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250 Journos To Attend 1st Ever Workshop For Women Journalists

[New Delhi]250 Journos To Attend 1st Ever Workshop For Women Journalists
Nearly 250 journalists from 30 States/UTs will participate in the first ever ‘All India Women Journalists’ Workshop’ tomorrow
Around 250 journalists from 30 States/UTs across the country, representing 120 media organizations will come together on a single platform at the first ever ‘All India Women Journalists’ Workshop’ organized by Ministry of Women and Child Development in association with Press Information Bureau, Ministry of Information & Broadcasting in New Delhi tomorrow.
The women journalists represent print, electronic and online media across the country including small regional media organizations.
This Conference will be a unique gathering of women journalists, who specialize in social sector reporting, coming together to understand, discuss and deliberate on issues concerning women and children. The WCD Minister Smt Maneka Sanjay Gandhi will herself make a presentation to showcase the achievements of the Ministry during the last two years and also obtain a feedback on a number of issues concerning women and children especially on the recently released Draft National Policy for Women, Draft Anti Trafficking Bill, Draft Regulations under JJ Act.
The Ministry is also looking forward to new ideas/ areas concerning women and children which could be taken up in the coming months.
In the post lunch session, the Minister of State for Commerce & Industry, Smt Nirmala Sitharaman will make a presentation on the achievements and new initiatives of the entire government during the last two years.

Press Information Bureau Added Webpage To Mark Good Governance Day

[New Delhi]PIB Added New webpage To Mark Good Governance Day.
Press Information Bureau[PIB] has launched a webpage to mark ‘Good Governance Day’ on the website of the Bureau.
The webpage is one-stop information resource on the former Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee, whose 90th birthday coincides with the Good Governance Day on 25th December.
A presentation on the webpage was done to apprise Secretary Ministry of Information & Broadcasting, Shri Bimal Julka about the features of the page. Praising the webpage, Shri Julka said “efforts like this are step towards making people aware of the accomplishments of Shri Vajpayee” and hoped that general public, researchers and media persons will find the page a valuable resource.
The webpage contains more than three hundred speeches of the former Prime Minister in both Hindi and English, segregated into themes like governance+ education+ science + technology + economic reforms.
Photo Caption
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka launched the webpage on ‘Good Governance’ on the website of Press Information Bureau (PIB), in New Delhi on December 23, 2014.
The Additional Secretary, Ministry of I&B, Shri Jitendra Shankar Mathur and the Director General (M&C), Press Information Bureau, Shri A.P. Frank Noronha are also seen.

आम चुनाव २०१४ के लिए विशेष वेब-पोर्टल की शुरूआत के साथ १३ भाषाओं में संदर्भ पुस्तिका का विमोचन हुआ

आम चुनाव 2014: विशेष वेब-पोर्टल की शुरूआत के साथ संदर्भ पुस्तिका का विमोचन हुआ
देश में 16वीं लोकसभा के प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए आम चुनाव होने जा रहे हैं। पत्र सूचना कार्यालय ने इस विशाल आयोजन के बारे में सूचना उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाने की योजना की जानकारी दी गई है |
आम चुनावों से संबंधित बहुत सारे विशेष लेख भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त हुए हैं। ये लेख “भारत में निर्वाचन प्रणाली का विकास”, “भारत में चुनाव कानून”, “जन-प्रतिनिधित्व कानून 1952 की मुख्य विशेषताएं”, मतदाता जागरूकता के लिए “एसवीईईपी कार्यक्रम ” जैसे विषयों पर हैं। इन विशेष लेखों में एनओटीए और वीवीपीएटी जैसी नई बातें मीडिया के लिए दिशा निर्देश, पेड न्यूज, चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव-उपरांत सर्वेक्षण जैसे विषय भी शामिल किए गए हैं।
आम चुनाव से जुड़े विविध पहलुओं पर कई तथ्य पत्र+ संदर्भ सामग्री और लेख पहले ही जारी किए जा चुके हैं। संदर्भ सामग्री में 15वीं लोकसभा के चुनावों (2009 के आम चुनाव) पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए पिछले चुनावों के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत और गहन विश्लेषण किया गया है। राज्यवार तथ्य पत्र जारी किए गए हैं, जो विभिन्न राज्यों के मतदाताओं, संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों तथा पिछले चुनावों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
पत्र सूचना कार्यालय में प्रधान महानिदेशिका श्रीमती नीलम कपूर ने आज “आम चुनाव-2014 : संदर्भ पुस्तिका” का विमोचन किया।
इस संदर्भ पुस्तिकाको पिछले चुनावों और आम चुनावों से संबंधित नवीनतम प्रावधानों का सार-संग्रह बताया गया है। अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा यह संदर्भ पुस्तिका 11 क्षेत्रीय भाषाओं – असमी, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू और उर्दू में भी उपलब्ध कराई जाएगी।
साथ ही, पत्र सूचना कार्यालय ने आम चुनाव-2014 को समर्पित एक वेब पोर्टल :की शुरूआत कीगई| इसका इस्तेमाल भारत निर्वाचन आयोग के महत्वपूर्ण निर्देशों, आदेशों और प्रेस विज्ञप्तियों के प्रसार के लिए किया जाएगा। संदर्भ पुस्तिका भी इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी। मतगणना वाले दिन यानी 16 मई, 2014 को इस पोर्टल का इस्तेमाल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए वास्तविक आंकड़ों के आधार पर आधिकारिक रूझानों और नतीजों का प्रसार करने के लिए भी किया जाएगा। ये रूझान और नतीजे एसएमएस के माध्यम से सोशल मीडिया के साथ भी साझा किए जाएंगे।
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The Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur launching the PIB’s special web-portal for General Elections 2014, in New Delhi on April 03, 2014.
The Director (M&C), PIB, Shri Rajesh Malhotra is also seen.

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डॉ मन मोहन सिंह आज की प्रेस कांफेरेंस में अमेरिका से अपने सम्बन्धों को सुधारते हुए दिखाई दिए

डॉ मन मोहन सिंह आज की प्रेस कांफेरेंस में अमेरिका से अपने सम्बन्धों को सुधारते हुए दिखाई दिए | डॉ मन मोहन सिंह ने प्रधान मंत्री के रूप में अपने दस साल के कार्यकाल में अमेरिका से न्यूक्लीयर करार को सर्वश्रेष्ठ बताया| बीते तीन सालों में पहली प्रेस कांफेरेंस करते हुए पी एम् ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए |एक प्रश्न के उत्तर में डॉ मन मोहन सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में अमेरिका के साथ हुई न्यूक्लीयर डील को वोह सर्वश्रेष्ठ मानते हैं क्योंकि उस डील के बाद भारत ने विकास के छेत्र में अनेकों उपलब्धियां हासिल कीइसके अलावा एक अन्य प्रश्न में तमिल मछुआरों के हितो को लेकर श्रीलंका के प्रति उदासीनता और राजनयिक देवयानी को लेकर मचा हाय हल्ला पर डॉ सिंह ने तमिल समस्या को तो एड्रेस किया मगर प्रश्न में अमेरिका से सम्बंधित हिस्से को टाल गए
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The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh being received by the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, at a Press Conference, in New Delhi on January 03, 2014.
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur are also seen.

पी. चिदम्‍बरम ने वित्त मंत्री के रूप में पहले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया

पी. चिदम्‍बरम ने वित्त मंत्री के रूप में पहले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए जहाँ अपनी उपलब्धियां गिनाई वहीं ऍफ़ डी आई और निर्यात के छेत्रों में वृद्धि का आश्वासन भी दिया
वित्‍त मंत्री पी. चिदम्‍बरम ने आज एक संवाददाता सम्‍मेलन में दावा करते हुए कहा कि बेहतर उपाय अपनाने से आर्थिक क्षेत्र के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिली है। वित्‍त मंत्री के तौर पर अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करते हुए उन्‍होंने कहा कि इस दौरान कृषि उद्योग और सेवा क्षेत्र से जुड़े महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में व्‍यापक उपाय अपनाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2012-13 में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों में निम्‍नलिखित वृद्धि दरें दर्ज की गईं :-
[१]कृषि : 1.9 प्रतिशत
[२]उद्योग : 2.1 प्रतिशत
[३] जिसमें विनिर्माण : 1.0 प्रतिशत
[४]सेवा : 7.1 प्रतिशत
[५]कुल : 5.0 प्रतिशत
वित्‍त मंत्री ने कहा कि जहां तक कृषि का संबंध है, अब तक मॉनसून काफी अच्‍छा रहा है। यह सामान्‍य दीर्घकालिक औसत की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। कुल 36 मौसम संबंधी उप क्षेत्रों में से 18 उपमण्‍डलों में अधिक वर्षा और 11 उपमण्‍डलों में सामान्‍य वर्षा दर्ज की गई है। आगामी खरीफ फसल के लिए प्रमुख फसलों का बुवाई क्षेत्र महत्‍वपूर्ण रूप से अधिक है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के 635.05 लाख हेक्‍टेयर की तुलना में वर्तमान खरीफ सीजन में 747.78 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है। उन्‍होंने कहा कि इसको देखते हुए पिछले वर्ष की विकास दर की तुलना में कृषि क्षेत्र में अधिक विकास दर दर्ज करने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष की शुरूआत में यह अनुमान लगाया गया कि बैंक इस वर्ष 7,00,000 करोड़ रुपये का कृषि ऋण प्रदान करेंगे, लेकिन अच्‍छे मॉनसून और बुवाई क्षेत्र में हुई वृद्धि को देखते हुए बैंकों से कहा गया है कि वे कृषि क्षेत्र में 7,00,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का ऋण प्रदान करें।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि उद्योग क्षेत्र में परिणाम मिश्रित रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि बैंकों ने उन्‍हें जानकारी दी है कि वाणिज्यिक रीयल एस्‍टेट, लघु और मध्‍यम उद्यम और रिटेल क्षेत्रों से ऋण की अच्‍छी मांग रही है। इस वर्ष मई में उपभोक्‍ता वस्‍तुओं में ऋण में 21 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। आवास ऋणों में 17.1 प्रतिशत और वाणिज्यिक रियल एस्‍टेट में 15.4 प्रतिशत तक की वृद्धि इस वर्ष मई में दर्ज की गई।
वित्‍त मंत्री ने बताया कि निवेश पर मंत्रिमंडलीय समिति ने अब तक कुल 1,60,900 करोड़ के निवेश वाली कुल 157 परियोजनाओं को स्‍वीकृति दे दी है। परियोजना निगरानी स‍मूह बड़ी परियोजनाओं का चयन करते हुए उन्‍हें कार्यान्वित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। 31 अगस्‍त 2013 तक 23,190 मेगावाट निर्माण क्षमता और 1,17,814 करोड़ रुपये के निवेश से ईंधन आपूर्ति समझौतों की 20 विद्युत परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया जाएगा।
उन्‍होंने कहा कि पिछले वर्ष वित्‍तीय घाटे का अधिक रहना चिंता का विषय था। अर्थव्‍यवस्‍था को पुन: पटरी पर लाने के लिए वित्‍तीय घाटे को कम करना हमारी प्राथमिकता रही है और इसमें सफलता प्राप्‍त करते हुए पूर्व में 5.3 प्रतिशत के लक्ष्‍य की तुलना में वर्ष 2012-13 में वित्‍तीय घाटे को कम करके 4.9 प्रतिशत तक केन्द्रित कर लिया गया।

सोने के आयात पर भी मजबूत उपाय अपनाए गए हैं

। जून 2013 में सोने का आयात घटकर 31 एम.टी. तक आ गया। इससे पूर्व यह 25 जुलाई 2013 को 45 एम.टी. था। वित्‍त मंत्री ने उम्‍मीद जताई कि पिछले वर्ष के 845 एम.टी. आयात की तुलना में इस वर्ष सोने के आयात में काफी कमी लाई जा सकेगी।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी महत्‍वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिनके कारण निर्यात क्षेत्र में अच्‍छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के प्रवाह पर भी महत्‍वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि अनुमान है कि देश के भीतर प्रवाह 80 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक रहेगा।
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The Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram addressing a Press Conference, in New Delhi on July 31, 2013.
The Minister of State for Finance, Shri Namo Narain Meena and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur are also seen.

सुशील कुमार शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्रालय का जून के तीस दिनों में तीस उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पत्रकार वार्ता में जून, 2013 के लिए गृह मंत्रालय का मासिक रिपोर्ट कार्ड प्रस्‍तुत किया
केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री शिंदे ने आज नई दि‍ल्‍ली में प्रैस वार्ता के दौरान जून, 2013 के लि‍ए गृह मंत्रालय का मासि‍क रि‍पोर्ट कार्ड प्रस्‍तुत कि‍या। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्‍होंने बताया कि‍ दिनांक 5 जून, 2013 को, आंतरिक सुरक्षा के बारे में मुख्‍यमंत्री सम्‍मेलन आयोजित किया गया तथा देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति+ जांच के व्‍यावसायीकरण+ राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण+ आसूचना विंगों के सुदृढ़ीकरण+ राष्‍ट्रीय आतंकवाद-रोधी केन्‍द्र+ साम्‍प्रदायिक सौहार्द+ सीमा प्रबंधन+ तटीय सुरक्षा+कारागार सुधार और कारागारों के आधुनिकीकरण, महिलाओं के प्रति अपराध तथा अपराध रोकने के लिए राज्‍यों द्वारा किए गए उपायों, पुलिस प्रशिक्षण और वामपंथी उग्रवाद पर चर्चा की गई।

The Union Home Minister, Shri Sushil Kumar Shinde holding a press conference to present the Report Card of the Ministry of Home Affairs for the month of June 2013, in New Delhi on July 10, 2013. The Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur is also seen

The Union Home Minister, Shri Sushil Kumar Shinde holding a press conference to present the Report Card of the Ministry of Home Affairs for the month of June 2013, in New Delhi on July 10, 2013.
The Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur is also seen


[२]. दिनांक 05.06.2013 को, मुख्‍यमंत्रियों के सम्‍मेलन के बाद, मैंने[मंत्री] आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्रियों एवं पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री तथा झारखंड के राज्यपाल के साथ बैठक की एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्‍यों में सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की।
[३]. दिनांक 24.06.2013 को, श्री रैंड बीयर्स, कार्यवाहक उप सचिव, होमलैंड सेक्‍योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ यू एस ए ने नई दिल्‍ली में मुझसे मुलाकात की तथा तथा द्विपक्षीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।
[४]. उत्तराखंड राज्य में 16-17 जून, 2013 को हुई भारी वर्षा, बादल फटने और भू-स्‍खलन से गंभीर आपदा आई। 4200 गांवों सहित उत्तराखंड के सभी 13 जिले इससे प्रभावित हुए। आपदा इतनी व्‍यापक थी कि 580 लोगों की जानें गईं जबकि 4472 लोग घायल हुए। इसके अतिरिक्‍त 3975 से भी अधिक लोग (795 स्‍थानीय लोगों सहित) लापता हैं। यह स्थिति दिनांक 8 जुलाई, 2013 को थी। मलबा हटाए जाने के बाद मरने वालों की संख्‍या बढ़ सकती है।
[ ५]. माननीय प्रधानमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया तथा प्रधानमंत्री राहत कोष से प्रत्‍येक मृतक के निकटतम संबंधी को 2 लाख रु. तथा प्रत्‍येक घायल व्‍यक्ति को 50,000/- रु. की अनुग्रह राशि प्रदान करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्‍त, इस संबंध में राज्‍य को 1000 करोड़ रु. की सहायता प्रदान की गई और केन्‍द्र सरकार दिनांक 20.06.2013 को उत्तराखंड के लिए एस डी आर एफ से 145 करोड़ रु. की धनराशि पहले ही जारी कर चुकी है।
[६]. दिनांक 22.06.2013 को, मैंने उपाध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पदनामित सदस्‍य (श्री वी. के. दुग्‍गल), केन्‍द्रीय गृह सचिव और अन्‍य अधिकारियों के साथ उत्तराखंड का दौरा किया और खोज, बचाव और राहत अभियानों की प्रगति की समीक्षा की। दिनांक 28.06.2013 को, मैंने पुन: उपाध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सेना प्रमुख और केन्‍द्रीय गृह सचिव के साथ उत्तराखंड का दौरा किया। इस संबंध में दिनांक 02 जुलाई 2013 को सचिव (सीमा प्रबंधन) ने भी उत्तराखंड का दौरा किया।
[७]. दिनांक 16 जून, 2013 को, एन डी आर एफ ने उत्तराखंड में उपलब्‍ध अपने दल की नफरी बढ़ाने के लिए तत्‍काल अपने और दलों को उत्तराखंड भेजा। केन्‍द्रीय गृह सचिव ने संबंधित मंत्रालयों, जिसमें एन डी एम ए, बी आर ओ, भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस, रक्षा मंत्रालय, एन डी आर एफ, सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं, की बैठक बुलाकर उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में स्थिति का नियमित जायजा लिया तथा उत्तराखंड में तलाशी, बचाव एवं राहत अभियानों का समन्‍वय किया। खोज और बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए मंत्रिमंडल सचिव ने सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ प्रतिदिन बैठकें कीं। केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार की उपुर्यक्‍त सभी एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से 1,08,653 से अधिक लोगों को बचाया गया (दिनांक 08.07.2013 की स्थिति के अनुसार)। बचाव अभियानों की प्रमुख विशेषताएं निम्‍नलिखित हैं:-
(क) एन डी आर एफ के 14 दलों, जिनमें 449 कार्मिक थे, सेना के 6500 कार्मिक, भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस के 1200 कार्मिक शामिल थे, ने आपदा प्रबंधन कार्यों में राज्‍य सरकार की मदद की।
(ख) एन डी आर एफ, भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस और सशस्त्र बलों ने लगभग एक लाख से अधिक लोगों को बचाया।
(ग) भारतीय वायु सेना और सेना द्वारा एकल दिवस में तैनात किए गए हेलीकाप्‍टरों की संख्‍या क्रमश: 45 एवं 13 थी, जबकि लगभग 15 प्राईवेट हेलीकाप्‍टरों का भी उपयोग अभियान में किया गया।
(घ) राज्‍य सरकार के अनुरोध के अनुसार, केन्‍द्र सरकार ने राज्‍य को 2000 टन गेहूं एवं 2000 टन चावल कम लागत पर आबंटित किए।
(ङ) स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने राज्य सरकार की सहायता करने के लिए 80 डॉक्‍टर भेजे।
(च) क्षतिग्रस्त 1350 ग्रामीण पेय जल आपूर्ति प्रणालियों में से, 950 पेय जल आपूर्ति प्रणालियों को पेय जल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय द्वारा ठीक किया गया और उनको कार्यशील बनाया गया।
(छ) राज्‍य में बड़ी संख्‍या में दूर संचार सुविधाओं को बहाल किया गया। इसके अतिरिक्‍त, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन ड्यूटियों के लिए विभिन्‍न केन्‍द्रीय एवं राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच 105 सैटेलाइट फोन वितरित किए गए।
(ज) बचाव अभियानों के दौरान राष्‍ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एन डी आर एफ) के नौ बहादुर कार्मिकों तथा भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस के छह बहादुर कार्मिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
८]. 4-13 जून, 2013 तथा 21-30 जून, 2013 के दौरान, सिख तीर्थयात्रियों के दो जत्‍थे क्रमश: गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस तथा महाराजा रणजीत सिंह जी की बरसी के अवसर पर पाकिस्‍तान स्थित गुरुद्वारों के दौरे पर भेजे गए।
[९]. दिनांक 13.06.2013 को, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विस्‍फोटकों/आई ई डी/बारूदी सुरंगों से संबंधित मामलों के विषय पर मानक प्रचालन प्रक्रिया (एस ओ पी), जो पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्‍यूरो द्वारा गठित एक विशेषज्ञ दल द्वारा तैयार की गई थी, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्‍यों तथा केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों को भेजी गई। दिनांक 25.06.2013 को, आम लोगों के साथ संपर्क से संबंधित विभिन्‍न पहलुओं के बारे में एक मानक प्रचालन प्रक्रिया वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में तैनात केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों को भेजी गई।
[१०]. 29 मई, 2013 से 26 जून, 2013 की अवधि के दौरान, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्‍यों को 08 परामर्शी-पत्र/चेतावनियां जारी की गईं।
[११]. जून, 2013 के दौरान सुरक्षा संबंधी व्‍यय योजना के अन्‍तर्गत जम्‍मू एवं कश्‍मीर तथा हिमाचल प्रदेश राज्‍य सरकारों को 190.09 करोड़ रु. की धनराशि की प्रतिपूर्ति की गई।
[१२]. दिनांक 27.06.2013 को, अपर सचिव, गृह मंत्रालय की अध्‍यक्षता में विशेष अवसंरचना स्‍कीम (एस आई एस) संबंधी परियोजना अनापत्ति समिति की एक बैठक का आयोजन किया गया ताकि 11वीं योजना अवधि के दौरान योजना के अंतर्गत राज्‍यों को जारी धनराशि के उपयोग पर विचार किया जा सके। समिति ने आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड तथा ओडिशा राज्यों के लिए वर्ष 2013-14 हेतु विशेष बलों के स्‍तरोन्‍नयन/महत्‍वपूर्ण कमियों को दूर करने संबंधी परियोजना प्रस्तावों को भी अनुमोदित कर दिया।
[१३]. दिनांक 19-20 जून, 2013 को म्‍यांमार तथा भारत के बीच 20वीं क्षेत्र स्‍तरीय (संयुक्‍त कार्य दल) की बैठक का आयोजन बागान, म्‍यांमार में किया गया। भारतीय पक्ष ने म्‍यांमार में भारतीय विद्रोही गुटों (आई आई जी) को उपलब्‍ध तथा पूर्वोत्तर में सतत विद्रोह के लिए उत्तरदायी शिविरों के संबंध में अपनी चिंता जताई। म्‍यांमार पक्ष से यह अनुरोध किया गया कि वे भारत-म्‍यांमार सीमा पर विद्रोही गुटों को अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति प्रदान न करें। दोनों पक्षों ने सशस्‍त्र समूहों की सीमा-पारीय आवाजाही को राकने, जब्‍त किए गए हथियारों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान तथा शस्‍त्रों की तस्‍करी/मादक पदार्थों के अवैध व्‍यापार को नियंत्रित करने में परस्‍पर सहयोग करने के संबंध में अपनी सहमति व्‍यक्‍त की। भारत-म्‍यांमार सीमा पर निर्माण कार्यों, अतिरिक्‍त मध्‍यवर्ती खंभों की स्‍थापना, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में म्‍यांमार के मछुआरों द्वारा अवैध मानव व्‍यापार एवं अनधिकार प्रवेश तथा वन्‍य जीवों के अंगों के अवैध व्‍यापार सहित सीमा प्रबंधन संबंधी मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
[१४]. उल्‍फा के साथ हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा करने तथा उनकी मांगों के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए भी दिनांक 26.06.2013 को, नई दिल्‍ली में केन्‍द्रीय गृह सचिव की अध्‍यक्षता में असम सरकार तथा यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्‍फा) के प्रतिनिधियों एवं भारत सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई। उल्‍फा प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्‍व इसके अध्‍यक्ष, श्री अरबिंद राजखोआ ने किया था। उल्‍फा नेताओं की मांग थी कि सीमा पार से अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-बंगलादेश सीमा की प्रभावी सुरक्षा हेतु अतिरिक्‍त उपाय करने की आवश्‍यकता है। उन्‍हें आश्‍वस्‍त किया गया कि केन्‍द्र सरकार अवैध अंतरागम को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठाने हेतु प्रतिबद्ध है तथा अंतर-राष्‍ट्रीय सीमा पर पहले से ही उठाए गए कदमों से सीमा पार से होने वाली अवैध घुसपैठ को काबू करने में मदद मिली है।
[१५] इस माह के दौरान, केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों (केन्‍द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, आई बी, केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा सशस्‍त्र सीमा बल) को 388.53 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए 32.30 करोड़ रुपए तथा आई बी और केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल को कार्यालय/रिहायशी भवनों के निर्माण के लिए 96.07 करोड़ रु. की राशि स्‍वीकृत की गई।
[१६] केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों (सीमा सुरक्षा बल, केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस) के 29 मामलों में उनके निकट संबंधियों को अनुग्रह मुआवजे के रूप में 3.22 करोड़ रु. की धनराशि स्‍वीकृत की गई।
[१७]. जम्‍मू एवं कश्‍मीर सरकार के अनुरोध पर, श्री अमरनाथ जी यात्रा-2013 की यात्रा समाप्‍त होने तक सुरक्षा के लिए केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों की 90 कंपनियां (केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 60 कंपनियां, (2 महिला कंपनियों सहित), सीमा सुरक्षा बल की 25 कंपनियां तथा सशस्त्र सीमा बल की 05 कंपनियां) दो चरणों में 15 जून, 2013 एवं 20 जून, 2013 से मुहैया करायी गई।
[१८] पश्चिम बंगाल में सुरक्षा की स्थिति तथा नक्सल-रोधी कार्रवाईयों के दृष्टिगत 13 जून, 2013 से उक्‍त राज्‍य में केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 06 अतिरिक्‍त कंपनियां तैनात की गईं।
[१९] जमुई (बिहार) में दिनांक 14 जून, 2013 को नक्‍सलियों द्वारा ट्रेन पर किए गए हमले को देखते हुए, राज्य में 14 जून, 2013 से केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 6 अतिरिक्‍त कंपनियां तैनात की गईं।
[२०]. अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क प्रणाली (सी सी टी एन एस) के अंतर्गत, अब तक 31 राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों में सिस्‍टम इंटीग्रेटर्स (एस आई एस) के लिए संविदा पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं तथा 22 राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों में सिस्‍टम इंटीग्रेटर्स को अग्रिम भुगतान किया जा चुका है।
[२१]. दिनांक 21.05.2013 से 20.06.2013 की अवधि के दौरान, स्‍वापक नियंत्रण ब्‍यूरो ने 326.270 कि.ग्रा. भांग, 31.200 कि.ग्रा. अफीम, 11.450 कि.ग्रा. हेरोइन, 0.490 कि.ग्रा. मेथाक्‍वालोन और 0.251 कि.ग्रा. कोकीन जब्‍त की। इस अवधि के दौरान दो नाइजीरियाई राष्ट्रिकों समेत बाईस व्‍यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जब्‍त किए गए स्‍वापकों की संयुक्‍त कीमत लगभग 1.70 करोड़ रु. है।
[२२]. भारतीय दूतावास, कुवैत शहर, कुवैत, भारतीय दूतावास सोफिया, बुल्‍गारिया, भारतीय दूतावास बाकू, अजरबैजान में आप्रावासन वीजा एवं विदेशी पंजीकरण एवं तलाश (आई वी एफ आर टी) के तहत एकीकृत ऑनलाइन वीजा आवेदन प्रणाली शुरू की गई। यह सुविधा अब विदेशों में 120 भारतीय मिशनों में लागू है।
[२३] तटीय सुरक्षा स्‍कीम के तहत स्‍वीकृत 131 तटीय पुलिस थानों (सी पी एस) में से 129 के लिए भूमि की पहचान करने संबंधी कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया है और इन 129 तटीय पुलिस थानों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 87 मामलों में भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। निर्माण कार्य शुरू करने, वाहनों की खरीद तथा तटीय पुलिस थानों को परिचालनात्‍मक बनाने के लिए तटीय राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को 97.57 करोड़ रु. की राशि जारी की गई है। जून, 2013 के दौरान 4 तटीय पुलिस थानों के संबंध में निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
[२४]. तटीय राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों द्वारा 60 घाटों में से 44 घाटों के लिए भूमि की पहचान कर ली गई है और 10 घाटों के लिए भूमि अधिग्रहीत कर ली गई है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के लिए सभी 10 समुद्री पुलिस परिचालन केन्‍द्रों हेतु भी भूमि की पहचान कर ली गई है।
[२५]. सरकार ने भारत-चीन सीमा पर 805 कि.मी. के लिए 27 भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस की प्राथमिकता वाली सड़कों को स्‍वीकृति प्रदान कर दी है। जून, 2013 तक, संचित रूप से 564.90 कि.मी. का निर्माण और 273.61 कि.मी. का समतलीकरण संबंधी कार्य पूरा किया जा चुका है।
[२६]. सरकार ने भारत-बंगलादेश सीमा पर 2840 कि. मी. तक तेज रोशनी की व्‍यवस्‍था करने की मंजूरी दे दी है, जिसमें से जून, 2013 तक 1520 कि.मी. तक कार्य पूरा किया जा चुका है।
[२७]. वर्तमान वित्त वर्ष के लिए सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 990 करोड़ रु. के वार्षिक आबंटन के मुकाबले दिनांक 30.06.2013 तक 264.79 करोड़ रु. की राशि राज्‍यों को जारी कर दी गई है।
[२८]. पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत, 13 राज्‍यों नामत: केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु, जम्‍मू एवं कश्‍मीर, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश, झारखंड एवं राजस्‍थान से वर्ष 2013-14 के लिए वार्षिक कार्य योजना प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उच्‍च अधिकार प्राप्‍त समिति ने 18 जून, 2013 से 28 जून, 2013 तक की अवधि के दौरान 11 राज्‍यों नामत: केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु, मध्‍य प्रदेश, झारखंड, पंजाब तथा छत्तीसगढ़ की वार्षिक कार्य योजनाओं पर चर्चा की तथा इन पर विचार किया।
[२९]. 25 जून, 2013 को पुडुचेरी विधान सभा सदस्‍यों के वेतन भत्ता तथा पेंशन संशोधन विधेयक, 2013 को भारत के राष्‍ट्रपति की स्‍वीकृति प्राप्त हुई।
[३०]. राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर के संबंध में, 117.29 करोड़ से अधिक व्‍यक्तियों की डाटा-एन्‍ट्री पूरी कर ली गई है। यू आई डी ए आई एन्‍रोलमेंट सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके 15.8 करोड़ से अधिक व्‍यक्तियों के बायोमीट्रिक्‍स लिए जाने का कार्य पूरा कर लिया गया है जिसमें माह के दौरान 0.8 करोड़ व्‍यक्तियों को जोड़ा गया है।

उत्तराखंड के विपदाग्रस्तों की सहायता के लिए आपसी तालमेल के साथ राहत और बचाव कार्य जारी हैं ;मनीष तिवारी

सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उत्तराखंड में विपदा ग्रस्तों के लिए किये जा रहे राहत कार्यों का आज ब्यौरा दिया| सेना के वरिष्ठ अधिकारी और The प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो की प्रभारी श्रीमती नीलम कपूर भी उपस्थित थी|
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां

आपसी तालमेल के साथ राहत और बचाव कार्य चला रही है

जिसके फलस्वरूप अभी तक ७०००० लोगों को बचाया जा चुका है|
[१]आज ही 10,000 लोगों को वायु और सड़क मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है।
[२]आईटीबीपी ने आज 4000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
[३] दुर्गम स्थल जंगलचट्टी में अब भी 400-500 लोग फंसे हुए हैंजंगलचट्टी में सेना पहुंच चुकी है।वहां से पैदल मार्ग बना दिया गया है।
[४] संपर्क मार्गों से कटे हुए केदारनाथ में सिर्फ 70-80 लोग फंसे हुए हैं। कल तक बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
[५] गागरिया से सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
[६] राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ)+एनडीआरएफ ने गौरीकुंड से 347 लोगों को सुरक्षित निकाला। 149 साधु वहां अब भी मौजूद हैं। वे गौरीकुंड से आना नहीं चाहते। उनकी इच्छानुसार उन्हें वही छोड़ा गया है
[७]|गुप्तकाशी में स्वास्थ्य शिविर बनाया गया है।
सेना की भूमिका की सराहना करते उन्होंने बताया कि
[८] सेना ने आज 4000 लोगों को सुरक्षित निकाला जिनमें से 2000 लोग बुरी तरह फंसे थे।
[९] 390 लोगों को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर लाया गया।
[१०] हेमकुंड साहिब गोबिंद घाट में अब भी 100 लोग हैं। उनके लिए पर्याप्त भोजन और अन्य जरूरी चीजें वहां उपलब्ध हैं।
[११] बद्रीनाथ इलाके में 8000 तीर्थयात्री अब भी फंसे हैं। सेना कल दो पुलों को हवाईजहाज से गौचर तक ले जाएगी। सेना राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थान का भी इस्तेमाल कर रही है।
[१२]खराब मौसम के बावजूद वायु सेना ने 2000 लोगों को सुरक्षित निकाला।
[१३]राहत और बचाव कार्य में कल वायु सेना के 43 , सेना के 11 , और निजी क्षेत्र के 7 विमान (कुल 61) और विमान शामिल होंगे।
गोचर में एटीएफ- एवियेशन टर्बाइन फ्यूल उपलब्‍ध कराने पर ध्‍यान केन्द्रित किया जा रहा है।
[१४]भारतीय वायु सेना को प्रतिदिन 55 किलोलीटर की जरूरत होगी, जिसका इंतजाम किया जा रहा है। अब तक बचाव कार्य में लगे हैलिकाप्‍टरों के लिए 110 किलोलीटर एटीएफ दिया गया है।
[१५]धरासू में ईंधन फिर भरने की सुविधा स्‍थापित फिर की जा रही है।
[१६] ईंधन फिर भरने के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से 198 किलोलीटर एटीएफ भेजा जा रहा है,
[१७] 287 में 167 टॉवर आज दोबारा चालू किये गये।
उन्हने अह्वासन दिया कि कल[रविवार तक सभी टॉवर काम करने लगेंगे।