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मोदी को मिले १९०० उपहारों की नीलामी प्रक्रिया शुरू:नमामि गंगे में होगा राशि का प्रयोग

[नयी दिल्ली] मोदी को मिले उपहारों की नीलामी प्रक्रिया शुरू:नमामि गंगे में होगा राशि का प्रयोग
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट में मिले स्मृति चिन्हों को नीलाम करने की प्रक्रिया रविवार को शुरू हो गई है|
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए), दिल्ली में आयोजित नीलामी से जुटायी गयी धनराशि का इस्तेमाल सरकार की महत्वपूर्ण ‘नमामि गंगे’ परियोजना में होगा।
उपहारों की ई-नीलामी के लिए एक खास वेबसाइट शुरू की गयी है। इस पर भेंट का विवरण भी है। स्मृति चिन्ह की कीमत 100 रूपये से 30,000 रूपये के बीच है। कीमत के आधार पर उपहारों के बारे में वेबसाइट पर सर्च किया जा सकता है।
पीतल, चीनी मिट्टी, कपड़ा, कांच, सोना, धातु की सामग्री आदि के आधार पर उपहारों की श्रेणी बनायी गयी है। हरेक सामग्री का आकार, भार का विवरण भी है। उपहार प्राप्ति के स्रोत भी बताये गए हैं|
नीलामी में राधा-कृष्ण की भी एक मूर्ति , 2.22 किलोग्राम का एक सिल्वर प्लेट आदि भी शामिल हैं
संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने पूर्व में कहा था कि देश ओर विदेश में प्रधानमंत्री को मिले 1900 उपहारों को नीलामी में रखा जाएगा।
फाइल फोटो

Central Govt’s48Lakhs Employees Warned Of Action if They Raise Grievances with PM

[New Delhi] Central Govt’s 48 Lakhs Employees Would Face Action if They Raise Grievances Direct with PM
Central Govt has issued these warnings for its 48 Lakh Babus
All central government employees, including officials of Army and para military forces, were today warned of “action” if they raise service matters related grievances to the Prime Minister, directly.
Warning employees, the Department of Personnel and Training (DoPT) said such submission of representations directly to other authorities by-passing the prescribed channel of communication, has to be viewed seriously and appropriate disciplinary action should be taken against those who violate these.
As per these instructions, wherever a government servant wishes to press a claim or to seek redressal of a grievance, the proper course for him is to address his immediate official superior, or head of his office, or such other authority at the appropriate level who is competent to deal with the matter in the organisation. Writing to higher authorities, can rightly be treated as an unbecoming conduct, it said in a directive.
As per DoPT “In spite of these instructions, it has been observed that government servants including officers and officials of para military forces and Army personnel continue to represent directly to the Prime Minister, Minister, Secretary (Personnel) and other higher authorities, directly,”
DoPT reiterated that the existing instructions may be brought to the notice of all government servants including officials of para military forces and members of armed forces and “action taken against those who violate these instructions”,
The forms of communication also include e-mails or raising it through public grievances portal etc,
The DoPT has also reminded the employees of the government’s directive prohibiting them from bringing outside influence in respect of matter pertaining to his service matter. “Representation by relatives of government servant is also treated as outside influence,”
There are about 48 lakh central government employees.

पी एम ने हुद हुद पीड़ित आंध्र प्रदेश के लिए एक हजार करोड़ रुपयों की अंतरिम राहत की घोषणा की

प्रधानमंत्री ने विशाखापतनम का दौरा किया और आंध्र प्रदेश के लिए एक हजार करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा की।उन्होंने चक्रवाती तूफान में मरने वालों के निकट संबंधियों को दो-दो लाख रुपये अनुग्रह राशि दिये जाने और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दिये जाने की घोषणा की। भारत के पी एम श्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापतनम और आंध्र प्रदेश के तूफान प्रभावित अन्य भागों में हुए नुकसान, राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की उन्होंने विशाखापतनम में सड़क मार्ग से काफी इलाकों में दौरा किया |और ओडिशा के प्रभावित जिलों कोरापुट और मलकानगिरी का हवाई सर्वेक्षण किया |
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चक्रवाती तूफान हुदहुद के बाद राहत और बचाव कार्य की स्वयं समीक्षा करने के लिए आज आंध्र प्रदेश में विशाखापतनम का दौरा किया।पी एम ने तूफान में मरने वालों की संख्या न्यूनतम बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की भूमिका और राज्य तथा केंद्र के बीच प्रभावी तालमेल की सराहना की|
प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान से सबसे अधिक प्रभावित विशाखापतनम शहर के काफी इलाकों को सड़क मार्ग से देखा। उनके साथ आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री ईएसएल नरसिम्हन, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और केंद्रीय मंत्री श्री वेंकैया नायडू थे।
प्रधानमंत्री ने विशाखापतनम के कलैक्टर कार्यालय में उच्चस्तरीय स्थिति की समीक्षा की । उन्होंने जान-माल के नुकसान को न्यूनतम रखने के लिए उपग्रह से मिले चित्रों और मौसम के अनुमान की उन्नत तकीनीकों समेत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की भूमिका की सराहना की।
बैठक के बाद मीडिया के लिए बयान में प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के लिए एक हजार करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा की। उन्होंने चक्रवाती तूफान में मरने वालों के निकट संबंधियों को दो-दो लाख रुपये अनुग्रह राशि दिये जाने और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दिये जाने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विशाखापतनम के हजारों लोगों ने आज जिस तरह का प्रेम मेरे प्रति व्यक्त किया है उससे मैं भाव-विह्वल हूं। यह लोग तूफान का विनाशकारी प्रभाव झेलने के बावजूद विशाखापतनम की सड़कों के दोनों और खड़े थे।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने ओडिशा के तूफान प्रभावित कोरापुट और मलकानगिरी जिलों और आंध्र प्रदेश के विशाखापतनम नगर का हवाई सर्वेक्षण किया। भारतीय वायुसेना का विशेष जैट विमान प्रभावित क्षेत्रों में काफी नीचे उड़ान भर रहा था जहां प्रधानमंत्री को स्थिति की जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान हुदहुद से नसीहत के मद्देनजर आपदा प्रबंधन के लिए दीर्घकालिक योजना बनाएं जाने की आवश्यकता पर बार-बार जोर दिया। बैठक के दौरान श्री मोदी ने राहत और बचाव कार्य के लिए आंध्र प्रदेश को पूरी मदद देने की पेशकश की।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi at Vizag Airport, during his visit to review the situation of areas, affected by Cyclone HudHud, on October 14, 2014.