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Tag: Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting

नरेंदर मोदी पी एम् बने तो यह देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण होगा:डॉ मन मोहन सिंह की प्रेस कांफ्रेंस

डॉ मनमोहन सिंह ने वर्त्तमान प्रधानमंत्री कार्यकाल की सम्भवत अंतिम प्रेस वार्ता में जहाँ तीसरी बार पी एम् पद की रेस से सवयम को अलग किया तो वही उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी और कटु आलोचक नरेंदर मोदी की पी एम् की दौड़ में कांटे बोते हुए कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री पद तक पहुंच गए तो यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण [ DISASTROUS ]होगा|
डॉ मनमोहन सिंह ने पिछले तीन साल के कार्यकाल के अपने पहले प्रेस मीट में कहा कि वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद वह लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पदभार नहीं संभालेंगे| उन्होंने श्रीमति सोनिया गांधी को उद्धत करते हुए बताया कि समय आने पर कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नए प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी।पत्रकारों के प्रश्नो का उत्तर देते हुए डॉ सिंह ने भाजपा के पी एम् प्रत्याशी नरेंदर मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि वह (नरेंद्र मोदी) भारत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंच गए तो यह देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण [DISASTROUS ] सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद मैं प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी नए प्रधानमंत्री को सौंप दूंगा… मुझे उम्मीद है कि अगला प्रधानमंत्री यूपीए से ही चुना जायेगा प्रेस कांफ्रेंस का सञ्चालन सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने किया
फ़ोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing a press conference, in New Delhi on January 03, 2014.
The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari is also seen.

उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी ने अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता को विश्व के सबसे बड़े लोक तंत्र की पहचान बताया

उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी ने आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस का उद्घाटन किया और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता को विश्व के सबसे बड़े लोक तंत्र की पहचान बताया उपराष्ट्रपति ने कहा कि कानून के चारों कोनों में भाषण और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता हमारी लोकतांत्रिक पहचान को परिभाषित करती है
भारत के उपराष्‍ट्रपति ने कहा है कि भारत विश्‍व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अपनी कमजोरियों के बावजूद यह कार्यप्रणाली+ शक्ति+ संवैधानिक और लोकतांत्रिक राज्‍य संरचना की दृष्टि से एक शानदार मिसाल है। अन्‍य उदार लोकतांत्रिक देशों की भांति हमारी कार्यप्रणाली भी कार्यपालिका+ विधायिका और न्‍यायपालिका के बीच अधिकारों के विभाजन और प्रेस एवं मीडिया की महत्‍वपूर्ण भूमिका पर आधारित है।
राष्‍ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित समारोह में ‘प्रेस की स्‍वतंत्रता और उसकी जिम्‍मेदारियां’ विषय पर उद्घाटन व्‍याख्‍यान देते हुए उन्‍होंने कहा कि कानून के चारों कोनों के भीतर अंतर्निहित भाषण और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता का सिद्धांत हमारी लोकतांत्रिक पहचान को परिभाषित करता है। इन दोनों की गारंटी हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों के रूप में दी गई है।
उन्‍होंने कहा कि मेरे विचार में प्रेस के लिए दो बातें महत्‍वपूर्ण हैं। प्रथम, प्रेस की आजादी के साथ युक्ति संगत विश्‍वास के साथ नीतिपरक आचरण और हमारे संस्‍थानों को सुदृढ़ करने वाले मूल्‍यों और प्राथमिकताओं का प्रकाशन जुड़ा हुआ है। दूसरे, माता-पिता और शिक्षकों के अलावा प्रेस का भी यह दायित्‍व है कि वह युवाओं को उनके अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्‍यों के प्रति भी सूचित और शिक्षित करे।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि हमें भारतीय मीडिया की शक्ति और विविधता पर गर्व है। इस बात के स्‍पष्‍ट संकेत हैं कि भारतीय मीडिया का निरंतर विकास होगा और वह नई डिजिटल संचार प्रौद्योगिकी का ध्‍यान पूर्वक इस्‍तेमाल करेगा और उसे अनुकूल बनाएगा।
photo caption
The Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari with the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari releasing the souvenir, at the “National Press Day” celebrations, in New Delhi on November 16, 2013.
The Chairman, Press Council of India, Shri Justice Markandey Katju is also seen.
उप राष्ट्रपति सचिवालय के सौजन्य से

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सरकार का मीडिया के साथ नियमन का नहीं बल्कि आग्रह का संबंध है :मनीष तिवारी

सरकार का मीडिया के साथ नियमन का नहीं बल्कि आग्रह का संबंध है, इसीलिए मीडिया को, अपने लिए ,वैधानिक प्रणाली के रूप में स्‍व-नियमन बनाने होंगें|
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि एक वैधानिक प्रणाली के रूप में स्‍व-नियमन को मुख्‍यधारा में लाने की प्रक्रिया समाचार माध्‍यम की ओर से होनी चाहिए न कि सरकार की ओर से। मंत्री महोदय ने जोर देते हुए कहा कि मीडिया के लिए सरकार की पहल एक नियमन के रूप में न होकर एक आग्रह के रूप में है। उन्‍होंने कहा कि इस उद्योग जगत के हितधारकों को एक समतुल्‍य स्‍तर निर्धारित करना होगा ताकि पारदर्शिता, निष्‍पक्षता, संयम की महत्‍ता को सुनिश्चित किया जा सके और सनसनी से बचा जा सके, यह सनसनी मीडिया के मुख्‍य संचालक के रूप में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इसे प्रभावित कर रही है। श्री तिवारी ने आज यहां ‘क्‍या मीडिया नियमन यथास्थिति का विकल्‍प है?’ विषय पर एक विशेष चर्चा के दौरान यह बात कही।
गौरतलब है कि बीते माह श्री तिवारी ने सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर सवाल उठाये थे| सोशल मीडिया में उपयोगकर्ता की पहचान गुप्त रखने के नियम के दुरूपयोग रोकने के लिए नए मीडिया के लिए कुछ नियम बनाने की जरूरतपर बल दिया था|
फोटो कैप्शन
The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari delivering the keynote address on theme “Media Regulation: Is status-quo the answer?”, in New Delhi on August 06, 2013.