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Tag: Planning commission

अखिलेश यादव को इनाम इकराम बाँटने के लिए प्लानिंग कमीशन की केंद्रीय योजना नहीं”नकद पैसा”चाहिए ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा इन सपाइयों की भाजपाइयों के साथ मिली भगत उजागर हो ही गई इनके पीएम की सी एम के साथ रिट्रीट में अखिलेश यादव ने भी नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हुए प्लानिंग कमीशन से राज्य को विकास के आदेश के बजाय पैसा दिए जाने का समर्थन कर दिया है ये सरे हसाडे पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के बांये हुए प्लानिंग कमीशन को तोड़ने के लिए अपने सर जुड़ा कर बैठे हैंओये इससे राष्ट्र की केंद्रीय एकीकरण की भवन का क्या होगा ?

झल्ला

अखिलेश यादव को प्रदेश में इनाम इकराम बाँटने के लिए प्लानिंग कमीशन की केंद्रीय योजना नहीं”नकद पैसा”चाहिएहोगा|ओ मेरे चतुर सुजाना आप लोग लगता है के प्रिंट मीडिया की तरफ से आँखें मूंदे हुए हो अरे भापा जी आये दिन अखिलेश सरकार को अपना चेहरा दिखाने के लिए फुल पेज के विज्ञापन छपवाना जरुरी है|लोक प्रियता के लिए लैपटॉप+साइकिल+इनाम इकराम बांटना जरुरी है ऐसे में योजना का क्या कारण है पैसा हाथ में होना जरुरी होता है |

Only 20% Aadhaars Generated in Bihar: 8.41 Crores Yet To Enroll

Over 2 Crore Aadhaars Generated in Bihar Total Population is 10.41 Crore
Aadhaar number holders can now avail many services with their Aadhaars such as opening a Bank account, +obtaining a SIM card+a PAN card, an LPG connection etc. For the benefit of residents and institutions/agencies alike, more services are likely to be available using the Aadhaar platform in the coming days.
Aadhaar is a “Digital ID” which facilitates “anytime, anywhere” online authentication of a resident through universal verification of one’s identity based on the demographic and biometric information of an individual, thereby eliminating any chance of duplication or fraud.
Pursuing the mandate of universal coverage across the country, the Unique Identification Authority of India (UIDAI) has generated over 2 crore Aadhaar numbers in Bihar out of a total population of 10.41 crore (as per Census 2011). Enrolling the residents at a fast pace, the districts of Kishanganj and Arwal, have reached a saturation level of over 50%, i.e. one out of every two residents in these districts has Aadhaar. Bihar is among the 4 new States allocated to UIDAI for Aadhaar enrolments earlier this year.
Currently about 1.5 lakh residents are enrolled per day through 3236 active enrolment stations deployed in 37 districts of the State.
44 Enrollment Agencies under 9 Non-State Registrars (NSRs) are working in Bihar, and the pace of enrolments is likely to gain further momentum shortly with engagement of Enrolment Agencies by the State Registrar, i.e. Department of Rural Development, Government of Bihar.
The UIDAI has, till date, issued over 70.8 crore Aadhaar numbers. Nine States/UTs including Andhra Pradesh, Telangana, Kerala, Delhi and Himachal Pradesh have crossed 90 percent Aadhaar coverage, while a further seven States/UTs have Aadhaar coverage of between 75 and 90 percent.

उ.प्र.में आधार कार्ड २५% तक पहुंचा ,यह आंकड़ा ५ करोड़ है

[नई दिल्ली]उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड का आंकड़ा ५ करोड़ के पार पहुंचा |यह प्रदेश की आबादी का २५% हैं
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने उत्तर प्रदेश की एक-चौथाई आबादी का पंजीकरण कर लिया है यह आंकड़ा ५ करोड़ के पार जा पहुंचा है उत्तर प्रदेश की कुल 19.95 करोड़ आबादी (2011 की जनगणना के अनुसार) ,दूसरे चरण. में २५% अर्थार्त 05 करोड़ से ज्यादा लोगों का आधार कार्ड के लिए पंजीकरण किया जा चुका है।
पंजीकरण का कार्य विभिन्न गैर-सरकारी पंजीयकों (बैंकों, एनएसडीएल आदि) के जरिए मार्च, 2014 में शुरू किया गया था।
योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस समय उत्तर प्रदेश के 69 जिलों में 55 पंजीकरण एजेंसियों द्वारा तैनात 5000 पंजीकरण किटों के जरिए प्रतिदिन ढाई लाख से ज्यादा लोगों का पंजीकरण किया जा रहा है। यूआईडीएआई कुछ और पंजीकरण किटों की तैनाती के लिए पर्याप्त कदम उठा रहा है ताकि जल्द से जल्द अधिकतम पंजीकरण के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।

मोदी ने आज फिर मन मोहन सिंह पर चुटकी ली और प्रवासी भारतीयों को लुभाया

प्रधान मंत्री के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेंदर मोदी आज कल डॉ मन मोहन सिंह पर चुटकी लेने से कोई अवसर नहीं छोड़ते आज भी मोदी ने मन मोहन के आशावादी भाषण के संदर्भ में चटकी लेते हुए कहा कि वाकई हम बेहतर समय की ओर बढ़ रहे हैं।उनका इशारा चुनावों के बाद कांग्रेस की हर और भाजपा की जीत से था

Dr Man mohan singh P M [FILE Photo]

Dr Man mohan singh P M [FILE Photo]

प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज प्रवासी भारतीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और कांग्रेस पर निशाने साधे और भाजपा के लिए प्रवासियों को आकर्षित करने का प्रयास भी किया न्यू |दिल्ली में प्रवासी भारतियों के लिए ६ जनवरी से सम्मलेन चल रहा है बीते दिन प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भी सम्बोधित किया था डॉ मन मोहन सिंह ने अपनी सरकार की उपलब्धियों के मध्य नजर कहा कि ‘‘हम बेहतर समय की ओर बढ़ रहे हैं”
, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर प्रवासी भारतीयों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया और कहा कि देश ‘‘बेहतर भविष्य’’ की ओर बढ़ रहा है और वर्तमान के बारे में निराश होने या भविष्य के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है । उन्होंने यह भी कहा कि अगले चुनाव परिणाम पर ध्यान दिए बिना वे एक बार फिर भारत के लोकतंत्र और इसकी संस्थाओं की सामर्थ्य को प्रदर्शित करेंगे । इस पर चुटकी लेते हुए आज नरेंदर मोदी ने कहा किप्रधान मंत्री ने कल सही कहा था कि हम वाकई अच्छे भविष्य की और बढ़ रहे हैं इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चार पांच महीनों में यह अच्छा समय आ जायेगा उनका इशारा २०१४ में चुनावों की तरफ था जिसे सुन कर सभागार में ठहाके गूँज गए|
अपने भाषण के अंत में मोदी ने बताया कि देश में इमेरजेंसी लगने पर दुनिआ भर में फैले प्रवासी भारतीयों ने खुल कर उसका विरोध किया था और उसके बाद जब अटल बिहारी वाजपई ने परमाणु विस्फोट कराया तो उस समय समय भी प्रवासी भारतीयों ने खुल कर उसका समर्थन किया था|
Photo Caption
The Deputy Chairman, Planning Commission, Shri Montek Singh Ahluwalia, the Union Minister for Overseas Indian Affairs, Shri Vayalar Ravi, the Chief Minister of Kerala, Shri Oommen Chandy, the Chief Minister of Haryana, Shri Bhupinder Singh Hooda, the Chief Minister of Gujarat, Shri Narendra Modi and the Chief Minister of Meghalaya, Mukul Snagma, at the 12th Pravasi Bharatiya Divas ‘Engaging Diaspora Connecting Across Generation’, in New Delhi on January 09, 2014.[1]

कृपया अपने अमूल्य विचार व्यक्त करें :क्या कांग्रेस की छवि को हो चुके डेमेज को इसके धुरंधर कंट्रोल कर पायेंगे

१/=५/=और १२ /= में भरपेट भोजन की दलील देने वाले नेताओं से कांग्रेस द्वारा किनारा किये जाने के पश्चात अब कांग्रेस के विश्वस्त और अनुभवी नेताओं ने पार्टी की छवि को सुधारने के लिए यौजना आयोग के ३३ /= [शहर]और २७/=[ग्रामीण] के ऊपर के अमीरों वाले फार्मूले की ही आलोचना शुरू कर दी है।
[१] वरिष्ठ और अनुभवी कानून विद कपिल सिब्बल ने तो प्रश्न ही खड़ा कर दिया है कि इतनी कम राशि में कोई कैसे पेट भर सकता है| एक कार्यक्रम में केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने गरीबी का आकलन करने के योजना आयोग के तरीके को चुनौती दे दी उन्होंने कहा कि पांच लोगों का परिवार 5,000 रुपये मासिक की आय में गुजर नहीं कर सकता। योजना आयोग की गरीबी की परिभाषा में कुछ गलत जरुर है।


[२] पार्टी के संकट मोचक महासचिव दिग्विजय सिंहने सोशल साइटपर ट्विट करके यौजना आयोग के इस फार्मूले के आधार को अपनी समझ से परे बताया । उन्होंने सुझाव भी दिया है कि परिवार के सदस्यों में कुपोषण को मापदंड बनाया जाना चाहिए। digvijaya singh ‏@digvijaya_28[Twitter ]I have always failed to understand the Planning Commission criteria for fixing Poverty Line . It is too abstract can’t be same for all areas
[३]]योजना और संसदीय राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार राजीव शुक्ला ने तो गरीबी के आंकड़ों को लेकर देश में छिड़ी बहस को बेवजह कि बहस बताते हुए एक नई दलील निकाली है श्री शुक्ला के अनुसार इन आंकड़ों को न तो सरकार ने तय किया है और न उन पर कोई निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट को सरकार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। इस संबंध में रंगराजन समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है जो अगले वर्ष आयेगी।
गौरतलब है कि योजना आयोग ने कहा था कि पांच लोगों का परिवार अगर ग्रामीण इलाके में 4,080 रुपये मासिक और शहरी क्षेत्र में 5,000 रुपये मासिक खर्च करता है तो वह गरीबी रेखा में नहीं आएगा।यौजना आयोग के इस फार्मूले को सपोर्ट करने के लिए कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने ऐ आई सी सी की प्रेस वार्ता में दावा किया की मुंबई जैसे शहर में मात्र १२/= में भरपेट खाना मिलता है| इसके पश्चात सांसद रशीद मसूद ने कहा की दिल्ली की जाम मस्जिद इलाके में तो ५/=में ही भरपेट खाना मिलता है|सरकार के सहयोगी और मंत्री फारुख अब्दुल्लाह तो इस लिमिट को मात्र १/= तक ले आये| तभी से देश में बहस चल रही है | मीडिया वाले सड़को पर ५/=और १२/= लेकर खाना तलाशते दिखाए जा रहे हैं| सोशल साईट्स पर सरकारी आयोजनों में ७७२१/= की थाली का पुनः जिक्र होने लगा है| सरकार की छवि को स्वभाविक धक्का लगा है इसी डेमेज को कंट्रोल करने के लिए धुरंधरों की टीम उतरी है लेकिन यक्ष प्रश्न है कि चुनावों में महज एक साल रह गया है इतनी कम अवधि में क्या ये धुरंधर पार्टी इमेज को हो चुके डेमेज को कंट्रोल कर पायेंगे ? कृपया अपने अमूल्य विचार व्यक्त करें