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सीमान्त छेत्रों में, रक्षा परियोजनाओं को ,पर्यावरण मंत्रालय के अनावश्यक प्रतिबंधों से नीतिगत मुक्ति मिलेगी

[नई दिल्ली]सीमान्त छेत्रों में, रक्षा परियोजनाओं को ,पर्यावरण मंत्रालय के अनावश्यक प्रतिबंधों से नीतिगत मुक्ति मिलेगी
भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए सीमान्त छेत्रों में रक्षा परियोजनाओं को पर्यावरण मंत्रालय के अनावश्यक प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं |
श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज सावधानीपूर्वक और दोहराते हुए मीडिया को बताया है कि अब वास्‍तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) से 100 किमी की दूरी तक सीमा सड़क एवं रक्षा परियोजनाओं के लिए सामान्‍य स्‍वीकृति +नीति फ्रेमवर्क में पर्यावरण स्‍वीकृतियों के निर्णय लिए जाएंगे+रक्षा सचिव, श्री आर.के. माथुर + पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के वरिष्ठ अधिकारी ने सूचना और प्रसारण (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय मामलों के राज्यमंत्री श्री प्रकाश जावडे़कर से 12 जून, 2014 को नई दिल्ली में मुलाकात की।इस मीटिंग के बाद पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि फास्‍ट ट्रेक प्रणाली में पर्यावरण अनुरक्षण को रोके बगैर वास्‍तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) से 100 किमी की दूरी तक सीमा सड़क एवं रक्षा परियोजनाओं के लिए मंजूरी देने के लिए नीतिगत फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। पर्यावरण भवन में अपने दौरे के दौरान प्रैस को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री ने यह बात कही।
इससे पूर्व पर्यावरण मंत्री ने रक्षा सचिव तथा पर्यावरण मंत्रालय के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
श्री जावड़ेकर ने आगे स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि पर्यावरण स्‍वीकृतियों की प्रक्रिया विशेषकर रक्षा परियोजनाओं के लिए मंजूरी देने में विलंब को कम करने की दृष्‍टि से यह व्‍यवस्‍था जरूरी थी। यह एक ऐसा प्रयास है जो पर्यावरण संबंधी स्‍वीकृतियों को सरल, पारदर्शी, मान्‍य प्रक्रिया बनाने में सहायक होगा। आगे बढ़ने की दृष्‍टि से मंत्रालय मामला दर मामला मंजूरी की अपेक्षा पॉलिसी फ्रेमवर्क के माध्‍यम से निर्णयों को अंतिम रूप देगा।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि पॉलिसी फ्रेमवर्क का ब्‍यौरा शीघ्र ही तैयार करके सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
फोटो कैप्शन
The Defence Secretary, Shri R.K. Mathur along with senior officer Ministry of Environment and Climate Change meeting the Minister of State for Information and Broadcasting (Independent Charge), Environment, Forest and Climate Change (Independent Charge) and Parliamentary Affairs, Shri Prakash Javadekar, in New Delhi on June 12, 2014.

भाजपा ने , संकीर्ण राजनीती से ऊपर उठ कर, उत्तराखंड में राष्ट्रीय आपदा घोषित किये जाने की मांग को दोहराया

प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने आज पुनः उतराखंड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किये जाने की मांग को दोहराया है और संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर उठ कर आपदा के कारण जान कर इसकी पुनरावृति की रोक थाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यौजना बनाये जाने पर बल दिया है|
भाजपा के सांसद और प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने आज पार्टी की प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि उत्तराखंड की त्रासदी से आम जन दुखी है और सच्चे दिल से सहयोग करना चाहता है|इसी उद्देश्य से अनेकों प्रदेशों के मुख्य मंत्री वहां जा कर अपनी संवेदनाएं प्रकट कर रहे हैं और सहायता का हाथ बड़ा रह रहें|लेकिन दुर्भाग्य से देश के प्रधान मंत्री राष्ट्र के नाम कोई सन्देश नही दे रहे|विकराल /भयावह/ त्रासदी पर उनका मौन आश्चर्यजनक है|अमेरिका का उदहारण देते हुए उन्होंने कहा की अमेरिका में अगर एक बन्दूक से लोग मारे जाते हैं तो डेमोक्रेट्स बराक ओबामा सरकार अपने विपक्षी रिपब्लिकन्स को साथ लेकर चलती हैभारत में इसके ठीक उलट सात दिन बीतने पर भी पी एम् ने शेष दलों से सहयोग की मांग नही की है|इस त्रासदी में कांग्रेस सरकार भी संकीर्ण मानसिकता का परिचय देते हुए नरेन्द्र मोदी के सहयोग के हाथ को निशाना बनाने में लगी है|
जावडेकर ने बताया के इस त्रासदी के कारण उत्तराखंड के पुनर्निर्माण की जरुरत है|मकान+सड़कें+पुल+ अस्पताल+मंदिरों का निर्माण किया जाना है|लेकिन मोदी भयग्रस्त सरकार आपदा को राष्ट्रीय आपदा तक घोषित नही कर रही है|
उन्होंने इस आपदा से सबक सीखने के लिए लेसन[सबक] लर्न[सीख] नॅशनल कमीशन बनाये जाने की मांग भी की |