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Sidhu & Kapil Dev Encourage a “Startup” :Pumpkart:

[Mohali,CHD] Navjot Singh Sidhu & Kapil Dev Togather Encourage Startup :Pumpkart:
Pumpkart is a one stop solution for water pumps and appliances- in the form of a van. The van would move out in the rural and urban areas with the aim to educate and aware farmers, households and other consumers to select correct products. The van was flagged off by Mr. Sidhu and the Brand Ambassador of Pumpkart & former Captain of Indian Cricket Team Mr. Kapil Dev.
Minister Sidhu said Local Government Department, Punjab, also is streamlining its working to bring it in tune with the up to date innovations in technology field and has forged partnership with Punjab Remote Sensing Centre at Punjab Agricultural University (PAU), Ludhiana. Citing an example in this regard, the minister said that recently the department conducted the air surveillance to ascertain the actual position regarding illegal constructions and found more than 4 lakh houses whereas earlier the number was estimated to be 90000. He also said that as per the ideology of ‘Captain Sarkaar Lokan De Dwaar’ the Local Government Department is implementing the concept of e-Governance to provide every kind of service to the people at their doorstep in a hassle free manner.
On the occasion, Mr. Kapil Dev said that the generation next is more techno-savvy and can deliver the goods; what they need is constant support and encouragement regarding such start-ups. On the occasion the creator of ‘PUMPKART’ and Chairman CII Punjab Council Mr. K.S. Bhatia, Regional Head FICCI Mr. G.B. Singh, Mr. Vivek Attray and other dignitaries were also present.

वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर कपिल देव ने प्रधान मंत्री राहत कोष में ५१ लाख रुापये दिए

[नई दिल्ली]वर्ल्ड कप विजेता मशहूर क्रिकेटर कपिल देव ने प्रधान मंत्री राहत कोष में ५१ लाख रुापये दिए |
कपिल देव ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और यह राशि भेंट की
प्रसिद्ध क्रिकेटर और खुशी (किनशिप फॉर ह्यूमेनिटेरियन सोशल ऐंड हॉलिस्टिक इन्टरवेंशन इन इंडिया) के अध्यक्ष कपिल देव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को खुशी की ओर से प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए 51 लाख रुपये का चेक सौंपा।
फोटो कैप्शन
Renowned cricketer and Chairperson of Khushii (Kinship for Humanitarian Social and Holistic Intervention in India), Shri Kapil Dev presenting a cheque of Rs. 51 lakhs to the Prime Minister, Shri Narendra Modi, towards the Prime Minister’s National Relief Fund on the behalf of Khushii, in New Delhi on May 06, 2015.

स्वार्थी और शैतान धन के लिए कफ़न में जेब नही होती ONE’S LAST SHIRT HAS NO POCKET

एन डी ऐ पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी ने अपने ब्लाग में धन लोलुप्त्ता पर चर्चा करते हुए अधिक धन को सर्वाधिक स्वार्थी और खराब किस्म का शैतान बताया है वर्तमान क्रिकेट में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ में पैसा ही मूल कारण बताते हुए अनेकों रोचक उदहारण भी दिए हैं प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
मैं नियमित रुप से स्कूल जाने वाला विद्यार्थी रहा हूं जिसने शायद ही कभी-कभार छुट्टी ली होगी। लेकिन मुझे याद है कि रणजी ट्राफी क्रिकेट मैच देखने के लिए एक बार मैंने स्कूल से छुट्टी मारी और जहां तक मैं स्मरण कर पा रहा हूं कि उसमें या तो विजय हजारे अथवा वीनू मांकड़ खेल रहे थे।
तब से मैं क्रिकेट का शौकीन हूं। उन दिनों टेलीविजन नहीं था; अत: क्रिकेट प्रेमी कहीं भी खेले जा रहे महत्वपूर्ण मैचों का आनन्द आल इण्डिया रेडियो पर कमेंटरी सुनकर उठाया करते थे। मुझे स्मरण आता है कि कुछ वर्ष पूर्व बीबीसी ने मेरा एक इंटरव्यू किया था जिसमें मेरे गैर-राजनीतिक रूचियां जैसे फिल्में, पुस्तकें और क्रिकेट के बारे में पूछा गया था, इस दौरान मैंने उस युग के उत्कृष्ट कमेंटेटर एएफएस तल्यारखान की कमेंटरी की नकल करने का प्रयास किया था। इसलिए इन दिनों क्रिकेटरों को मुखपृष्ठ की सुर्खियां बनती देख मुझे गुस्सा आता है क्योंकि यह सुर्खियां उनके द्वारा कोई रिकार्ड तोड़ने, या बल्लेबाजी अथवा गेंदबाजी में कीर्तिमान बनाने के चलते नहीं अपितु मैच फिक्सिंग, या स्पॉट-फिक्सिंग से दौलत बटोरने तथा इसी प्रक्रिया में सट्टेबाजों और जुआरियों के और अमीर बनने के कारण बन रही हैं!
लाओ त्जु ईसा पूर्व छठी शताब्दी के एक महान चीनी दार्शनिक थे। उनकी सभी सीखें इस पर जोर देती हैं कि ठाठदार इच्छाओं से बढ़कर कोई बड़ी विपत्ति नहीं है। ‘वे ऑफ लाओ त्जू‘ शीर्षक वाली पुस्तक में उनको उदृत किया गया है: ”लालच से बढ़ी कोई विपदा नहीं है।”
हालैण्ड के एक दार्शनिक वेडेंडिक्ट स्पिनोझा ने धनलोलुपता और लिप्सा को न केवल पाप अपितु उसे ‘पागलपन‘ ठहराया है! मैं चाहता हूं कि प्रत्येक मनुष्य को यह अहसास रहना चाहिए कि अंतिम समय में कोई कुछ अपने साथ नहीं ले जाता।
इण्डियन एक्सप्रेस में शेखर गुप्ता के ‘वॉक दि टॉक‘ साक्षात्कार सदैव पाठकों को काफी समृध्द सामग्री उपलब्ध कराते हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कभी भारत की क्रिकेट टीम के विकेट कीपर रहे फारुख इंजीनियर से एक सजीव साक्षात्कार किया है।
इस पूर्व विकेट कीपर से किया गया साक्षात्कार पूर्ण पृष्ठ पर प्रकाशित हुआ है, जिसका बैनर शीर्षक एक पूर्व तेज गेंदबाज का यह वाक्य है: ‘यदि आप तेज गेंदबाजी से डरते हो, तो बैंकिंग जैसे अन्य व्यवसाय में जाओ।‘
आज की भारतीय क्रिकेट में, वीरेन्द्र सहवाग की छवि शुरुआती तेज रन लेने वालों की है; उन दिनों में इंजीनियर एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने 46 गेंदों में एक सेंचुरी बनाई थी! समूचे साक्षात्कार में पूर्व और वर्तमान युग के क्रिकेट मैचों की तुलना करते हुए इसका भी उल्लेख हुआ कि आज कल कितने बेहतरीन बल्ले बनाए जाते हैं जबकि फारुख के समय में ”हमारा तो ब्रुक बांड चाय का डब्बा था; कोई मिडिल था ही नहीं; आपको ही इसे तेल लगाना पड़ता था और यही सब वो जमाना था!”
निस्संदेह सर्वाधिक बड़ी बात तुलनात्मक रुप से यह उभर कर सामने आती है कि उन वर्षों में कभी किसी टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी पर ऐसे सवाल नहीं उठे कि उसने अपनी प्रतिभा का दुरूपयोग कर पैसा कमाया। वास्तव में, फारुख इंजीनियर का टीवी दर्शकों से परिचय कराते समय शेखर गुप्ता ने बताया: ”क्या आप जानते हैं कि एम.एस. धोनी से काफी पहले एक ऐसा भारतीय विकेट कीपर था जिसके बालों का स्टाइल और जिसके जोरदार तरीके पूरे भारत को दीवाना बना देते थे?”
इंजीनियर के बालों के स्टाइल का संदर्भ देते हुए शेखर गुप्ता ने कहा: ”आप अपने स्टाइल से प्रसिध्द हो गए थे। आप एक बड़े ब्रिलक्रीम मॉडल थे।”
आज कल के क्रिकेटरों की कमाई की पृष्ठभूमि में यह ब्रिलक्रीम का संदर्भ समूचे साक्षात्कार में बार-बार आया। शेखर की टिप्पणी थी: ”लोग नहीं जानते होंगे कि ब्रिलक्रीम के बारे में।” फारुख का उत्तर था:
”ब्रिलक्रीम वास्तव में एक चीज थी, यदि ब्रिलक्रीम ने आपको ‘एप्रोच‘ किया तो आपकी जिंदगी बन गई। तब आप अच्छे दिखने वाले सुअर हो या कुछ भी। और ब्रिलकी्रम ने वास्तव में मुझे 500 पौंड से ज्यादा किए बशर्ते मैं बगैर ‘कैप‘ के बल्लेबाजी करुं!”
साक्षात्कार में आगे चलकर वह स्मरण करते हैं कि कैसे आस्ट्रेलियाई और अन्य विदेशी हमें ‘ब्लडी इण्डियन‘ कहकर पुकारा करते थे। फारुख कहते हैं: इससे मुझे नाराजगी होती थी, इससे मैं दु:खी होता था क्योंकि मैं अपने भारतीय होने पर सोत्साहपूर्वक गर्व करता था। और अभी आइपीएल के सब पैसे हैं, वे सब यहां पैसा कमाने आए हैं।” साक्षात्कार के अंतिम पैराग्राफ निम्न हैं:
शेखर गुप्ता: फारुख यदि टीम ने क्रिकेट के खेल में शानदार मोड़ लाया था तो मैं देख सकता हूं कि यह कैसे सम्भव हुआ। यह आप जैसे लोगों की खेल में वह भावना और आनन्द था।
फारूख इंजीनियर% खेल में कोई पैंसे के बगैर।
शेखर गुप्ता: बिलक्रीम से मिले कुछ हजार पौण्ड के सिवाय, और वह भी कपिल देव द्वारा पॉलमोलिव के लिए किए जाने से काफी पहले।
फारुख इंजीनियर: ब्रिलक्रीम अंतराष्ट्रीय स्तर पर थी। पॉलमोलिव स्थानीय। जब आप ब्रिलक्रीम मॉडल हो तो यह ऐसा था कि आप ‘वोग‘ पत्रिका के मुखपृष्ठ पर छप रहे हों जो पूरी दुनिया में जाती है। इसलिए यह ब्रिलक्रीम जैसी थी।
शेखर गुप्ता: अनेक दशकों से भारतीय क्रिकेट में एक महान अंतराष्ट्रीय नागरिक आप जैसा है ही नहीं। अत: एक बार फिर से इस बातचीत की क्या विशेषता है।
फारुख इंजीनियर: पूर्णतया आनन्द।
देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के बारे में सन 2008 के राष्ट्रमंडल खेलों से सुना जा रहा है जिसके चलते हमारे राष्ट्र की काफी बदनामी हुई है। परन्तु वर्तमान के दौर में अलग श्रेणी के नायकों के शामिल होने से यही तथ्य उभरता है कि इस सभी गिरावट की जड़ में पैसा मुख्य है।
किसी ने सही ही कहा है: धन रखना बहुत अच्छा है; यह एक मूल्यवान चाकर हो सकता है। लेकिन धन आपको रखे तो यह ऐसा है जैसे कोई शैतान आपको पाल रहा है, और यह सर्वाधिक स्वार्थी और खराब किस्म का शैतान है!

लालकृष्ण आडवाणी
नई दिल्ली
26 मई, 2013

कपिल देव ने प्राईवेट क्रिकेट अकेडमियों को मान्यता दिए जाने की पुनः वकालत की

कपिल देव ने प्राईवेट क्रिकेट अकेडमियों को मान्यता दिए जाने की पुनः वकालत की

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विश्व प्रसिद्द आल राउंडर कपिल देव ने आज प्राईवेट क्रिकेट अकेडमियों को मान्यता दिए जाने की पुनः वकालत की है | कपिल देव के अनुसार कई प्राईवेट क्रिकेट अकेडमियों के पास पर्याप्त आधार भूत सरंचना है ऐसे में बी सी सी आई द्वारा उन्हें मान्यता दे दी जानी चाहिए यह खेल और बी सी सी आई दोनों के हित में होगा|इससे १० वर्ष पूर्व भी कपिल यह बात कह चुके हैं|
कोलकत्ता स्थित मेनलैंड समब्रमक्रिकेट अकादमी में कपिल देव ने एक बाउलिंग मशीन का उद्घाटन किया इस अवसर उन्होंने कोलकत्ता के क्रिकेट प्रेमियों की जैम कर तारीफ़ भी की|उन्होंने कहा की नार्थ के बजाय कोलकत्ता में बच्चों को क्रिकेट सिखलाने ज्यादा दिलचस्पी ली जाती है|उन्होंने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी की पौध को सींचने के लिए बी सी सी आई द्वारा प्राईवेट अकादमी को अच्छे बेट्स और अच्छी क्रिकेट पिच की मदद देनी चाहिए