शन कमिटी के गठन करने के बजाय पुराने रिवाजों और प्रेक्टिस को ही आधार बनाया गया है|इसी का पालन करते हुए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने शशी कान्त शर्मा का नाम प्रेजिडेंट के पास भेजा था |
इस उत्तर के अधर पर आम आदमी पार्टी[आप] ने इस चयन प्रक्रिया पर टिपण्णी करते हुए कहा है कि कैग का चयन किसी प्रकार की पारदर्शिता के बजाय पूर्णतया सरकार को बचाने के लिए किया गया है| यह सर्व विदित है कि आउट गोइंग कैग विनोद राय ने भ्रष्टाचार के अनेकों केस खोल कर सरकार और कुछ कारपोरेट घरानों की नींद हराम कर दी थी|
क्योंकि कैग का मुख्य कार्य डिफेन्स की खरीद का आडिट करना भी है और नए कैग लम्बे समय तक डिफेन्स सेक्रेट्री रहे हैं|और सरकार के सहयोगी रहे हैं| इसके अलावा के जी बेसिन को लेकर आडिट कि मांग को रिलायंस द्वारा टाला जा रहा है|इसके साथ ही दिल्ली में बिजली कम्पनियां अपने आडिट को नए कैग के आने तक टालने में सफल रही है|
आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि कमजोर कैग सभी पोलिटिकल पार्टियों के लिए लाभकारी होगा शायद इसीलिए किसी पार्टी ने अभी तक नए कैग के चयन पर आपत्ति नही की है|
नए कैग का केंद्र सरकार के साथ का साथ या सहयोग इस प्रकार है| १९७६ बैच के बिहार केडरके आई ऐ एस अधिकारी है| जुलाई २०११ से लगातार डिफेन्स सेक्रेट्री हैं और रिटायरमेंट के पश्चात फ़िलहाल एक्सटेंशन पर हैं|इससे पूर्व रक्षा मंत्रालय में ही लगातार दस साल तक [२००३-२०१०] संयुक्त सचिव+अतिरिक्त सचिव+डी जी के पदों पर रहे हैं |इसी अवधि में रक्षा खरीद ज्यादा हुई है|