Defence Minister Shri AK Antony in a written reply to Shri N. Balagangain in Rajya Sabha I provided updates Of Adarsh Housing Society Scam as under
[a]Ministry of Defence had handed over the investigation of the case to the Central Bureau of Investigation (CBI) and consequently, [b]CBI had registered a case vide RC No.6(A)/11, dated 29.1.2011 against 13 persons including Officers of Defence Estate Office (DEO), Mumbai, Army, Government of Maharashtra and certain private persons.
[c]Charge- sheet has been filed by CBI on 04.07.2012 in the Court of Special Judge, Mumbai. Army Officers listed in the charge-sheet filed by the CBI are, namely, Maj. Gen.(Retd) T.K. Kaul; Maj. Gen.(Retd) A.R. Kumar; Brig.(Retd) M.M. Wanchu; Brig.(Retd.) T.K. Sinha; and Col.(Retd) R.K. Bakshi.
[d]The matter is presently sub-judice.
[e]Defence land records, as available in Military Land Registers (MLRs) and General Land Registers (GLRs), have been computerized and updated from time to time. Two projects, one on Digitization of land records and the other on Survey of Defence land using modern technology have been undertaken. The guidelines for issuing No Objection Certificates for construction of buildings on lands adjoining Defence lands and instructions regarding ceding of possession of defence land have been issued. Audit of Defence lands is carried out from time to time. .Defence Minister Provides latest updates of Adarsh Housing Society Scam in Lok Sabha
Defence Minister Shri AK Antony had already Provided these updates of Adarsh Housing Society Scam ,to C. Rajendranin in Lok Sabha,In the previous Week.
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Defence Minister provided updates Of Adarsh Housing Society Scam In Rajy Sabha
भारतीय चिकित्सा परिषद ने सुभारती मेडिकल कॉलेज सहित छह मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द की
भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने राष्ट्रीय राजधानी छेत्र [ एनसीआर ]में 6 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है
भारतीय चिकित्सा परिषद ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में चल रहे मेरठ+गाजिआबाद+ग्रेटर नॉएडा+हापुड़+गुड गाँव के 6 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता/अनुमति पत्र रद्द करने की सिफारिश की है। ये कॉलेज हैं –
[1]. संतोष मेडिकल कॉलेज, गाजियाबाद
[2]. सुभारती मेडिकल कॉलेज, मेरठ
[3]. स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, ग्रेटर नोएडा
[4]. सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हापुड़
[5]. श्री गुरू गोबिन्द सिंह ट्राईसेन्टेनरी मेडिकल कॉलेज, गुडगांव
[6.] रामा मेडिकल कॉलेज, हापुड़
मंत्रालय को भारतीय चिकित्सा परिषद की यह सिफारिश इस साल मई में प्राप्त हुई थी।
हालांकि इसे 04 जून को फिर से जांच-पड़ताल के लिए परिषद के निदेशक मंडल के पास वापस भेज दिया गया था।
मेडिकल कॉलेजों को भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 के प्रावधानों और उनके दिशा-निर्देशों के तहत मान्यता दी गयी है।
इस उद्देश्य हेतु, भारतीय चिकित्सा परिषद नियमन, 1999 में निर्धारित न्यूनतम शर्तों के अनुसार भारतीय चिकित्सा परिषद परीक्षा के मानदंडों और कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं के मूल्यांकन के लिए उनकी जांच पड़ताल करती है।
एमसीआई के सिफारिशों के आधार पर केन्द्र सरकार भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 की धारा 11 (2) के तहत किसी भी मेडिकल कॉलेज के छात्रों को मुहैया की जाने वाली विशिष्ट चिकित्सा अर्हताओं को मान्यता प्रदान करती है और उन्हें अधिसूचित करती है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में लिखित में यह जानकारी दी।
कम नवजात मृत्यु दर वाले राज्यों को कोई प्रोत्साहन नही :ग्रामीण गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 %
भारत सरकार ने देश में नवजात शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए बनाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकरी राज्य सभा में देते हुए बाते कि सरकार द्वारा अनेको कार्यक्रम चलाये जा रहे है और जिन राज्यों ने नवजात शिशुओं की मृत्यु दर विभिन्न उपायों के जरिए कम रखी है, उन्हें प्रोत्साहन देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बनाये जा रहे कार्यक्रमों से नवजात शिशु परिचर्या सुविधाओं को मजबूत बनाया जाएगा और इसके लिए जि़ला स्तर पर नवजात स्थिरता इकाइयां तथा नवजात परिचर्या केन्द्र खोले जाएंगे। जहां भी प्रसव की सुविधा है, वहां नवजात परिचर्या केन्द्र भी खोले जाएंगे। इस समय देश भर में 448 नवजात शिशु परिचर्या केन्द्र, 1574 नवजात स्थिरता इकाइयां और 13219 नवजात परिचर्या केन्द्र काम कर रहे हैं। इसके अलावा जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि भी चल रहे हैं।
इसके आलावा
एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए चिकित्सा बीमा पॉलिसी
की जानकारी भी दी गई |स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अबु हासिम खां चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2012 में एचआईवी के बारे में लगाए गए अनुमानों के अनुसार 2010-11 के दौरान भारत में एचआईवी /एड्स (पीएल एचआईवी) ग्रस्त जीवित मरीजों की संख्या 20.89 लाख थी। ग्रामीण इलाकों में भी गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 % पाई गई|
2012 के एचआईवी अनुमानों के अनुसार पीएल एचआईवी के 86.34 प्रतिशत मरीज वर्ष 2011 में 15 से 49 वर्ष की आयु वर्ग में थे। गर्भवती महिलाओं में एचआईवी फैलने को प्रॉक्सी माना जाता है। 2010-11 के एचआईवी सेन्टीनल सर्विलांस के अनुसार ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 प्रतिशत थी, जबकि शहरी इलाकों में ऐसे मरीजों की संख्या 0.44 प्रतिशत थी।
Government has proposed construction of 17 new Air ports
Government has proposed construction of 17 new Air ports One Air port is proposed for Kushinagar in Uttar Pradesh
Minister of State for Civil Aviation, Shri K.C. Venugopal informed Rajya Sabha today that seventeen new airports have been proposed for construction during the 12th Five Year Plan. It Is to give boost to civil aviation sector and increase air connectivity to Domestic fliers The list of the new airports is as follows:
Sl.No. -Location- State
[1.]Mopa Goa[2].Gulbarga Karnataka [3].Bijapur [4].Hassan[5].Shimoga[6].Aranmula(Pathanamthitta)Kerala[7].Kannur
[8].Sindhudurg Maharashtra[9.] Navi Mumbai[10].Shirdi[11].Dabra Madhya Prades[12.]Karaikal Pudducherry[13.]Kushinagar UttarPradesh[14]Andal-Faridpur West Bengal[15].Itanagar Arunachal Pradesh[16.]Kishangarh (Ajmer)Rajasthan[17]]Deoghar Jharkhand
देश में हो रहे असुरक्षित गर्भ पात के आंकड़ों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में नही है
देश में हो रहे असुरक्षित गर्भ पात के आंकड़ों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में नही है |भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में भारत में असुरक्षित गर्भपात से सम्बंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं इसके लिए मंत्रालय आज भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट्स पर ही निर्भर है| केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, गुलाम नबी आजाद ने आज संसद में इस सच्चाई को स्वीकार किया | २००८-०९ के दौरान देश में ११ लाख गर्भ पात हुए लेकिन इनमे से कितने असुरक्षित गर्भ पात थे इसकी जानकारी देने में मंत्री आज़ाद ने असमर्थता जताई|
श्री आज़ाद ने आज राज्य सभा में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के सूचना एवं केंद्रीय स्वास्थ्य प्रबंधन व्यवस्था के अंतर्गत देश में वर्ष 2008-09 के दौरान कुल 11.06 लाख गर्भपात दर्ज किये गये।
केन्द्रीय मंत्री, श्री आजाद ने कहा कि इनमें से कितने असुरक्षित गर्भपात थे, यह जानकारी उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा रखे गये सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के अनुसार आठ प्रतिशत मौते असुरिक्षत गर्भपात के चलते बताई जाती हैं। लेकिन डब्ल्यू एच ओ के क्षेत्रीय अनुमानों के अनुसार 2008 में 13 प्रतिशत मातृत्व संबंधी मौतें दक्षिण मध्य एशिया क्षेत्र में असुरक्षित गर्भपात के चलते हुईं। भारत के लिए अलग से कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
मनरेगा की शिकायतों के लिए प्रदेश सरकारें जिम्मेदार हैं : ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री प्रदीप जैन
ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री प्रदीप जैन ने आज [सोमवार]संसद में मनरेगा की शिकायतों को स्वीकार किया और कहा कि उनके मंत्रालय को देश से काफी संख्या में मनरेगा के क्रियान्वयन के बारे में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों में [१]जॉब कार्ड नहीं उपलब्ध कराना, [२]कोष का दुरुपयोग,[३] ठेकेदारों को शामिल करना,[४] हाजरी में धोखेबाजी,[५] कम मजदूरी का भुगतान, [६]मजदूरी का भुगतान न करना, [७]मशीनरी का उपयोग, [८]भुगतान में देरी आदि शामिल हैं लेकिन इन शिकायतों के लिए उन्होंने प्रदेश सरकारों को जिम्मेदार ठहराया |उन्होंने बताया कि कानून के क्रियान्वयन की जिम्मेदरी राज्य सरकारों की है और कानून के प्रावधान के अनुसार योजनाएं राज्य सरकारों द्वारा तैयार की जाती है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में प्राप्त सभी शिकायतों को संबंधित राज्य सरकारों के पास जांच और उचित कार्रवाई करने के वास्ते भेज दिया जाता है। राज्य सरकारों को उनके मंत्रालय के पास कार्रवाई रिपोर्ट भेजना जरूरी है।
इसके अलावा श्री जैन ने बताया कि एक लाख से अधिक परिवारों ने 26 जुलाई 2013 तक 100 दिन का रोजगार पूरा किया और इस बीच तीन लाख 31 हजार नये जॉब कार्ड जारी किये गये। श्री जैन ने एक लिखित उत्तर में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार के व्यस्क सदस्य को 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी प्रदान की गई है।
दागियों को संसद से दूर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक फैसले का आम आदमी पार्टी ने स्वागत किया
दागियों को संसद से दूर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दागी शब्द की व्याख्या कर दी है इस एतिहासिक फैसले का आम आदमी पार्टी[आप] ने स्वागत किया और मांग की है कि जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाई जानी चाहिए| गौरतलब है कि कांग्रेस के 44, भाजपा के 43, समाजवादी पार्टी के नौ, बहुजन समाजवादी पार्टी के छह, जेडीयू के आठ और सीपीएम के तीन सांसद हैं. ऐसा ही हाल राज्यसभा में देखा जा रहा है. 41 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 16 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
राजनीति को साफ करने के सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले को आप पार्टी ऐतिहासिक मानती है और इसका स्वागत करती है. पार्टी का मानना है कि इस फैसले से अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को राजनीति से दूर रखने में काफी मदद मिलेगी.
आप पार्टी पहले से ही यह कहती आई है कि जब तक अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के लिए संसद और विधानसभाओं के रास्ते बंद नहीं किए जाते, सही मायने में लोकतंत्र स्थापित नहीं होगा. पार्टी का मानना है कि न सिर्फ सजायफ्ता, बल्कि ऐसे लोगों के भी चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जानी चाहिए, जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है.
अदालत ने “दागी” शब्द की फिर से व्याख्या करते हुए ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है जिनको किसी भी अदालत से दो साल की सजा हुई हो और उन्होंने उस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अर्जी लगा रखी हो. जनप्रतिनिधित्व कानून ऐसे सजायाफ्ता लोगों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार देता है जिन्होंने कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अर्जी लगा रखी हो और जिसपर सुनवाई चल रही हो.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजनीति को साफ करने की आम आदमी पार्टी की मुहिम को मदद मिलेगी. पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. पार्टी का वादा है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा जिसे किसी अदालत से सजा हुई हो या जिसके खिलाफ किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट भी दाखिल हुई हो.
एडीआर की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा में फिलहाल करीब एक तिहाई (161 सांसदों के) सांसदों के ऊपर आपराधिक मामले चल रहे हैं. उनमें से 78 यानी 15 प्रतिशत लोगों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं.
दागी लोगों को संसद तक पहुंचाने में सभी पार्टियों ने भरपूर रुचि दिखाई है. इन 161 दागी सांसदों की सूची में कांग्रेस के 44, भाजपा के 43, समाजवादी पार्टी के नौ, बहुजन समाजवादी पार्टी के छह, जेडीयू के आठ और सीपीएम के तीन सांसद हैं. ऐसा ही हाल राज्यसभा में देखा जा रहा है. 41 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 16 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली विधानसभा में भी आपराधिक छवि के लोगों की भरमार है. दिल्ली के 70 विधायकों में से 32 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से आठ के खिलाफ तो गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं.
राज्य सभा के लिए कांग्रेस ने एक नया सांसद असम से जीता मगर तेलंगाना से दो लोक सभा सांसद गवां दिए
झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
एक कांग्रेसी चीयर लीडर ब्लोच्क्क़ुओतेओये झल्लेया मुबारकां ओये देख्या थाईलैंड की यात्रा पर गए सोणे मन मोहणे पी एम् को हमने असम से ही पांचवी पार राज्य सभा के लिए जितवा दिया है | इसके साथ ही एस कुजूर को भी लुभाव में जितवा लिया| बड़े कहते फिरते थे कि डा. मन मोहन सिंह असम में नहीं रहते +इनकी जन्म तिथि गलत है+इन्होने असम में विकास नही किया |ओये इन सब इल्जामों को ब्रह्मपुत्र में बहा दिया|
झल्लाबेशक यह आप जी के लिए क्षणिक ख़ुशी की बात ही हो सकती है क्योंकि पी एम् के साथ केवल एक ही सांसद राज्य सभा में आप जी के खाते में आया है जबकि तेलंगाना निर्माण के लिए धर्म युद्ध लड़ रहे आप कि पार्टी के सांसद [१]विवेक+[२]जगन्नाथ ने आप की पार्टी से किनारा कर लिया है|इनके साथ लुभाव में केशव राव भी पतली गली से निकल लिए है|अर्थार्त राज्य सभा में एक नया सांसद आया और लोक सभा से दो सांसद निकल गए
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