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Tag: PiyushGoel

मोदी सरकार ने आयकर की सीमा ५ लाख रु की विपक्षी कमर तोड़ घोषणा :

[नयी दिल्ली]मोदी सरकार का विपक्षी कमर तोड़ घोषणा :आयकर की सीमा ५ लाख रु |अब साढ़े छह लाख रु तक इनकम टैक्स नहीं लगेगा|
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में बताया कि हमारी सरकार दहाई अंक वाली मुद्रास्फीति पर लगाम कसने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि हमने ‘कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ी’ है और हमारे कार्यकाल में औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत रही।
वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि संप्रग सरकार के 2009-2014 के शासन में मुद्रास्फीति औसतन 10.1 प्रतिशत पर रही थी।
गोयल ने संसद में कहा, ‘‘2009-14 के दौरान मुख्य तौर पर खादद्य मुद्रास्फीति बढ़ी थी। इसे देखते हुए हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ी। हम मुद्रास्फीति को 4.6 प्रतिशत के औसत पर लेकर आए जो किसी भी अन्य सरकार के पूरे कार्यकाल के मुद्रास्फीति आंकड़े से कम है।’’
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में मुद्रास्फीति 2.19 प्रतिशत रही।
उन्होंने कहा कि यदि हम महंगाई को कम नहीं करते तो हमारे परिवारों को खाना, यात्रा और आवास जैसी बुनियादी जरूरतों पर 35 से 40 प्रतिशत अधिक खर्च करना होता

ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार ७९९१ गावं हो चुके रौशन

[नई दिल्ली]ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार ७९९१ गावं हो चुके रौशन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल की नवीनतम प्रगति रिपोर्ट के अनुसार बीते सप्ताह डीडीयूंजीजेव्हाई DDUGJY]के अंतर्गत ११७ और गावों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है |दो वर्ष के शासन में ७९९१ गावों को रौशन किया जा चूका है|
राज्यसभा में प्रवेश की तैयारी में लगे केंद्रीय ऊर्जामंत्री पियूष गोयल ने नवीनतम रिपोर्ट कार्ड में बताया के दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY).के अंतर्गत २९ मई को समाप्त सप्ताह में ११७ गावों में बिजली पहुंचाई गई जिसके फलस्वरूप अभी तक भारत वर्ष के कुल ७९९१ गावों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है इसका प्रदेशवार विवरण निम्न है
अरुणाचल प्रदेश ==18 ,
असम===========26 ,
झारखण्ड =========23 ,
राजस्थान =========01
मध्य प्रदेश ======= , 06
उत्तर प्रदेश ======= , 03
बिहार ============05,
छत्तीसगढ़ =========02,
ओडिशा========== 11
मेघालय ========= 22

337 अँधेरे गांवों में एक सप्ताह में बिजली पहुंचाई:6816 गावं हो चुके हैं रौशन

[नई दिल्ली]337 अँधेरे गांवों में एक सप्ताह में बिजली पहुंचाई:२२ महीने की सरकार में 6816 गावं हो चुके हैं रौशन
देश में अब तक 6816 गांवों का विद्युतीकरण हो चूका है | 337 गांवों में गत सप्ताह बिजली पहुंचाई गई है|
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत गत सप्ताह,14 मार्च से 20 मार्च के दौरान देश भर में 337 गांवों का विद्युतीकरण किया गया।विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े निम्न हैं:
ओडिसा के 67 गांव,
झारखंड के 49 गांव, उ
त्तर प्रदेश के 66 गांव,
अरुणाचल प्रदेश के 30 गांव,
बिहार के 41 गांव,
असम के 49 गांव,
छत्तीसगढ़ के 12 गांव,
मध्य प्रदेश के 9 गांव,
राजस्थान के 11 गांव और
हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और जम्मू एवं कश्मीर के एक-एक गांव शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को दिए संबोधन के संदर्भ में केंद्र सरकार ने 1000 दिन के भीतर यानी पहली मई, 2018 तक बिजली से वंचित 18,452 गांवों में बिजली पहुंचाने का फैसला किया है।
इसके लिए गांवों में विद्युतीकरण की प्रक्रिया को 12 अलग-अलग चरणों में बांटा गया है। साथ ही इसकी निगरानी के लिए समयसीमा भी निर्धारित की गई है।
वर्ष 2015-16 के दौरान अब तक 6816 गावों में बिजली पहुंचा दी गई है।
शेष बचे 11,636 गांवों में से 7976 गांवों को ग्रिड के जरिए विद्युतीकृत किया जाएगा।
उन 3205 गांवों को ऑफ-ग्रिड के जरिए बिजली से जोड़ा जाएगा, जहां भौगोलिक बाध्यताओं के कारण ग्रिड के जरिए बिजली पहुंचाना संभव नहीं है।
455 गांवों को राज्य सरकारें विद्युतीकृत करेंगी।
अप्रैल 2015 से 14 अगस्त 2015 के दौरान 1654 गांवों का विद्युतीकरण किया गया और भारत सरकार द्वारा इस काम को मिशन मोड में चलाने की पहल के बाद
15 अगस्त, 2015 से 20 मार्च, 2016 तक 4839
अतिरिक्त गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है।

पीएम की वाराणसी को चमकाने के लिए घरेलू दक्षता प्रकाश कार्यक्रम शुरू

पी एम की वाराणसी को चमकाने के लिए घरेलू दक्षता प्रकाश कार्यक्रम शुरू
केन्द्रीय बिजली, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल ने वाराणसी में ऊर्जा दक्षता प्रकाश प्रयासों की शुरूआत की
श्री गोयल ने वाराणसी शहर में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी शुरूआत करते हुए कल शाम घरेलू दक्षता प्रकाश कार्यक्रम (डीईएलपी) और एलईडी आधारित स्मार्ट स्ट्रीट प्रकाश कार्यक्रमों की शुरूआत की। उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री यासिर शाह भी उपस्थित थे।
इन प्रयासों से एलईडी लाइटों को बढ़ावा देने के जरिए व्यस्ततम घंटों में ऊर्जा के इस्तेमाल में एक हजार मेगावाट तक की कमी के सरकार के संकल्प को प्रक्टिकल शेप देनी शुरू हो गई है |
केन्द्र और राज्य सरकार, विद्युत मंत्रालय के तहत सार्वजनिक निकाय ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (ईईएसएल) के सहयोग से लगभग 2,28,496 घरेलू उपभोक्ताओं को 13 लाख एलईडी बल्ब वितरित करेंगे और वाराणसी में 36,077 पारम्परिक स्ट्रीट लाइटों के स्थान पर ऊर्जा के लिहाज से बेहतर एलईडी को लगाया जाएगा।
श्री गोयल ने बताया “ऊर्जा खपत के लिहाज से बेहतर एलईडी लाइटों के जरिए वाराणसी शहर में बिजली की मांग में 45 मेगावाट तक की कमी आएगी, जिससे 68 करोड़ रुपए की बचत होगी। पारम्परिक स्ट्रीट लाइटों के स्थान पर ऊर्जा के लिहाज से बेहतर एलईडी को बदले जाने के अभिनव व्यापारिक मॉडल में विस्तार की ओर भी संभावनाएं हैं, क्योंकि इसमें नगर निकायों की ओर से पूंजीनिवेश की आवश्यकता है। इससे व्यस्ततम घंटों में ऊर्जा की काफी बचत होगी और साथ ही साथ बिजली की गुणवत्ता सेवा में भी सुधार होगा।

दिल्ली में बिजली संकट दूर करने के लिए ४ पावर सब स्टेशन के लिए:आप:सरकार ने भूमि मुहैय्या नहीं करवाई

दिल्ली में बिजली संकट दूर करने के लिए ४ पावर सब स्टेशन के लिए:आप:सरकार ने भूमि मुहैय्या नहीं करवाई दिल्ली में बिजली का संकट दूर करने के लिए प्रस्तावित ४ पावर सब स्टेशन के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने आवश्यक भूमि मुहैय्या नहीं करवाई जिसके फलस्वरूप दिल्ली वासिओं को पर्याप्त बिजली के लिए तरसना होगा |यह आरोप केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने लगाये हैं |श्री गोयल ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि राजघाट+तुग़लकाबाद+द्वारका+करमपुरा में पावर स्टेशनों के स्थापित होते ही ७४०० एम डब्लू बिजली की सप्लाई शुरू हो जाएगी जिससे राजधानी में व्याप्त बिजली संकट ,आने वाले अनेकों वर्षों के लिए, समाप्त होजाएगा लेकिन दुर्भाग्य से इनमे से एक स्टेशन के लिए भी भूमि को चिन्हित नहीं किया गया है जिसके कारण दिल्ली को जनरेटर+ इन्वर्टर मुक्त दिल्ली बनाने में समय लगेगा

भारत को एलईडी[Light-Emitting Diode]से कम खर्च में चमकाने के लिए आज से हुई शुरुआत

The Prime Minister, launching the National Programme for LED Street Lighting and LED Home Lighting, in New Delhi on January 05, 2015.

The Prime Minister, launching the National Programme for LED Street Lighting and LED Home Lighting, in New Delhi on January 05, 2015.

[नई दिल्ली]भारत को एलईडी[Light-Emitting Diode]से ,कम खर्च में, चमकाने की आज से हुई शुरुआत |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में घरेलू बिजली बचत योजना और राष्ट्रीय स्तर पर घरों और सड़कों पर एलईडी [light-emitting diode]बल्ब लगाए जाने संबंधी योजनाओं की शुरूआत की|
पीएम ने प्रोडक्ट की गुणवत्ता और मार्च, 2016 तक100 शहरों में घरों +सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने की परियोजना पूरी करने के लिए इसके प्रचार प्रसार पर विशेष जोर दिया| दिल्ली में घरेलू उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब 10 रुपए के शुरूआती भुगतान पर दिए जाएंगे और 12 महीने तक प्रति बल्ब 10 रुपए उनके बिजली के बिल में वसूले जाएंगे। इस प्रकार एलईडी बल्ब, बाजार कीमत 350 से 600 रूपए प्रति बल्ब की तुलना में इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति बल्ब 130 रुपए की कीमत पर दिए जाएंगे। दिल्ली के घरों में एक एलईडी बल्ब लगाने से लगभग 162 रुपए की वार्षिक बचत का अनुमान है। एलईडी बल्बों की तीन साल की वारंटी होगी।
श्री मोदी ने आज साऊथ ब्लॉक में एक बल्ब के स्थान पर एलईडी बल्ब लगा कर दिल्ली में घरेलू बिजली बचत और घरों तथा सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने संबंधी राष्ट्रीय योजना की शुरूआत की।बताया गया है के केवल साऊथ ब्लॉक में ही इस प्रयोग से प्रति माह 7000 यूनिट बिजली बचेगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी बल्ब के जरिए बिजली बचाने के काम को जन-अभियान बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना कहीं अधिक सस्ता है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना इसलिए कठिन है, क्योंकि जहां एक उत्पादन इकाई भारी मात्रा में बिजली पैदा करती है, वहीं बिजली बचाने के लिए करोड़ों लोगों की सक्रिय भागीदारी का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए और प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित नागरिकों को एलईडी बल्ब लगाए जाने के अभियानों से जोड़े जाने की भी जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों की शुरूआत बल्ब निर्माताओं के लिए एक चुनौती है कि वे गुणवत्ता से समझौता किए बिना बेहतरीन एलईडी बल्ब का उत्पादन करें।
जागरूकता पैदा करने के अभिनव तरीकों और बिजली बचाने के संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नये वर्ष में डायरियों और कैलेंडरों जैसे उपहारों के स्थान पर एलईडी बल्बों को उपहार स्वरूप देना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि कंपनियां लाभांश देते समय एलईडी बल्बों का वितरण भी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर लक्ष्य बनाया जाना चाहिए और एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इस योजना को प्रमुखता देनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उद्यमियों, प्रतिष्ठित नागरिकों और आम लोगों की भागीदारी राष्ट्र प्रेम का कार्य है, क्योंकि इससे आयात बिलों में कमी आएगी, यह एक प्रकार की समाज सेवा है और इससे पर्यावरण सुरक्षित होगा।
यह पहल देश भर में बिजली बचाने के संदेश के प्रसार के लिए सरकार का प्रयास है। एलईडी बल्ब साधारण बल्ब की तुलना में 50 गुना अधिक समय तक चलता है। इसके अलावा सीएफएल की तुलना में एलईडी बल्ब 8 से 10 गुना अधिक टिकाऊ होता है और इसीलिए इससे बिजली और पैसे दोनों की बचत होती है।
प्रधानमंत्री ने घरेलू बिजली बचत योजना (डीईएलपी) के तहत दिल्ली के उपभोक्ताओं द्वारा एलईडी बल्ब प्राप्त करने के आवेदनों के पंजीकरण के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली की शुरूआत की। श्री मोदी ने सबसे पहले पंजीकरण कराने वाले दिल्ली के एक आम नागरिक को दो एलईडी बल्ब प्रदान किए।
मार्च, 2015 से एलईडी बल्बों को चरणबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा। लक्ष्य रखा गया है कि मार्च, 2016 तक 100 शहरों में घरों और सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने की परियोजना पूरी कर ली जाए।
इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिजली मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल सहित दिल्ली के सांसद भी उपस्थित थे।