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फाड़ दो फैंक दो के कानफोड़ू शोर+कागजों की बारिश और भाजपा के संशोधनों को दरकिनार करके राज्य सभा ने ध्वनि मत से तेलंगाना पर मोहर लगाईं

फाड़ दो फैंक दो के कानफोड़ू शोर+कागजों की कतरनों की बारिश और भाजपा के संशोधनों को दरकिनार करते आज राज्य सभा ने ध्वनि मत से तेलंगाना पर को २९ वे राज्य के रूप में अपनी मोहर लगा दी |
इस अवसर पर प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने शेष आंध्र प्रदेश के लिए विशेष छह सूत्री पैकेज का ऐलान भी किया
डॉ मन मोहन सिंह ने कहा
[प्रथम], केंद्रीय सहायता के उद्देश्यों के लिए, 13 जिलों वाले शेष आंध्र प्रदेश को पांच वर्ष की अवधि के लिए विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिया जाएगा जिसमें चार जिले रायलसीमा के और तीन जिले उत्तर तटीय आंध्र के होंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
[दूसरी], विधेयक में पहले ही निर्धारित किया गया है कि केंद्र सरकार विभाजन के बाद दोनों राज्यों में औद्योगीकरण और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए कर छूट सहित समुचित राजकोषीय उपाय करेगी। ये छूट कुछ अन्य राज्यों को दी जा रही छूट की तरह ही होंगी।
[तीसरी], विधयेक में पहले ही कहा गया है कि शेष आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों, विशेष रूप से रायलसीमा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में विशेष विकास पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। यह विकास पैकेज ओडिशा में के-बी-के (कोरापुट-बोलनगीर-कालाहांडी) विशेष योजना तथा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड विशेष पैकेज की तरह ही होगा।
[चौथी], मैं माननीय सदस्यों को पुनः आश्वासन देता हूं कि यदि पोलावरम प्ररियोजना के लिए सुगम और पूर्ण पुनर्वास और पुनर्स्थापना (आर एंड आर) के लिए कोई और संशोधन आवश्यक हुए तो जल्द से जल्द प्रभावी किए जाएंगे। हमारी सरकार पोलावरम परियोजना निष्पादित करेगी -इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
[पांचवी], नए राज्य के बनाने के लिए दिन अधिसूचित तिथि से संबंधित इस तरह से नियत किया जाएगा ताकि कार्मिक, वित्त और परिसंपत्तियों एवं देनदारियों के वितरण के संबंध में तैयारी करने का काम संतोषजनक ढंग से पूरा किया जा सके।
[छठी], विभाजन के बाद शेष आंध्र प्रदेश में पहले वर्ष, खासतौर से नियुक्ति दिन और भारत सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने की अवधि के दौरान होने वाले संसाधन के अंतर की पूर्ति 2014-15 के लिए नियमित बजट में की जाएगी।

मिड-डे मील की शहरी क्षेत्रों में आपूर्ति के लिए भी एन जी ओ को आउटसोर्स किया जा रहा है

मिड-डे मील आपूर्ति के लिए भी एन जी ओ को आउटसोर्स किया जा रहा है |वर्तमान वर्ष 2013-14 में देश भर में इस कार्यक्रम में 447 गैर सरकारी संगठन संलग्‍न हैं। इस कार्यक्रम में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों की सबसे ज्‍यादा संख्‍या उत्‍तर प्रदेश और कर्नाटक में क्रमश: 185 और 102 है। अभी तक मिड डे मील के नियमों के उल्‍लंघन की केवल छह शिकायतें मंत्रालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी हैं|
मानव संसाधन विकास राज्‍यमंत्री डॉ. शशि थरूर ने एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में आज राज्‍य सभा में यह जानकारी दी कि शहरी क्षेत्रों में विद्यालय प्रांगणों में जहां गैर सरकारी संगठनों/ट्रस्‍टों/केंद्रीयकृत रसोइयों जो कि बच्‍चों को भोजन उपलब्‍ध कराने में संलग्‍न हैं, के लिए रसोई-सह-भंडार के लिए स्‍थान नहीं है। मंत्री महोदय ने कहा कि वहां इस महत्‍वपूर्ण योजना में मिड डे मील की आपूर्ति को गैर सरकारी संगठनों को (एनजीओ) आउट सोर्स किया जा रहा है।
उन्‍होंने कहा कि मिड डे मील के दिशा निर्देश ,पंचायती राज संस्‍थानों+ स्‍वयं सहायता समूहों+ माता संगठनों और स्‍थानीय समाज की सहायता से मिड डे मील को रसोइये-सह-सहायक की सहायता से स्‍कूल के रसोई-सह-भंडार में पकाने पर जोर देते हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत संलग्‍न गैर सरकारी संगठनों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मानदण्‍ड के संबंध में एक अन्‍य प्रश्‍न का उत्‍तर देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि मिड डे मील दिशा निर्देशों के अनुसार संलग्‍न गैर सरकारी संगठनों के मानदण्‍ड निम्‍न प्रकार है– गैर सरकारी संगठन को आपूर्ति कार्य आवंटित करने का निर्णय सरकार द्वारा अधिकारित संस्‍था लेगी जैसे ग्राम पंचायत, वीईसी/एसएमसी/पीटीए, म्‍युनिसिपल कमेटी/कॉरपोरेशन आदि।- एजेंसी को सोसायटी एक्‍ट के तहत अथवा सार्वजनिक ट्रस्‍ट एक्‍ट के तहत पंजीकृत होना चाहिए और यह कम से कम पिछले दो वर्षों से अस्तित्‍व में होनी चाहिए। इसके पास समूचित रूप से गठित प्रबंधक/प्रशासकीय ढांचा होना चाहिए, जिसके कार्यों और अधिकारों इसके संविधान में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख हो।
गैर सरकारी संगठन और स्‍थानीय निकाय के मध्‍य होने वाले अनुबंध/समझौते में पक्षों का उत्‍त्‍रदायित्‍व और प्रदर्शन न करने पर उनके प्रतिफल परिभाषित होने चाहिए। बच्‍चों के लिए गैर सरकारी संगठन द्वारा आपूर्ति किए जा रहे भोजन की मात्रा और गुणों की जांच और निरीक्षण की सख्‍त व्‍यवस्‍था का होना भी इसमें शामिल होना चाहिए।
0 चयनित मिड डे मील आपूर्तिकर्ता बगैर किसी लाभ के आधार पर आपूर्ति करेगा और कार्यक्रम अथवा उसके किसी सहायक हिस्‍से का उप ठेका किसी अन्य को नहीं सौंपेगा।
0 इस प्रकार की मिड डे मील योजनाओं में संलग्न गैर सरकारी संगठन के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन प्रत्‍येक वर्ष एक विश्‍वसनीय मूल्‍यांकन व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से होना चाहिए। गैर सरकारी संगठन के साथ हुए समझौते का अगले वर्ष के लिए नवीनीकरण वर्तमान वर्ष में उसके प्रदर्शन के संतोषजनक पाए जाने पर निर्भर होना चाहिए।
pएनजीओ द्वारा नियम तोड़े जाने के मामलों का विवरण देते हुए डॉ शशि थरूर ने कहा कि मिड डे मील के नियमों के उल्‍लंघन की छह शिकायतें मंत्रालय की जानकारी में आई हैं। इन शिकायतों को संबंधित राज्‍यों को जांच और इन पर रिपोर्ट करने के लिए भेज दिया गया था। ऐसे चार मामलों में राज्‍य सरकारों में संबंधित गैर सरकारी संगठनों के बिलों से अनुपाति उगाही की है।

अब श्रीमति सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा के कथित संदिग्ध भूमि सौदों को लेकर संसद कई बार बाधित हुई

संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा के कथित संदिग्ध भूमि सौदों और किश्तवार में हुई हिंसा को लेकर आज जम कर हंगामा हुआ|कांग्रेस सांसदों के विरोध के बीच लोक सभा की अध्यक्षा मीरा कुमार ने कार्यवाही स्थगित की तो राज्यसभा में सभापति उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने वढेरा मामले पर चर्चा करवाने से इनकार कर दिया.उन्होंने नाराजगी भी ज़ाहिर करते हुए कहा कि राज्यसभा में किसी कानून पर अमल नहीं हो रहा, हर कानून को तोड़ा जा रहा है और सदन ‘अराजक तत्वों का संघ’ हो गया है|.
इस टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी का सदन के संबंध में ‘अराजकतावादियों का संघ’ बयान वापस लिया जाए.उधर श्रीमती सुषमा स्वराज ने संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ को टारगेट करते हुए कहा कि कमल नाथ जी इस प्रकार गुस्सा करने से सदन की कार्यवाही नही चलेगी| सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई |
संसद के दोनों सदनों में भाजपा से श्री मति सुषमा स्वराज और यशवंत सिन्हा ने रॉबर्ट वढेरा के कथित भूमि सौदों के मामले पर सरकार की तीखी आलोचना की और कांग्रेस से सफ़ाई मांगी.| यशवंत सिन्हा ने बिना नाम लिए कहा कि देश के एक रसूखदार व्यक्ति ने मुनाफा कमाने का अनोखा मॉडल पेश किया है।
उन्होंने कहा, “सिर्फ़ 44 वर्ष की आयु में बड़ी पहुँच रखने वाले एक व्यक्ति हैं जिन्हें सैंकड़ों करोड़ रूपए कमाने की कला बिना किसी बिज़नेस स्कूल में गए हुए या निवेश किए ही आती है.” किश्तवाड़ में हुई हिंसा पर भी सांसदों ने विरोध प्रकट किया.|इस बयान के तत्काल पश्चात सदन में हंगामा मच गया और कांग्रेस सांसदों के विरोध के बीच सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने कार्यवाही स्थगित कर दी |
भाषा के अनुसार हरियाणा राज्य के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमे कथित रूप से प्रदेश सरकार और रॉबर्ट वढेरा पर ज़मीन की खरीद फरोख़्त मामले में सांठ-गाँठ का आरोप है.|राबर्ट वढेरा मुरादाबाद के एक ओद्यौगिक परिवार से हैं और प्रियंका गाँधी के पति हैं|कांग्रेस ने यह कहते इसे सिरे से ही ख़ारिज कर दिया कि यह राज्य से जुड़ा मामला है लेकिन भाजपा ने इसे राष्ट्रीयकृत बैंक के साथ गंभीर धोखाधड़ी का मामला भी बताया भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद राज्यसभा में पार्टी के उप-नेता रविशंकर प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि यह राज्य :हरियाणा: से जुड़ा मामला है।

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन पर लगे घोटाले के आरोपों पर तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने राज्यसभा को आश्वस्त किया कि इस मामले में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, | विपक्ष के साथ सरकार के सहयोगी लालू प्रसाद यादव ने भी सदन में चर्चा कराने और दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की मांग उठाई |
सीएजी रिपोर्ट पर आज भी संसद में जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी कार्रवाई शुरू होते ही इस मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रश्नकाल रोककर चर्चा की मांग करने लगी। हंगामे की वजह से दो बार राज्यसभा की कार्रवाई स्थगित भी करनी पड़ी।
हंगामे के चलते प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि इस मामले में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने सीएजी रिपोर्ट पर सरकार पर निशाना साधा और गड़बड़ी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी घोटाले से देश शर्मसार हुआ है। दोनों सदनों में चेयर पर्सन ने कैग की रिपोर्ट को पी ऐ सी के समक्ष रखे जाने को आवश्यक बताते हुए इस पर फ़िलहाल चर्चा पर रोक लगाई|परन्तु ही इस विषय में आर बी आई द्वारा जरी दिशा निर्देश और उनकी अवहेलना को बार बार उठाया जाता रहा| वरिष्ठ सदस्य नजमा हेपतुल्लाह ने इस विषय में तत्काल कार्यवाही की मांग उठाई|संजय निरुपम ने जांच के विस्तृत दायरे का हवाला देते हुए सरकर के बचाव का प्रयास किया|
दूसरी तरफ कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि कर्ज माफी में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है और अगर किसी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई होगी।

आज बारह का विशेष महत्त्व है शायद इसीलिए मायावती ने राज्यसभा की कार्यवाही को लेकर सरकार के बारह बजाये

Indian Parliament

आज बारह का विशेष महत्त्व है शायद इसीलिए सरकार कि संकट मौचक मायावती ने ही आज राज्यसभा में प्रोमोशन में आरक्षण के लेकर सरकार के बारह बजा दिए|सभापति पर तीखी टिपण्णी के साथ सरकार के विरुद्ध नारे भी लगाए गए| बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सभापति हामिद अंसारी से यह कहकर पूरे सदन को चौंका दिया कि सदन का संचालन करना उनकी जिम्मेदारी है और वह दोपहर में सदन में रहेंगे नहींऍफ़ डी आई पर सरकार की संकट मौचक साबित हुई मायावती ने कहा, ‘आए दिन 12 बजे के बाद सदन नहीं चल पाता है। सदन सुचारू रूप से चले, इसकी व्यवस्था कौन करेगा?’ उन्होंने अंसारी से कहा कि सदन में कामकाज सामान्य तरीके से चले, यह जिम्मेदारी आपकी है।
अंसारी ने उनसे शांत होने की अपील करते हुए कहा कि सदन सभी दलों के सहयोग से ही सुचारू रूप से चल सकता है और वह अभी प्रश्नकाल चलने दें। नाराज मायावती ने उनकी अपील अनसुनी कर दी और आसन के करीब आ गईं। मायावती के न मानने और बीएसपी सांसदों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पहले कुछ समय के लिए और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।नियमानुसार, सदस्यों को पीठासीन अधिकारी पर अभद्र टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है.मायावती की इस टिपण्णी पर कांग्रेस द्वारा आपत्ति जताई गई है| गौरतलब है कि अनुसूचित जातियों व जनजातियों को प्रोन्नति में आरक्षण मुहैया कराने वाले एक संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है.
सभापति प्रश्नकाल की अध्यक्षता करते हैं, जबकि शून्यकाल और उसके बाद की कार्यवाहियों की अध्यक्षता आमतौर पर उपसभापति द्वारा की जाती है. सभापति हालांकि महत्वपूर्ण अवसरों पर सदन में वापस आते हैं|.
उदाहरण के तौर पर जब प्रधानमंत्री का कोई वक्तव्य हो, या जब किसी सत्र की समाप्ति पर सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो रहा हो.उन्होंने कहा कि आप 12 बजे जाइए लेकिन सदन की कार्यवाही सुनिश्चित कराना आपकी जिम्मेदारी है। 12 बजते ही आप सदन में नहीं दिखेंगे। मायावती की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री राजीव शुक्ला ने इस टिपण्णी को दुर्भाग्य पूर्ण बताया है|