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बिहार में विवादित बयानों के लिए कुख्यात हो चुके जीतन राम मांझी ने कमीशनखोरी स्वीकारी

[बिहार,पटना]विवादित बयानों के लिए कुख्यात हो चुके जीतन राम मांझी ने आज एक जनसभा में कमीशनखोरी स्वीकारी |
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज एक और विवादित बयान देकरअपनी मुसीबतों को बढ़ा लिया
पूर्व मुख्य मंत्री नितीश कुमार की नाराजगी के चलते अल्प मत में आ चुके सीएम श्री मांझी एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे | भाषण के दौरान उन्होंने नितीश कुमार और पूर्व मुख्य मंत्रियों पर निशाना साधा |श्री मांझी ने राज्य के पुल निर्माण कार्य में कमीशनखोरी होने का आरोप लगाया |
लेकिन इसके साथ ही यह भी कह गए कि कुछ कमीशन उन्हें भी मिलती है |
महा दलित कोटे से आये श्री मांझी ने नितीश कुमार का नाम लिए बगैर कहा कि जब उन्होंने इस कमीशन खोरी को रोकने की कोशिश की तो वे[नितीश कुमार]उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने में लग गए।उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पैसे को काट कर गरीबों के कल्याण में लगाया जाएगा|
गौरतलब है कि आज कल जे डी यूं +आरजे डी+कांग्रेस+सपा आदि जीतन राम मांझी को सी एम पद से हटाने के लिए एक जुट हैं नितीश कुमार ने ही जीतन राम मांझी को मुख्य मंत्री बना कर पद छोड़ा था |वर्तमान में मांझी ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं

बिहार के राजनीतिज्ञों ने राज्यपाल के हाथों में सरकार की पतवार सौंपी

Rebellious Jitan Ram Manjhi

Rebellious Jitan Ram Manjhi

बिहार की राजनीती की पतवार अब राज्यपाल के हाथों में दे दी गई है | इसके लिए जे डी [यूनाइटेड] के दोनों धड़ों के समर्थकों ने गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी से अलग अलग मुलाकात की और अपना पक्ष रखा |राज्यपाल ने फ़िलहाल दोनों पक्षों को दिलासा दे कर लौटाया
जनता परिवार के नितीश कुमार+शरद यादव+लालू प्रसाद यादव+अपने कांग्रेस और लेफ्टिस्ट अादि सहयोगियों के साथ गवर्नर से मिले और सरकार बनाने का न्योता माँगा |उन्होंने अपने साथ १३० विधायक होने का दावा भी किया | इसके पश्चात जीतन राम मांझी भी गवर्नर से मिले और नितीश कुमार को असंवैधानिक उत्तराधिकारी बताकर स्वयं के पक्ष में बहुमत होने का दावा किया|इसके अलावा नितीश ने इसी माह होने वाले बजट सत्र की वैधानिकता का भी प्रश्न खड़ा किया
बिहार के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने और नीतीश कुमार के लिए रास्ता बनाने से इंकार करने वाले जीतन राम मांझी को आज पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों ’’में शामिल रहने के लिए निष्काषित कर दिया।
मांझी को ऐसे समय में पार्टी से निष्काषित किया गया है जब नीतीश कुमार की आज दोपहर डेढ बजे राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात होनी है जहां वह सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलों के बीच जीतन राम मांझी ने पूरी तरह बगावती रुख अपना लिया है। नितीश कुमार द्वारा बुलाई गई विधायक दल की बैठक को अवैध करार देते हुए उन्होंने 20 फरवरी को जदयू विधायक दल की बैठक बुलाई है।
इसके साथ ही पिछले एक माह से भी अधिक समय से चल रही राजनीतिक उठापटक और जदयू में मचा घमासान अब खुले मंच पर आ गया है। मंत्री नरेंद्र सिंह, नितीश मिश्रा और वृषिण पटेल ने भी मांझी को हटाए जाने विरोध करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा विधायक दल की बैठक को अवैध बताया है।
चर्चा इस बात की भी है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बुधवार रात नीतीश कुमार को फोन कर खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के लिए कहा था।
जबकि नितीश कुमार का आरोप है के पीएम के इशारों पर जीतन राम मांझी बगावती हुए हैं
कई दिनों से बगावती सुर व लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयान देने वाले मांझी को कुर्सी से हटाने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महासचिव के साथ दूसरे तमाम बड़े नेता पटना में डेरा डाले हुए हैं।
बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ विधायक दल के नेता को होता है। वर्तमान में इसके नेता खुद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हैं और उन्होंने ऐसी कोई आधिकारिक बैठक नहीं बुलाई है। लिहाजा यह बैठक पूरी तरह अवैध है। सरकारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे को लेकर जो अफवाह उडा़ई जा रही है, वह भी बेबुनियाद है और मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं।इस सरकारी ब्यान की भी नितीश कुमार द्वारा आलोचना की गई
मांझी भी तलाश रहे विकल्प
भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोलने के साथ ही वस्तुत: बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर झुकाव दर्शाते हुए आज विश्वास जताया कि वह बहुमत सिद्ध करने में सफल होंगे और नीतीश कुमार के खेमे के हाथ ‘‘निराशा’’ ही आएगी।
बिहार में गहराते सियासी संकट के बीच जदयू की सहयोगी कांग्रेस+आर जे डी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर आरोप लगाया कि उनकी जीतन राम मांझी के साथ मिलीभगत है
राज्य में बढे दलित नेता राम विलास पासवान के अनुसार मांझी को हिलाने वाले स्वयं ही ख़ाक हो जायेंगे

कांग्रेसियों ने काली पट्टी मुह बंद करने के लिए नहीं बल्कि मुंह छुपाने के लिए बांधी होगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये लोकतंत्र में क्या मजाक हो रहा है?ओये एक तरफ बंगाली शेरनी सुश्री ममता बनर्जी आये दिन हमें कुत्ता कह रही है+बिहारी नेता लालू प्रसाद यादव हमें भोंकने वाला बता रहे हैं +यूं पी वाले आजम खान तो हमें तीतर बटेर कहे जा रहे हैं इनसब मंझे हुए नेताओं से कोई क्षमा नहीं मंगवा रहा लेकिन हसाड़ी भोली भाली दलित साध्वी निरंजन ज्योतिि की एक गलती को पकड़े बैठे हैं भई साध्वी ने माफ़ी मांग ली प्रधान मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में ब्यान दे दिया फिर भी संसद में ताला लगाने को मरे जा रहे हैं |पहले टी एम सी वालों को उकसा कर काले छाते और काली शाल का प्रदर्शन कराया और शुक्रवार को तो हद ही कर दी बेलगाम मुंह पर काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन करने लग गए अरे लोकतंत्र ऐसे चलता है भला?

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी काली पट्टी मुह बंद करने के लिए नहीं बल्कि मुद्दों के अभाव में मुंह छुपाने के लिए बांधी गई थी |आप लोगों ने देखा नहीं संसद के अंदर और बाहर कांग्रेसी+टीएमसी नेता जब बोलना होता था तो पट्टी हटा लेते थे और अपनी भड़ास निकाल कर फिर मुंह छुपा लेते थे

भाजपा को संसद के अंदर और बाहर घेरने के लिए१३ सांसदों वाले दलों ने एक नए राजनीतिक कुनबे की नीवं रखी

[नई दिल्ली]भाजपा को संसद और संसद के बाहर घेरने के लिए १३ सांसदों वाले दलों ने एक नए राजनीतिक कुनबे की नीवं रखी
भाजपा विरोधी पार्टियों के अनेकों नेता एक साथ सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के घर पर एकत्रित हुए। इस बैठक में पूर्व प्रधान मंत्री एच डी देवेगौड़ा पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्रीमुलायम सिंह यादव+पूर्व रेलवे मंत्रीलालू प्रसाद यादव और नितीश कुमार आदि ने उपस्थिति दर्ज कराई इनमे भाजपा को हराने के लिए रणनीति बनाने पर सहमति बनी |गौरतलब है कि लोक सभा में इन सभी दलों को भाजपा के हाथों करारी हर का सामना करना पढ़ा हैअभी तक ये दल चाँद सांसदों के बल पर केंद्र में सरकार को नाचते आये हैं अब ये सभी केंद्रीय सत्ता से बाहर हो गए हैं ऐसे में इनके अपने अस्तित्व के लिए एक जुट होना जरूरी हो गया है |
बैठक के पश्चात मीडिया को बिहार के पूर्व सीएम और पूर्व रेल मंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि भाजपा की केद्र सरकार को कालेधन+बेरोजगारी और किसानो की समस्यायों पर घेरा जाएगा
नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि तीन मुद्दों पर केंद्रीय सरकार को घेरा जाएगा। काला धन+बेरोजगारी +किसानों का मुद्दा है जिन पर संसद के दोनों सदनों में एकजुट होकर सशक्त विपक्ष के रूप में लड़ने पर सहमति बनी है।
इस बात पर सहमती बनी है कि संसद में इन सबका स्टैंड एक ही होगा।समाजवादी पार्टी के सांसदों की संख्या पांच है और लालू प्रसाद के खाते में चार सांसद हैं जबकि नितीश कुमार की जे डी [यूं] और देवेगौड़ा की जे डी इस के पास दो -दो सांसद हैं
भाजपा के हाथों लोक सभा और विधान सभा के चुनावों में करारी हार झेल चुके हरियाणा से इनेलो के दुष्यंत चौटाला आदि शमिल हुए।लेफ्टिस्ट और रालोद के प्रतिनिधि नहीं आये

बिहार में सत्ता रुड जे डी[यूं] की सरकार २३ मई को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए विधान सभा में जाएगी

बिहार में सत्ता रुड जे डी[यूं] की सरकार २३ मई को विश्वास मत के लिए विधान सभा में जाएगी
१५ वी विधान सभा के इस तेरहवें सत्र में मंत्रीपरिषद दवारा विश्वास मत प्राप्त करने की प्रतिक्रिया को अपनाया जाएगा | बिहार विधान सभा सचिवालय के प्रभारी सचिव श्री फुल झा के अनुसार यह सत्र २३ मई को पूर्वाह्न ११ बजे आरम्भ होगा|
गौरतलब है कि बिहार में लोक सभा के चुनावों में भाजपा के हाथों मिली करारी हार से आहत नितीश कुमार ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया और जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्य मंत्री बनाया गया है| यद्धपि कांग्रेस के स्पोर्ट से जे डी यूं को बहुमत प्राप्त है लेकिन भाजपा के दावे के अनुसार जे डी यूं के भारी संख्या में विधायक विद्रोह कर सकते हैं |ऐसे में बहुमत सिद्ध करने की मांग भी उठ रही है |
आज के नवीनतम घटनाक्रम के अनुसार २१ विधायकों वाली आर जे डी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सरकार को बिना शर्त बाहर से समर्थन देने की घोषणा कर दी है| इसीलिए फिलहाल सरकार पर अल्पमत का खतरा टलता नजर आ रहा है|

समोसे में आलू तो रहेगा मगर लोक सभा में कम से कम दस सालों के लिए बेचारा “लालू” नहीं रहेगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडी सरकार ने रशीद मसूद के बाद अपने ही सहयोगी दल आर जे डी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की लोक सभा में सदस्यता दस साल के लिए समाप्त करवा दी ओये अब मानता है न कि हम लोग लोक तंत्र के लिए अपने गुनाह गारों को भी नहीं बक्शते |

झल्ला

चतुर सुजान जी जब रात घटने लगती है तो खैरात भी खुद बखुद ही बंटने लगती है | नहीं समझे अपने राजा को बचाने के लिए अपने वजीर तक को मरवा दिया जाता है इसीलिए वजीर तो बेचारा गया पांच साल के लिए जेल में | |अब समोसे में आलू तो रहेगा मगर लोक सभा में कम से कम दस सालों के लिए बेचारा लालू नहीं रहेगा

लालू प्रसाद यादव ,के विरुद्ध चल रहे चारा घोटाले, के मुकद्दमे में जज नहीं बदले जायेंगे

लालू प्रसाद यादव ,के विरुद्ध चल रहे चारा घोटाले, के मुकद्दमे में जज नहीं बदले जायेंगे लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले की सुनवाई कर रहे जज नहीं बदले जायेंगे राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव को उच्चतम न्यायालय ने करारा झटका दिया है| चारा घोटाला मामले की सुनवाई कर रहे निचली अदालत के जज के स्थान पर किसी दूसरे जज से सुनवाई कराने की उनकी अर्जी को आज खारिज कर दिया गया और अदालत से यथाशीघ्र अपना फैसला सुनाने को कहा गया है । लालू ने अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट के जज पीके सिंह पर भेदभाव का आरोप लगाया था.
चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी प्रमुख यादव की वो याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने रांची की एक अदालत में सुनवाई कर रहे जज को बदलने की मांग की थी.
भाषा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रही अदालत से चारा घोटाला मामले पर जल्द से जल्द फ़ैसला सुनाने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में लालू प्रसाद यादव की तरफ़ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि चूंकि चारा घोटाला मामले की सुनवाई कर रही रांची के ट्रायल कोर्ट के जज पीके सिंह बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही के रिश्तेदार है, उन्हें अपने साथ भेदभाव किए जाने की आशंका है.
लालू की तरफ़ से दाखिल की गई इस याचिका की जनता दल यूनाइटेड ने तीखी आलोचना की थी. जेडीयू के नेता राजीव रंजन ने कहा था कि अगर जिनके खिलाफ मामले चल रहे हैं, उन्ही लोगों की मांग पर अदालत में जजों का जबादला कर दिया गया तो यह ‘कानून का उपहास’ किए जाने जैसा होगा.
इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की चारा घोटाले से संबंधित याचिकाओं को रद्द किया था.
ये मामला 1990 के दशक का है जिसमें चाइबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए की निकासी कथित तौर पर गलत तरीके से की गई थी.