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Tag: Ministry of Health and Family Welfare

Dr Harsh Vardhan Rubbishes Allegations Of Victimization Of a CVO In MCI

Dr Harsh vardhan Rubbishes The Allegations Of Victimization Of CVO In MCI
Ministry of Health and Family Welfare is facing allegation of a chief vigilance officer , attached to Medical Councils of India .Now Ministry ,calling these charges baseless, said that the repatriation of this CVO to his parent department is to be decided by DoPT
Dr Harsh Vardhan regretted that this “non-issue” had been turned into a personal attack on him by some media. He said, “My agenda to reform medical education and root out corruption in all institutions continues notwithstanding these reports
Dr Harsh Vardhan, Union Health Minister, has stated that the media reports based on the Chief Vigilance Officer (CVO) attached to the Medical Council of India (MCI) are without basis on facts and end up confusing the people.
“Some reports say I have removed him, which is absurd. Others say that I put the officer to personal risk by not repatriating him, which is equally untrue,” the Minister said here today.
The Updates provided by The Ministry are as under
[1]The CVO in question, Mr H. K. Jethi, an officer of the Allied Services ie Indian Ordnance Factories Service, was unhappy with his appointment which goes back to October 3, 2013. He had written three letters (dated April 29, 2014, August 25, 2014 and October 1, 2014) to the Ministry of Health requesting repatriation to his parent cadre.
[2]The fact of the matter is that the Ministry had indeed forwarded his applications to the Department of Personnel and Training (DoPT).
[3]The post of CVO in MCI comes under the mandate of DoPT while the appointing authority is the Central Vigilance Commission.
[4]The Ministry had taken a sympathetic view of Mr Jethi’s complaints as to his personal safety when he made a personal representation to senior officers. His request had been forwarded to the DoPT, the Minister stated.
[5]In fact, the previous CVO of the Ministry, Mr Vishwas Mehta, who was in charge of dealing with MCI, had referred a letter from Mr Jethi alleging some misdemeanour on the part of the MCI authorities to the Central Bureau of Investigation (CBI),
file photo

नवनीत कुमार कांग बने सीजीएचएस के नए महानिदेशक

[नई दिल्ली]पंजाब केडर (1983) के आई ऐ एस अधिकारी श्री नवनीत कुमार कांग को सीजीएचएस का महानिदेशक बनाया | श्री कांग अतिरिक्‍त सचिव के पद पर सी जी एच एस के अलावा स्‍वास्‍थ्‍य एंव परिवार कल्‍याण मंत्रालय में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग भी देखेंगे | श्री आर.के.जैन आईएएस,हिमाचल प्रदेश (1981) के स्‍थान पर श्री कांग को नियुक्‍त किया गया है |पंजाब केडर के ही श्री निर्मल जीत सिंह कालसी(1984), को अतिरिक्‍त सचिव बनाया गया है।मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा कुल ग्यारह नियुक्तियों में यूं पी केडर के श्रीअनूप चंद्र पांडे[१९८४], आईएएस, ), को रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्‍त सचिव, पूर्व सैन्‍य कर्मचारी, कल्‍याण विभाग,बनाया गया है।
I. श्री केवल कुमार शर्मा, आई.ए.एस. (केंद्रशासित प्रदेश, 1983) वर्तमान कैडर, श्री ए.बी. जोशी (भारतीय डाक सेवा) के रिक्‍त पद के मद्देनजर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अतिरिक्‍त सचिव नियुक्‍त किए गए हैं।
II. श्री बी.एन. सतपथि, आईईएस-1980, वर्तमान कैडर, सलाहकार अंतर्राज्‍यीय परिषद सचिवालय, गृह मंत्रालय में श्री विनोद अग्रवाल, आईएएस, जेएच (1980) के स्‍थान पर इसी पद एवं वेतनमान में अतिरिक्‍त सचिव नियुक्‍त किए गए हैं।
III. श्री के.पी. कृष्‍णा, आईएएस, कर्नाटक (1983), महानिदेशक एवं अतिरिक्‍त सचिव, मुद्रा निदेशालय, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्‍त मंत्रालय को श्री प्रभुदयाल मीणा, आईएएस, मध्‍यप्रदेश (1980) के स्‍थान पर अतिरिक्‍त सचिव, भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय बनाया गया है।
IV. श्री अजय त्‍यागी, आईएएस, हिमाचल प्रदेश (1984), संयुक्‍त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को श्री के.पी. कृष्‍णा, आईएएस, कर्नाटक (1973) के स्‍थान पर अतिरिक्‍त सचिव एवं महानिदेशक, मुद्रा निदेशालय, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्‍त मंत्रालय बनाया गया है।
V. श्री अनूप चंद्र पांडे, आईएएस, उत्‍तर प्रदेश (1984), संयुक्‍त सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को श्री अनुज कुमार बिश्‍नोई, आईएएस, उत्‍तर प्रदेश (1981) के रिक्‍त पद पर अतिरिक्‍त सचिव, पूर्व सैन्‍य कर्मचारी, कल्‍याण विभाग , रक्षा मंत्रालय बनाया गया है।
VI. श्री नवनीत कुमार कांग, आईएएस, पंजाब (1983), महानिदेशक एवं अतिरिक्‍त सचिव, सीजीएचएस, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग, स्‍वास्‍थ्‍य एंव परिवार कल्‍याण मंत्रालय में श्री आर.के. जैन आईएएस, हिमाचल प्रदेश (1981) के स्‍थान पर नियुक्‍त किए गए हैं।
VII. श्री करण बीर सिंह सिद्धू, आईएएस (1984), संयुक्‍त सचिव, आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय को श्री ए.के. अंगुराणा, आईएएस, जम्‍मू कश्‍मीर (1980) के स्‍थान पर प्रबंध निदेशक, ट्राइफेड, अनुसूचित जनजाति मामलों के मंत्रालय नियुक्‍त किया गया है।
VIII. श्री आर राजगोपाल, आईएएस, तमिलनाडु, (1984), प्रबंध निदेशक, नेफेड को श्री अरविंद कौशल, आईडीएएस (1979) के स्‍थान पर अतिरिक्‍त सचिव, कृषि, शोध एवं शिक्षा विभाग , कृषि मंत्रालय बनाया गया है।
IX. श्री निर्मल जीत सिंह कालसी, आईएएस, पंजाब (1984), सलाहकार, अंतर्राज्‍जीय परिषद सचिवालय, गृह मंत्रालय को अतिरिक्‍त सचिव बनाया गया है।
X. श्री टी. जैकब, आईएएस, (तमिलनाडु 1984), संयुक्‍त सचिव, खाद्य एवं जन वितरण विभाग, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय को श्री भास्‍कर खुलबे, आईएएस, पश्चिम बंगाल, (1983) के रिक्‍त पद पर संयुक्‍त सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग बनाया गया है।
XI. श्री आलोक कुमार, आईएएस (एएम 1984), संयुक्‍त सचिव, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, जन शिकायतें एवं पेंशन मामलों के मंत्रालय को सचिव केंद्रीय सतर्कता आयोग बनाया गया है। उनका पद एवं वेतनमान संयुक्‍त सचिव DownGradedस्‍तर का होगा।

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Dr Harsh Vardhan Desires “Silent Diwali” Noise Pollution Free And Eco Friendly Diwali

Dr Harsh Vardhan ,Minister of Health and Family Welfare,Desires “Silent Diwali”Eco Friendly Diwali He Says ” cultural sentiments should not cause suffering of people,
Union Minister Writes to Delhi L-G to implement cracker ban+ sensitise people
Dr Harsh Vardhan, Union Health Minister, has urged Mr Najeeb Jung, Lieutenant-Governor of Delhi, to ensure that the nation’s capital celebrates a “silent Diwali” this year.
The Minister, in an email to the LG, stated that noise-pollution free Diwalis are fast becoming the norm in many parts of the country.
A Supreme Court order of July 2005 had banned the bursting of fire crackers in residential areas, he pointed out.
He wrote, “The implementation of the apex Court’s order has been practically absent in Delhi. Some state governments have been quite successful in ensuring quietness in the revelries.
Dr Harsh Vardhan unequivocally rejected the position of apologists saying, “Many excuses have been offered by administrations of the past for Delhi’s general disregard (of the Supreme Court’s order). The reasons advanced vary from “cultural” to “police insufficiency”. These are all unacceptable.”
The Minister, who has already announced that he is in the process of constituting an expert group to recommend nation-wide measures to prevent noise pollution, recalled progressive governments cannot reconcile cultural sentiments with the suffering of people, especially children and old people.
He pointed out to the L-G, “Firecrackers which sell under a variety of names lead to noise pollution which causes many physical diseases for people of all age groups. Small children and senior children are traumatized the most during the Diwali season because of the tendency to burst loud crackers is most manifested during the night. Many psychological disorders are also caused.”
Dr Harsh Vardhan recalled from his three decades of experience as a practising ENT surgeon in Delhi, how cases of traumatic perforation of the ear drums tended to show a distinct increase in the aftermath of Diwali. Apart from that there are many burn cases and eye injuries, he noted.

CGHS के विदेश जाने वाले लाभार्थी केवल ३ महीने तक ही दवाएं ले सकेंगें

CGHS के विदेश जाने वाले लाभार्थी केवल ३ महीने तक ही दवाएं ले सकेंगें |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना सीजीएचएस में केवल 1,447 जेनरिक और 622 ब्रांडशुदा दवाओं की ही सलाह दी जाएगी।यह आदेश आज डॉ हर्षवर्धन ने जारी किये
स्वास्थ मंत्री ने बताया कि सीजीएचएस चिकित्सकों द्वारा मान्य दवा सूची के अतिरिक्त ब्रांडशुदा दवाओं की सलाह देने की शिकायतें भी मिलती रही हैं। इसे ध्यान में रखते लाभार्थियों और आम लोगों की सूचना के लिए ऐसी दवाओं की सूची उपरोक्त वैबसाइट पर प्रकाशित करने का फैसला किया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भविष्य में केवल 1,447 जेनरिक और 622 ब्रांडशुदा दवाओं की ही सलाह दी जाएगी। केंसर और उससे मिलती जुलती बीमारियों में अपवाद स्वरूप इसके अतिरिक्त दवाएं लिखी जा सकती हैं।
इसके अतिरिक्त ये भी फैसला किया गया है कि सीजीएचएस लाभार्थियों को अधिकतम केवल एक महीने की दवाएं ही निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि यदि वो अतिरिक्त इलाज के लिए विदेश जाते हैं तो ऐसे मामलों में निशुल्क दवाएं तीन महीने तक उपलब्ध कराई जाएंगी।
सीजीएचएस चिकित्सक ऐसी जांच और प्रत्यारोपण की सलाह नहीं देंगे जो कि सूचीबद्ध नहीं है। दवा, जांच, प्रणाली, प्रत्यारोपण तथा चिकित्सा प्रणाली की सूची को अपडेट करने के लिए तकनीकी समिति का गठन किया जा चुका है।
योजना में भ्र्ष्टाचार की रोकथाम के लिए ३० दिन से अधिक समय से लंबित मेडिकल क्लैम्स को वेबसाइट पर डाला जाएगा
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वो मंत्रालय के सभी विभागों में व्यापक स्तर पर सुधार पर विचार कर रहे हैं। “मैं हमारे कामकाज की जांच करने के लिए लोगों, खासकर मीडियो को प्रोत्साहित करता हूं ताकि कर्मचारियों को भ्रष्टाचार की कोशिश में नाकामी का अहसास होने लगे। इसके अतिरिक्त मैं भ्रष्टाचार के स्रोत को समाप्त करने के लिए सूचना और तकनीक का भी इस्तेमाल करूंगा।”
फाइल फोटो

संजीव चतुर्वेदी प्रकरण में घिरे डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स में प्रणालियों की समीक्षा शुरू की

[नई दिल्ली]संजीव चतुर्वेदी सी वी ओ प्रकरण में घिरे केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में सभी प्रणालियों की समीक्षा शुरू कराई |डॉ. हर्षवर्धन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान AIIMSसहित देश के सभी केन्‍द्रीय अस्‍पतालों की प्रणालियों की गहन पड़ताल शुरू की है|डॉ हर्षवर्धन के अनुसार ‘जिन्‍होंने मुख्‍य सतर्कता आयोग को कमजोर करने का प्रयास किया उन्‍होंने एम्‍स में निगरानी व्‍यवस्‍था को नुकसान पहुंचाया इसीलिए ऐसे व्‍यवस्‍थागत भ्रष्‍टाचार समाप्‍त करने के लिए समीक्षा की जा रही है|
आज नई दिल्‍ली में उन्‍होंने कहा कि अपने कार्यकाल के पहले 90 दिन के अंतर्गत वे निरंतर मंत्रालय और उसके विभागों की पारदर्शिता की जांच कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि‍ जल्‍द ही इस जांच पड़ताल के नतीजे लोगों के सामने आएंगे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अस्‍पतालों में भ्रष्‍टाचार के अनेक पहलू हैं, जिनकी जानकारी एक चिकित्‍सक होने के नाते उन्‍हें है। उन्‍होंने कहा कि बिस्‍तरों के आवंटन से लेकर कर्मचारियों या महत्‍वपूर्ण व्‍यक्तियों के लिए बिस्‍तर आरक्षित करने तक व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार के सभी पहलुओं को दूर करने का वे प्रयास कर रहे हैं।
एम्‍स में नियुक्‍त उप सचिव श्री संजीव चतुर्वेदी को मुख्‍य सतर्कता अधिकारी के पद से हटाए जाने को लेकर हाल में उठे विवाद के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सीवीओ के रूप में उनकी नियुक्ति असंगत थी, क्‍योंकि इसकी मंजूरी केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग से नहीं ली गयी थी। सी वी सी दवारा इस न्युक्ति का विरोध २०१२ और २०१३ में किया गया था| उन्‍होंने कहा के संजीव को ना तो सस्पेंड किया गया है और नहीं कहीं बाहर ट्रांसफर ही किया गया है इसके बावजूद इस प्रकरण को राजनीतिक रंग दिए जाने पर उन्होंने खेद व्‍यक्‍त किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एम्‍स में सभी प्रणालियों को अधिक पारदर्शी बनाने की आवश्‍यकता है। दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले रोगियों को बिस्‍तरों की स्थिति और डाइलिसिस मशीनों की उपलब्‍धता या आपरेशन की तारीख जैसी जानकारी, पहले से दी जानी चाहिए।
फाइल फोटो

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तम्‍बाकू पर टैक्स बढ़ाने के बाद अब खेती में इस घातक उत्पाद के विकल्प की तलाश शुरू

केंद्र सरकार खेती में घातक तम्बाकू के बेहतर व्‍यवहार्य विकल्प पर विचार करने को राजी हो गई है |वैसे आम बजट में तम्बाकू प्रोडक्ट्स पर मोदी सरकार ने टैक्स बढ़ा कर संयुक्त राष्ट्र के आह्वाहन को समर्थन दे दिया था अब यूनियन हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन ने तम्बाकू से मुक्ति के उपायों पर चर्चा करना स्वीकार कर लिया है| डा. हर्षवर्द्धन ने कहा है कि इस विषय में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय अनुसंधान के निष्‍कर्ष साझा करने के लिए तैयार है |
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा किए गए अनुसंधान के उन निष्‍कर्षों को सरकार और सभी सम्‍बद्ध पक्षों के साथ साझा करने को तैयार है जिनके अनुसार यह साफ तौर पर सिद्ध हो चुका है कि किसानों को तम्‍बाकू की खेती के व्‍यवहार्य विकल्‍प प्रदान किए जा सकते हैं।
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डा हर्ष वर्धन ने कहा कि यह धारणा गलत है कि यदि सरकार लोगो की तम्‍बाकू सेवन की लत छुड़वाने में कामयाब हो गई तो तम्‍बाकू की खेती करने वाले क्षेत्रों में किसान गरीब हो जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि इसके विपरीत हमारे पास ऐसे साक्ष्‍य हैं कि यदि उन्‍हें साहूकारों के चंगुल से छुटकारा दिला दिया जाये तो उनकी आमदनी बढ़ सकती है।
उन्‍होंने कहा कि तम्‍बाकू उत्‍पादों पर शुल्‍क बढ़ने से सरकारी खजाने में महत्‍वपूर्ण इजाफा होगा लेकिन तम्‍बाकू के सेवन से होने वाली कैंसर और टीबी जैसी जान लेवा बीमारियों की लागत उससे कहीं अधिक है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार भारत में धुंए वाले तम्‍बाकू से होने वाली बीमारियों के उपचार की प्रत्‍यक्ष लागत 90.7 करोड़ अमरीकी डालर और बिना धुंए वाले तम्‍बाकू के उपचार की लागत 28.5 करोड़ अमरीकी डालर आती है।
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[फाइल]विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एन सी सी की रैली में डॉ हर्षवर्धन

डॉ हर्षवर्धन ने सफदरजंग अस्‍पताल के डाक्‍टरों से मरीजों को व्‍यायाम प्रेस्क्राइब करने की सलाह दी

डॉ हर्षवर्धन ने सफदरजंग अस्‍पताल के डाक्‍टरों से मरीजों को व्‍यायाम प्रेस्क्राइब करने की सलाह दी |
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज राजधानी के सफदरजंग अस्‍पताल का निरीक्षण किया और डाक्‍टरों और अधि‍कारि‍यों से कहा कि‍ कि‍सी डाक्‍टर की सफलता यह सुनि‍श्‍चि‍त करने में है कि‍ ठीक होने के बाद कोई मरीज अस्‍पताल में वापस लौटकर न आए और इसके लि‍ए डाक्‍टरों को चाहि‍ए कि‍ वे मरीजों को ऐसे रहन-सहन के लि‍ए शि‍क्षि‍त करें ताकि‍ वे दोबारा बीमार होने से बच सकें।
स्‍वास्‍थ्‍य सेवा का लगभग 80 प्रति‍शत भाग बीमारि‍यों की रोकथाम से संबंधि‍त है।
वि‍श्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसंधान के नतीजे यह बताते हैं कि‍ वि‍श्‍व में 40-45 प्रति‍शत बीमारी का बोझ शारीरि‍क अक्रि‍याशीलता के कारण है।इसीलिए डाक्‍टरों को योग और व्‍यायाम के महत्‍व के बारे में रोगि‍यों में जागरूकता पैदा करनी चाहि‍ए ताकि‍ वे सम्‍मानपूर्वक बीमारि‍यों से मुक्‍त जीवन व्‍यतीत कर सकें।
उस रि‍पोर्ट के बारे में चर्चा करते हुए, जि‍समें यह बताया गया है कि‍ भारत में हरेक मि‍नट में चार लोग कार्डि‍यो वास्‍कुलर बीमारि‍यों से दम तोड़ देते हैं, जबकि रोकथाम के सुझावों के बल पर ही कार्डि‍यो वास्‍कुलर बीमारि‍यों से बचा जा सकता है और नि‍ष्‍क्रि‍य रहन-सहन को त्‍याग कर काफी संख्‍या में मौतों को रोका जा सकता है।
डॉ. हर्ष वर्धन आज सुबह वि‍भागों+वार्डों+भंडारों+प्रयोगशालाओं + ब्लड बैंक का दौरा करते हुए अस्‍पताल में लगभग दो घंटे तक रहे।
इस दौरान चि‍कि‍त्‍सा अधीक्षक डॉ. राजपाल+ स्‍वास्‍थ्‍य सेवा महानि‍देशक डॉ. जगदीश प्रसाद + वर्धमान महावीर मेडि‍कल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. जयश्री भट्टाचार्य उनके साथ थे।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि‍ जबकि‍ दवाएं मुफ्त वि‍तरि‍त की जाती हैं, गरीब मरीजों को फि‍र भी सीटी स्‍कैन और एमआरआई जैसी कुछ सेवाओं के लि‍ए भुगतान करना पड़ता है। उन्‍होंने घोषणा करते हुए कहा कि‍ ये सेवाएं मुफ्त में मि‍लनी चाहि‍ए क्‍योंकि‍ नि‍श्‍चि‍त तौर पर गरीब मरीजों के इलाज के हि‍स्‍से के रूप में यह जरूरी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डाक्‍टरों से कहा कि‍ वे अनि‍वार्य दवाओं के तर्कसंगत इस्‍तेमाल को बढ़ावा दें।
युवा डाक्‍टरों को इस सि‍द्धांत के अनुसार प्रशि‍क्षि‍त कि‍या जाना चाहि‍ए, जि‍सका सुझाव वि‍श्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की ओर से दि‍या गया है। उन्‍होंने कहा कि‍ मरीजों को सही मात्रा में दवाएं दी जानी चाहि‍ए। उन्‍होंने कहा कि‍ वर्तमान संस्‍कृति‍ में सही-सही जरूरतों के बि‍ना भी दवाएं लि‍खना शामि‍ल है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने वरि‍ष्‍ठ डाक्‍टरों से अनुरोध करते हुए कहा कि‍ नई पीढ़ी के डाक्‍टरों को दवाओं के तर्कसंगत इस्‍तेमाल के सि‍द्धांतों के बारे में शि‍क्षि‍त करें। उन्‍होंने चि‍कि‍त्‍सा अधीक्षक को नि‍र्देश दि‍या कि‍ वे कनि‍ष्‍ठ डाक्‍टरों को अस्‍पतालों में शामि‍ल होते ही दवाओं के तर्कसंगत इस्‍तेमाल के बारे में प्रशि‍क्षण की प्रक्रि‍या शुरू करें।
पि‍छले दो दि‍नों में राजधानी के राम मनोहर लोहि‍या अस्‍पताल और अखि‍ल भारतीय आयुर्वि‍ज्ञान संस्‍थान का दौरा कर चुके डॉ. हर्ष वर्धन ने चि‍कि‍त्‍सा समुदाय से आत्‍ममंथन की प्रक्रि‍या शुरू करने के लि‍ए कहा जि‍सके बि‍ना वे बीमारि‍यों का दूर करने की उम्‍मीद नहीं कर सकते।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan visiting Safdarjung Hospital to review the sanitation drive in the hospitalsof New Delhi, on June 13, 2014.

Pendency in Payments Will be cleared So Continue cashless facilities To CGHS Beneficiaries

CGHS empanelled private hospitals Are Directed To Continue cashless /credit facilities to the eligible CGHS beneficiaries.It Is also ensured that Delay in payments in the last quarter of the financial year is due to budgetary constraints which is not a new phenomenon and the hospitals are aware of it.
Ministry of Health and Family Welfare ,In This Regards, has taken special steps and the pendency is likely to be cleared within a week.
In A Press Note, Ministry of Health and Family Welfare ,Has Stated That There have been reports in the Media that private hospitals on the panel of CGHS are denying credit facilities to the eligible CGHS beneficiaries for delay in settlement of hospitals bills. Lower package rates and inadmissible deductions etc. have also been reported to be the other reasons for withdrawal of agreed cashless /credit facilities.
In this regard, the CGHS beneficiaries are advised not to be guided by such misleading information. Delay in payments in the last quarter of the financial year due to budgetary constraints is not a new phenomenon and the hospitals are aware of it. Ministry of Health and Family Welfare has taken special steps and the pendency is likely to be cleared within a week.
CGHS has already invited bids for revision of package rates through a transparent tender process. The last date for submission of bids is 10th March, 2014. Measures have also been taken to streamline the payment related issues in the ensuing empanelment process.
The Ministry of Health and Family Welfare will ensure that the CGHS empanelled private hospitals continue to extend cashless /credit facilities to the eligible CGHS beneficiaries in compliance with the terms and conditions as laid down in the Memorandum of Agreement signed by them with CGHS. As per the information received by the Ministry, most of the private hospitals are continuing to extend the cashless facilities to the CGHS beneficiaries.

Lov Verma To Desk Departments Of Health+Family Welfare And AIDS Control

Lov Verma To Desk Departments Of Health+Family Welfare And AIDS Control
Lov Verma I A S[Secretary Department of AIDS Control] Has Been Assigned additional charge of the post of Secretary, Department of Health and Family Welfare, Ministry of Health and Family Welfare
The Appointments Committee of the Cabinet (ACC) has approved As Under:
1]The appointment of Sh. Keshav Desiraju, IAS(UK:78), Secretary, Department of Health and Family Welfare, Ministry of Health and Family Welfare as Secretary, Department of Consumer Affairs, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution against the existing vacancy.
2]The additional charge of the post of Secretary, Department of Health and Family Welfare, Ministry of Health and Family Welfare has been assigned to Shri Lov Verma, IAS (UP:78), Secretary, Department of AIDS Control, Ministry of Health and Family Welfare for a period of three months with immediate effect or until further orders, whichever is earlier