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Tag: media Pressure

सार्वजनिक क्षेत्र के ५ बैंकों(पीएसबी)के विषय में अटकलें लगाने से मीडिया को परहेज की सलाह

[नई दिल्ली]वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों (पीएसबी) के विषय में भ्रम फ़ैलाने वाली खबरों से मीडिया को परहेज की सलाह दी
मीडियाकर्मियों से सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी पद के लिए चयन प्रक्रिया के परिणाम को लेकर अटकलों पर आधारित समाचारों/लेखों को लिखने से परहेज करने का आग्रह किया गया है |
मीडिया के एक वर्ग में हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी पद के लिए चयन प्रक्रिया के परिणाम को लेकर कुछ खबरें छपी हैं। इनमें से अधिकांश खबरें अटकलों पर आधारित है, जो सच्‍चाई से दूर हैं। नामों को लेकर अटकलों पर आधारित ऐसी खबरें न केवल प्रत्‍याशियों के बीच, जो चयन प्रक्रिया के हिस्‍से हैं, बल्कि आम जनता के बीच भी अनावश्‍यक भ्रम फैलाते हैं। उल्‍लेखनीय है कि चयन की प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाता है इसलिए बेहतर होगा, अगर मीडियाकर्मी अटकलों पर आधारित खबरों/लेखों को लिखने से परहेज करें।

अखिलेश जी अपनी कमीज को साफ़ करो दूसरों के दाग दिखा कर पतली गली से निकलने की कोशिश मत करो

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये मीडिया वाले ना जाने कौन सा चश्मा लगा कर पानी पीते पीते हसाड़ी सोणी समाजवादी सरकार को ही कोसने में जुटे हुए हैं अब देखो बलात्कार और अपराध तो दूसरे प्रदेशों में भी हो रहे हैं लेकिन इन्हें तो ओनली हसाड़ा उत्तर प्रदेश ही नजर आ रहा है |ओये इन्होने कौन की कंपनी का चश्मा लगा रखा है

झल्ला

ओ मेरे पहलवान जी अपनी कमीज को साफ़ करो दूसरों के दाग दिखा कर पतली गली से निकलने की कोशिश मत करो |प्रदेश में देसी बिजली और अपराध का बढ़ता ग्राफ लैप टॉप के इम्पोर्टेड इरेज़र से नहीं मिटेगा वैसे झल्लेविचारनुसार मीडिया घरानों से अच्छे रिश्ते रखने वाले कुशल प्रशासक को आप जी ने मुख्य सचिव गृह बना दिया है अब बिजली की तरफ भी नजदीक की दृष्टि डाल ही दो|

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

बरसात जहाँ सूर्य की तपिस से थोड़ी राहत देती हैं वहीं शहरी विकास के चक्के भी जाम करदेती है इसके अलावा हर बार की तरह एक बार फिर महत्वपूर्ण तरीके से स्थानीय व्यवस्था की पोल भी खोल कर रख देती है |
भारत और अमेरिका दोनों देशों में बारिश हो रही है लेकिन देखा जाता है कि अमेरिका की बारिश छोटे छोटे शहरों में गर्मी से राहत दे रही है और सडकों को धो धा कर साफ़ सुथरा कर रही है लेकिन इंडिया के उत्तर प्रदेश में इसका उलट ही हो रहा है मेरठ का उदहारण दिया जा सकता है|
थोड़ी देर कि बरसात ने नगर निगम और छावनी परिषद् के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी|शुक्रवार की सुबह हुई बरसात ने जो पानी बरसाया उसे निकलने के लिए नाली नालों में रास्ता नही मिला जाहिर इससे यहाँ वहां जल भराव दिखाई देने लगे|मार्ग के गड्डे+सीवर+नालों और सड़क के लेवल में कोई अंतर शेष नही रह गया| पॉश कालोनियों में बेगम बाग़ +थापर नगर बच्चा पार्क के आलावा अल्पसंख्यक बाहुल्य जली कोठी+जिला अस्पतालके सामने +कमोबेश यही स्थिति राही यहाँ तक कि हमेशा की तरह व्यवस्थापक विभाग भी पानी पानी हो गए |
 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है


अभी पिछले दिनों ही नालों की सफाई के लिए बड़े बड़े अभियान चलाने के दावे किये गए थे| यहाँ भाजपा मेयर+विधायक+सांसद भाजपा के हैं लेकिन सरकार सपा के हाथों में हैं| हमेशा कि तरह आज कल भी नमाज अदा करने के जगह को लेकर दोनों मुख्य समुदायों के धार्मिक+सामाजिक+राजनीतिक नेता गण आमने सामने आ रहे हैं लेकिन व्यवस्था को सुचारू रूप देने के लिए कोई दिखाई नही दे रहा |
मुझे याद आ रहा है कि बीती सदी के नौवें दशक में में एक छेत्री दैनिक अख़बार के साथ भी जुड़ा था उस समय भी बारिश आती थी और अख़बार के लोकल पेज पर इन शीर्षकों से दो ख़बरें जरूर छपती थी[१]बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी[२]बारिश से कई इलाकों की बिजली ठप्प |
 सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

सावधान ! बारिश हमेशा की तरह व्यवस्था की पोल रही है

आज नई सदी के दूसरे दशक में हम रह रहे हैं और हमारे फोटो ग्राफर की फोटोज यही कह रही हैं कि जल थल एक समाना

डा. मन मोहन सिंह ने पवन बंसल से रेल और अश्विनी कुमार से कानून मंत्रालय छीन ही लिए

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण को गवाने के पश्चात यूं पी ऐ को होश आ ही गया और पी एम् ने अपनी पार्टी अध्यक्ष के साथ मंत्रणा करके अपने दो आरोपी वरिष्ठ मंत्रियों को बाहर कर दिया है| पी एम् द्वारा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है| केबिनेट की मीटिंग से बंसल की अनुपस्थिति के पश्चात ही उनकी बर्खास्तगी की अटकलें लगाई जाने लगी थी| पीएम निवास से निकलते वक्त पवन बंसल ने मीडिया में खुद इस्तीफे की बात स्वीकार की। शुक्रवार शाम सोनिया गांधी और पीएम के बीच लगभग एक घंटे तक वार्ता हुई थी जिसके आधार पर मंत्रियों की बर्खास्तगी की ख़बरें आने लग गई थी|
रेलवे में वरिष्ठ पदों पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और केनरा बैंक से अवैध लेन देन का पर्दाफाश होने के बाद से ही इन दोनों का जाना तय माना जा रहा था और मीडिया के दबाब के चलते आखिरकार रात नौ बजे उन्होंने अपना इस्तीफा पीएम को सौंप ही दिया |
अश्वनी कुमार को भी पीएम निवास बुलाया गया था। पवन बंसल के पीएम निवास से निकलने के करीब एक घंटे बाद अश्वनी कुमार ने भी पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
रेल भवन में शायद आखिरी बार आने के बाद पवन बंसल केवल एक घंटे में ही अपने दफ्तर में रुके थे।
रेल मंत्रालय बचाने के लिए पवन बंसल ने शुक्रवार शाम को अपने निवास पर तंत्र मंत्र + टोटके का सहारा भी लिया गया । पवन बंसल ने रेल भवन जाने के लिए घर से निकलने से पहले एक बकरे को कुछ खिलाया, उसे सहलाया और पास खड़ी बंसल की पत्नी ने उनकी नजर उतारी। बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि गलती कांग्रेस कर रही है और बेचारे बकरे की जान मुश्किल में है।
गौरतलब है के इन मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद नही चलने दी अब जबकि संसद सत्र की बर्बादी हो चुकी है तब जाकर यह फेस सेविंग कदम उठाया गया है|