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स्पाइस जेट+जेट ग्रुप+किंग फिशर एयर लाइन्स से लगभग५००करोड़ रुपयों की वसूली वर्षों से लंबित हैं

इंडिया’ की प्रमुख एयर लाइन्स से लगभग ५०० करोड़ रुपयों की वसूली वर्षों से लंबित हैं जिसके लिए स्थापना का शतक जड़ चुके सिविल एविएशन मंत्रालय के उपाय कारगर साबित नहीं हो रहे| केंद्र सरकार ने पार्लियामेंट में पुनः दावा किया है कि ऐसे कर्जदारों से १२% ब्याज वसूला जाना है | |क्रेडिट पालिसी के अंतर्गत ब्याज की यह रकम भी अब १५० करोड़ रुपये पहुँच चुकी हैं |इनमे सबसे बढे कर्ज दार विजय माल्या की जमीन पर आ चुकी किंग फिशर एयर लाइन्स के साथ विवादमुंबई के हाई कोर्ट में फंस चुका है| केंद्रीय सिविल एविएशन के राज्य मंत्री जी एम सिद्देश्वरा[G.M. Siddeshwara] ने पार्लियामेंट में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि स्पाइस जेट+जेट ग्रुप+और किंग फिशर पर ३१ मार्च २०१२ से क्रमश ११०.८६+९३.०७+१७२.६९ करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है|
मंत्री के अनुसार कर्ज का अविवरण निम्न है
(Rs. In crores)
एयरलाइन्स 31.03.2012 31.03.2013 31.03.2014 Apr-June 2014
स्पाइस जेट 44.16 77.30 132.45 110.86
जेट ग्रुप 140.88 102.39 68.07 93.07
किंगफ़िशर 197.81 202.48 172.69 172.69