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Tag: MinistryOfHomeAffairs

सियासी फैलाव और आर्थिक विकास का नारा जनजीवन को उमस से तड़पा रहा

#मोदीभापे !
#दिलकेफफोले
बादल छायें हो आसमान में तो धरती पर उमस जान लेवा होती है
सियासी फैलाव और आर्थिक विकास का नारा भी कुछ ऐसा ही है
बादल जब बरसते हैं तो धरती में जीवन दोबारा सांस लेने लगता है
तुम भी इंसाफ की चंद बूंदे बरसाओ तो पीड़ित का अंतर्मन शांत हो
www.jamosnews.com
#कम्पेनसशन/#रिहैबिलिटेशन/#अलॉटमेंट क्लेम की लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

Goa Scrapped 100,Launched Dial 112 for Police+Fire+Med

(Panaji) Goa Scrapped 100,Launched Dial 112 for Police+Fire+Med
The Goa government on Wednesday launched ‘112’ as the new integrated emergency number for police, fire and medical emergencies replacing the traditional dial number ‘100’.
, Chief Minister Pramod Sawant said the response time of agencies concerned to any emergency will come down drastically, which will effectively bring down prevalence of crime.
“The service has been launched with the help of the Union Ministry of Home Affairs,”
Sawant said two centres at Panaji and Margao have been established as a part of the new integrated service.

१९४७ में छोड़ी गई जमीन और रेफुजियों को अलॉटमेंट की जांच आवश्यक

[चंडीगढ़,दिल्ली]१९४७ में छोड़ी गई जमीन और उसकी रेफुजियों को अलॉटमेंट की जांच आवश्यक
१९४७ के विभाजन के दौरान देश में छोड़ी गई जमीन और फिर उसे रेफुजियों को अलॉटमेंट प्रक्रिया की जांच
आवश्यक है|
आजादी के बाद से ही इस अलॉटमेंट प्रक्रिया पर सवाल उठते आ रहे हैं |
1947 में बढ़ी संख्या में मुस्लिम परिवार अपनी उपजाऊ जमीनों+मूलयवान सम्पत्ति को भारत सरकार के भरोसे छोड़ कर पाकिस्तान जाने को मजबूर हुए|उनकी उस सम्पत्ति को भारत में आ रहे हिन्दू शरणार्थियों को अलॉट किया गया लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक उन जमीनों+सम्पत्ति का लेखा जोखा नही है| केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर पंजाब हरियाणा और यूपी की सरकारें इस दिशा में बचती फिर रही है |तमाम सरकारें इसकी जांच भी करवाने को तैयार नही है |२००५ में पंजाब में बाकायदा एक्ट जारी करके रेफुजियों के सारे हक़ जब्त कर लिए गए,जिसके फलस्वरूप ओल्ड लैंड रिकॉर्ड कार्यालयों से लेकर उच्च अदालतों में भी हजारों केस अपनी तारीखों के लिए जूतियां रगड़ रहे हैं|पीएमओ भी महज पोस्ट ऑफिस की भूमिका निभाने में व्यस्त है |तीन साल से इसके ग्रीवांस सेल्ल के पोर्टल पर कोई प्रगति अपलोड नहीं की जा रही है|पंजाब के मुख्य सचिव के पोर्टल का भी कमोबेश यही हाल है|१९८४ के पीड़ितों को मुआवजे के लिए बंद पढ़े कानून की कतबों को खुलवाने के लिए वर्तमान पंजाब सरकार पूरा जोर लगा रही है लेकिन २००५ के एक्ट को खुलवाने के लिए उसमे कोई रूचि नहीं है |
मेरे अनुभव के अनुसार ये जमीन बढ़ी संख्या में भारत आने वाले हिंदुओं को महज कागजों में ही अलॉट की गई |अधिकांश को केंसिल दिखा कर टरका दिया गया| केंसिल की गई जमीनों का पुनः अलॉटमेंट की कोई सूचना देने को तैयार नहीं है| व्यक्तिगत प्रयासों से ज्ञात हुआ है के पटवारियों के खातों में अभी भी ऐसी भूमि पढ़ी हुई है| जिन पर अवैध कब्जे कराये गए हैं|इसी से स्वाभाविक शक पैदा होता है के बढ़ी मात्रा में बंदरबांट की गई है |
इसी के मध्यनजर क्यूँ ना पंजाब और हरियाणा के साथ यूपी में भी 1947 की जमीनों की जांच हो जाये

दिल्ली ऍन सी आर में आज भी आंधी+तूफ़ान+बारिश की संभावना:गृह मंत्रालय

[नई दिल्ली] दिल्ली -ऍन सी आर में आज भी आंधी तूफ़ान की संभावना : गृह मंत्रालय
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार आज भी दिल्ली और आस पास के राष्ट्रीय राजधानी छेत्र [ NCR ] में आंधी तूफ़ान के साथ बारिश हो सकती है |इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट द्वारा मौसम की चेतावनी के हवाले से गृह मंत्रालय द्वारा कहा गया है के फरीदाबाद+बल्लभगढ़+खुर्जा+ग्रेटर नॉएडा+बुलन्दशहर आदि में मौसम ख़राब हो सकता है
मालूम हो के बीते सप्ताह डस्ट स्ट्रोम के चलते पांच राज्यों में १२४ लोग असमय काल का ग्रास बन गए जबकि ३०० से अधिक घायल हुए हैं |इस त्रासदी की पुनरावृति को रोकने के लिए ,हानि को सिमित करने के उद्देश्य से यह चेतावनी जारी की गई है

पंजाब में जमीनों पर अवैध कब्जों का खेल अभी भी जारी है

पंजाब में जमीनों पर अवैध कब्जों का खेल अभी भी जारी है
जीहां जंगालत मंत्री साधू सिंह धर्मसोत की नवीनतम स्वीकारोक्ति तो यही दर्शाती है|
जंगलात मंत्री के अनुसार पंजाब में जंगलात विभाग की 31000 एकड़ भूमि पर अकालियों ने अवैध कब्जे कराये हैं लेकिन इस जंगलराज से मुक्ति के लिए पंजाब की मौजूदा 1 साल की सरकार से कोई प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई है |
रब्ब झूट ना बुलवाये !
पंजाब में १९४७ से ही कब्जे का खेल शुरू है |
शरणार्थियों को विभागीय कागजों में तो रिहैबिलिटेशन क्लेम आल्लोट कर दिए गए मगर उन्हीं प्लॉट्स पर अपनों से अवैध कब्जे भी करवा दिए गए |२००५ में बेशक तत्कालीन मरकजी सरकार ने सूचना का अधिकार राष्ट्र को दिया लेकिन उसी वर्ष काला क़ानून लाकर शरणार्थियों की तमाम वेदनाओं+समस्यायों को दफन कर दिया गया |रिहैबिलिटेशन के उनके सभी अधिकारों पर कुठाराघात किया गया|वर्तमान में आर टी आई के अंतर्गत सूचना मांगने पर पंजाब से दिल्ली तक एक विभाग से दूसरे विभाग में केवल टरकाया जा रहा है |जिसके फलस्वरूप बेचारे पीड़ितों के बचे खुचे वंशज अभी तक इस लोकतंत्र को रो रहे हैं |
70 वर्ष पहले अपना हिन्दुतत्व बचाने को पूर्वज पुश्तैनी घर छोड सिर कटे हिन्दूओ को देखते अनजान आश्रय की खोज में हिन्दुस्तान के लिये निकले थे जिसका दर्द शायद धर्मनिरपेक्षता का छद्म चश्मा लगाए लोग ना समझ पाये
सरकारें आई और गई लेकिन विश्व की सबसे बड़ी इस त्रासदी के पीड़ितों को भारत में कोई भी सरकार न्याय नही दे पाई
यह शायद लोकतन्त्र का अपमान है

दलित उत्पीडन के नाम पर असंवैधानिक विरोध प्रदर्शन

BharatBand

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[दिल्ली,चंडीगढ़]दलित उत्पीडन के नाम पर जो असंवैधानिक विरोध प्रदर्शन हो रहा है उससे ना केवल खुफिया तंत्र की कमी वरन राजनितिक दलों में मौके को भुनाने की वासना भी बेहद खल रही है|
भारत बंद के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सुरक्षात्मक कदम उठाने, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और लोगों के जीवन तथा संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा जरूर है लेकिन इसके बावजूद देश भर में हिंसा को तांडव हुआ उससे न केवल आंदोलन की भावना परप्रश्न चिन्ह लगा वरन सरकारी और जन साधारण की संपत्ति के स्वाह होने बहुमूल्य ९ जीवन नष्ट किये जाने पर भी राजनितिक दलों द्वारा एक दूसरे पर दोषारोपण की अग्नि प्रज्वलित करके हाथ सेंकने से उनकी निष्ठां भी घेरे में आ गई है|
एस/एसटी अधिनियम मुद्दे पर बंद के आह्वान के मध्यनजर हुई हिंसा के प्रति सुरक्षात्मक उपाय कराने में खुफिया तंत्र फेल साबित हुआ है ,चूँकि जो बची खूची सीआईडी +सीबीआई +आर्मी एंतेलिजेंस हे उससे राजनितिक आंकडे सही कीए ज़ाते है
जिम्मेदार कांग्रेस और वाम दलों ने भी हिंसा को रोकने में गाँधीवादी कदम उठाने के बजाय केवल आरोप प्रत्यारोप के आसान मार्ग को ही चुना |
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब ने ही केंद्र से केन्द्रीय बलों की मांग जरूर की और केंद्र सरकार के अनुसार उन्हें वह मुहैय्या भी करवाई गई इसके बावजूद भाजपा शासित मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भारी जानमान का नुकसान हुआ | शायद यहां भी योगी सरकार राज्य सभा में मिली जीत से अतिउत्साह में भारत बंद की गंभीरता को भांपने में सफल नहीं हुई |
पंजाब में जरूर एक दिन पूर्व ही सतर्कता बरतते हुए बस एवं मोबाइल सेवाएं निलंबित कर दी गई शिक्षण संस्थाओं को बंद करा दिया गया |यहाँ तक के CBSE के पेपर भी स्थगित करवा दिए गए |बेशक कांग्रे शासित इस राज्य में अपने केंद्रीय न्रेतत्व के भारत बंद के आह्वाहन को सफल बनाने को यह कदम उठाया गया लेकिन यह कारगार साबित हुआ |
सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर राज्य के कुछ हिस्सों में फ्लैग मार्च निकाला।

केंद्र ने विदेश से धन प्राप्तकर्ता पीएचएफआई पर नकेल कसी

[नई दिल्ली]केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेश से धनराशि प्राप्तकर्ता पीएचएफआई पर नकेल कसी |इनफ़ोसिस लिमिटेड के संस्थापक नारायण मूर्ति इसके चेयरमैन हैं और सदस्यों में डॉ .मोंटेक सिंह अहलूवालिया और अमर्त्यसेन भी हैं
विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के कथित उल्‍लंघन के बारे में जानकारी प्राप्‍त होने के बाद पीएचएफआई के पंजीकरण के नवीनीकरण को प्रारंभ से ही अस्‍थायी घोषित कर दिया गया।
केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज एक प्रश्‍न के उत्तर में लोकसभा में बताया के पीएचएफआई को प्रत्‍येक तिमाही के अंत में विदेश से प्राप्‍त होने वाले योगदान के संबंध में स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय को विस्‍तृत जानकारी देनी होगी। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा एक समिति का गठन किया गया है जो पीएचएफआई द्वारा त्रैमासिक आधार पर प्राप्‍त व खर्च किए गए विदेशी योगदान की समीक्षा करेगा।

कैनेडियन “अटवाल” भारत की “ब्लैक लिस्ट” में नहीं,फिर भी उसके वीजा पर सवाल

[नई दिल्ली]कैनेडियन “अटवाल” भारत की “ब्लैक लिस्ट” में नहीं,फिर भी उसके वीजा पर सवाल
कैनेडियन गर्मख्याली “अटवाल” को लेकर भारत के विदेश और गृह मंत्रालयों में तालमेल का अभाव है
विदेश मंत्रालय के प्रेस ब्रीफिंग में पूछे गए एक प्रश्न में मंत्रालय के अधिकारी रवीश कुमार ने गर्मख्याल जसपाल अटवाल को भारत का वीजा देने में
अनभिज्ञता जाहिर की
और कनाडियन रात्रि भोज में अटवाल के नाम को निरस्त किये जाने की सूचना देते हुए कहीं न कहीं अटवाल को आतंकवादी स्वीकार किया
लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय के ताजा ब्यान के अनुसार जसपाल अटवाल अब भारत की ब्लैक लिस्ट में नहीं है| मंत्रालय के अनुसार हाल ही में १५० सिख टेररिस्ट को ब्लैक लिस्ट से हटाया जा चूका है |ये लोग अब अन्य लोगों की भाँती भारत में आजा सकते हैं|सम्भवत इसी छोट का फायदा उठा कर अटवाल भारत में कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल के भोज में निमंत्रण पा गया होगा|
मालूम हो के जसपाल अटवाल प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख युथ फेडरेशन से जुड़ा एक सिख टेररिस्ट था |पंजाब के मिनिस्टर मालकियत सिंह सिद्धू पर १९८६ में गोलियां बरसाने के अपराध में २० साल की सजा पा चूका है|वर्तमान में अटवाल कनाडा की राजनीति में बेहद सक्रिय है और भारत के मीडिया के भी निशाने पर है |
अब प्रश्न यह उठता है के जब अटवाल ब्लैक लिस्ट में नहीं है और अपने अपराध की सजा पा चूका है तब कैनेडियन प्रधान मंत्री के सम्मान में दिए जाने वाले भोज से उसका नाम क्यूँ काटा गया |भारतीय मंत्रालयों को अटवाल के भारत मेंप्रवेश करने लिए जारी हुए वीजा के विषय में अनभिज्ञता क्यूँ दर्शाई जा रही है
फाइल फोटो
गोल्डन टेम्पल अमृतसर

जाली मुद्रा पकड़ने के लिए भारत अब बांग्लादेश पुलिस को प्रशिक्षित करेगा

[नयी दिल्ली]जाली भारतीय मुद्रा पकड़ने के लिए भारत अब बांग्लादेश के २०० पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करेगा
यह प्रशिक्षण एनआईए द्वारा दिया जाएगा|देश में किसी भी एक समय पर 4,000 करोड़ रु मूल्य की जाली मुद्रा चल रही होती है
आतंकवादी घटनाओं की जांच करने वाली एजेंसी एनआईए जाली भारतीय करेंसी नोटों [एफआईसीएन] को पकड़ने के लिए बांग्लादेश के करीब 200 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देगी। भारत में करीब 80 % जाली नोट इस पड़ोसी देश के रास्ते भारत आते हैं।
एनआईए, भारतीय रिजर्व बैंक तथा आर्थिक मामलों के विभाग और गृह मंत्रालय के साथ सहयोग से बांग्लादेश के अधिकारियों को प्रशिक्षण देगी। इसमें खुफिया जानकारी को तत्काल आधार पर साझा करना भी शामिल है।
भारतीय बाजार में प्रचलन में जारी नोटों के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं होने की वजह से एनआईए ने 2012-13 में कोलकाता के संस्थान को इसके बारे में अध्ययन को कहा था।
इस अध्ययन के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और देश के बाहर से यहां परिचालन कर रहे अंडरवर्ल्ड गैंग ने यहां करीब 70,000 करोड़ रपये की जाली मुद्रा झोंकी हुई है। इसमें से सिर्फ एक-तिहाई को ही विधि प्रवर्तन एजेंसियों ने पकड़ा है।
अध्ययन में कहा गया था कि किसी भी समय पर 4,000 करोड़ रु मूल्य की जाली मुद्रा चल रही होती है। एनआईए सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश द्वारा सहयोग बढ़ाने के बाद इसमें कमी आई है।
फाइल सिंबॉलिक फोटो

पश्चिमी पाकिस्तान से आये पौने छह हजार शरणार्थी परिवारों ने जे&के में नागरिकता मांगी

[नई दिल्ली ] पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों ने जे &के में नागरिकता मांगी ये शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में बसे हैं|
1947 में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले के पीड़ित लगभग 5764 परिवार जम्मू, कठुआ और रजौरी जिलों में रहते हैं।इन्होंने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को इस विषय में एक मांग-पत्र पेश किया
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष श्री लाभा राम गांधी के नेतृत्व में आज गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें एक मांग-पत्र प्रस्तुत किया।
मांग-पत्र में जम्मू-कश्मीर में
नागरिकता,
जम्मू-कश्मीर में पुनर्वास के लिये विशेष पैकेज,
राज्य चुनावों में मताधिकार और
चुनाव लड़ने का अधिकार,
जमीन का आबंटन,
विशेष भरती,
तकनीकी/व्यावसायिक संस्थानों में शिक्षा का अधिकार,
एससी/ओबीसी प्रमाणपत्र प्रदान करना शामिल है।
प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के लिये राहत आयुक्त को नियुक्त करने की भी मांग की ताकि उनकी शिकायतों को दूर किया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल की भावनाओं की कद्र करते हुये राजनाथ सिंह ने प्रतिनिधमंडल को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है जो उनके दैनिक विषयों को हल करने के लिये शरणार्थी समुदाय के साथ विशेष समन्वय स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय एक उपयुक्त प्रावधान पर काम कर रहा है ताकि राज्य सरकारों द्वारा पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को एससी/एसटी/ओबीसी प्रमाणपत्र जारी न करने सम्बंधी समस्याओं का निपटारा हो सके।
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में बसे हैं और वे भारत के नागरिक हैं और उन्हें संसदीय चुनाव में वोट देने का अधिकार है। हालांकि वे जम्मू-कश्मीर संविधान के संदर्भ में राज्य के स्थायी नागरिक नहीं हैं। उन्हें विधान सभा और स्थानीय निकायों के चुनावों में वोट देने का अधिकार नहीं है। जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को जम्मू-कश्मीर के संविधान के दायरे में स्थायी निवासी का दर्जा प्रदान करने से उन्हें राज्य सरकार की नौकरियां प्राप्त करने, राज्य तकनीकी/व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश लेने और जम्मू-कश्मीर राज्य में जमीन/अचल सम्पत्ति खरीदने/प्राप्त करने में सुविधा होगी।
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के बच्चों को अर्ध सैनिक बलों में भरती करने का कोई अलग प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। बहरहाल, इन बच्चों को जम्मू-कश्मीर सरकार के अधिकृत प्राधिकार द्वारा जारी आवासीय प्रमाणपत्र होने की शर्त के बिना केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भरती के लिये अनुमति है।
अन्य प्रमाणों में संसदीय मतदाता सूची में उनका नाम शामिल होने को भी उनके पश्चिमी पाकिस्तान का शरणार्थी होने के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है। इसके अलावा गांव के नंबरदार/सरपंच द्वारा जारी प्रमाणपत्र को भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में जम्मू-कश्मीर के कोटे के तहत भरती के लिये स्वीकार किया जा सकता है। इन शरणार्थियों के बच्चे अर्ध सैनिक बलों में जम्मू-कश्मीर के लिये तय रिक्तियों के संदर्भ में आवेदन करने के योग्य हैं।
1947 में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले के मद्देनजर लगभग 5764 परिवार तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान से विस्थापित हो गये थे और वे जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यतः जम्मू, कठुआ और रजौरी जिलों में रहते हैं।
पूर्वोत्तर राज्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और गृह सचिव श्री राजीव महर्षि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
Photo caption
A delegation of West Pakistani Refugees led by its President Shri Labha Ram Gandhi calling on the Union Home Minister, Shri Rajnath Singh, in New Delhi on September 23, 2016.
The Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Atomic Energy and Space, Dr. Jitendra Singh and the Home Secretary, Shri Rajiv Mehrishi are also seen.