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२९वे राज्य के पहले सीएम को १६वी संसद में आये १५वे पी एम ने शुभ कामनाएं और सहयोग का आश्वासन दिया

भारत के २९वे राज्य के पहले सीएम को १६वी संसद में पहुंचे देश के १५वे पी एम ने शुभ कामनाओं के साथ विकास के लिए सहयोग का आश्वासन दिया |सी एम चंद्रशेखर राव के पुत्र केटी रामाराव और भतीजे टी हरीश राव समेत ग्यारह मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस पर पी एम ने ट्वीट किया कि हम 29वें राज्य के रूप में तेलंगाना का स्वागत करते हैं। आने वाले वर्षो में यह राज्य हमारी विकास यात्रा में ताकत बढ़ाएगा। कई लोगों के संघर्ष और त्याग के बाद तेलंगाना का जन्म हुआ है। आज हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उन्होंने तेलंगाना के लोगों और राज्य सरकार को आश्वस्त करके कहा कि राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए केंद्र हरसंभव मदद देने को तैयार है।
29वें राज्य के रूप में आज तेलंगाना अस्तित्व में आ गया| इसके साथ ही आंध्रप्रदेश से अलग होने के लिए चल रहा दशकों पुराना संघर्ष समाप्त हो गया। पहले सी एम ने सिकंदराबाद के स्टेडियम में परेड[ GuardOfHonour ] की सलामी भी ली |
TRSप्रमुख के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में नवगठित तेलंगाना की सरकार को शपथ दिलवाने के लिए एकीकृत आंध्रप्रदेश में लागू राष्ट्रपति शासन को आंशिक रूप से हटा दिया गया है हालांकि केंद्रीय शासन शेष आंध्रप्रदेश में तब तक जारी रहेगा, जब तक TDPप्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं ले लेते।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 सीटों में से 65 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।
तेलंगाना के गठन के साथ ही सीमांध्र ने भी अलग राज्य का आकार ले लिया। अगले 10 वर्षो तक दोनों प्रदेशों की राजधानी हैदराबाद ही रहेगी। सीमांध्र में तेलुगू देसम पार्टी ने 175 सीटों में 106 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है।

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गोवा राज्य के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा वासियों को बधाई ट्वीट की

गोवा राज्य के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा वासियों को बधाई ट्वीट की है|
नरेंद्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर गोवा के लोगों को बधाई और राज्य विकास की नई उचाइयां छूने की कामना की |
प्रधानमंत्री का ट्वीट
“गोवा के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर गोवा के लोगों को बधाई, आने वाले वर्षों में गोवा राज्य विकास की नई ऊचाईयों को छुए”।
गौरतलब है कि गोवा को पुर्तगालियों से १९ दिसंबर १९६१ को आजाद करवाया गया था २६ साल तक यूनियन टेरिटरी रहने के पश्चात ३० मई १९८७ में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था|

गजल को जुगलबंदी में गाने वाले जगजीत सिंह की स्मृति में डाक टिकट जारी

[नई दिल्ली]मशहूर गजल गायक स्वर्गीय जगजीत सिंह के सम्मान में पी एम् डॉ मन मोहन सिंह ने स्मारक[ commemorative postage stamp ] डाक टिकट जारी किया |

Jagjit Singh

Jagjit Singh

इस अवसर पर डॉ मन मोहन सिंह ने जगजीत सिंह को याद करते हुए कहा “हमारे देश में संगीत के इतिहास में जगजीत सिंह जी की एक ख़ास जगह है। वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज़ और उनके संगीत का जादू हम पर हमेशा गहरा असर करता रहेगा। मुझे खुशी है कि डाक विभाग उनकी याद में एक डाक टिकट जारी कर रहा है।जगजीत सिंह जी एक अनोखे कलाकार थे। संगीत के क्षेत्र में उनकी दिलचस्पी और जानकारी बहुत गहरी थी। वे एक कामयाब गायक, संगीतकार और गीतकार, ये सभी कुछ थे। यही नहीं, चाहे शास्त्रीय संगीत हो या भक्ति संगीत, लोक संगीत हो या गज़ल, संगीत के सभी क्षेत्रों में उनका अच्छा दखल था। लेकिन गज़ल गायिकी के लिए शायद उनको सबसे ज्यादा याद किया जाता है” आज जगजीत सिंह का जन्म दिन भी है
डॉ सिंह ने जगजीत सिंह की गायकी की प्रशंसा करते हुए बताया ” उन्होंने भारत में गज़ल गायिकी का एक ऐसा अंदाज़ अपनाया जिसने गज़ल को एक नयी जिंदगी दी। उनके द्वारा गाई हुई गज़लों में ख़ास बात यह थी कि वे आसानी से जनता की जुबान पर आ जाती थीं। उन्होंने गज़ल गायिकी में नये प्रयोग भी किए।
गज़ल संगीत में पहली बार पश्चिमी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स[ musical instruments ] का इस्तेमाल एक ऐसा ही प्रयोग था। उन्होंने शायद पहली बार गज़ल को जुगलबंदी में पेश किया। इसमें उनका साथ उनकी पत्नी श्रीमती चित्रा सिंह जी ने दिया, जो आज हमारे बीच मौजूद हैं, और खुद एक मशहूर गज़ल गायिका हैं।जगजीत सिंह जी ने फिल्मों और टी वी सेरिअल्स[ TV Serials ] में भी काम किया और अपनी अलग छाप छोड़ी। “अर्थ” और “साथ-साथ” जैसी फिल्मों और “मिर्जा गालिब” और “कहकशाँ” जैसे टी वी सेरिअल्स में उन्होंने जो गज़लें पेश कीं वे बहुत लोकप्रिय हुईं।
उनका सारा जीवन संगीत को समर्पित रहा। उनकी निजी ज़िंदगी में बड़ी मुश्किलें आईं लेकिन उनका काम जारी रहा”
पी एम् ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा “जगजीत सिंह जी जैसे कलाकार सदियों में एक बार पैदा होते हैं। वे आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका संगीत हमारे मन को छूता रहेगा और हमारा दिल बहलाता रहेगा। मैं एक बार फिर जगजीत सिंह जी को श्रद्धांजलि देता हूँ और डाक विभाग को उनकी याद में डाक टिकट जारी करने के लिए बधाई देता हूँ।”
Photo caption
Prime Minister, Dr. Manmohan Singh releasing the commemorative postage stamp in honour of Shri Jagjit Singh, in New Delhi on February 08, 2014.
The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal and Smt. Chitra Singh, wife of Shri Jagjit Singh are also seen.

डॉ मन मोहन सिंह ने देश के कर्णधारों में वीरता की भावना को प्रोत्साहित करते हुए बहादुर बच्चों को पुरुस्कृत किया

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आज देश के कर्णधारों में वीरता की भावना को प्रोत्साहित करते हुए बहादुर बच्चों को पुरुस्कृत किया
इस अवसर पर डॉ मन मोहन सिंह ने वीर बच्चों कि क़ुरबानी को याद किया और कहा कि “आज सबसे पहले मैं उन पांच बच्चों को श्रद्धांजलि देना चाहूंगा जिन्होंने दूसरों को बचाने की कोशिश में अपनी जान कुर्बान कर दी। उत्तर प्रदेश के मौसमी कश्यप [ Mausmi Kashyap ] और आर्यन राज शुक्ल [ Aryan Raj Shukla ], मणिपुर के म . ख़यिंगथे[M. Khayingthe] , मिजोरम की मॉसवंतलुन्गी [ Malsawmtluangi ] और नागालैंड के ल . मानिओ चाचे [L. Manio Chachei] आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन इन बहादुर बच्चोंr की कुर्बानी सारे देश को प्रेरणा देती रहेगी।
मैं वीरता पुरस्कार पाने वाले सभी बच्चों को बहुत बहुत बधाई देता हूं। हमें आप पर फ़क्र है। हमें यह भरोसा है कि इस तरह के बहादुर बच्चों के होते हुए हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल है। आपकी बहादुरी न सिर्फ और बच्चों को बल्कि सभी देशवासियों को अच्छे काम करने के लिए उत्साहित करती रहेगी ।
मैंने कल आपके हैरतअंगेज़ कारनामों के बारे में पढ़ा। आप सब में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ साढ़े सात साल की तन्वी नंदकुमार ओव्हल[ Tanvi Nandkumar Ovhal] हैं। महाराष्ट्र की इस बच्ची ने अपनी चार साल की बहन को डूबने से बचाया। इतनी कम उम्र में दूसरों का सहारा बनना कोई मामूली बात नहीं है।
बाकी बच्चों के कारनामे भी कम आश्चर्यजनक नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश की शिल्पा शर्मा [ Shilpa Sharma ] ने एक बच्चे को एक तेंदुए से बचाया। महाराष्ट्र के शुभम संतोष चौधरी [ Shubham Santosh Chaudhari ] ने दो बच्चियों को आग से बचाया और राजस्थान की मलैका सिंह टाक [ Malieka Singh Tak ] ने तो चार पुरुष हमलावरों का मुकाबला अकेले ही कर डाला।
आप सब दो दिन बाद गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे। परेड के जरिए हमारे देश को आपकी बहादुरी की जानकारी मिलेगी। यह आप सबके लिए भी एक ख़ास दिन होगा जब आप देश की सेना और सशस्त्र बलों के साथ मिलकर गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय त्यौहार को मनाएंगे। मुझे यक़ीन है कि आपको इस मौके से बहुत सी नई चीज़ों की जानकारी भी मिलेगी।
देश को आप जैसे बच्चों से बड़ी उम्मीदें हैं और मुझे कोई शक नहीं कि आप इन उम्मीदों को पूरा कर दिखाएंगे। मैं आपको एक बार फिर मुबारकबाद देता हूं। मैं ईश्वर से यह प्रार्थना भी करता हूं कि वह भविष्य में आपको और भी बड़ी कामयाबियां दिलवाए।मैं अपनी बात खत्म करने से पहले Indian Council for Child Welfare की तारीफ भी करना चाहूंगा। वह 1956 से बहादुर बच्चों का सम्मान करने के सिलसिले को जारी रखे हुए है। मैं उनको भविष्य के लिए अपनी सारी शुभकामनाएं देता हूं। फ़ोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh presenting the National Bravery Award-2013 to Master Hani Sagar Kashyap (Delhi), at a function, in New Delhi on January 23, 2014.
The Minister of State (Independent Charge) for Women and Child Development, Smt. Krishna Tirath is also seen.

India& Korea Agreed To Strengthen National Security Structures &Cyber Affairs Dialogue

India& Korea Agreed To Strengthen National Security Structures & Cyber Affairs Dialogue
While Welcoming President Ms. Park Geun-hye Of Korea Prime minister Dr Man mohan singh said”Our negotiations for revision of the existing Double Taxation Avoidance Convention have concluded. We have been exploring the possibility of establishing a Korean Industrial Park in India. President Park and I have agreed to set up a CEOs Forum comprising captains of industry and commerce from both countries to provide us with new ideas for deepening our economic collaboration”
Indian P M said” I am very happy that the large-scale POSCO steel project in Odisha is set to be operational in the coming weeks, following the revalidation of its environmental clearance. Grant of mining concession for the project is also at an advanced stage of processing. I conveyed to President Park our hope that this project will confirm that economic growth and environmental protection can go hand in hand”
Speaking On Political and security cooperation between These two countries Dr an mohan singh said “Political and security cooperation between India & Korea Is expanding steadily. “President Park and I have decided to establish an annual interaction between the national security structures of our two countries. We also have agreed to launch a Cyber Affairs Dialogue between our Governments”
India and the Republic of Korea recently held the first round of structured consultation between senior defence officials. President Park and I have recognized the possibility of defence trade and joint production by further promoting collaboration between our defence research organizations. The Agreement on the Protection of Classified Military Information signed today will also boost our defence engagement”.
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The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh meeting the President of the Republic of Korea, Ms. Park Geun-hye, in New Delhi on January 16, 2014.

Dr ManMohan Singh Launched E-Literacy Project In Kerala And Promised encouragement growth in IT sector

Lauding Kerala’s pioneering efforts in achieving total e-literacy, Prime Minister Dr Man mohan singh said reducing digital divide was vital to improve the lives of common people across the country.Noting that country has witnessed phenomenal growth in IT sector, PM said Centre was committed to providing enabling environment to encourage growth.in IT sector, PM addressed at the launch of the E-Literacy Project to be implemented by Panicker Vigyan Vikas Kendra

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing after unveiling the commemoration plaque of the offsite Campus of Central University of Kerala, at Thiruvananthapuram, in Kerala on January 04, 2014.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing after unveiling the commemoration plaque of the offsite Campus of Central University of Kerala, at Thiruvananthapuram, in Kerala on January 04, 2014.


Dr Man mohan singh said ,. “We all know that Kerala is the leading State in the country in terms of indices of human development. Literacy is one of these indices and the fact that Kerala took an early lead in literacy has in turn helped it do well in the other dimensions of human development. The success of the literacy movement in Kerala owes much to a great son of the State, Shri P. N. Panicker. I join all of you in paying tribute to him as we launch this E-Literacy Project to be implemented by the P. N. Panicker Vigyan Vikas Kendra. I also compliment the Kendra for this initiative”.
P M Said” In today’s world of instant communication and the Internet, it is not easy to imagine and appreciate the difficulties which a frail man must have faced as he lit the spark of literacy in a small village in North Kerala in the first half of the last century and then spread his message to the whole of the State. Later, Shri Panicker’s initiative, the Grandhasala Sangam ignited a popular cultural movement in Kerala at the end of which the State acquired total literacy in the 1990s.
The Grandhasala Sangam began humbly with 47 libraries in 1945 and grew into a network of more than 6,000 libraries spreading across the towns and villages of Kerala. Shri Panicker also established the Kerala Association for Non Formal Education and Development (KANFED). The activities of these two organizations working together made a profound impact on the education, culture and development of Kerala.
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[1]The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh unveiling the commemoration plaque of the offsite Campus of Central University of Kerala, at Thiruvananthapuram, in Kerala on January 04, 2014.
The Governor of Kerala, Shri Nikhil Kumar, the Chief Minister of Kerala, Shri Oommen Chandy and the Minister of State for Human Resource Development, Dr. Shashi Tharoor are also seen.

डॉ मन मोहन सिंह आज की प्रेस कांफेरेंस में अमेरिका से अपने सम्बन्धों को सुधारते हुए दिखाई दिए

डॉ मन मोहन सिंह आज की प्रेस कांफेरेंस में अमेरिका से अपने सम्बन्धों को सुधारते हुए दिखाई दिए | डॉ मन मोहन सिंह ने प्रधान मंत्री के रूप में अपने दस साल के कार्यकाल में अमेरिका से न्यूक्लीयर करार को सर्वश्रेष्ठ बताया| बीते तीन सालों में पहली प्रेस कांफेरेंस करते हुए पी एम् ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए |एक प्रश्न के उत्तर में डॉ मन मोहन सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में अमेरिका के साथ हुई न्यूक्लीयर डील को वोह सर्वश्रेष्ठ मानते हैं क्योंकि उस डील के बाद भारत ने विकास के छेत्र में अनेकों उपलब्धियां हासिल कीइसके अलावा एक अन्य प्रश्न में तमिल मछुआरों के हितो को लेकर श्रीलंका के प्रति उदासीनता और राजनयिक देवयानी को लेकर मचा हाय हल्ला पर डॉ सिंह ने तमिल समस्या को तो एड्रेस किया मगर प्रश्न में अमेरिका से सम्बंधित हिस्से को टाल गए
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The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh being received by the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, at a Press Conference, in New Delhi on January 03, 2014.
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur are also seen.

नरेंदर मोदी पी एम् बने तो यह देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण होगा:डॉ मन मोहन सिंह की प्रेस कांफ्रेंस

डॉ मनमोहन सिंह ने वर्त्तमान प्रधानमंत्री कार्यकाल की सम्भवत अंतिम प्रेस वार्ता में जहाँ तीसरी बार पी एम् पद की रेस से सवयम को अलग किया तो वही उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी और कटु आलोचक नरेंदर मोदी की पी एम् की दौड़ में कांटे बोते हुए कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री पद तक पहुंच गए तो यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण [ DISASTROUS ]होगा|
डॉ मनमोहन सिंह ने पिछले तीन साल के कार्यकाल के अपने पहले प्रेस मीट में कहा कि वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद वह लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पदभार नहीं संभालेंगे| उन्होंने श्रीमति सोनिया गांधी को उद्धत करते हुए बताया कि समय आने पर कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नए प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी।पत्रकारों के प्रश्नो का उत्तर देते हुए डॉ सिंह ने भाजपा के पी एम् प्रत्याशी नरेंदर मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि वह (नरेंद्र मोदी) भारत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंच गए तो यह देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण [DISASTROUS ] सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद मैं प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी नए प्रधानमंत्री को सौंप दूंगा… मुझे उम्मीद है कि अगला प्रधानमंत्री यूपीए से ही चुना जायेगा प्रेस कांफ्रेंस का सञ्चालन सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने किया
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The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing a press conference, in New Delhi on January 03, 2014.
The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari is also seen.

डॉ मन मोहन सिंह ने पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री सरदार [स्वर्गीय]बेअंत सिंह के सम्‍मान में डाक टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आतंक वाद से लोहा लेने वाले पंजाब के पूर्व मुख्य मंत्री सरदार स्वर्गीय बेअंत सिंह के सम्‍मान में डाक टिकट जारी किया|
डॉ0 मनमोहन सिंह ने आज नई दिल्‍ली में पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के सम्‍मान में एक डाक टिकट जारी किया। आतंक वाद से जूझ रहे पंजाबमें शांति और सद्भाव का वातावरण कायम करते हुए उन्‍हें अपना जीवन तक गंवाना पड़ा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा
”हम लोग यहां पंजाब और भारत के एक महान सपूत सरदार बेअंत सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आज यहां इकट्ठे हुए हैं।
सरदार बेअंत सिंह जी को पंजाब को तब सुदृढ़ और पक्‍का नेतृत्‍व देने के लिए याद किया जाता है जब यह राज्‍य बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा था। पंजाब के मुख्‍यमंत्री की हैसियत से उन्‍होंने राज्‍य में सामान्‍य स्थिति बहाल की। इससे पहले कई वर्षों से वहां आतंकवादी हिंसा चल रही थी। उन मुश्किल दिनों में पंजाब में शांति की बहाली कोई आसान काम नहीं था और यह सरदार बेअंत सिंह जी के अद्भुत नेतृत्‍व के गुणों को श्रद्धांजलि है कि उन्‍होंने ऐसे मुश्किल दौर में यह काम कर दिखाया। अगर मोटे तौर पर हमारा समाज आज शांतिपूर्ण और धर्मनिरपेक्ष बना हुआ है, तो यह सरदार बेअंत सिंह जैसे नेताओं की देशभक्ति और हिम्‍मत के ही कारण है। हमारी स्‍वतंत्रता ऐसे ही नेताओं के कठोर परिश्रम और बलिदान की नींव पर टिकी हुई है। इसीलिए यह हमारा कर्तव्‍य बनता है कि हम विभाजक ताकतों के खिलाफ संघर्ष में योगदान करें क्‍योंकि ऐसी ताकतें अब भी हमारे समाज के लिए खतरा बनी हुई हैं। सरदार बेअंत सिंह जी का कार्यकाल काफी लंबा रहा और यह चार दशकों तक फैला हुआ है। 23 वर्ष की आयु में उन्‍होंने सेना की नौकरी छोड़ दी और जनता की सेवा के लिए आगे बढ़े। तब से उन्‍होंने अनेक महत्‍वपूर्ण पदों पर रहकर सेवा की। उनका सार्वजनिक सेवाकाल ऐसे समय शुरू हुआ जब 1947 में बंटवारे के कारण आम जनता का जीवन मुश्किल हो गया था। 1992 में वह पंजाब के मुख्‍यमंत्री बनें। आगामी वर्षों में उन्‍होंने कई सार्वजनिक पदों पर काम किया। वह ब्‍लॉक समिति के अध्‍यक्ष रहे। पांच बार पंजाब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और पंजाब सरकार में मंत्री रहे। वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तब अध्‍यक्ष बनाए गए, जब यह राज्‍य 1986 से 1995 तक बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा था।
1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्‍यमंत्री रहते हुए सरदार बेअंत सिंह जी ने ऐसी समझदारी और दूरदृष्टि से काम लिया जो सार्वजनिक जीवन में बहुत कम दिखाई देती है। राज्‍य के पुनर्निर्माण और सुलह सफाई का माहौल बनाने के लिए उन्‍होंने अथक प्रयास किए। इसके परिणामस्‍वरूप ही राज्‍य में शांति और सद्भाव का वातावरण कायम हुआ। पंजाब में उन्‍होंने आशा की नई किरण दिखाई और राज्‍य की भावी प्रगति की आधारशिला रखी। इसी प्रयास में उन्‍हें अपना जीवन गंवाना पड़ा।
मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि डाक विभाग ने सरदार बेअंत सिंह जी के सम्‍मान में एक डाक टिकट जारी किया है। यह इस महान नेता के प्रति हमारा छोटा सा अभार प्रदर्शन है। मैं एक बार फिर सरदार बेअंत सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं कामना करता हूं कि उनकी महान परंपरा हमेशा चलती रहे।”
Photo caption
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh releasing a postage stamp in honour of Sardar Beant Singh, former Chief Minister of Punjab, in New Delhi on December 17, 2013.

डॉ मन मोहन सिंह ने पृथक तेलंगाना के गठन के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने पृथक तेलंगाना के गठन के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई |संसद-सत्र से पूर्व आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने प्रेस-वक्‍तव्‍य जारी किया डॉ मन मोहन सिंह ने बताया कि संसद का यह सत्र छोटा होगा और सभी को यह कोशिश करनी चाहिए कि संसद के दोनों सदनों में जो भी समय उपलब्‍ध होगा, उसका बेहतर और भरपूर इस्‍तेमाल किया जाए। सरकार की तरफ से हमारा यह भरसक प्रयास होगा कि दोनों सदन भलीभांति चलें और इस संबंध में दोनों सदनों के लिए सभी पक्षों से पूरा सहयोग चाहते हैं।
तेलंगाना के प्रश्‍न पर उन्होंने कहा ” हमारी सरकार तेलंगाना के गठन के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी यह पूरी कोशिश होगी कि हम तेलंगाना के अस्तित्‍व के लिए सभी कानूनी तकाजों का पूरा इस्‍तेमाल करने को यकीनी बनाएं”।
फ़ोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh interacting with the media after all party meeting before winter session, in New Delhi on December 03, 2013.