[नयी दिल्ली]चर्चित प्रतिभवान शख्सियतों पर जारी होंगे डाक टिकट
जाने माने गायकों, लेखकों, स्वतंत्रता सेनानियों और चित्रकारों पर सरकार डाक टिकट जारी करने वाली है और इसके डिजाइन के लिए सरकार ने आम लोगों से राय मांगी है।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में टिकट सलाह समिति ने यह फैसला लिया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह भी फैसला लिया गया कि अब तक जारी की गई स्मृति डाक टिकटों को सभी डाकघरों में उपलब्ध कराया जा सकता है और तस्वीर वाले पोस्टकार्ड के साथ डाक टिकटों को ताजमहल+अजंता एवं एलोरा+ बेलूरमठ+खजुराहो इत्यादि जैसे पर्यटक स्थलों पर भी जारी किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया है कि लोगों की राय से डाक टिकट का डिजाइन तैयार किया जाए।
इससे पूर्व डाक विभाग ने 30 जनवरी, 2015 को ‘स्वच्छ भारत’ अभियान पर स्मृति डाक टिकट जारी किया था। इस डाक टिकट के डिजाइन पर फैसला भी खुली प्रतिस्पर्धा के जरिए किया गया था।
महिला सशक्तिकरण पर भी 15 अगस्त, 2015 को एक स्मृति डाक टिकट को जारी किया गया था। इसके डिजाइन पर भी आम लोगों की राय से फैसला लिया गया था।
प्रसाद ने यह भी कहा कि लोगों को टिकटों से जुड़ी सूचना मिल सके इसके लिए एक मोबाइल ऐप्प तैयार किया जाना चाहिए।
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चर्चित प्रतिभावान शख्सियतों पर जारी होंगे डाक टिकट
बी एस एन एल ने घाटे की टेलीग्राम सेवा से हाथ धोये ;अब टेलीग्राफ मशीनों और फर्नीचर का क्या होगा ?
भारतीय संचार निगम लिमिटेड [बी एस एन एल] ने घाटे का सौदा बन चुकी टेलीग्राम सेवा से हाथ धोने में सफलता प्राप्त कर ली है| रविवासरीय अवकाश की रात्रि ९ बजे सेवा समाप्ति की ओपचारिकता पूर्ण कर ली जायेगी| बताया जा रहा है के लगातार बढ़ते राजस्व घाटे के कारण टेलीग्राम सेवा बंद करने का फैसला किया गया है । जो आंकड़े दिए जा रहे हैं उसके अनुसार इस सेवा से सालाना खर्चे के मुकाबिले मात्र एक प्रतिशत की ही आय होती है|अर्थार्त ९९% की हनी उठानी पड़ती है|इसके संचालन और प्रबंधन का खर्च 100 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है|
राजस्व में कमी की वजह से केंद्र सरकारके विभाग बी एस एन एल ने मई, 2011 में टेलीग्राम दरों +इनलैंड टेलीग्राम सेवा शुल्क बढ़ाकर 27 रुपये प्रति 50 शब्द कर दिया |अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी जैसे ईमेल+ मोबाइल फोन+इंटरनेट+ की चकाचौंध के आगे टेलीग्राम सेवा धीरे-धीरे अप्रासंगिक सी होती चली गई|
इसी को आधार बना कर दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जून माह में कहा था के बहुत गर्मजोशी के साथ इसकी विदाई की जायेगी शायद इसीलिए आखिरी भेजे जाने वाले टेलीग्राम को किसी सरकारी संग्रहालय में दफन कर दिया जाएगा|टेलीग्राम के साथ ही एक आध मशीन भी कही सजाई जा सकती है लेकिन सभी मशीनों और उनके लिए प्रयोग में लाये जा रहे फर्नीचर के डिस्पोजल के विषय में अभी तक किसी भी हलके से कोई घोषणा नही हुई है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार छोटे बड़े शहरों में 75 टेलीग्राम के सेंटर हैं इनमे १० गुना से अधिक स्टाफ है| करोड़ों रुपयों का फर्नीचर भी है|इन कर्मचारियों को तो बीएसएनएल अपनी सेवा में ले लेगा लेकिन मशीनों और उसके फर्नीचर का निस्तारण [डिस्पोजल] कैसे होगा शायद इसके लिए भविष्य में किसी कैग की रिपोर्ट का ही इन्तेजार करना पडेगा|
एमएसआईपीएस आवेदनों का निपटारा शीघ्र होगा: संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल
केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने भारत में इलैक्ट्रोनिक सिस्टम डिजाईन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में 961 करोड़ रूपए के निवेशों को सरकारी वित्तीय मदद के संबंध में निवेश सिफारिशों का नई दिल्ली स्थित इलैक्ट्रोनिक्स निकेतन में 12 जुलाई, 2013 को उद्योग के प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, एमएसआईपीएस आवेदकों और मीडिया की उपस्थिति में खुलासा किया। बताय गया है कि निवेश प्रस्ताव इस प्रकार होगा|
[१]. नोएडा में स्मार्ट फोन बनाने के लिए सैमसंग इंडिया इलैक्ट्रोनिक्स प्राईवेट लिमिटेड को 406 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्ताव है। यह परियोजना अगले छह महीने में शुरू होने की उम्मीद है।
[२]. बैंगलोर में इसीयू इंजन सिस्टम, इसीयू ब्रेक सिस्टम, बॉडी कम्प्यूटर मॉड्यूल जैसे ऑटोमोटिव इलैक्ट्रोनिक सामान बनाने के लिए बॉच ऑटोमोटिव इलैक्ट्रोनिक्स इंडिया लिमिटेड के लिए 544 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्ताव है। यह परियोजना तीन साल में पूरी हो जाएगी।
[३]. लाईटिंग उत्पादों में एलईडी बनाने के लिए सहसरा इलैक्ट्रोनिक्स प्राईवेट लिमिटेड के लिए 11.1 करोड़ रूपए के निवेश का प्रताव है।
इस परियोजना के पांच साल में पूरी होने की उम्मीद है।
सैमसंग और बॉच को उनके निवेश का 25 फीसदी सब्सिडी दिया जाएगा कयोंकि दोनों कंपनियां गैर-विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में नहीं है, जबकि सहसरा की इकाई सेज इलाके में होने से उसे 25 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। एमएसआईपीएस के तहत बड़े और छोटे निवेशों पर विशेष आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाता है। यह आर्थिक प्रोत्साहन बिना किसी भेदभाव के बहुराष्ट्रीय कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियों को भी दिया जाता है।
इस मौके पर श्री कपिल सिब्बल ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है और सरकार रोजगार पैदा करने के लिए विनिर्माण को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार एवं निर्यात के लिए देश में नवीन तकनीक लाने की कोशिश में है। एमएसआईपीएस आवेदनों का इतने कम समय में मंजूरी देने से भारत में ईएसडीएम क्षेत्र में और निवेश आकर्षित करने के लिए सही वातावरण का निर्माण हो सकेगा।
एमएसआईपीएस के तहत अब तक 4600 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश संबंधी आवेदन आए हैं। ये सभी आवदेन समीक्षा और मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें उपभोक्ता इलैक्ट्रोनिक्स एवं सामानों में 450 करोड़, हाथ से इस्तेमाल होने वाले यंत्रों में 410 करोड़, दूरसंचार उत्पादों में 1770 करोड़, एलईडी और एलईडी उत्पादों में 310 करोड़, इलैक्ट्रानिक संघटक में 45 करोड़, ऑटोमोटिव इलैक्ट्रोनिक्स में 10 करोड़, ऊर्जा इलैक्ट्रोनिक्स में 40 करोड़, स्ट्रेटेजिक इलैक्ट्रोनिक्स में 210 करोड़ और सेमिकंडेक्टर एटीएमपी में 750 करोड़ रूपए के प्रस्ताव शामिल हैं।
एनपीई के आकर्षक प्रावधानों में एक एमएसआईपीएस है, जो जुलाई 2012 में अधिसूचित हुआ था और उसके दिशा-निर्देश जारी हुए थे। तब इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एमएसआईपीएस योजना के तहत आवेदन मंगाए गए थे। योजना के अनुसार सरकार नई विनिर्माण इकाई की स्थापना करने और मौजूदा विनिर्माण इकाईयों में विस्तार के लिए 25 फीसदी की सब्सिडी उपलब्ध करा रही है।
ग्रीनफील्ड इलैक्ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों की स्थापना का काम भी जोर पकड़ रहा है। अब तक लगभग 2100 करोड़ रूपए के निवेश के आठ आवेदन प्राप्त हुए हैं और ग्रीनफील्ड इलैक्ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के लिए 1805.29 एकड़ जमीन मंजूर हुई है। ग्रीनफील्ड इकाइयां हैदराबाद, बैंगलोर के पास होसुर, भिवाड़ी, भोपाल आदी जगहों पर स्थापित की जाएगी। ग्रीनफील्ड इलैक्ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के पहले तीन प्रस्ताव इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव की अध्यक्ष्ाता वाली संचालन समिति के पास सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजी जा रही है जिससे आवेदक इलैक्ट्रोनिक विनिर्माण इकाई की स्थापना करने का अगला कदम उठा सकेंगे। ये तीनों प्रस्ताव इस प्रकार हैं:-
[१]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर निगम द्वारा हैदराबाद में 602.37 एकड़ जमीन पर 580 करोड़ रूपए के निवेश वाले ग्रीनफील्ड ईएमसी की स्थापना।
[२]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर निगम द्वारा आंध्र प्रदेश के महेश्वरम में 310 एकड़ जमीन पर 360 करोड रूपए के निवेश वाले ग्रीनफील्ड ईएमसी की स्थापना।
[३]. जीएमआर इंफ्रा द्वारा तमिलनाडु के होसुर में 527.1 एकड़ जमीन पर 606 करोड़ के निवेश वाले ग्रीनफील्ड ईएमसी की स्थापना।
कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा
कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा
श्री कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू और इसके भाषियों को तकनीकी+ शिक्षा +विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल की
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज यहां विभिन्न माध्यमों के लिए ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी किए। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के भारतीय भाषाएं कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान के तहत विकसित यह फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जनता के इस्तेमाल के लिए निशुल्क उपलब्ध होंगे। डिजिटल माध्यम पर भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी विभाग पर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मुख्य बल दे रहा है।
किसी भाषा की वृद्धि के लिए सामग्री रचना और उपभोग महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है तथा इसी को ध्यान में रखते हुए जनता के लिए निम्नलिखित उर्दू फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जारी किए जा रहे हैं:
1]. नक्श लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 12
2]. नसतालिक लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 1
3]. बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट, फोनेटिक और विंडो 32/64 बिट आप्रेटिंग सिस्टम के लिए अनुकूल उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
4.] एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाले कीबोर्ड के साथ उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
मंत्रालय द्वारा जारी विवरण के अनुसार उूर्दू फान्ट वह पहला संपर्क है जो यूजर अपनी स्क्रीन पर एप्लिकेशन के साथ करता है तथा मोटेतौर पर यह फान्ट की पसंद और आकर्षण है जो एप्लिकेशन को दृश्यात्मक रूप से आकर्षक बनाता है। सीडैक और जिस्ट ने फान्ट विकसित करते समय इन तथ्यों को हमेशा ध्यान में रखा है।
कुल 12 नक्श और 1 यूनिकोड 6.2 के अनुकूल फान्ट जनता के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
उर्दू के लिए जनवरी 2007 में जारी कीबोर्ड ड्राइवर इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट पर आधारित था जिसे अब इनस्क्रिप्ट स्टैंडर्ड को बढाकर आधुनिक यूनिकोड स्टैंडर्ड 6.2 के अनुकूल बनाया गया है। नया उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित है जो इस्तेमाल करने वाले को यूनिकोड साफ्टवेयर में टाइप करने, ईमेल लिखने, उर्दू में चैट करने की सुविधा देता है। यह सीधे दाई तरफ से बाई तरफ लिखने के लिए अनुकूल है तथा नोटपैड, एमएस वर्ड, इत्यादि जैसी विंडो में भी काम करता है।
एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाला कीबोर्ड
एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए ऑनस्क्रीन कीबोर्ड ड्राइवर, 3 लेयर्ड – अंग्रेजी क्वेरटी लेयर, अंग्रेजी को सपोर्ट करने के लिए उपलब्ध कराइ्र गई है। यह एंड्रॉयड वर्जन 4.1 और उससे अधिक को सपोर्ट करता है।
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