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Arvind Kejriwal Keeps Election Commission Busy: Natural Gas And Sharad Pawar

Aam Aadmi Party Supremo Arvind Kejriwal Is Keeping Election Commission Busy These Days .Kejriwal on one hand, welcomes election commission’s intervention in prize hike of natural gas and ,on the other hand, provides home work against Maharashtra Big Shot Sharad Pawar.
AAP Party has welcomed Election Commission direction to the Central Government to defer its decision of doubling the prices of natural gas from April 1.
The AAP Congratulates the people of the country for having supported the party stand on the issue.
Earlier AAP Party wrote a letter to E C and alleging that the UPA Government had violated the Model Code of Conduct.
The EC decision has come within four days of the AAP National Convenor’s letter
Apart From This “AAP” Party strongly condemns Union Minister and NCP Chief Sharad Pawar’s advise to voters to indulge in bogus voting. AAP will write to the Election Commission and ask them to take strict action against Mr Pawar and his party NCP. Such brazen calls to indulge in corrupting democratic processes must not go unpunished.
It Is stated by the party “Last time (in 2009), the polling in Satara and Mumbai was on the same day and people went to their hometowns. But this time, polling in Satara is on April 17 and here on April 24,” Pawar said on Sunday, addressing a gathering of “mathadi” workers (head loaders) who hail from that district in Western Maharashtra. “Vote for the clock (NCP symbol) there (in Satara) and come back to vote for the clock here as well,” he said, and added “Do erase the ink mark which will be put when you vote first,” he said.While all are aware that there is rampant bogus voting in Maharashtra,

Arun Jaitley Advocates Bihar For Special category status and Caveat Double Standard U P A

Leader of Opposition In Rajya Sabha And B J P Leader Arun Jaitley Advocates Bihar For Special category status
Arun Jaitley In His Blog Said That Natural Resources are Now a part of Jharkhand Which Was Separated From Bihar Hence Special Status Is mandatory For A Bihar Like State Blogger Jaitley Said “There are several states in the Eastern part of the country which economically have not progressed in comparison to the others. These States have also suffered from natural disadvantages. Their resource mobilization itself has been inadequate. It is therefore natural that these States aspire to get a special category status which will ensure higher central revenues and grants.
Bihar has been one such State which has been aspiring for a special category status. On account of division of the original Bihar between Bihar and Jharkhand, natural resources became a part of Jharkhand. The NDA government in all these years in Bihar had repeatedly demanded a special category status for Bihar. Amongst the political parties of Bihar there is a near consensus on this issue. The Congress in the last two years has held an olive branch to the JD(U) that it was willing to consider the grant of special category status to Bihar
While Targeting Double Standard Of Ruling U P A Jaitley said ” In the 2013 General Budget speech the Finance Minister had in fact indicated that the Government would constitute a committee in order to favourably consider the grant of special category status to Bihar. This assurance was more political than being linked to the economic necessities of Bihar.The intention of the UPA was to lead the JD(U) up the garden path that the special category status to Bihar was indeed coming. I do not know how the astute leadership of the JD(U) fell for this. Coincidentally the signaling towards this special category status was also at the same time when the JD(U)- BJP break-up in relationship took place. Once the JD(U) was on its own the special category status did not come. Simultaneously, in the Swayamvar between the RJD and JD(U) the Congress party preferred its old ally. Newspaper reports now indicate that the seat sharing between the RJD and the Congress is somewhat stalemated. The JD(U) has organized a state wide protest to demand the special category status. The media has also indicated that the JD(U) may even now attempt an alliance with the Congress, a party which has already double-crossed it on the special category status.

सी बी आई पुरानी हुई तो अब सीधे सीधे खरीद फरोख्त


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी पर सतर्क भाजपाई

ओये झल्लेया ये हमारी डेमोक्रेसी किस दिशा में जा रही है|केंद्र सरकार को अपने कब्जे में रखने के लिए अभी तक तो सी बी आई और इनकम टैक्स जैसे विभागों का इस्तेमाल किया जा रहा था अब तो हद ही हो गई हसाड़े सहयोगी जे डी यू को हमसे तोड़ने के लिए सी बी आई काम नही आई तो सरकारी १२००० करोड़ रुपयों की कीमत देकर खरीदने की कौशिश की जा रही| ओये ऐसे देश चलता है क्या?ओये अब सी बी आई पुरानी हुई तो सीधे सीधे खरीद फरोख्त ?

सीधे सीधे खरीद फरोख्त

सीधे सीधे खरीद फरोख्त

झल्ला

भोले सेठ जी आप जी को तो तभी समझ जाना चाहिए थे जब जे डी यू के सी एम् नितीश कुमार ने अकारण ही नरेन्द्र मोदी पर बिहारी तीर चलाये थे |खैर इससे आपजी के एन डी ऐ को दो फायदे हुए हैं |आपके नरेन्द्र मोदी को बैठे बिठाए पब्लिसिटी मिली और आपके सहयोग से चल रही बिहार सरकार को मिलगये १२००० करोड़ रुपये|अब आप की बिहारी पार्टी इस कीमत को कम बता रही है यानी खम्बा नौचा जा रहा है| बिहार में इस जे डी यू पार्टी के २० ही तो सांसद हैं और भाई अब जितना विरोध किया गया उतना ही तो कीमत तय होगी|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

हमारी सरकार स्थिर है और सरकार की पतवार हमारे सशक्त हाथों में है ,हमारी सरकार के बहुमत को किसी भी पार्टी ने चेलेंज भी नही किया है ऐसे में हमें कोई खतरा नहीं है इसीलिए हम देश में विकास की नाव को लगातार आगे खे ते [चलाते]रहेंगे| श्रीलंका में तमिलों का ही सिर्फ अब प्रश्न है इसके लिए प्रस्ताव को ड्राफ्ट करने उसकी भाषा या कंटेंट पर आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे है|ये आत्म विश्वास आज दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सरकार ने व्यक्त किया| वित्त मंत्री पी चिदम्बरम+संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस में यह विश्वास व्यक्त किया|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है


इन तीनो वक्ताओं ने इंग्लिश +तमिल और हिंदी भाषा में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया के कुछ दलों द्वारा प्रस्ताव के लिए कुछ सुझाव या आपत्तियां दी गई हैं उन पर चर्चा जारी है कुछ ही समय में इस पर निर्णय ले लिया जा जाएगा|
उन्होंने कहा की सरकार की कमजोरी का सवाल ही पैदा नहीं होता अभी बीते दिन ही आम आदमी के हित में बिल पास कराया है और ऐसा ही आगे भी कर लिया जाएगा| ९ सालों से लगातार घटक दलों के सहयोग से सरकार चला रहे है कभी बहुमत का प्रश्न नहीं आया अभी भी नहीं आएगा|
उन्होंने घटना क्रमका ब्यौरा देते हुए बताया कि तमिल नाडू में सत्ता रुड जयललिता की सरकार ने केंद्र को एक पत्र लिखा था जिसमे यूं एन में बनाए जा रहे प्रस्ताव में संशोधन के लिए कहा गया था कमोबेश यही मांग उनकी विरोधी डी एम् के ने भी की थी मगर बाद में करूणानिधि ने स्टेंड में थोड़ा परिवर्तन कर लिया| श्रीलंका में तमिलों के हितों के लिए स्वर्गीय इंदिरा गांधी और राजिव गांधी के समय से ही कांग्रेस के स्टेंड के विषय में सबको जानकारी है इसीलिए अब इसविषय को हल्का करने का कोई प्रयास नहीं किया जाएगा| अब केवल यूं एन के प्रस्ताव में संशोधन के लिए आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं|
गौरतलब है कि ५३९ सदस्यों वाली संसद में बहुमत सिद्ध करने के लिए २७१ सांसदों की जरुरत है| डी एम् के के १८ सदस्यों को हटाने के बाद भी सरकार अल्प मत में नहीं दिखती|
कांग्रेस के =२०२
एन सी पी =०९
बी एस पी=२१
रालोद=०५
जी डी एस =०३
सपा=२२
और अन्य =२२ हैं
अज के नए घटना क्रम में सपा ने राजनीतिक पैतरें दिखाने शुरू कर दिए हैं यदि सपा अपना सपोर्ट वापिस लेते है तब कुछ चिंता की बात होगी लेकिन सरकार के आत्म विशवास को देखते हुए २०० सांसदों वाली नितीश कुमार की पार्टी के स्टेंड को समझा जा सकता है|

केंद्र सरकार अपने इटली कनेक्शन के कारण रक्षा सौदों में घूसखोरी को लेकर संदेह के घेरे में आ रही है

कांग्रेस की केंद्र सरकार एक बार फिर अपने इटली कनेक्शन के कारण रक्षा सौदों में घूसखोरी को लेकर संदेह के घेरे में आ रही है| अति विशिष्ठ व्यक्तियों के लिए खरीदे गए साड़े तीन हज़ार करोड़ के अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के लिए सड़े तीन सो करोड़ की दलाली लिए जाने के आरोप लग रहे हैं|इन आरोपों की आंच तत्कालीन एयर चीफ मार्शल एस पी त्यागी+यूं पी ऐ के रक्षा मंत्रालय +पी एम् ओ +एन डी ऐ आदि पर आ रही है|श्री त्यागी ने बड़ी सफाई से घूस लेने के आरोपों का खंडन किया और शक की सुई एन डी ऐ की तरफ भी मोड़ने की कौशिश की है|भाजपा ने इसे सिरे से नकार कर सीधे पी एम् ओ और यूं पी ऐ की सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गांधी पर निशाना साध दिया है|
हेलीकॉप्टर घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल कर दी गई है.| जिसमे हेलीकॉप्टर सौदे के घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायलय की निगरानी में एसआईटी या सीवीसी से कराई जाने की मांग की गई है|हेलीकॉप्टर घोटाले में पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी पर भी उंगलियां उठ रही हैं. त्यागी पर भी घूस लेने के आरोप लग रहे हैं लेकिन पूर्व वायुसेनाध्यक्ष सारे आरोपों से इनकार कर रहे हैं.अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में दलाली के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है.

बीजेपी ने ऐलान किया

है कि वो इस मामले को संसद में उठाएगी. साथ ही संसद के बाहर भी ये मुद्दा उठेगा.वहीं खुलासे पर

रक्षा मंत्री एके एंटनी ने

कहा कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो हेलीकॉप्टर सौदा रद्द भी किया जा सकता है.गौरतलब है कि रक्षा सौदे के संबंध में भारत के पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी पर गंभीर आरोप लगे हैं . इटली की जांच एजेंसी की रिपोर्ट में त्यागी का नाम सामने आया है. कहा गया है कि त्यागी को घूस दी गई थी. घूस देने के आरोप में इटली की पुलिस डिफेंस कंपनी फिनमेक्कनिका के सीईओ को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. फिनमेक्कनिका के सीईओ पर 350 करोड़ रुपये घूस देने के आरोप है.
अति विशिष्ट व्यक्तियों[वी वी आई पी] के इस्तेमाल के लिए इटली की कंपनी से खरीदे जाने वाले अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर में दलाली के लेन-देन का मामला उजागर होना देश को शर्मसार करने के लिए पर्याप्त है।इस सौदे में दलाली के लेन-देन की खबर आते ही जिस तरह मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने के साथ ही सौदे को रद्द करने के संकेत दिए गए और सरकार ने रक्षात्मक मुद्रा अपना ली उससे दाल में कुछ काला होने के संदेह और गहरातेजा रहे हैं होती है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने यह भी संकेत दिया है कि यदि सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में दलाली के लेन-देन की बात सामने आती है तो इटली की इस कंपनी को काली सूची में डाला जा सकता है। पिछले कुछ वर्षो में छह कंपनियों को काली सूची में दर्ज किया जा चुका है।
चूंकि भारत सरकार के दावों के बावजूद रक्षा सौदों को लेकर संदेह भरे सवाल उठ खड़े होते हैं इसलिए पूरी दुनिया को रह-रहकर यह संदेश जाता है कि भारत भ्रष्टाचार में धंसा हुआ है। इससे भी खराब बात यह है कि घपले-घोटालों की आशंका के चलते एक के बाद एक रक्षा सौदे लंबित होते जा रहे हैं। इसकी कीमत भारतीय सेना को चुकानी पड़ रही है। ऐसे विमानों, उपकरणों, हथियारों की सूची लंबी होती जा रही है जो बहुत पहले उपलब्ध हो जाने चाहिए थे। इस पर आश्चर्य नहीं कि 12 हेलीकॉप्टरों के सौदे में दलाली की बात सामने आते ही केंद्र सरकार ने एक अन्य हेलीकॉप्टर सौदे को ठंडे बस्ते में डालना बेहतर समझा।

यह उजागर कैसे हुआ

इटली में सरकार सिल्वियो बर्लुस्कोनी की थी और उनकी गठबंधन सरकार में शामिल धुर दक्षिणपंथी पार्टी लेगा नोर्ड पर आरोप था कि इस सौदे मे एक बड़ी दलाली इस पार्टी को मिली थी। बर्लुस्कोनी की सरकार बदल गई और मारियो मोटी की सरकार बनी। इस सत्ता परिवर्तन के साथ ही मामले का भंडाफोड़ हो गया। फिनमेक्कानिका मे शीर्ष पद पर बैठे लोरेजा बोर्गोग्नी ने अध्यक्ष ओरसी से अपना पुराना बदला चुकाया और हेलीकाप्टर सौदे मे दलाली खाए जाने की पोल खोल दी।गौरतलब है की इस कंपनी में इटली की सरकार की भी ३०% की हिस्से दारी बताई जा रही है|
इस एक साल पुराने घटनाक्रम में ऐसा नया मौड़ आने से भाजपा इन हेलीकाप्टरों में बोफोर्स तोप से बड़ी दलाली देख कर केंद्र को घेरने की पूरी तैय्यारी कर रही है तो केंद्र ने भी आनन फानन में केस सी बी आई को सौंप कर अपना पल्ला झाड़ने की कौशिश की है|अब जबकि घूस देने वाले इटली में गिरफ्तार हो चुके हैं तब घूस लेने वाले भी तत्काल बुक किये जाने जरुरी हो गए हैं|यह देश की रक्षा सेवाओं के साथ साथ पूरे देश के लिए एक दाग है जिसे धोने के लिए आरोप प्रत्यारोपों की लीपा पोती पर्याप्त नहीं होगी |न्याय जल्द और दीखता हुआ होना ही वक्त की मांग है|