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Tag: Ministry Of External Affairs

श्री गौरी शंकर गुप्ता ,त्रिनिडाड एवं टोबेगो गणराज्य के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त

भारतीय विदेश मंत्रालय ने, श्री गौरी शंकर गुप्ता को ,त्रिनिडाड एवं टोबेगो गणराज्य के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त के पद पर नियुक्त किया है|
श्री गौरी शंकर गुप्ता (भाविसे:IFS 1981), त्रिनिडाड एवं टोबेगो गणराज्य के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त नियुक्त किए गए हैं।
इनके शीघ्र पदभार ग्रहण कर लेने की संभावना हैं \इससे पूर्व श्री गुप्ता हंगरी के भी राजदूत रह चुके हैं

श्रीमती सुजाता सिंह को विदेश सचिव के पद के लिए सलेक्ट किया गया :MEA

५९ वर्षीय श्रीमती सुजाता सिंह[१९७६] को विदेश मंत्रालय में [ M E A ]देश की अगली विदेश सचिव सलेक्ट किया गया है| उनकी नियुक्ति को प्रधानमंत्री डॉ .मनमोहन सिंह ने मंजूरी दे दी है। श्रीमती सुजाता वर्तमान में जर्मनी में भारत की राजदूत हैं|
भारतीय विदेश सेवा अधिकारी [ IFS] श्रीमति सुजाता वर्तमान विदेश सचिव रंजन मथाई की जगह लेंगी। मथाई 31 जुलाई को अपने पद से सेवानिवृत [ Superannuate ] होंगे पूर्व आईबी प्रमुख टीवी राजेश्वर की बेटी सुजाता के पति संजय सिंह इसी साल अप्रैल में सचिव (पूर्व) के पद से रिटायर हुए हैं।

इटली में भारतीय एम्बेसडर बसंत कुमार गुप्ता अब रोम से ही सन मरीनो के राजदूत का भी कार्यालय संभालेंगे

इटली में भारतीय एम्बेसडर अब रोम से ही सन मरीनो के राजदूत का भी कार्यालय संभालेंगे | भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह निम्न नियुक्तियां की हैं|
[१] वर्तमान सूरीनाम में एम्बेसडर एम् सुभाषिनी [ १९८७ बैच आई ऍफ़ एस ] को 19, जून 2013 में सेंट विन्सेंट और ग्रेनादींस [ Saint Vincent and the Grenadines, ] के लिए एम्बेसडर अधिकृत [ accredited ] किया गया है पेरामरिबो Paramaribo.निवास

[२] १९९७ बैच के कुनाल रॉय को 20, जून २०१३ में नाइजर[ Niger] का अगला एम्बेसडर बनाया गया है|
[३] रिपब्लिक आफ इटली में वर्तमान एम्बेसडर १९७९ बैच के आई ऍफ़ एस बसंत कुमार गुप्ता को 21, जून २०१३ में रिपब्लिक आफ सन मरीनो[ Republic of San Marino,] अधिकृत किया गया है| निवास रोम

भारतीय विदेश मंत्रालय [ MEA ]ने जून माह के पहले सप्ताह में तीन देशों में अपने प्रतिनिधियों को फायनल किया

भारतीय विदेश मंत्रालय [ MEA ]ने जून माह के पहले सप्ताह में तीन देशों में अपने प्रतिनिधियों को फायनल किया है|इन अधिकारियों द्वारा शीघ्र ही चार्ज लेने के सम्भावना है|ये तीनो अधिकारी १९८० से १९८३ बैच के आई ऍफ़ एस अधिकारी हैं|
[१]रवि थापर को [ Shri Ravi Thapar ] को न्यूजीलैंड [ New Zealand ]के लिए अगला हाई कमिश्नर [ High Commissioner ]बनाया गया है| श्री थापर १९८३ बैच के भारतीय विदेश सेवा आई ऍफ़ एस[ IFS ] अधिकारी है|
[२]डॉ टी सी ऐ राघवन [ Dr. T. C. A. Raghavan ] को इस्लामिक रिपब्लिक आफ इस्लाम Islamic Republic of पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध सुधारने के लिए हाई कमिश्नर [ High Commissioner ] बनाया गया है| श्री राघवन १९८२ बैच के भारतीय विदेश सेवा [IFS ] अधिकारी हैं|
[३] राजेश नंदन प्रसाद [Shri Rajesh Nandan Prasad ] को नीदर लैंड [ Netherlands ]में राजदूत [ Ambassador ]बनाया गया है|श्री प्रसाद १९८० बैच के आई ऍफ़ एस[ IFS ]अधिकारी हैं|
बीते माह छह प्रतिनिधि चुने गए थे जिनमे से चार महिला अधिकारी थे

पी एम् ने श्रीमति सोनिया के साथ मतभेदों से इंकार करते हुए कहा हम साथ साथ हैंP C of Dr Man mohan Singh In Plane

कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी ने यद्यपि डा. मन मोहन सिंह को राज्य सभा का चुनाव[ पांचवी बार] जितवा कर यह साबित कर ही दिया है कि प्रधान मंत्री और यूं पी ऐ अध्यक्षा में कोई मतभेद नही है लेकिन इसके बावजूद आज प्रधान मंत्री डॉ .. मन मोहन सिंह ने स्वयम भी मतभेदों की खबरों को निराधार बताया है| डा. सिंह ने बेहद ईमान दारीसे यह स्वीकार करते हुए कहा कि वह आज भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपस[ प म &पार्टी प्रेजिडेंट] में सलाह-मशविरा करते हैं।और उनमे कोई मतभेद नही है|
जापान और थाईलैंड की पांच दिवसीय यात्रा से लौटने के दौरान अपने विशेष विमान में संवाददाताओं से बातचीत में एक प्रश्न के उत्तर में डा. सिंह ने दोहराया “मेरे और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच कोई मतभेद नहीं है। हम तकरीबन सभी मुद्दों पर साथ मिलकर काम करते हैं।”
रेलमंत्री पवन बंसल + कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे को लेकर श्रीमति सोनिया के साथ मतभेद के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि , जहां भी परामर्श की आवश्यक होती है, मैं [डा]कांग्रेस अध्यक्ष[श्रीमती सोनिया] से मशविरा करता हूं और इसलिए ऐसा कहना गलत होगा कि श्री मति सोनिया और मेरे [डा]बीच किसी तरह के मतभेद हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अलग होने के बाद अगले आम चुनाव के लिए नए सहयोगियों की तलाश कर रही है, इस प्रश्न को उन्होंने पार्टी पर छोड़ते हुए कहा कि पार्टी इस पर विचार करेगी।
प्रधानमंत्री ने आईपीएल विवाद पर कहा है कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है इसलिए इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा।
संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है ।PRESS RELEASE OF M E A

विदेश मंत्रालय की एक माह में छह नियुक्तियों में से चार महिला अधिकारियों को राजदूत बनाया गया है

सलमान खुर्शीद ने जबसे विदेश मंत्रालय का चार्ज संभाला है तभी से बेशक विदेश निति की आलोचना हो रही है लेकिन एक बात सकारात्मक नोट की गई है के विदेश मंत्रालय ने विदेशों में अपने राजदूत नियुक्त करते समय महिला अधिकारियों के साथ पूर्ण न्याय कराने का प्रयास किया है|
विदेश मंत्रालय की वेबसाईट के अनुसार मई माह में ६ नियुक्तियों में से चार महिला अधिकारी हैं|
[१] सुश्री मंजू सेठ (वाईओए: 1996), वर्तमान में मेडागास्कर में भारत के राजदूत को अंटानानारिवो में निवास के साथ संयुक्‍त रूप से कोमोरोस संघ में भारत के राजदूत के रूप में अधिकृत किया गया है।
[२]श्रीमती राधिका लोकेश को आयरलैंड में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है
श्रीमती राधिका लोकेश (आईएफएस: 1982) को आयरलैंड में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है।
उनके शीघ्र ही कार्यभार ग्रहण करने की उम्मीद है।श्रीमती प्रीति सरन को समाजवादी गणराज्य वियतनाम में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है।
[३]श्रीमती प्रीति सरन (भारतीय विदेश सेवा: 1982) को समाजवादी गणराज्य वियतनाम में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है।
उनके शीघ्र ही कार्यभार ग्रहण करने की संभावना है।
[४]श्रीमती नरिन्दर चौहान, सर्बिया गणराज्य के लिए भारत की अगली राजदूत नियुक्त
श्रीमती नरिन्दर चौहान (भाविसे: 1985), सर्बिया गणराज्य के लिए भारत की अगली राजदूत नियुक्त की गई हैं।
[अ]श्री नीरज श्रीवास्तव (भाविसे: 1983), डेनमार्क के लिए भारत के अगले राजदूत नियुक्त किए गए हैं।
[आ]श्री के. जीव सागर (भाविसे: 1991), घाना गणराज्य के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त नियुक्त किए गए हैं।महिलाओं के लिए सत्ता में आरक्षण के बिल को यद्यपि पास कराने में केंद्र सरकार विफल रही है लेकिन नियुक्तियों में न्याय एक सकारात्मक कदम कहा जा सकता है|