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Tag: KisanSwabhimanRally

रालोदाई जमावड़ा किसानों की समस्यायों से जुड़ने के बजाय अपनी कोठी+सांसदी+रोटी की समस्याएं ही रोता रहा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

रालोदाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया हुन ते मजा ही आ गया ओये हसाडे सोणे सुप्रीमो अजित सिंह चौधर की चौधराहट फिर से चहक उठी है|ओये किसान स्वाभिमान रैली में देश के वड्डे वड्डे नेताओं के साथ भर भर के किसान +मजदूर+मुसलमान इकट्ठे हो गए और वड्डे चौधरी चरण सिंह की स्मृति में १२ तुगलक रोड में स्मारक बनवाने को अपने अपने लट्ठ में अपने खर्चे से तेल पिलाने को तैयार हो गए हैं|ओये मानता है न कि हसाडे नलके का पानी अभी उतरा नहीं है अब तो हसाड़ी सियासी खेती फिर से फलेगी और फूलेगी

झल्ला

ओ मेरे भोले चौधरी आप जी के रालोदाई जमावड़ा, किसानों की समस्यायों से जुड़ने के बजाय, अपनी कोठी+सांसदी+रोटी की समस्याएं ही रोता रहा
आप लोगों ने सियासी चौधराहट की लड़ाई को किसान स्वाभिमान रैली के कांधों पर रखने का स्वांग रचा है जबकि किसान पहले ही कंधे उचका कर आप लोगों को झटक चूका है |इस विशाल रैली में भी कोने कोने से आये नेताओं ने किसानों की समस्यायों से खुद को जोड़ने के बजाय किसानों को अपनी कोठी+सांसदी+रोटी की समस्यायों से ही जोड़ते दिखाई दिए |झल्लेविचारनुसार अगर आप लोगों ने सत्ता सुख की घड़ी में किसानों के हितों के साथ जुड़ाव रखा होता तो आज यह सियासी सूखे के दुःख की घड़ी नहीं देखनी पढ़ती|

रालोद ने खोये हुए विरासती हक़ को पाने के लिए सियासत का हठी हुक्का गुड़गुड़ा दिया

RALOD RALLY IN MEERUT

RALOD RALLY IN MEERUT

मेरठ,१२ अक्टूबर |रालोद ने खोये हुए विरासती हक़ को पाने के लिए सियासत का हठी हुक्का गुड़गुड़ा दियारालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने आज फिर खोई हुई विरासत को पाने के लिए सियासी हुक्का गुड़गुड़ा दिया |इस हुक्के में कभी चौधरी चरण सिंह के सहयोगी रहे नेताओं के सहयोग का तम्बाकू डाला गया| हठ के हुक्के से निकले विराट प्रदर्शन के धुएं से १२ तुगलक रोड को स्मारक बनाने+चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न के हक़ की मांग उठाई गई जिसके लिए केंद्र सरकार पर दबाब बनाने की कोशिश की गई| वास्तव में अपने सियासी वजूद को बचाने के लिए रालोद ने किसान संघर्ष समिति के कन्धों पर आज यह सहानुभूति का कार्ड खेला है|चौधरी चरण सिंह के नाम पर आयोजित इस रैली की सफलता तो अगले चुनावों में ही साबित हो पाएगी लेकिन हाँ उससे पहले चौधरी अजित इस शक्ति प्रदर्शन से केंद्र सरकार को ,बातचीत के लिए, टेबल पर लाने में जरूर सफल हो सकते हैं और अपने लिए राज्यसभा की सीट सुनिश्चित कर सकते हैं| लोकसभा चुनाव में अपने ही गढ़ बागपत में भी जबरदस्त झटका खाने वाले चौधरी अजित सिंह ने इस रैली के माध्यम से आक्रामक समाजवादी-लोहियावादी राजनीति के सहारे सहानुभूती बटोरने की तरफ एक कदम जरूर बढ़ा दिया |
RALOD RALLY IN MEERUT HUKKA

RALOD RALLY IN MEERUT HUKKA


आज बाई पास स्थित गायत्री ग्राउंड में किसान स्वाभिमान रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा+जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव+ राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह+बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार+राज्यसभा सांसद केसी त्यागी+रालोद नेता जयंत चौधरी और उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव आदि मौजूद रहे। भाजपा के पूर्व सहयोगी शरद यादव+नीतिश कुमार + चौ. अजित सिंह ने भगवा खेमे पर जम कर जुबानी हमला बोला | चौ. चरण सिंह की शख्सियत के साथ अन्याय का आरोप लगाया गया |सपा के शिवपाल यादव ने भी सहयोग का आश्वासन दिया
|इस रैली में सर्व सम्मति से १२ तुगलक रोड पर पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह की स्मृति में स्मारक के लिए शरद यादव के न्रेतत्व में राष्ट्रपति से मुलाकात करने का निर्णय लिया गया| इसके अलावा दिल्ली स्थित किसान घाट पर मौन रखने पर भी सहमति बनी |
रैली को सम्बोधित करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दक्षिण से लेकर उत्तर तक सभी क्षेत्रीय पार्टियों को मिलकर भाजपा का मुकाबला करना चाहिए।
इन्ही की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि यूपी में भाजपा ने चौधरी चरण सिंह की विचारधारा और किसान एकता को कमजोर करने के लिए साजिश के तहत जाटों और मुसलमानों को अलग-अलग किया है।हम ये मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे। शरद यादव ने कहा कि किसान खंड खंड हैं, इसीलिए देश में सियासी पाखंड है। देश के किसान अगर एक हो जाएंगे तो पाखंडियों की सियासत खत्म हो जाएगी और दिल्ली में किसान नेता चौधरी चरण सिंह की स्मारक बनने से कोई रोक नहीं पाएगा।
ralod rally6 रालोद अध्यक्ष अजित सिंह ने कहा कि 12, तुगलक रोड को स्मारक बनाना पूरे देश के किसान का हठ है। हम हठ से अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ नाइंसाफी कर रही है। मंच पर कांग्रेस समेत जदयू+सपा+जद (एस) + रालोद के झंडे एक नए राजनीतिक शक्ति की तरफ इशारा कर रहे थे।