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Tag: Legal Satire

31 जुलाई तक राष्ट्र में एक राशनकार्ड जारी हो;सुप्रीमकोर्ट (व्यंग)

झल्लीगल्लां
सुप्रीमकोर्टकेउत्साहिवकील
ओएIMG-20210321-WA0014 झल्लेया!मुबारकां!!ओए माननीय,आदरणीय,सम्माननीय सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस अशोकभूषण और जस्टिसएमआर शाह की सम्मानित पीठ ने जीवन के अधिकार में भोजन के अधिकार को जोड़ने को आवश्यक बताते हुए एक राष्ट्र एक राशनकार्ड का कार्य 31 जुलाई तक पूर्ण करने को कह दिया है।अब सभी गरीबों को भोजन मिलेगा। देश मे कोई भूख से नही मरेगा
झल्ला
MoHA Letterसाहिबजी! गरीबों को भोजन मुहैय्या करवाना सभी सरकारों की जिम्मेदारी है।लेकिन न्याय मंत्रालय+आवास मंत्रालय+श्रम एवं रोजगार मंत्रालय +पुनर्वास मंत्रालय आदि केवल थोड़े से भरे अपने ग्लास दिखा कर सीना ठोकने में लगे है।अभी तक गरीबी को परिभाशित ही नही किया जा सका।और तो और अभी तक दिए जा चुके न्याय,आवास,आदि के अधिकार आम जरूरत मन्दों तक नही पहुंच पाए हैं।।यहां तक झुग्गी झोपड़ियों में अग्निकांड आम हो चले है।1947 के रिफ्यूजी अपने हक के रिहैबिलिटेशन क्लेम को भटक रहे है।

मीडिया के साथ ही अदालतों में लम्बित मामलों के निस्तारण पर दलील ज्यादा अपील करेगी

#चतुरवकील
ओए झल्लेया! ये क्या हो रहा है? ओए आजकल माननीय अदालतों के बजाय मीडिया में मुकद्दमों के ट्रायल हो रहे हैं।ओए इससे तो कोर्ट में लम्बित मामलों को प्रभावित करने की कुचेष्टा की जा रही है
#झल्ला
Polish_20201009_081852189भापा जी मीडिया के साथ ही अदालतों में लम्बित मामलों के निस्तारण पर दलील ज्यादा अपील करेगी
मीडिया पर भड़ास निकालते हुए अगर अदालतों में लम्बित मामलों के शीघ्र निस्तारण की दलील भी दे डालते तो आपकी पैरवी शायद ज्यादा अपील करती ।वैसे माननीय जज लम्बित मामलों को छोड़ कर स्वत् संज्ञान लेकर मुकद्दमे सुनने लगते है तो क्या मुकद्दमे चुनने के लिए इसमे कोई दिशा निर्देश है