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श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज दे जन्‍म दिहाड़े ते मैं सभानू जी आईयां आखदां हां :पीएम “मोदी

patna-sahib[पटना, बिहार]श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज दे जन्‍म दिहाड़े ते मैं सभानू जी आईयां आखदां हां :पीएम “मोदी
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तख़्त पटना साहिब में मनाये जा रहे गुरु गोबिंद सिंह जी के ३५० प्रगटोत्सव में माथा टेका और हम हुमा के आई साध सगत को पंजाबी में संबोधित भी किया
प्रस्तुत है उनके भाषण के कुछ अंश
श्री पटना साहिब, गुरू दी नगरी विखे दशमेश पिता साहिब श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज दे जन्‍म दिहाड़े ते गुरू साहिबान दी बख्‍शीश लेन आई साध-संगत, तुहाणु मैं जी आईयां आखदां हां। इस पवित्र दिहाड़े ते मैं तुहाणु सारियां नू नवे साल दी लख-लख बधाईयां भी दिंदा हां।
आज हम पटना साहिब की इस पवित्र धरती पर इस प्रकाश-पर्व को मनाने में भाग्‍यशाली हुए हैं। लेकिन आज पूरे विश्‍व में जहां-जहां भारतीय रहते हैं, सिख समुदाय रहता है, दुनिया के सभी देशों में भारत सरकार ने हमारी एम्‍बेसीज के माध्‍यम से इस प्रकाश-पर्व मनाने के लिए योजना बनाई है ताकि न सिर्फ हिन्‍दुस्‍तान में लेकिन पूरे विश्‍व को इस बात का अहसास हो कि गुरू गोविंद सिंह महाराज साढ़े तीन सौ साल (350) पूर्व एक ऐसा दिव्‍यात्‍मा का जन्‍म हुआ, जिसने मानवता को कितनी बड़ी प्रेरणा दी। ये विश्‍व को भी परिचय हो उस दिशा में भारत सरकार ने भरपूर प्रयास किया है।
मैं श्रीमान नीतीश जी को, सरकार को, उनके सभी सा‍थियों को और बिहार की जनता को विशेष रूप से अभिनंदन देता हूं क्‍योंकि पटना साहिब में ये प्रकाश-पर्व एक विशेष अहमियत रखता है। हिन्‍दुस्‍तान की एकता, अखंडता, भाईचारा, सामाजिक समरसता, सर्वपंत समभाव इसका बहुत ही मजबूत संदेश देने की ताकत ये पटना साहिब में प्रकाश-पर्व को मनाने में है और इसलिए नीतीश जी ने जिस मेहनत के साथ स्‍वयं, मुझे बताया जाता था, कि स्‍वयं गांधी मैदान आ करके, हर चीज की बारीकी से चिंता करके इतने बड़े भव्‍य समारोह की योजना की है।
कार्यक्रम का स्‍थल भले पटना साहिब में हो, लेकिन प्रेरणा पूरे हिन्‍दुस्‍तान को है; प्रेरणा पूरे विश्‍व को है। और इसलिए ये प्रकाश-पर्व हमें भी मानवता के लिए किस रास्‍ते पर चलना है, हमारे संस्‍कार क्‍या हैं, हमारे मूल्‍य क्‍या हैं, हम मानव जाति को क्‍या दे सकते हैं, इसके लिए एक पुन: स्‍मरण करके नए उमंग, उत्‍साह और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का यह अवसर है।
गुरू गोविंद सिंह जी महाराज एक त्‍याग की प्रतिमूर्ति थे। हम कल्‍पना कर सकते हैं कि आंखों के सामने अपने पूज्‍य पिता का बलिदान देखें और अपनी ही मौजूदगी में अपनी संतानों को भी आदर्शों के लिए, मूल्‍यों के लिए, मानवता के लिए बलि चढ़ते देखें, और उसके बाद भी त्‍याग की पराकाष्‍ठा देखें; गुरू गोविंद सिंह जी महाराज भी इस गुरू परम्‍परा को आगे बढ़ा सकते थे, लेकिन इनकी दीर्घ-दृष्टि थी कि उन्‍होंने ज्ञान को केंद्र में रखते हुए गुरू ग्रंथ साहिब के हर शब्‍द को जीवन-मंत्र मानते हुए हम सबके लिए आखिर में यही कहा; अब गुरू ग्रंथ साहिब ही, उसका हर शब्‍द, उसका हर पन्‍ना आने वाले युगों तक हमें प्रेरणा देता रहेगा। ये भी, ये भी उनके त्‍याग की मिसाल का अंश था; उससे भी आगे जब पंच प्‍यारे और खालसा पंथ की रचना, उसमें भी पूरे भारत को जोड़ने का उनका प्रयास था।
जब लोग आदि शंकराचार्य की चर्चा करते हैं तो कहते हैं कि आदि शंकर ने हिन्‍दुस्‍तान के चारों कोनों में मठ का निर्माण करके भारत की एकता को बल देने का प्रयास किया था। गुरू गोविंद सिंह महाराज साहब ने भी हिन्‍दुस्‍तान के अलग-अलग कोने से उन पंच-प्‍यारे की पसंद करके समग्र हिन्‍दुस्‍तान को खालसा परम्‍परा के द्वारा एकता के सूत्र में बांधने का उस जमाने में अद्भुत प्रयास किया था, जो आज भी हमारी विरासत है। और मैं हमेशा हृदय से अनुभव करता हूं कि मेरा कुछ खून का रिश्‍ता है क्‍योंकि जो पहले पंच-प्‍यारे थे उन पंच-प्‍यारों को उनको ये नहीं कहा गया था आपको ये मिलेगा, आपको ये पद मिलेगा, आप आगे आइए। नहीं, गुरू गोविंद सिंह महाराज साहिब का कसौटी का मानदंड भी बड़ा ऊंचा रहता था। उन्‍होंने तो सर कटवाने के लिए निमंत्रण दिया था; आइए, आपका सर काट दिया जाएगा और इस त्‍याग के आधार पर तय होगा आगे कैसे बढ़ना है। और अपना सर देने के लिए देश के अलग-अलग कोने से लोग आगे आए, उसमें एक गुजरात के द्वारिका का दर्जी समाज का बेटा, वो भी आगे आया और पंच-प्‍यारों में उसने जगह पाई। गुरू गोविंद सिंह महाराज साहब ने उसको गले लगाया और पंच-प्‍यारे खालसा परम्‍परा निर्माण तो किया था गुरू गोविंद सिंह महाराज साहब ने, वे चाहते उस दिशा में ये परम्‍परा चल सकती थी, लेकिन ये उनका त्‍याग, उनकी ऊंचाई थी कि गुरू गोविंद सिंह महाराज साहब ने स्‍वयं को भी उस बंधनों में बांध दिया, और उन्‍होंने कहा कि ये जो पंच-प्‍यारे हैं, ये जो खालसा परम्‍परा बनी है; मेरे लिए भी क्‍या करना, न करना; कब करना, कैसे करना; ये जो निर्णय करेंगे मैं उसका पालन करूंगा।
मैं समझता हूं कि गुरू गोविंद सिंह जी महाराज साहब का इससे बड़ा त्‍याग की कल्‍पना कोई कर नहीं सकता कि जिस व्‍यवस्‍था वो खुद को खड़ी की, खुद की प्रेरणा से जो व्‍यवस्‍था खड़ी हुई, लेकिन उस व्‍यवस्‍था को उन्‍होंने अपने सर पर बिठाया और स्‍वयं को उस व्‍यवस्‍था को समर्पित कर दिया और उस महानता का परिणाम है आज साढ़े तीन सौ (350) साल का प्रकाश-पर्व मनाते हैं तब दुनिया के किसी भी कोने में जाएं, सिख परम्‍परा से जुड़ा हुआ कोई भी व्‍यक्ति होगा वो वहां नतमस्‍तक होता है, अपने-आप को समर्पित करता है। गु्रू गोविंद सिंह जी महाराज साहब ने जो परम्‍परा रखी थी उस परम्‍परा का पालन करता है।
तो ऐसी एक महान प्रेरणा गुरू गोविंद सिंह जी महाराज को जब याद करते हैं तो कुछ इतिहासकार शौर्य और वीरता के पहलू को ही प्रकट करते हैं। लेकिन उनकी वीरता के साथ उनकी जो धीरता थी, धैर्य था, वो अद्भुत था। वे संघर्ष करते थे लेकिन त्‍याग की पराकाष्‍ठा अभूतपूर्व थी। वे समाज में बुराइयों के खिलाफ लड़ते थे। ऊंच-नीच का भाव, जातिवाद का जहर, उसके खिलाफ भी लड़ाई लड़के समाज को एकता के सूत्र में बांधना, सबको समानता, इसमें कोई ऊंच-नीच का भेद न हो, उसके लिए जीवन-पर्यन्‍त अपनों के बीच भी वो आग्रहपूर्वक बातों को मनावाने में अपना जीवन खपाते रहे थे।
समाज-सुधारक हो, वीरता की प्रेरणा हो, त्‍याग और तपस्‍या की तपोभूमि में अपने आपको तपाने वाला व्‍यक्तित्‍व हो, सब गुण सम्‍पन्‍न, ऐसा गुरू गोविंद सिंह जी महाराज साहब का जीवन आने वाली पीढि़यों को प्रेरणा देता रहे। हम भी सर्वपंत समभाव के साथ समाज का हर वर्ग बराबर है, न कोई ऊंच है न कोई नीच है, न कोई अपना है न कोई पराया है; इन महान मंत्रों को ले करके हम भी देश में सब दूर उन आदर्शों को प्रस्‍थापित करेंगे।
देश की एकता मजबूत बनेगी, देश की ताकत बढ़ेगी, देश प्रगति की नई ऊंचाईयों को प्राप्‍त करेगा। हमें वीरता भी चाहिए, हमें धीरता भी चाहिए; हमें शौर्य भी चाहिए, हमें पराक्रम भी चाहिए; हमें त्‍याग और तपस्‍या भी चाहिए। ये संतुलित समाज व्‍यवस्‍था, ये गुरू गोविंद सिंह जी महाराज साहब के हर शब्‍द में, जीवन के हर काम में हमें प्रेरणा देने वाली रही है और इसलिए आज इस महान पवित्र आत्‍मा के चरणों में सर झुकाने का सौभाग्‍य मिला है।
आज गुरू गोविंद जी महाराज साहब के उसी स्‍थान पर आ करके गुरू ग्रंथ साहिब को भी नमन करने का सौभाग्‍य मिला है, मुझे विश्‍वास है कि ये हमें प्रेरणा देता रहेगा। यहां नीतीश जी ने एक बहुत महत्‍वपूर्ण बात को स्‍पर्श किया। महात्‍मा गांधी चम्‍पारण सत्‍याग्रह की शताब्‍दी, लेकिन मैं नीतीश जी को हृदय से एक बात के लिए अभिनंदन करता हूं। समाज परिवर्तन का काम बड़ा कठिन होता है, बहुत मुश्किल काम होता है। उसको हाथ लगाने की हिम्‍मत करना भी बड़ा मुश्किल काम होता है। लेकिन उसके बावजूद भी नशा-मुक्ति का जिस प्रकार से उन्‍होंने अभियान चलाया है। आने वाली पीढि़यों को बचाने के लिए उन्‍होंने जो बीड़ा उठाया है, मैं उनकी बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बधाई देता हूं।
और मैं भी पूरे बिहार-वासियों से, सभी राजनीतिक दलों से, सभी सामाजिक जीवन में काम करने वालों से यही गुजारिश करूंगा, ये काम सिर्फ सरकार का नहीं है, ये काम सिर्फ नीतीश कुमार का नहीं है, ये काम सिर्फ किसी राजनीतिक दल का नहीं है; ये जन-जन का काम है। उसको सफल बनाएंगे तो बिहार देश की प्रेरणा बन जाएगा। और मुझे विश्‍वास है कि जो बीड़ा नीतीश जी ने उठाया है वो जरूर सफल होंगे और हमारी आने वाली पीढ़ी को बचाने के काम में गुरू गोविंद सिंह जी महाराज का ये प्रकाश-पर्व भी उनको आशीर्वाद देगा, उनको एक नई ताकत देगा। और मुझे विश्‍वास है कि बिहार देश की एक बहुत बड़ी अनमोल शक्ति बनेगा, देश को आगे बढ़ाने में बिहार बहुत बड़ा योगदान करेगा। क्‍योंकि ये बिहार की धरती है जिसने गुरू गोविंद सिंह जी महाराज साहब से अब तक अनेक महापुरुष हमें दिए हैं। राजेन्‍द्र बाबू की याद करें। चम्‍पारण सत्‍याग्रह, सत्‍याग्रह की कल्‍पना की भूमि है ये है। जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर; अनगिनत, अनगिनत नर-रत्‍न इस धरती ने मां भारती की सेवा में दिए हैं। ऐसे भूमि पर गुरू गोविंद सिंह जी महाराज वो प्रेरणा हम सबके लिए एक नया आदर्श, नई प्रेरणा, नई शक्ति देती है। इसी एक अवसर को, प्रकाश-पर्व को, ज्ञान के प्रकाश को जीवनभर अपने अंदर ले जाने के संकल्‍प के साथ हम इस प्रकाश-पर्व को मनाएं।
विश्‍वभर में जो भी भारत सरकार के अलग-अलग मिशन्‍स के द्वारा, एम्‍बेसीज के द्वारा ये प्रकाश-पर्व मनाया जा रहा है। मैं विश्‍वभर में फैले हुए गुरू गोविंद सिंह जी महाराज साहब का स्‍मरण करनेवाले सभी जनों को अंत:करण पूर्वक बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत सरकार ने इस प्रकाश-पर्व को बहुत व्‍यापक रूप से हिन्‍दुस्‍तान और हिन्‍दुस्‍तान के बाहर मनाने की योजना बनाई है, समिति बनाई है।
सौ करोड़ रुपया उस काम के‍ लगाया है। रेलवे ने अलग से करीब 40 करोड़ रुपया लगा करके स्‍थाई व्‍यवस्‍थाएं इस प्रकाश-पर्व के नि‍मित्‍त खड़ी की हैं। भारत सरकार के सांस्‍कृतिक विभाग ने भी करीब 40 करोड़ रुपया लगा करके अनेक विद् योजनाओं को साकार करने की दिशा में काम किया है ताकि ये हमेशा-हमेशा आने वाली पीढि़यों को प्रेरणा देने वाला काम बने, उस दिशा में हम काम कर रहे हैं और आगे भी इस काम को आगे बढ़ाते जाएंगे। मैं फिर एक बार इस अवसर पर, इस पवित्र अवसर पर, सहभागी बनने का मुझे सौभाग्‍य मिला, अपने जीवन को धन्‍य मानता हूं।
आप सबसे प्रणाम करते हुए जो बोले सो निहाल, सत् श्री अकाल
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the 350th Prakash Parv celebrations of Guru Gobind Singh Ji, in Patna, Bihar on January 05, 2017.

पटना में फरयादी नितीश ने सीएम नितीश पर फेंकी चप्पल:चप्पलबाज गिरफ्तार

[पटना,बिहार]नितीश ने नितीश पर फेंकी चप्पल
राजधानी पटना में जनता दरबार में एक युवक ने मुख्य मंत्री नीतीश कुमार की तरफ चप्पल फेंकी
मौजूद सुरक्षा बलों ने चप्पल बाज को गिरफ्तार कर लिया।
अरवल जिले के निवासी गिरफ्तार किए गए युवक का नाम भी नीतीश कुमार है ,वह पटना में जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में अपनी फरियादी के रूप में आया था।
मुख्यमंत्री के अनुसार चप्पल उनकी बायीं ओर उस समय गिरी जब वह एक आवेदन को पढ़ने में तल्लीन थे।
सीएम ने बताया कि युवक की इस हरकत पर सुरक्षा बलों के पकडने पर हमने उसके साथ कुछ भी करने से मना किया।
करीब बुलाकर उसे एक कुर्सी पर बैठाते हुए उससे पूछा कि ऐसा उसने क्यों किया। इस पर उसने बताया कि आपने हवन पर रोक लगा दी है। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं है।
नीतीश ने कहा कि युवक के यह कहने पर कि ऐसा अखबार में छपा है और यह सब हिंदू धर्म के खिलाफ हैं, तब उन्होंने समझाया कि वह भी हिंदू है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सक को बुलाकर उसकी मेडिकल जांच करवाई तो सब कुछ ठीक पाया गया।
नीतीश ने बताया कि प्रदेश में बढ़ते अग्निकांड की घटना को देखते हुए पटना प्रमंडल की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारियों ने बताया था कि दिन के 12 बजे के बाद और अपराह्न चार बजे के बीच ही आग लग रही है। खाना बनाने एवं हवन के दौरान चिंगारी निकलने से ऐसी घटनाएं घट रही हैं जिस पर भयंकर गर्मी और निरंतर पछुआ हवा के बहने के मद्देनजर आमजन के लिए परामर्श जारी किए जाने का निर्देश दिया गया था।

संघ मुक्त भारत का नारा देने वाले नितीश की “ताड़ी” नीति को चुनौती देंगे पासवान

[पटना ,बिहार ] संघ मुक्त भारत का नारा देने वाले नितीश की “ताड़ी” नीति को चुनौती देंगे पासवान
संघ मुक्त भारत का नारा देने वाले मुख्य मंत्री नितीश की सत्ता को चुनौती देते हुए पासवान ने पासी समुदाय के समर्थन में धरना देने की घोषणाकी है| ताड़ी व्यवसाईयों के उत्पीड़न के विरुद्ध केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान २५ अप्रैल को धरना पर बैठेंगे |नितीश कुमार ने बिहार को शराब मुक्त घोषित किया है लेकिन ताड़ी को लेकर उनके भ्रामक ब्यान आ रहे हैं |यहां तक कहा गया के ताड़ी को निषेध नहीं किया गया है उसके बावजूद ताड़ी व्यवसाई पासी समुदाय द्वारा उत्पीड़न की शिकायतें दर कराई जा रहे हैं |इसी आक्रोशित पासी समुदाय के समर्थन में केंद्रीय मंत्री और बिहार के पिछड़ों के कद्दावर नेता राम विलास पासवान आ गए हैं|पासवान के अनुसार ताड़ी नशा नहीं वरन सस्ता पेय है| उनके अनुसार ऐसे पारम्परिक पेय [जिसका सेवन स्वयं गांधी जी ने भी किया था] पर पाबंदी लगा कर पासी समुदाय की कमर तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है|पासवान ने पत्रकारों के समक्ष बताया के पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी अपने कार्यकाल में ताड़ी को मुक्त रखा था |पासवान ने लालू की ख़ामोशी पर भी सवाल उठाये|मालूम हो के बिहार सरकार ने ताड़ी की बिक्री पर पूर्णतया पाबंदी लगाईं है लेकिन नीरा [पाम का प्योर जूस] को छूट दी गई है
फाइल फोटो

बिहार में शरद की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगने शुरू:नितीश ने ख़ारिज किया

[पटना,बिहार] बिहार में शरद की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगने शुरू:नितीश ने ख़ारिज किया शरद यादव के तख्ता पलट के पश्चात ही उनके राजनितिक जीवन से रिटायरमेंट की उड़ रही ख़बरों को खारिज करते हुए सी एम नितीश कुमार ने कहा के शरद का मार्गदर्शन मिलता रहेगा| शरद यादव से जे डी यू पार्टी के अध्यक्ष पद का ट्रांसफर नितीश को हुआ है| जे डी यू के नव नियुक्त अध्यक्ष नितीश के अनुसार शरद यादव को तीसरी बार अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी नियमों को बदला गया था लेकिन अब शरद यादव ने स्वयं ही सार्वजनिक रूप से अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही थी इसीलिए यह बदलाव किया गया है गौरतलब हे के अध्यक्ष पद जाने के साथ ही शरद का कार्यकाल राज्य सभा में भी पूर्ण होने जा रहा है | नितीश कुमार की महत्वकांक्षाओं के मद्देनजर अब पार्टी की सारी शक्ति नितीश के ही हाथों में रहेगी इसीलिए बिहार की राजनीती में वयोवृद्ध शरद यादव की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगने शुरू हो गए हैं

सीएम नीतीश कुमार का पार्टी पर पूर्ण नियंत्रण:जदयू का अध्यक्ष भी चुना गया

[नयी दिल्ली]बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जदयू का नया अध्यक्ष भी चुन लिया गया|शरद यादव ने अध्यक्ष पद की दावेदारी नहीं की थी |
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जदयू के नये अध्यक्ष निर्वाचित हुए । इस पहल के जरिये कुमार का पार्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया है और बिहार से बाहर पार्टी के प्रसार की कोशिशों और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में आज नीतीश कुमार को इस शीर्ष पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया । कुमार इस पद का प्रभार वरिष्ठ नेता शरद यादव से ग्रहण कर रहे हैं जो एक दशक तक अध्यक्ष पद पर रहे । शरद ने इस पद के लिए चौथी बार दावेदारी नहीं करने का निर्णय किया था।
इससे पहले जार्ज फर्नाडिस और शरद यादव पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं जो बिहार से बाहर से थे हालांकि उनकी कर्मभूमि बिहार ही रही।
राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद नेताओं ने बताया कि बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव शरद यादव ने किया और पार्टी महासचिव के सी त्यागी के साथ जावेद रजा एवं अन्य नेताओं ने इसका समर्थन किया ।पार्लियामेंट एनेक्सी में आयोजित जदयूकी मीटिंग के दौरान एनेक्सी में आग लग गई लेकिन कोई हानि नहीं हुई |
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शरद यादव और नितीश कुमार

Nitish Makes Bihar Total Dry:Videsi Liquor Is Also Banned In The State

[Patna,Bihar] Nitish Makes Bihar Total Dry: Videsi Liquor Is Also Banned In The State .
Bihar Becomes Forth State To Ban Liquor
Liquor Is Banned Gujarat+Nagaland+Manipur And One UT Lakshdweep .
Four days after promulgation of partial prohibition in Bihar on April one, the Nitish Kumar government today decided to impose a total ban on alcohol in towns and cities.
The decision to ban sale and consumption of India Made Foreign Liquor (IMFL) in municipal and town council areas with immediate effect was taken at a cabinet meeting, the chief minister told reporters here.
The Nitish Kumar government had banned sale and consumption of country and spiced liquor in rural areas from April 1 this year, but had allowed sale of foreign liquor in towns and cities.
CM Said “But, the tremendous response of people particularly women and children against liquor in Patna and other towns in a short period of four days only convinced us that a conducive environment against alcohol has been created in the state and that’s why we decided to go for total ban on liquor after four days only,”
On ‘toddy’ which has created controversy in recent days following intervention of RJD President Lalu Prasad against its stoppage in view of interest of people associated with the trade, Kumar said the state cabinet decided to strictly impose the 1991 guidelines which allows consumption of “Neera” (drink from palm trees before sunrise) but disallows consumption of ‘toddy’ (after sunrise when the palm tree liquid gets fermented and gains alcoholic properties).
The 1991 guidelines prohibits sale and consumption of ‘Neera’ within 50 metre of places like hospital, education institutions, religious places among others in towns and 100 metres radius in rural areas,

बिहार में आज से देशी एवं मसालेदार शराबबंदी लागू

[पटना,बिहार]बिहार में आज से देशी एवं मसालेदार शराबबंदी लागू
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में शराबबंदी मध्य रात्रि से लागू हो जाएगी।
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर कल बिहार उत्पाद [संशोधन]विधेयक 2016 सर्वसम्मति से पारित कर दिए जाने के बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में शराबबंदी को मंजूरी दे दी गयी।
बिहार उत्पाद आयुक्त कुंवर जंग बहादुर के अनुसार मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल जाने के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गयी है जिसके तहत प्रदेश में आज मध्य रात्रि यानी 12 बजे के बाद से शराबबंदी लागू हो जाएगी और जो भी इसका उल्लंघन करेंगे वे बिहार उत्पाद [संशोधन] विधेयक 2016 के तहत सजा के भागीदार होंगे।
प्रथम चरण में एक अप्रैल से प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में देशी एवं मसालेदार और भारत में बनी विदेशी शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने के साथ वहां पूर्ण शराबबंदी लागू हो जाएगी।
एक अप्रैल से शहरी इलाके में देशी एवं मसालेदार शराब की बिक्री प्रतिबंधित किए जाने के साथ भारत में बनी विदेशी शराब की बिक्री बिवेरेज कारपोरेशन की दुकानों के माध्यम से की जाएगी तथा शहरी इलाके में भी पूरी तरह से शराबबंदी को लेकर वातारण बन जाने तथा इसकी स्वीकारोक्ति बढने पर दूसरे चरण में यहां भी पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी जाएगी।

नितीश सरकार ने ३ आईऐएस अधिकारीयों को प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया

[पटना,बिहार] नितीश सरकार ने ३ आईऐएस अधिकारीयों को प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया

एनर्जी सेक्रेटरी प्रत्यय अमृत [९१]को उनके अपने ही विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया गया है
स सिद्दार्थ , सेक्रेटरी इंडस्ट्रीज और स म राजू , मेंबर ऑफ़ रेवेनुए कौंसिल ,को भी ,उनके अपने विभागों में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर प्रोमोट किया गया

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बिहार में महंगाई के लिए सीएम नितीश के सर ठीकरा फोड़ा

[पटना,बिहार ]अरुण जेटली ने बिहार में महंगाई के लिए के सीएम नितीश कुमार के सर ठीकरा फोड़ा
पटना में प्रेस कांफ्रेंस में वित्तमंत्री ने दाल की बढ़ती हुई कीमतों के लिए बिहार के सी एम नितीश कुमार को दोषी ठहराया
उन्होंने बताया के १२ प्रदेशों में कार्यवाही की गई तो जमाखोरी की गई ५० हजार क़्वींटल दाल बरामद हुई लेकिन नितीश कुमार ने अपने राज्य में ऎसी कोई कार्यवाही नही की |उन्होंने बताया के यूं तो देश में ही दालों का उत्पादन खपत से कम होता है लेकिन विदेशों में भी दालों का उत्पादन कम हुआ है इसके बावजूद यथासम्भव विदेशों से मंगाई जा रही हैं |देश में कालाबाजारी की रोकथाम के लिए छापे मारी भी हो रहे हैं |१२ प्रदेशों में यह कार्यवाह हो रही है जिसके सकारात्मक परिणाम भी आने शुरू हो गए हैंदुर्भग्य वष नितीश कुमार ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया इसका कारण तो उन्ही से पूछा जाना चाहिए

जीतनराम मांझी सरकारी आवास में सत्ता”आम”खाएंगे और गुठलियों से भाजपा को सहयोग करेंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये हसाडे सोणे बिहार में नितीश बाबू ने क्या उलटी गंगा बहानी शुरू कर दी है|ओये हसाडे हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के दलित नेता जीतन राम मांझी को जलील करने के लिए उनके अणे मार्ग स्थित सरकारी आवास पर ५० सिपाहियों का पहरा बिठा दिया है|ओये ये पहरा केवल परिसर में लगी आम+लीची+कटहल की फसल की रखवाली के लिए है |देख तो एक तरफ पूरे प्रदेश में लूट खसोट मची हुई है+सडकों पर जाम से लोग मर रहे हैं और इधर आम और लीची की निगरानी करवाने के लिए एसपी +इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों को एक कोठी में तैनात किया जा रहा है |ओये अभी कोठी का कब्जा जीतनराम मांझी जी के पास है औए आम लीची की तरफ कोई देखता भी नहीं इस पर भी ओनली हमें जलील करने के लिए दलितों को धमकाए रखने के लिए सारे हथकंडे अपनाये जा रहे हैं|ओये हसाड़ी गल भी नोट करके रख ले जनता इन्हें कभी माफ़ नहीं करेगी

झल्ला

ओ भापा जी !दरअसल ये नितीश बाबू को समझ आ गई है कि आप जी के जीतन राम मांझी ने इस अणे मार्ग में रह कर सत्ता के आम तो खुद खाने ही हैं और जो सहयोग की गुठली बचेंगी उन्हें भाजपा की तरफ उछाला जाएगा