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Tag: Parody

याल्हा याल्हा,मोदीभापा पीड़ितों को जुमले दे रहा (पैरोडी)

मोदीभापे ने दिल्ली आके,भगवा का जादू चला के ,सन्त का रूप रचा के याल्हा याल्हा जुमले दे रहा

ओए याल्हा याल्हा हमको जुमले दे रहा

नया विस्टाप्रोजेक्ट ला के,राष्ट्रीय हाईवेज़ बना के,नई अयोध्या का सपना दिखा के

याल्हा याल्हा हमको जुमले दे रहा

मुफ्त का राशन मुल्क मेबंटवा के,एलपीजी की लाइन लगवा के,किसानों के बैंक भरवा के

याल्हा याल्हा पीड़ितों को जुमले दे रहा

संसद को ठप्प करवा के,विपक्ष को ठेंगा दिखला के,,मतलब के बिल पास करा के

याल्हा याल्हा पीड़ितों को जुमले दे रहा

महंगाई में पसीने छूटे,गड्डों में सड़कें ढूंढे,न्याय को पीड़ित तरसे

याल्हा याल्हा मोदीभापा पीड़ितों को जुमले दे रहा

होए! यूएनओ में पैर जमा के,तालिबान को आंख दिखाए,पाकिस्तान को नाच नचाये

याल्हा याल्हा जुमले दे रहा,पीड़ितों को जुमले दे रहा

बच्चों को काम नही,हमको बुढापे में आराम नही,टैक्स रौजाना रुलाएं

याल्हा याल्हा मोदीभापा बंटवारे के  पीड़ितों को जुमले दे रहा

बंटवारे के पीड़ित क्लेम को तरसे,सांसद भी कान ना धरें,राज्य भी अनसुनी करें

याल्हा याल्हा मोदीभापा बंटवारे के  पीड़ितों को जुमले दे रहा

 

 

 

पैरोडी:ओ मोदी जी! संसद में हवा कभी नरम पर अक्सर गरम गरम गरम

कभी लोक सभा पंगु तो कभी राज्यसभा भंग

पॉलिटिक्स की बातें तो पॉलिटिशियन्स ही जाने

ओ मोदी जी! संसद में हवा कभी नरम नरम पर अक्सर गरम गरम गरम

बड़े दावों संग गुजरात से आये थे मुल्क की  हवा बदलने

लेकिन वाह री किस्मत , किस्मत में लिखे थे तुम्हारे जुमले, लिखे थे तुम्हारे जुमले

अरे ओ मोदी जी ,पॉलिटिक्स की हवा  गरम ,बेहद गरम गरम गरम

राजनीति के गोरखधंधे में तरह तरह का  जलवा,तरह तरह का जलवा

अपराधियों को भी मिलता है महलों में हलवा,महलों में मिलता हलवा

अरे ओ मोदी जी!खिचड़ी को तरस वोटर,हाँ जी,वोटर  तरसे

ओ मोदी जी!  अरे ओ मोदी जी!दर्द दिया तो सुख भी देना थोड़ा थोड़ा ,सुख भी थोड़ा थोड़ा

मत भूलो ऊपर वाले ने दुख और सुख की बनाई जोड़ी,हाँ जी खूब बनाई जोड़ी

अरे ओ मोदी जी!जीवन में क्यूँ सब गरम गरम,गरम गरम ,अब तो दे दो नरम नरम

हाँ जी !नरम नरम

 

 

 

मोबाइल तेरा छिन जाए,या डाका पड़ जाए,मत जा प्यारे पुलिस द्वारे वरना पछताए

पैरोडी
मोबाइल तेरा छिन जाए,या डाका पड़ जाए,मत जा प्यारे पुलिस द्वारे वरना पछताए
दिल के उबाल
मोबाइल तेरा छिन जाए,या डाका पड़ जाए
मत जा प्यारे पुलिस के द्वारे ,चेन भी लें उतरवाएँ
पीड़ित पछताएं,,…
बिल्डिंग का हो लफड़ा या बिजनेस का हो रगड़ा
मत जा प्यारे नेता द्वारे ये बहुत ही रुलाएं,लुट के ही आए ,,,…
पीड़ित पछताएं
अरे रंग है इनके मुस्की,धोती छोड़े ना ये कुर्ती,ईमानदारी इन्हें ना भाए
पीड़ित पछताए
इनकी कुर्सी मजबूत हुइ जाये,,,,….
छुटभय्या हो या पब्लिक हेरा फेरी के पाटों में पिस्ता जाए ,,,….
सो इनसे बचा जाए …….