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Tag: Media and government

आशुतोष+आशीष का [इतिहासमें]”आप”को सहयोग और अब सत्ता का समर्थन से तो इशारा कुछ और ही है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?देख तो दिल्ली की जनता हसाडे सरकार से इतनी खुश है कि अगर आज चुनाव करवाएं जाएँ तो हमें ७२% वोट मिल जायेंगे और ये मीडिया वाले हसाडे नेताओं पर+हसाड़ी सरकार पर कीचड़ उछालने में ही व्यस्त हैं ओये हसाडे मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल साहब ने भी फरमा दिया है कि अगर अब किसी मोदी या शाह वाले मीडिया ने हसाड़ी सरकार को बदनाम किया तो हमने भी उसका मुंह बंद कर देना है

झल्ला

ओ मेरे चतुर हो चुके सुजान जी आपजी के आशुतोष और आशीष खेतान का [इतिहासमें] आपको सहयोग और अब सत्ता का समर्थन तो कुछ और ही कहानी कहते है |इसके आलावा आप जी ने फरमाया है कि दिल्ली कि जनता आप जी खुश है तो क्या मीडिया वाले जनता में नहीं आते?

सरकार का मीडिया के साथ नियमन का नहीं बल्कि आग्रह का संबंध है :मनीष तिवारी

सरकार का मीडिया के साथ नियमन का नहीं बल्कि आग्रह का संबंध है, इसीलिए मीडिया को, अपने लिए ,वैधानिक प्रणाली के रूप में स्‍व-नियमन बनाने होंगें|
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि एक वैधानिक प्रणाली के रूप में स्‍व-नियमन को मुख्‍यधारा में लाने की प्रक्रिया समाचार माध्‍यम की ओर से होनी चाहिए न कि सरकार की ओर से। मंत्री महोदय ने जोर देते हुए कहा कि मीडिया के लिए सरकार की पहल एक नियमन के रूप में न होकर एक आग्रह के रूप में है। उन्‍होंने कहा कि इस उद्योग जगत के हितधारकों को एक समतुल्‍य स्‍तर निर्धारित करना होगा ताकि पारदर्शिता, निष्‍पक्षता, संयम की महत्‍ता को सुनिश्चित किया जा सके और सनसनी से बचा जा सके, यह सनसनी मीडिया के मुख्‍य संचालक के रूप में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इसे प्रभावित कर रही है। श्री तिवारी ने आज यहां ‘क्‍या मीडिया नियमन यथास्थिति का विकल्‍प है?’ विषय पर एक विशेष चर्चा के दौरान यह बात कही।
गौरतलब है कि बीते माह श्री तिवारी ने सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर सवाल उठाये थे| सोशल मीडिया में उपयोगकर्ता की पहचान गुप्त रखने के नियम के दुरूपयोग रोकने के लिए नए मीडिया के लिए कुछ नियम बनाने की जरूरतपर बल दिया था|
फोटो कैप्शन
The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari delivering the keynote address on theme “Media Regulation: Is status-quo the answer?”, in New Delhi on August 06, 2013.