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Tag: Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar

PM Bows to Patriotic Rashtrakavi Dinkar, on His Birth Anniversary

[New Delhi] PM bows to Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar, on his birth anniversary
The Prime Minister, Narendra Modi has bowed to Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar, on his birth anniversary.
PM Tweeted
“राष्ट्रकवि दिनकर जी को उनकी जयंती पर नमन। हिन्दी भाषा व साहित्य के क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य है। उनकी रचनाओं ने देश को प्रेरित किया।”,
Shri Dinkar initially supported the revolutionary movement during the Indian independence struggle, but later became a Gandhian.
He was elected three times to the Rajya Sabha+was the member of this house from 3 April 1952 CE to 26 January 1964 CE,and was awarded the Padma Bhushan in 1959 He was also the Vice-Chancellor of Bhagalpur University (Bhagalpur, Bihar) in the early 1960s.

बिहार में जाति आधारित राजनीति खत्‍म करो और तेज गति से विकास करो:प्रधानमंत्री

[नई दिल्ली]बिहार में जाति आधारित राजनीति खत्‍म करो और तेज गति से विकास करो:प्रधानमंत्री
भारत के प्रधानमंत्री ने जाति आधारित राजनीति खत्‍म करने की अपील के साथ ही पूर्वी भारत को तेज गति से विकास करने की आवश्यकता पर बल दिया|
दिनकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी की गई|
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर का स्‍मरण करते हुए जाति आधारित राजनीति समाप्‍त करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर भारत को तरक्‍की करनी है तो बिहार समेत पूर्वी भारत के लिए विकास करना और भारत के पश्चिमी भाग के समतुल्‍य आना अनिवार्य है।पीएम दिनकर की दो महान कृतियों ‘संस्‍कृति के चार अध्‍याय’ और ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ की स्‍वर्ण जयंती के अवसर पर नई दिल्‍ली में आज आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने 1961 में श्री रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखे एक पत्र का स्‍मरण किया जिसमें दिनकर ने जोर देकर कहा था कि उनके जन्‍म स्‍थान बिहार को अनिवार्य रूप से जाति आधारित मतभेदों को भूल जाना चाहिए और एक प्रतिभा आधारित समाज की दिशा में काम करना चाहिए। अपने पत्र में दिनकर ने यह भी कहा था कि अगर बिहार के लोग जाति से ऊपर नहीं उठते तो राज्‍य में सार्वजनिक जीवन नष्‍ट हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्र कवि ‘दिनकर को एक महान भविष्‍यदृष्‍टा बताते हुए कहा कि एक समय हजारों लोगों ने दिनकर की कविताओं को कंठस्‍थ कर रखा था
श्री मोदी ने यह भी कहा कि बहुत कम कृतियां दिनकर की लेखनी की तरह समय की कसौटी पर खरा उतर पाती हैं। उन्‍होंने कहा कि दिनकर अपनी लेखनी के जरिए मार्ग को प्रज्‍जवलित करना चाहते थे और समाज को आगे बढ़ने का रास्‍ता दिखाना चाहते थे।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की आज मांग भी की गयी। श्री दिनकर की दो महत्वपूर्ण कृतियों ‘संस्कृति के चार अध्याय’ और ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ के स्वर्ण जयंति वर्ष के अवसर पर यहां आयोजित समारोह मेंं सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीपी ठाकुर ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में सरकार से भारतरत्न के लिए दिनकर के नाम पर विचार करने का आग्रह किया।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the Golden Jubilee celebrations of the works of Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar, in New Delhi on May 22, 2015.