[नयी दिल्ली]केंद्रीय उपक्रमों ने हवाई यात्राओं पर खर्च किये रु पौने तीन सौ करोड़,अब मांग रहे रियायत |
‘केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम जिसमें कि
143 संस्थान और
30 उपक्रम शामिल हैं,
द्वारा 2014-15 के दौरान हवाई यात्राओं पर कुल मिलाकर 270 करोड़ रपये खर्च किए गए।
अब ये केन्द्रीय उपक्रम अपने सदस्यों के लिये सस्ता हवाई किराया ढूंढ रहे हैं|
एयरलाइन कंपनियों के साथ केन्द्रीय उपक्रमों के सदस्यों के लिये सस्ता हवाई किराया उपलब्ध कराये जाने पर बातचीत की जा रही है |
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोयला, बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा लागत में कटौती के लिये यह प्रयास किया जा रहा है
एनएलसी इंडिया के निदेशक [वित्त]राकेश कुमार के अनुसार ‘‘यात्रा करने वाले सदस्यों की संख्या को देखते हुये एयरलाइन कंपनियों ने विभिन्न श्रेणियों के हवाई टिकट के बाजार मूल्य पर 22 % तक रियायत देने की पेशकश की है। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि हवाई यात्रा पर आने वाले खर्च में 8 से 10 % तक बचत हो सकती है।’’
उर्जा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों का एक कार्यबल मार्च 2016 में बनाया गया था। केन्द्र सरकार के उर्जा क्षेत्र के उपक्रमों में मांग प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण के लिये यह बनाया गया। कार्यबल ने शुरआती योजना के तहत हवाई यात्रा खर्च की लागत कम करने का काम हाथ में लिया है।
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केंद्रीय उपक्रमों ने हवाई यात्राओं पर खर्च किये रु पौने तीन सौ करोड़,अब मांग रहे रियायत
मोदी सरकार का दावा: एक साल में 14,672 करोड़ रुपए की फर्जी सब्सिडी बचाई
[नई दिल्ली]मोदी सरकार का दावा: एक साल में 14,672 करोड़ रुपए की फर्जी सब्सिडी बचाई
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा जारी एलपीजी सिलेंडरों पर सब्सिडी के विषय में जानकारी के अनुसार देश में फिलहाल ३.३४ करोड़ फर्जी खाते पाये गए हैं जिन्हें ब्लॉक करने से एलपीजी सब्सिडी की अनुमानित बचत इस वर्ष के दौरान 14,672 करोड़ रुपए की बैठती है।
मंत्रालय द्वारा सब्सिडी पर फैली भ्रांतियों को क्लीयर करते हुए बताया गया है के 1 अप्रैल, 2015 को कुल मिलाकर 18.19 करोड़ पंजीकृत एलपीजी उपभोक्ता और 14.85 करोड़ सक्रिय उपभोक्ता थे। इसका मतलब यही हुआ कि ऐसे 3.34 करोड़ उपभोक्ता पाए गए, जो डुप्लीकेट/फर्जी/निष्क्रिय खाते हैं और जिन्हें ‘पहल’ योजना तथा संबंधित कदमों के तहत ब्लॉक किया गया है। अगर हम प्रति उपभोक्ता 12 सिलेंडरों के कोटे और वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान प्रति सिलेंडर 336 रुपए की औसत एलपीजी सब्सिडी को ध्यान में रखें, तो 3.34 करोड़ खातों को ब्लॉक करने से एलपीजी सब्सिडी की अनुमानित बचत इस वर्ष के दौरान 14,672 करोड़ रुपए की बैठती है।
मिलावटी पेट्रोलियम+डीजल बेचने में भी उत्तर प्रदेश नंबर वन
[नई दिल्ली]मिलावटी पेट्रोलियम+डीजल बेचने में भी उत्तर प्रदेश नंबर वन
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार पेट्रोलियम +डीजल में मिलावट करने में भी उत्तर प्रदेश नंबर वन है
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि पिछले तीन वर्ष और चालू वर्ष के दौरान तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) अर्थात् इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने देश में अपने-अपने खुदरा बिक्री केन्द्रों में कम माप और मिलावट सहित कदाचार के मामले पकड़े हैं।
मिलावट के देश भर में कुल ३५१६ मामले पकड़े गए हैं जिनमे से ५८६ मामले केवल उत्तर प्रदेश से हैं |पेट्रोलियम पदार्थों का व्यापार [१]बीपीसीएल[2एचपीसीएल
[३] द्वारा किया जाता है इनमे =आईओसीएलकंपनी के ==१७५२ममले पकडे गए हैं
“पेट्रोल/डीजल में मिलावट” के संबंध में दिनांक 27.07.2015 को प्रतापराव जाधव द्वारा लोक सभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधानद्वारा
ये आंकड़े दिए गए हैं
पेट्रोलियम गैस और उससे सम्बंधित किसी भी कागजात की लीकेज राजनीती में हमेशा ज्वलननशील होती है
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
उत्साहित कांग्रेसी चीयर लीडर
ओये झल्लेया ये बढ़ी बढ़ी बातें करने वाले भाजपाई अपने घर को भी नही संभाल पा रहे |देख तो अति महत्वपूर्ण पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज तक लीक होने लग गए |ओये हसाड़ा तो मानना है कि गुजरात के अम्बानी बंधुओं को फायदा पहुँचाने के लिए ही यह लीकेज हुई है
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण ये तो वाकई चिंता का विषय हैं क्योंकि पेट्रोलियम गैस और उससे सम्बंधित किसी भी कागजात की लीकेज राजनीती में हमेशा अति ज्वलननशील होती है
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