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जाटों को”आरक्षण”के कांग्रेसी मोहपाश से बाहर निकालने के लिए “बदले” का भाजपाई अग्नि बाण चलना ही था

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

खिसियाया कांग्रेसीचीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ओये इतनी मुश्किलों से पापड बेल कर हसाड़ी सोणी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया जी गांधी जी ने जाटों को आरक्षण के चुम्बक से अपनी और खींचा|+शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी से अपील नशर करवा कर मुस्लिमो को कांग्रेसी की तरफ झुकाया लेकिन ये गुजरात से यूं पी में आये अमित शाह को अभी जुम्मा जुम्मा आठ दिन भी नहीं हुए कि उसने एक झटके में मुजफ्फर नगर के दंगों का बदला लेने की बात उछाल कर जाटों को अपनी तरफ कर लिया और मुस्लिमो को समाज वादी पार्टी की तरफ मौड़ दिया ओये हुन वेस्टर्न यूं पी में जाटों के सहारे चुनाव लड़ रहे हसाडे रालोदाई चौधरी अजित सिंह का क्या होगा ?

झल्ला

ओये मेरे चतुर सुजाण जाटों को “जाट आरक्षण” के मोहपाश से बाहर निकालने के लिए “बदले”का अग्नि बाण तो चलना ही था| लगता है आप लोग “मंडल” के जवाब में कभी आये “कमंडल” को भूल गए हो और जहाँ तक सवाल शाही इमाम के फतवे के असर का है तो चतुर सुजाणा शाही इमाम की अपील का असर खत्म करने के लिए उनके अपने भाई और दूसरे दीनी आलिम फाजिल लोगों के आ रहे ब्यान ही काफी हैं