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Tag: Natural Disaster in uttrakhand

उत्तराखंड में कांग्रेस के केंद्रीय न्रेतत्व ने छत्रिय कार्ड खेलते हुए सांसद हरीश रावत को आठवां सी एम् बनाया

उत्तराखंड में कांग्रेस के केंद्रीय न्रेतत्व ने छत्रिय कार्ड खेलते हुए जमीन से जुड़े वरिष्ठ नेता हरीश रावत को प्रदेश की कमान सोंप कर एक तरफ तो पार्टी में भीतरी असंतोष को दूर किया तो इसके साथ ही लोक सभा के चुनावों में उतरने के लिए नया चेहरा भी उतारा|प्रदेश में पांच लोक सभा की सीटें हैं कांग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि चीफ मिनिस्टर विजय बहुगुणा के पूरे मंत्री मंडल को बदलने का निर्णय सर्व सम्मति से ले लिया गया है| विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद हरीश रावत और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई लेकिन उनके मंत्रिमंडल में फिलहाल सारे पुराने चेहरों को ही रखा गया है|हरीश रावत उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री हैं
देहरादून में कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने मुख्यमंत्री के रूप में रावत के नाम की घोषणा की थी। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में औपचारिक ऐलान से पहले ही हरीश रावत के देहरादून पहुंचने पर उनके समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के बीच भव्य स्वागत किया।
प्रदेश के कद्दावर नेता माने जाने वाले और स्वर्गीय ललित माकन तथा गांधीपरिवार के करीबी रावत के समर्थकों ने सुबह रेलगाड़ी से उनके उतरते ही रेलवे स्टेशन पर उन्हें घेर लिया और उनके समर्थन में नारे लगाते हुए उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया.
हरीश रावत इस समय केंद्र में मंत्री हैं और जब पार्टी ने 2012 में विधानसभा चुनाव जीता था, तब भी वो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे.
लेकिन तब कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को राज्य सरकार की कमान सौंपी थीं|
2012 में और आज यानी शनिवार को दोनों बार विधायक दल ने जिस व्यक्ति को अपना नेता चुना,वह सांसद है|
2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से यहाँ 13 वर्षों में आठ मुख्यमंत्री हुए हैं.विजय बहुगुणा की छवि ‘पैराशूट मुख्यमंत्री’ की रही है. विरोधी ख़ेमे के विधायक और मंत्री उनके ख़िलाफ़ गोलबंदी ही करते देखे जाते रहे हैं कहा जा रहा है कि . केदार नाथ में जून में आई प्रलयंकारी आपदा में राहत और बचाव में बेहद लापरवाही और राहत राशि के दुरुपयोग के आरोपों के कारण भी उन पर ये गाज गिरी है|

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा के सभी १८ बैच रद्द

कैलाश मानसरोवर यात्रा, 2013 के समस्त 18 बैच रद्द कर दिए गए हैं| यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के हित में यह निर्णय लिया गया है|
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूट पर सड़कों, पुलों एवं रास्तों पर निरंतर व्यवधान के मध्य नजर यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के हित में यात्रा- 2013 के शेष सभी बैचों 15-18 को भी रद्द करने का निर्णय लिया है।इसे पूर्व जत्था संख्या १४ तक रद्द किये जा चुके हैं|
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए कुल 18 जत्थे ही जाने थे।

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा

भारत सरकार के सौजन्य से हर वर्ष मई-जून में सैकड़ों तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं। इसका एक भाग चीन में पड़ता है | इसके लिए उन्हें भारत की सीमा लांघकर चीन में प्रवेश करना पड़ता है| कैलाश पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 20 हज़ार फीट है[भारत कोष]। इसलिए तीर्थयात्रियों को कई पर्वत-ऋंखलाएं पार करनी पड़ती हैं। यह यात्रा अत्यंत कठिन मानी जाती है। भारत कोष में वर्णित हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार जिसको भोले बाबा का बुलावा होता है, वही इस यात्रा को कर सकता है। सामान्यतया यह यात्रा 28 दिन में पूरी होती है। भारतीय भू-भाग में चौथे दिन से पैदल यात्रा आरम्भ होती है। भारतीय सीमा में कुमाउँ मंडल विकास निगम इस यात्रा को संपन्न कराती है | अंतर्राष्ट्रीय नेपाल तिब्बत चीन से लगे उत्तराखण्ड के सीमावर्ती पिथौरागढ़ के धारचूला से कैलास मानसरोवर की तरफ जाने वाले दुर्गम पर्वतीय स्थानों पर सडकें न होने और 75 किलोमीटर पैदल मार्ग के अत्यधिक खतरनाक होने के कारण हिमालय के मध्य तीर्थों में सबसे कठिनतम भगवान शिव के इस पवित्र धाम की यह रोमांचकारी यात्रा भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों द्वारा आयोजित की जाती है। इस पवित्र यात्रा पर केवल भारत ही नहीं अन्य देशों के श्रद्धालु भी जाते हैं। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बंद हुये इस मार्ग को धार्मिक भावनाओं के मद्देनज़र दोनों देशों की सहमति से वर्ष 1981 में पुनः खोल दिया गया था।
भगवान शिव के आवास की मनोहरी झांकी के दर्शन और पवित्र मानसरोवर झील में स्नान के लिए श्रृद्धालूओं की सुविधानुसार 18 जत्‍थे बनाये गए थे
अब चूंकि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आई हुई है और यात्रा के रूट पर सड़कों, पुलों एवं रास्तों पर निरंतर व्यवधान आ रहे हैं| इसीलिए यह पवित्र यात्रा रद्द की गई है |शिव तीर्थ केदार नाथ में आई त्रासदी के पश्चात शिव के ही मनोरम स्थल कैलाश मानसरोवर के दर्शन से भी श्र्धालूजन इस वर्ष वंचित ही रह जायेंगे

खाद्य विभाग के सार्वजनिक उपक्रमों ने उत्‍तराखंड बाढ़ पीडि़तों के लिए चार करोड़ रूपये दिए

खाद्य विभाग के सार्वजनिक उपक्रमों ने उत्‍तराखंड बाढ़ पीडि़तों के लिए चार करोड़ रूपये से अधिक का चैक सौंपा
उपभोक्‍ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री के. वी. थामस ने खाद्य विभाग के तहत सार्वजनिक उपक्रमों से 4,64,47,745 रूपये का एक चैक प्राप्‍त किया । सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों ने उत्‍तराखंड बाढ़ पीडि़तो के लिए प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय राहत कोष में अपना एक दिन का वेतन दान दिया है। श्री थामस ने फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, सेन्‍ट्रल वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी, सेन्‍ट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कम्‍पनी लिमिटेड और शर्करा विभाग के कर्मचारियों द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की। इस अवसर पर खाद्य सचिव श्री सुधीर कुमार और मंत्रालय तथा सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

एच सी एल ने प्रधान मंत्री राहत कोष में उत्तराखंड के लिए २.३३ करोड़ रुपये दिए

उत्‍तराखंड आपदाग्रस्तों की राहत और पुनर्वास के लिए हिंदुस्‍तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) ने प्रधानमंत्री राहत कोष में दो करोड़ रूपये की राशि का योगदान दिया है।
हिंदुस्‍तान कॉपर लिमिटेड के कर्मचारियों ने भी स्‍वेच्‍छा से अपना एक दिन का वेतन जिसकी कुल राशि 33 लाख 50 हजार रूपये है, प्रधानमंत्री राहत कोष में दी है।
हिंदुस्‍तान कॉपर लिमिटेड के सीएमडी श्री के. डी. दीवान ने केंद्रीय खान मंत्री श्री दिनशा पटेल को इस नेक काम के लिए दो चैक प्रदान किए गए। इस अवसर पर खान मंत्रालय में सचिव श्री आर.एच. ख्‍वाजा और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
केंद्रीय खान मंत्री श्री दिनशा पटेल ने एचसीएल और उसके कर्मचारियों द्वारा किए गए इस सहयोग के लिए उनकी सराहना की।

उत्तराखंड आपदा ग्रस्तों के पुनर्वास के लिए मिन्टिंग कारपोरेशन ने .1,94,53,९४३ रुपये दिए

उत्तराखंड आपदा ग्रस्तों के पुनर्वास के लिए मिन्टिंग कारपोरेशन ने .1,94,53,९४३ रुपये दिए | सिक्यूरिटी प्रिंटिंग एंड मिन्टिंग कारपोरेशन [SPMCIL ] के सी एम् डी एम् एस राणा ने अपने केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम को उत्तराखंड आप्दाग्रस्तों के लिए , प्रधान मंत्री राहत कोष[ Prime Minister’s National Relief Fund for Uttarakhand. ] में , .1,94,53,९४३ रुपये का चेक दिया
फोटो CMD, Security Printing and Minting Corporation of India Ltd., Shri M.S. Rana presenting a cheque of Rs.1,94,53,943/- to the Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram, in New Delhi,

Ministry of New and Renewable Energy sanctioned 20,000 solar lanterns for flood affected areas of Uttarakhand.

The Ministry of New and Renewable Energy has sanctioned central financial assistance of Rs. 4.4 crores for the distribution of 20,000 solar lanterns to the people in the flood affected areas of Uttarakhand.
The Ministry will be meeting the full cost of solar lanterns to be distributed. Each lantern costs approximately Rs. 2200. This project will be implemented by the Uttarakhand Renewable Energy Development Agency, Dehradun.
Union Minister for New & Renewable Energy, Dr. Farooq Abdullah received request from the Government of Uttarakhand for Solar Lanterns and issued its in principle, approval for the same, immediately.
These solar lanterns would provide lights in the far-flung and badly affected areas which have been totally cut-off from the grid and where the extension/repair of grid lines would take several months. These would help the villagers to not only complete their normal works after dusk but also keep off wild animals from their habitat.
The Ministry has been meeting 100% funding for distribution of solar lanterns to the natural calamity/ disaster affected people in different parts of the country. The Ministry had earlier provided for the full cost for 14000 solar lanterns for Aila affected people in West Bengal during 2009-10; 1000 solar lanterns in Leh during 2010-11 to people of flash flood affected areas and 14,900 solar lanterns in Sikkim during 2011-12 to the earth quake affected people.

आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने उत्‍तराखण्‍ड में १० हजार मकान निर्माण का ऐलान किया

आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने उत्‍तराखण्‍ड त्रासदी में ध्‍वस्‍त हुए मकानों के पुननिर्माण में मदद करने के लिए १० हजार मकान निर्माण का ऐलान किया है|इसके लिए [१]आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड[२] हुडको[३] भवन सामग्री [४] प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद[५] बीएमटीपीसी [६] हिंदुस्‍तान प्रिफैब लिमिटेड-एचपीएल की सहायता ली जायेगी|
आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री डॅा. गिरिजा व्‍यास ने मीडिया के साथ बातचीत में यह बात कही कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान रूडकी के विशेषज्ञों को भी टीम में शामिल कर इसे और सशक्‍त बनाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि यह टीम शनिवार और रविवार को प्राकृतिक आपदा ग्रस्‍त उत्‍तराखण्‍ड का दौरा कर हानि का जायजा लेगी।
डॅा. व्‍यास ने कहा कि सभी प्रभावित नगर पालिकाओं/ अधिसूचित क्षेत्रीय परिषदों में आपदा ग्रस्‍त क्षेत्रों को फिर से विकसित करने के लिए ,राजीव आवास योजना के अधीन लाकर, गरीबों के नष्‍ट हुए मकानों को फिर से बनाने में मदद की जा सकती है | उन्‍होंने कहा कि राजीव आवास योजना के अंतर्गत मंत्रालय द्वारा दस हजार मकान पुनर्निमित किए जाएंगे। 18 से 20 वर्षों के लिए तीन हजार करोड़ रूपये का दीर्घकालीन सुलभ ऋण मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा स्‍वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना/ राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन-एनयूएलएम भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के माध्‍यम से शहरी क्षेत्रों में आजीविका के लिए प्रशिक्षण और स्‍व रोजगार के लिए मदद देगा। मंत्रालय ने भारत सरकार के विभिन्‍न योजनाओं तथा फंडों के माध्‍यम से आवासों के निर्माण के काम के समन्‍वय का भी प्रस्‍ताव रखा है तथा बाढ़ और चट्टान खिसकने से प्रभावितों के लिए पुनर्वास कार्यों के लिए 1.25 करोड़ रूपये प्रदान किए हैं। उन्‍होंने कहा कि उनके मंत्रालय तथा संबंधित कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के सभी कर्मचारियों ने उत्‍तराखण्‍ड में राहत के लिए अपने एक दिन का वेतन सौंपा है।

कोल इंडिया ने उत्तराखंड सी एम् राहत कोष में ५० करोड़ और कर्मियों ने पी एम् कोष में ५ करोड़ के यौगदान की घोषणा की

कोल इंडिया लिमिटेड[ CIL ] ने विपदाग्रस्त उत्‍तराखंड के विकास के लिए वहां के मुख्‍यमंत्री राहत कोष में 50 करोड़ रुपये का योगदान दिया है|
उत्‍तराखंड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के बचाव+ राहत+ पुनर्निर्माण + पुनर्वास के लिए कोयला खदान महारत्‍न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मुख्‍यमंत्री राहत कोष में 50 करोड़ रुपये का योगदान दिया है । यह आर्थिक मदद कॉरपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व बजट से की गई है| यह बजट प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास के लिए स्‍थापित किया गया है।
सीआईएल के अध्‍यक्ष एस. नरसिंह राव ने कोयला मंत्रालय में सचिव एस. के. श्रीवास्‍तव की उपस्थिति में कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल को ५० करोड़ रुपयों का चेक प्रदान किया।
प्रधानमंत्री के राहत कोष में 54,737 कर्मचारियों के एक दिन के मूल वेतन का योगदान करने का निर्णय लिया गया है।मंत्रालय का अनुमान है कि एक दिन का यह वेतन लगभग पाँच करोड़ रुपये से अधिक होगा।
कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने सीआईएल तथा डब्‍ल्‍यूसीएल के कर्मचारियों की इस सदाशयता की प्रशंसा की है।

डॉ. मनमोहन सिंह ने उत्‍तराखंड में एक हेलिकॉप्‍टर की दुर्घटना में लोगों की मृत्‍यु पर दुःख व्‍यक्‍त किया

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उत्‍तराखंड में भारतीय वायुसेना के एक हेलिकॉप्‍टर की दुर्घटना में लोगों की मृत्‍यु पर दुःख व्‍यक्‍त किया है। अपने संदेश में उन्‍होंने कहा कि हमारी सेना के जवान और अधिकारी उत्‍तराखंड में बहुत ही बहादुरी से बचाव और राहत कार्य कर रहे हैं। इस दुर्घटना से मुझे बहुत दुःख हुआ है। जिनकी जाने गई हैं, मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं। पूरा देश भी मेरे साथ इस क्षति पर दुःखी है। उनके निस्‍वार्थ कार्य से हजारों लोगों की जानें बची हैं। उनके कार्य को जारी रखना ही उनके प्रति सबसे अच्‍छी श्रद्धांजलि होगी।
उत्तराखंड में जारी त्रासदी में फंसे लोगों को बचाने में लगा वायु सेना का एक चापर एमआई-17 क्रैश हो गया है। यह हादसा गौरीकुंड के समीप हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर केदारनाथ से लौट रहा था।इस हादसे में 12 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संसथान [ एनडीएमए ]ने इस हादसे में मृतकों की संख्या 19 होने की बात कही है।
बताया जा रहा है कि नौ एनडीआरएफ + छह आईटीबीपी +चार वायुसेना के लोग इस हेलीकॉप्टर में मौजूद थे।

भाजपा ने उत्तराखंड के प्राकृतिक विपदा ग्रस्त लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा]के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की विनाश लीला पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए विपदाग्रस्त लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है|
श्री सिंह ने भारी वर्षा +बाड के कारण उत्तराखंड में आई त्रासदी पर गहरी चिंता व्यक्त की है|उन्होंने त्रासदी में मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है|पार्टी की वेबसाईट के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाजपा की उत्तराखंड प्रदेश इकाई को निर्देश दिए हैं कि फिलहाल संगठन के तमाम कार्यों को स्थगित करके सहयोग /राहत के कार्यों में सभी जुट जाएँ| राहत कार्यो के लिए पार्टी ने राहत कोष भी खोल दिया है|