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Tag: raj nath singh

दोषी सांसदों+विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलटने वाले यूं पी ऐ के अध्यादेश को कांग्रेस ने बकवास बताया तो भाजपा ने इसे नाटक कहा

दोषी सांसदों+विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलटने वाले यूं पी ऐ के अध्यादेश को कांग्रेस ने बकवास बताया तो भाजपा ने इसे नाटक कहा दोषी ठहराए गए सांसदों+ विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलटने के लिए लाए जा रहे विवादास्पद अध्यादेश पर राजनीती शुरु हो गई है| भाजपा ने जहाँ अपने आप को इससे अलग कर लिया है और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं तो कांग्रेस ने अपने को घिरा महसूस करते हुए अपनी ही यूं पी ऐ सरकार के निर्णय की आलोचना शुरू कर दी है|इस विषय में कांग्रेस को नितीश कुमार और सोम नाथ चटर्जी के रूप में समर्थक भी मिल गए हैं|
कांग्रेस अपने आप को घिरा महसूस कर रही है इसीलिए अपने को सरकार से अलग दिखाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आर्डिनेंस पर अलग रुख अख्तियार कर लिया|उन्होंने दोषी ठहराए गए सांसदों+ विधायकों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए लाए जा रहे विवादास्पद अध्यादेश को ‘बिल्कुल बकवास’ करार दिया और कहा कि उनकी यूं पी ऐ सरकार ने जो कुछ किया है, वह गलत है।इससे कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन [ UPA ] सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा होना स्वाभाविक है| इसके फल स्वरुप भाजपा ने जहां प्रधान मंत्री का इस्तीफा मांग लिया है तो पी एम् के पूर्व सलाहकार ने आगे आ कर पी एम् को इस असहज स्थिति से बाहर निकलने के लिए स्वयम इस्तीफ़ा देने की सलाह दे डाली है| अध्यादेश को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा गलत बताए जाने को भाजपा ने विलंबित डेमेज कंट्रोल के लिए ड्रामा बताया |भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने इसे कांग्रेस और सरकार में टकराव बताते हुए पूछा कि सरकार के एनी कदमो पर कांग्रेस पार्टी का क्या रुख है? राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा कि सरकार में इस कदम के लिए जिम्मेदार लोगों को त्यागपत्र दे देना चाहिए ।,लोक सभा के पूर्व स्पीकर सोम नाथ चटर्जी ने राहुल गाँधी के स्टेंड को प्रिंसिपल स्टेंड बताया तो बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार ने .राहुल का समर्थन करते हुए बिल को पार्लियामेंट में पास नहीं कराये जाने पर टिपण्णी की| आम आदमी पार्टी[आप] ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करके बिल को पुनर्विचार के लिए लौटाने का आग्रह किया है|
प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी ने दोषी ठहराए गए सांसदों+ विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलटने के के लिए लाए जा रहे अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से पूर्व इसके ओचित्य पर कुछ प्रश्न उठाये हैं जिसे लेकर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली हास्यास्पद बन कर रह गई है|पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में इसके नकारात्मक असर को बेअसर करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस विवादित अध्यादेश को ‘बिल्कुल बकवास’ करार दिया और अपनी ही सरकार की आलोचना भी कर डाली जिसे अब पार्टी की लाइन बतया जा रहा है|

B J P Again Criticized weak kneed policy of Center against terrorism and Opposed Talk Diplomacy With Pakistan

B J P Again Criticized weak kneed policy of Center against terrorism and Opposed Talk Diplomacy With Pakistan Bhartiya Janata Party[ B J P ]strongly condemned the terrorist attack launched today on the police and security forces in Jammu region. Criticized weak kneed policy of Center against terrorism and demanded that meeting of the Prime Minister Dr. Manmohan Singh with his Pakistani counterpart at New York should have been called off.
B J P President Raj Nath Singh said “These terror strikes on Indian soil are carried out by anti- India forces operating from Pakistan. Since the incumbent UPA government has been pursuing a weak kneed policy against terrorism for the past many years, the terrorists have been emboldened to strike anywhere in India, almost at will.
Contrary to the Prime Minister Dr. Manmohan Singh’s belief there is no signs of improvement on the ground in Pakistan as the ISI and Pakistan army continue to play its active role in destabilising India’s internal and external security.
Let the newly elected government led by Miyan Nawaz Sharif be given some time to prepare the ground for talks by taking strong action anti- India forces operating from Pakistan. Therefore the scheduled meeting of the Prime Minister Dr. Manmohan Singh with his Pakistani counterpart at New York later this week should have been immediately be called off.
As per media reports the Prime Minister has shown no indication to cancel his appointment with Pakistan PM. Ever since the UPA government has come to power it has adopted a compromising Pakistan policy. Be it ‘ Havana Declaration’ or the ‘Sharm al Sheikh’ fiasco the UPA govt has considerably weakened India’s position in Indo-Pak bilateral relations.
When the NDA was in power we had engaged Pakistan from a position of strength and achieved the ‘Islamabad Declaration’ in which Pakistan promised to us that terrorist activities would not be carried out from Pakistani soil. The UPA government has lost that diplomatic edge. Pakistan should be pursued compelled to implement ‘ Islamabad Declaration’ signed on January 6, 2004 before initiating any meaningful dialogue.
Pursuing a spineless diplomacy at this juncture will present India as a ‘soft state’ which could be pushed around by any big or small country. The Prime Minister and the UPA government seems to be in a hurry to initiate dialogue with Pakistan. It also gives an impression as if he is motivated by certain conservative political motive instead of safeguarding our national interest. The BJP believes that there should be no talks with Pakistan unless the environment is conducive for dialogue.

भाजपा ने मध्य प्रदेश के डा. शरद जैन को आर्थिक गतिविधि प्रकोष्ठ का प्रभारी बनाया

भाजपा ने आर्थिक गतिविधि प्रकोष्ठ का प्रभार डॉ.शरद जैन को सौंपा है| भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी पूर्व सांसद ॐ प्रकाश कोहली[खुखरायन]ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने मध्यप्रदेश केडर के डा. शरद जैन को आर्थिक गतिविधि प्रकोष्ठ का प्रभारी न्युक्त किया है|

एल के अडवाणी की लिखी +अभिनीत+ निर्देशित और निर्मित राजनीतिक फिल्म “३६ घंटे” हिट हो गई

कभी एक हिंदी फिल्म आई थी ३६ घंटे जिसमे सुनील दत्त और राजकुमार [अब दोनों स्वर्गीय] थे फिल्म पूरी तरह से सस्पेंस +एक्शन=ड्रामा से भरपूर थी |बिना गानों के इस फिल्म की रफ़्तार भी इतनी तेज थी कि दर्शकों को बांधे रखती थी लेकिन एल के अडवाणी द्वारा लिखी गई+अभिनीत+और निर्देशित इस राजनीतिक ३६ घंटे के तेजी से बदलते गए घटना क्रम ने कांग्रेस और उनके समर्थक चैनलों ने समा बांधे रखा |जाहिर है ऐसे में कहा जा सकता है कि अडवाणी की यह फिल्म हिट गई है|भाजपा के पी एम् इन वेटिंग वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने ३६ घंटे पश्चात अपना इस्तीफा वापिस ले लिया इससे पार्टी में आया तात्कालिक भूचाल’ मंगलवार की शाम को थम गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत की सलाह और उनके आश्वासन पर आडवाणी राजी हो गए हैं। इससे पूर्व संसदीय बोर्ड द्वारा अडवाणी के इस्तीफे को तत्काल नामंजूर किया जा चुका है|
आडवाणी ने पार्टी का हर फैसला मानते हुए इस्तीफा वापस ले लिया है। हालांकि आडवाणी को मनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी व संघ के विचारक एस गुरुमूर्ति की रही। इन दोनों ने ही आडवाणी व भागवत के बीच चर्चा से समाधान का रास्ता निकाला। दोपहर मोहन भागवत ने आडवाणी से लंबी बात भी की।
उन्होंने आडवाणी को आश्वस्त किया कि भविष्य में न तो उनको दरकिनार किया जाएगा। न ही उनकी आपत्तियों को नजरंदाज किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने यह आश्वासन दिया है कि ‘आगे से पार्टी के कामकाज व किसी भी फैसले को लेकर आडवाणी को कोई आपत्ति होगी, तो अध्यक्ष होने के नाते वह स्वयं उसका समाधान करेंगे। यह भी तय किया गया है कि भविष्य में फैसले आडवाणी की सहमति व उनकी मौजूदगी में ही लिए जाएंगे।’

भाजपा लोक सभा के चुनावों में सरकार की खामियों को उजागर करने के साथ ही अपना विजन डॉक्यूमेंट भी लेकर उतरेगी

भाजपा ने गोवा में आयोजित सम्मलेन में लोक सभा के चुनावों के लिए नरेन्द्र मोदी के सर पर ताज और हाथों में दंडिका थमा कर चुनावों का शंख नाद कर दिया है|
इस अवसर पर रास्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह घोषणा करते हुए कहा की नई लोक सभा के लिए होने वाले चुनावों की कमान नरेन्द्र मोदी के हाथों में होगी|
इसके पश्चात उन्होंने कांग्रेस और यूं पी ऐ पर अनेकों वर भी किये |इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा के भाजपा पार्टी चुनावों में केंद्र की मौजूदा सरकार की खामियों+भ्रष्टाचार को तो उजागर करेगी ही मगर इसके साथ ही अपनी पार्टी का विजन डॉक्यूमेंट भी जनता के समक्ष रखेगी|इस विजन डॉक्यूमेंट में पार्टी विदेश नीति + आंतरिक सुरक्षा+सीमांत प्रदेशों की सुरक्षा+ बेरोजगारी +महंगाई+अपराध आदि सम्बन्धी अपनी भावी यौजनाओं को भी प्रस्तुत करेगी|
इस अवसर पर पार्टी अध्यक्ष ने दो मुख्य मंत्रियों को विशेष सम्मान भी दिया | गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्मान देने के लिए अंत में मोदी को भाषण देने का अवसर दिया |आम तौर पर अध्यक्ष के पश्चात कोई भाषण नही देता है लेकिन मोदी को सम्मानित करने के लिए इस परिपाटी का त्याग किया गया|इसके अलावा मोदी से पहले बोलने की जल्दी में गोवा के मुख्य मंत्री को सम्मान देना भूल गए तो अंत में उन्होंने माईक संभाल कर गोवा के मुख्य मंत्री मनोहर को बेस्ट सी एम् बताया|

यशवंत सिन्हा ने बी जे पी के लिए अपयश का उत्पादन करने के लिए झाड़खंड अध्यक्ष की न्युक्ति को मुद्दा बनाया

वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने अपनी भारतीय जनता पार्टी में यश नहीं दिए जाने से नाराज होकर पार्टी के लिए अपयश का उत्पादन करने की तैय्यारी कर ली है |इसके पहले चरण में पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी छोड़ने की तैय्यारी किये जाने की बात कही जा रही है|
सुनने में आया रहा है कि झारखंड के बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र राय को पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष पद दिए जाने को लेकर श्री सिन्हा नाराज है| फ़िलहाल पार्टी अध्यक्ष राज नाथ सिंह कोलकत्ता का दौरा कर रहे हैं वहां से लौटने पर ही श्री सिन्हा की मांगों पर गौर किया जा सकेगा| सियासी गलियारों से छन्न कर आ रही खबरों के अनुसार यशवंत सिन्हा ने अभी तक पार्टी हाईकमान को इस्तीफा नहीं भेजा है|

 यशवंत सिन्हा ने बी जे पी के लिए अपयश का उत्पादन करने के लिए झाड़खंड अध्यक्ष की न्युक्ति को मुद्दा बनाया

यशवंत सिन्हा ने बी जे पी के लिए अपयश का उत्पादन करने के लिए झाड़खंड अध्यक्ष की न्युक्ति को मुद्दा बनाया


वहीं पार्टी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने स्थिति को संभालने का प्रयास करते हुए कहा है कि , यशवंत सिन्हा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं+वह पार्टी के फायदे के लिए काम करते रहे हैं+ वे पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
गौरतलब है कि संसद का सत्र अभी जारी है। हर रोज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी की बैठक होती है जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी करते हैं। आज जैसे ही ये बैठक शुरू हुई पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने आडवाणी के पैर छुए और अपनी नाराजगी प्रगट करके श्री सिन्हा पार्टी से बाहर चले गए।

वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया

[दिल्ली]भाजपा के पी एम् इन वेटिंग वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया और मीडिया में पार्टी विरोधी ब्यान देने से बचने की सलाह दी|श्री अडवानी ताल कटोरा में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय सम्मलेन में समापन भाषण दे रहे थे |उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि पार्टी नेता मीडिया का कैमरा और माईक देखते ही बोलने लगते हैं और पार्टी विरोधी ब्यान देने लगते हैं |इससे उन्हें बेशक थोड़ी देर के लिए पब्लिसिटी मिल जाती है मगर यह अनुशासन हीनता की श्रेणी मे आता है|इसीलिए इस अनुशासन हीनता को गंभीरता से लिया जाना चाहिए|उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई आपत्ति है या शिकायत है तो वह पार्टी चैनल को एप्रोच कर सकता है|

 वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया

वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया


अनुशासन का पाठ पढाते हुए उन्होंने कहा कि एक समय श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के काल में अनुशासन भंग करने पर आठ विद्रोही [जो लगभग पचास प्रतिशत थे ] विधायकों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की गई थी |उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राज नाथ सिंह से भीआग्रह किया कि इस विषय में गंभीरता बरती जाए |इससे पूर्व पार्टी अध्यक्ष नेभी पार्टी अनुशासन को बनाये रखने पर जोर दिया था|
इस अवसर पर उन्होंने अपने समापन भाषण में हास्य का पुट भरते हुए लोक सभा में पार्टी नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की तारीफ भी कर गये उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपई के बाद अब श्रीमती सुषमा के भाषण से मुझे[अडवाणी]काम्प्लेक्स हो रहा है| सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में सभी बातें कह दी हैं और इससे अच्छा समापन भाषण नहीं हो सकता | इनके [सुषमा]के बोलने के बाद मुझे[अडवाणी]बोलने की जरुरत नहीं थी |उन्होंने अपनी पार्टी के प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद की चुटकी लेते हुए कहा कि में कभी अटल बिहारी वाजपई के बाद बोलने की हिम्मत नहीं कर सका और आज सुषमा स्वराज ने अटल जी की वाक्पटुता का परिचय देकर मुझ में [अडवाणी]काम्प्लेक्स पैदा कर दिया है अब सुषमा स्वराज के बाद समापन भाषण की जरुरत नहीं थी ।अब देखो सुषमा जी के बाद रवि शंकर प्रसाद बोले अच्छा बोले मगर कोई सुनने को तैयार नहीं था |यह सुन कर सभी हंस पड़े