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विभाजन पश्चात विभीषिका की स्मृतियां (झंग),पीएमओ बना पोस्ट मास्टर,

विभाजन पश्चात विभीषिका स्मृतियां:पीएमओ इंडिया बना पोस्ट मास्टर

भारत के प्रधान मंत्री की सहायता के लिए दिल्ली में भारी भरकम प्रधानमंत्री कार्यालय  (पीएमओ ) है।स्टाफ+संसाधन+शक्तियों से सुसज्जित इस कार्यालय की जनकल्याणकारी भूमिका पर सवाल उठने लगे है।पीएमओ को प्रधानमंत्री कार्यालय के बजाय पोस्टमास्टर कार्यालय किये जाने की मांग की जाने लगी है।

प्रधानमंत्रीनरेन्द्रमोदी द्वारा ताबड़तोड़ तीन विभिन्न मंचो से 1947 के विभाजन  की विभीषिका के दर्द को महसूस किया दर्द बांटा और प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की है। दुर्भाग्य से उनकी इस भावना पर पानी फेरते हुए उनका अपना ही पीएमओ कार्यालय नजर आ रहा है।

आये दिन ऐसे केस आ रहे हैं जिनमे पीड़ित द्वारा  पीएमओ को फरियाद भेजी गई ।उस जायज फरियाद को सम्बंधित विभाग/मंत्रालय/राज्य को तत्काल प्रेषित कर दी गई।उसके पश्चात उस पर हुई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त कर फरियादी को राहत दिलाने की जहमत  उठाने को कोई तैयार नही है।यहां तक पीएमओ के ग्रिएवंस पोर्टल को भी अपडेट नही किया जाता। पीएमओपीजी पोर्टल पर पीड़ित द्वारा अपलोड किए गए अनगिनत रिमाइंडर इसकी गवाही दे रहे है।यह अनेकों राज्यों से सम्बंधित हैं जो केंद्र और राज्यों के सम्बन्धों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते है।यहां उदहारण के लिए केवल तीन केस प्रस्तुत हैं।तीन राज्यों में यूपी और हरियाणा में भजपा और पंजाब में कांग्रेस की सरकार है।

यहां कुछ केस प्रस्तुत हैं जो पीएमओ द्वारा मात्र पोस्ट मास्टर की भूमिका निभा कर इतिश्री करने के तथ्यों को सत्यापित करते हैं

1947 की विभीषिका से पीड़ित परिवार के सदस्य रोहित मालिक का परिवार झंग(पाकिस्तान)से यूपी के मेरठ में आ कर बसा।यहां की evacuee property में इन्हें क्षतिपूर्ति /पुनर्वास के रूप में भूमि दी गई जिसके लिए विभाजन विभीषिका पीड़ा से त्रस्त विस्थापित परिवार  से अतिरिक्त राशि भी तत्काल वसूली गई ।इनकी दो पीढियां स्वर्ग सिधार चुकी लेकिन इन्हें आज भी मुआवजा नही दिया गया।

रोहित मलिक

रोहित मलिक

मालूम हो कि इनकी भूमि पर सरकार ने ही कब्जा करके आलीशान कार्यालय बना लिए ।अब ड़ो इंजन की सरकार में  पी एम ओ के आदेश भी बेमानी हो रहे है करोड़ो रु की सम्पत्ति के स्वामी होने के बावजूद ये लोग भूसा बेच कर परिवार को पाल रहे है

 

मानसून सत्र के पहले दिन पीएम ने आक्रामकता दिखाई,विपक्ष ने हंगामे की रस्म निभाई

(नई दिल्ली)मानसून सत्र के पहले दिन पीएम ने आक्रामकता दिखाई,विपक्ष ने हंगामे की रस्म निभाई लोक सभा की शुरुआत में मृतक सदस्यों को श्रधांजलि दी जानी थी और नए मंत्रियों का  परिचय कराया जाना था लेकिन विपक्ष ने  प्रधानमंत्री के सम्बोधन के दौरान भी हंगामा जारी रखा।इसपर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए हंगामा कर रहे सदस्यों को महिला+दलित+पिछड़े मंत्रियों का विरोधी बता डाला।वैसे बीते दिन सर्वदलीय बैठक के पश्चात पीएम ने अपना आक्रामक रुख प्रगट कर दिया था

पी एम मोदी ने कहा।बड़ी मात्रा में महिला, दलित, आदिवासी मंत्रियों का होना उत्साह, आनंद और गौरव का विषय होना चाहिए शायद देश के दलित मंत्री बने, देश की महिला मंत्री बने, देश के ओबीसी मंत्री बने, देश के किसानों के बेटे मंत्री बने, ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है अध्यक्ष जी,,मैं सोच रहा था कि आज सदन में एक उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी मात्रा में हमारी महिला सांसद मंत्री बनी हैं। आज मुझे खुशी होती कि बहुत बड़ी मात्रा में हमारे दलित भाई मंत्री बने हैं। खुशी होती आज हमारे आदिवासी शिड्यूल ट्राइब्स के सारे साथी बहुत बड़ी मात्रा में मंत्री बने हैं,माननीय अध्यक्ष जी,इस बार सदन में हमारे साथी सांसद जो किसान परिवार से हैं, ग्रामीण परिवेश के हैं, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से हैं, ओबीसी समाज से हैं, बहुत बड़ी मात्रा में उनको मंत्रिपरिपषद में मौका मिला, उनका परिचय करने का आनन्द होता, हर बेंच पर से, बेंच को थपथपा करके उनका गौरव किया गया होता। लेकिन शायद देश के दलित मंत्री बने, देश की महिला मंत्री बने, देश के ओबीसी मंत्री बने, देश के किसानों के बेटे मंत्री बने, ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है और इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते हैं। और इसलिए माननीय अध्यक्ष जी, मंत्रिमंडल में नवनियुक्त सदस्यों को लोकसभा में Introduces समझा जाए

 

पेड़ के नीचे बैठे बैठे ही कांग्रेस को कपिलदेव जैसे भ्र्ष्टाचार के मुद्दे मिलने शुरू हो रहे हैं

#अवसरतलाशताकांग्रेसी
ओए झल्लेया!
देखा इन भाजपाईयों की परतें खुलने लग गई।ओए सन्तरी तो सन्तरी इनके मंत्री भी सीएम और पीएम तक को बेच के खा रहे हैं
यूपी के राज्यमंत्री #कपिलदेवअग्रवाल के परिवार ने #इनब्लॉक मोबाइल कम्पनी से सांठगांठ करके विज्ञापनों में सीएम और पीएम की फोटुएं लगा कर मोबाइल बेच डाले।और अब कहलवा रहे हैं कि इस पहले कथित देसी स्मार्टफोन से उनका कोई सरोकार नही है
#झल्ला
पेड़ के नीचे बैठे बैठे ही कांग्रेस को कपिलदेव जैसे भ्र्ष्टाचार के मुद्दे मिलने शुरू हो रहे हैं
पेड़ के नीचे बैठे रहों ।ऐसे मुद्दे गिरने शुरू हो रहे हैं
चतुर सुजाण जी! वाकई अब मुल्क में दूध देने वाले नही बल्कि खून चूसने वाले नेताओं की भरमार हैं

पीएम”मोदी”28 जून,को मगहर में संतकबीर की ५००वी पुन्यतिथि मनाएंगे

[नई दिल्ली]पीएम”मोदी”28 जून,को मगहर में संतकबीर की ५००वी पुन्यतिथि मनाएंगे |इससे पूर्व पी एम हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए फिल्म जगत को प्रेरित कर चुके हैं
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई दामोदर दास मोदी कल 28 जून, 2018 को उत्तर प्रदेश में संतकबीर नगर जिले के मगहर जाएंगे। प्रधानमंत्री मगहर में महान संत और कवि कबीरदास की 500वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।पी एम संत कबीर के मजार पर चादर भी चढ़ाएंगे।
मोदी संतकबीर गुफा का भी दौरा करेगे और कबीर अकादमी की आधारशिला के मौके पर पट्टिका का अनावरण करेगे।
कबीर अकादमी में संत कबीर के उपदेशों और विचारों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाएगा।
बाद में प्रधानमंत्री मगहर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेगे और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शरीक होंगे|
फाइल सिंबॉलिक फोटो
कैप्शन
पीएम ने हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए फिल्म जगत को प्रेरित किया

१९४७ में छोड़ी गई जमीन और रेफुजियों को अलॉटमेंट की जांच आवश्यक

[चंडीगढ़,दिल्ली]१९४७ में छोड़ी गई जमीन और उसकी रेफुजियों को अलॉटमेंट की जांच आवश्यक
१९४७ के विभाजन के दौरान देश में छोड़ी गई जमीन और फिर उसे रेफुजियों को अलॉटमेंट प्रक्रिया की जांच
आवश्यक है|
आजादी के बाद से ही इस अलॉटमेंट प्रक्रिया पर सवाल उठते आ रहे हैं |
1947 में बढ़ी संख्या में मुस्लिम परिवार अपनी उपजाऊ जमीनों+मूलयवान सम्पत्ति को भारत सरकार के भरोसे छोड़ कर पाकिस्तान जाने को मजबूर हुए|उनकी उस सम्पत्ति को भारत में आ रहे हिन्दू शरणार्थियों को अलॉट किया गया लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक उन जमीनों+सम्पत्ति का लेखा जोखा नही है| केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर पंजाब हरियाणा और यूपी की सरकारें इस दिशा में बचती फिर रही है |तमाम सरकारें इसकी जांच भी करवाने को तैयार नही है |२००५ में पंजाब में बाकायदा एक्ट जारी करके रेफुजियों के सारे हक़ जब्त कर लिए गए,जिसके फलस्वरूप ओल्ड लैंड रिकॉर्ड कार्यालयों से लेकर उच्च अदालतों में भी हजारों केस अपनी तारीखों के लिए जूतियां रगड़ रहे हैं|पीएमओ भी महज पोस्ट ऑफिस की भूमिका निभाने में व्यस्त है |तीन साल से इसके ग्रीवांस सेल्ल के पोर्टल पर कोई प्रगति अपलोड नहीं की जा रही है|पंजाब के मुख्य सचिव के पोर्टल का भी कमोबेश यही हाल है|१९८४ के पीड़ितों को मुआवजे के लिए बंद पढ़े कानून की कतबों को खुलवाने के लिए वर्तमान पंजाब सरकार पूरा जोर लगा रही है लेकिन २००५ के एक्ट को खुलवाने के लिए उसमे कोई रूचि नहीं है |
मेरे अनुभव के अनुसार ये जमीन बढ़ी संख्या में भारत आने वाले हिंदुओं को महज कागजों में ही अलॉट की गई |अधिकांश को केंसिल दिखा कर टरका दिया गया| केंसिल की गई जमीनों का पुनः अलॉटमेंट की कोई सूचना देने को तैयार नहीं है| व्यक्तिगत प्रयासों से ज्ञात हुआ है के पटवारियों के खातों में अभी भी ऐसी भूमि पढ़ी हुई है| जिन पर अवैध कब्जे कराये गए हैं|इसी से स्वाभाविक शक पैदा होता है के बढ़ी मात्रा में बंदरबांट की गई है |
इसी के मध्यनजर क्यूँ ना पंजाब और हरियाणा के साथ यूपी में भी 1947 की जमीनों की जांच हो जाये

पंजाब में जमीनों पर अवैध कब्जों का खेल अभी भी जारी है

पंजाब में जमीनों पर अवैध कब्जों का खेल अभी भी जारी है
जीहां जंगालत मंत्री साधू सिंह धर्मसोत की नवीनतम स्वीकारोक्ति तो यही दर्शाती है|
जंगलात मंत्री के अनुसार पंजाब में जंगलात विभाग की 31000 एकड़ भूमि पर अकालियों ने अवैध कब्जे कराये हैं लेकिन इस जंगलराज से मुक्ति के लिए पंजाब की मौजूदा 1 साल की सरकार से कोई प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई है |
रब्ब झूट ना बुलवाये !
पंजाब में १९४७ से ही कब्जे का खेल शुरू है |
शरणार्थियों को विभागीय कागजों में तो रिहैबिलिटेशन क्लेम आल्लोट कर दिए गए मगर उन्हीं प्लॉट्स पर अपनों से अवैध कब्जे भी करवा दिए गए |२००५ में बेशक तत्कालीन मरकजी सरकार ने सूचना का अधिकार राष्ट्र को दिया लेकिन उसी वर्ष काला क़ानून लाकर शरणार्थियों की तमाम वेदनाओं+समस्यायों को दफन कर दिया गया |रिहैबिलिटेशन के उनके सभी अधिकारों पर कुठाराघात किया गया|वर्तमान में आर टी आई के अंतर्गत सूचना मांगने पर पंजाब से दिल्ली तक एक विभाग से दूसरे विभाग में केवल टरकाया जा रहा है |जिसके फलस्वरूप बेचारे पीड़ितों के बचे खुचे वंशज अभी तक इस लोकतंत्र को रो रहे हैं |
70 वर्ष पहले अपना हिन्दुतत्व बचाने को पूर्वज पुश्तैनी घर छोड सिर कटे हिन्दूओ को देखते अनजान आश्रय की खोज में हिन्दुस्तान के लिये निकले थे जिसका दर्द शायद धर्मनिरपेक्षता का छद्म चश्मा लगाए लोग ना समझ पाये
सरकारें आई और गई लेकिन विश्व की सबसे बड़ी इस त्रासदी के पीड़ितों को भारत में कोई भी सरकार न्याय नही दे पाई
यह शायद लोकतन्त्र का अपमान है

PMO Solved 50% Grievance in Just 1st Month Of Running Year

[New Delhi]PM’sOffice Solved 50% Grievance in Just 1st Month Of Running Year.This Achievement Is Claimed By Dr Jitendra Singh In Rajya Sabha Today 92,652 Public Grievances Have Been Received by the PMO Between January 1 and 29, 2017. Of these, 49,196 Have Been Resolved,
As per Dr Jitendra Singh Over 10 lakh public grievances were received by the Prime Minister’s Office (PMO) last year,
about 42 per cent more than the complaints received in 2015, .
Union Minister Jitendra Singh informed Rajya Sabha today that The grievance redress mechanism of the PMO was in 2015 integrated with the online Centralised Public Grievance Redress and Monitoring System (CPGRAMS) — a portal meant for addressing complaints against government departments from people.
A total of 10,29,523 complaints were received in 2016. Of these,
7,52,635 were disposed,
During 2015,
7,25,112 public grievances were received by the PMO of which
5,58,247 were resolved, he said in a written reply to the Upper House.
These grievances were received from “very important persons and other applicants,”.
A]2015
Total Receipts: 725112 Disposal: 558247
B]2016
Total Receipts: 1029523 Disposal: 752635
C]2017 (As on 29.01.2017)
Total Receipts: 92652 Disposal: 49196

PMO Clears Rs 119 Crore Dues of Cash-Strapped National Carrier AI

[New Delhi] Prime Minister.s Office[PMO] Clears Rs 119 Crore Dues of Cash-Strapped National Carrier AI
As per RTI applicant Commodore (retd) Lokesh Batra ,PMO on January 30 uploaded on its website the details of bills worth about Rs 119.70 crore cleared for eight trips, which were shown pending or under process since last year.
The move comes following an order of Chief Information Commissioner R K Mathur who had refused to disclose the file notings related to the travel expenses incurred on the Prime Minister’s visits abroad, but took note of Batra’s quest for timely payment of bills by the government to the public sector units.
The PMO has claimed on its website that bills for trips – Japan, Laos, Mozambique, South Africa, Tanzania and Kenya and Uzbekistan – have not been received while it shows that bills are under process for the four visits.
Prime Minister Narendra Modi has undertaken 27 visits abroad since assuming the office on May 26, 2014, according to the PMO website

PM “Modi”Advocates For Equality For Girl Child:Girl Child Day

[New Delhi] Prime Minister “Modi”Advocates For Equality For Girl Child
Modi Challenge gender stereotypes on Girl Child Day
Prime Minister of India Narendra Modi today underlined the need to reject gender discrimination and ensure equal opportunities as he extended greetings on the occasion of Girl Child Day.
“National Girl Child Day is a day to celebrate the exceptional achievements of the girl child, whose excellence in many fields makes us proud,” he said in a tweet.
Modi said, “it is imperative to reject discrimination against the girl child and ensure equal opportunities for the girl child”.
“Let us reaffirm our commitment to challenging stereotypes based on gender & promote gender sensitisation as well as gender equality,” the Prime Minister said in another tweet.
File Photo

10 Million Downloads of @BHIM App in 10 Days:PM “Modi” Delighted

[New Delhi]10 Million Downloads of @BHIM App in 10 Days:PM “Modi” Delighted
PM Narendra Modi Is delighted over 10 million downloads of BHIM App in 10 days
The Prime Minister Of India Narendra Modi has expressed delight over 10 million downloads of BHIM App in a span of 10 days.
PM Said ” Delighted to know that in a span of 10 days there have been over 10 million downloads of the BHIM App.
BHIM App has made transactions faster & easier, thus making it popular among the youth. The App is also beneficial for traders.
The BHIM App is a fine example of Make in India & how technology is being effectively used to end the menace of corruption & black money”,