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जस्टिस काटजू बता रहे हैं कि वोह अभी खुड्डेलेन मेटेरियल नहीं हैं और न्यूज़ में जिन्दा भी है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

गांधी वादी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये कैसे माड़े दिन आ गए हसाडे राष्ट्रपिता महात्मा मोहन दास करमचंद गांधी और नेता जी सुभाष चंद बोस को पढ़े लिखे और ऊंचे ओहदेदार भी गालियाँ देने लग गए |जस्टिस मार्कण्डेय काटजू सरीखे कानूनविद ने महात्मा गांधी को ब्रिटिशर्स का और नेता जी सुभाष चंद बोस को जापानियों का एजेंट बता दिया |बेशक राज्य सभा ने इसके विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया है लेकिन इसके लिए कोई ठोस कार्यवाही भी होनी चाहिए

झल्ला

ओ मेरे भापा जी माननीय काटजू जी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं +भारतीय प्रेस कौंसिल के भी सर्वे सर्वा रहे हैं इसीलिए ये बेफाल्तू में ऐसे बयानों को जारी नहीं कर सकते |नई भाजपाई सरकार ने इन्हें खुड्डे लाइन लगा रखा है और पुरानी सरकार के खंडहरों में इनके लिए कोई जगह नहीं है |महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू पर देश विभाजन के आरोप लगते रहे हैं |इसीलिए काटजू साहब का जजमेंट ठीक हो सकता है लेकिन भाषा शायद अनुचित है वैसे प्रेस का नियम है जो न्यूज़ में हैं वोह जिन्दा है झल्लेविचारनुसार काटजू साहब ओनली बताना चाह रहे हैं कि वोह अभी भी न्यूज़ मेटेरियल हैं और बाकायदा जिन्दा है|