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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच के लिए प्रदेश सरकार की फ़िलहाल कोई रूचि नही:रालोद

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]के राष्ट्रीय महा सचिव सांसद जयंत चौधरी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच के लिए प्रदेश सरकार की फ़िलहाल कोई रूचि नही है इसीलिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को अभी तक कोई द्रष्टिकोण नही भेजा है | यह केन्द्रीय कानून मंत्री के हवाले से बताया गया है|
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं मथुरा से लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने 09 अप्रैल 2013 को तत्कालीन केन्द्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शाखा की स्थापना के संबंध में पत्र लिखा था। इस पत्र का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने उक्त कार्रवाई से अवगत कराते हुए कहा है अभी प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
रालोद के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की शाखा[बेंच] की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्री तथा मुख्य न्यायाधीश से विचार मांगे हैं| पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शाखा की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस मांग पर विचार करने तथा शाखा की स्थापना पर अपना दृष्टिकोण भेजने के लिए पत्र लिखा है।
जयंत चौधरी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता को दोहराया है |
गौरतलब है के मेरठ या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेंच की स्थापना की मांग लम्बे अरसे से की जा रही है इसके लिए वकीलों के आलावा वहां के नागरिक भी आन्दोलन करते आ रहे हैं | रालोद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शाखा की स्थापना के लिए संघर्षरत है। इस संबंध में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह तथा सांसद श्री जयन्त चौधरी ने पिछले माह केन्द्रीय कानून मंत्री श्री कपिल सिबल से मुलाकात की थी। सांसद श्री जयन्त चौधरी ने इस मांग को संसद में भी प्रमुखता से उठाया है।

रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश में संघर्ष छेड़ा जाएगा: जयंत चौधरी

[नर्इ दिल्ली,]राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय महासचिव युवा जयंत चौधरी ने आज उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार के विरुद्ध हुंकार भरते हुए चेतावनी दी कि प्रदेश में यदि रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो प्रदेश में सरकार के विरुद्ध संघर्ष छेड़ा जाएगा| श्री जयंत जी ने कहा कि समाजवादी सरकार में रालोद कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है, जिसे राष्ट्रीय लोकदल बिल्कुल बर्दाशत नहीं करेगा। यदि राज्य सरकार नहीं चेती तो राष्ट्रीय लोकदल इसके विरूद्ध संघर्ष करेगा। 18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत जयन्त चौधरी की पद यात्रा को ऐतिहासिक कामयाब बनाने के लिए रण नीति पर भी चर्चा हुई|
रालोद की पशिचमी उत्तर प्रदेश की नव-गठित कार्यकारणी की पहली बैठक में आज छोटे[वर्तमान] चौधरी जयंत ने प्रदेश में अपने वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए तीन सूत्री फार्मूला भी पेश किया | पार्टी कार्यालय 13ए, फिरोजशाह रोड़, नर्इ दिल्ली में बैठक आयोजित हुर्इ, जिसमें तीन मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा के बाद आम सहमति बनी।
बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि
[१]पशिचमी उत्तर प्रदेश में अलग हार्इकोर्ट बैंच,
[२] जाट आरक्षण तथा
[३] हरित प्रदेश के मुददे राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य एजेंडे पर हैं।
इसके आलावा गन्ना तथा आलू किसानों के बकाये के लिये जिला कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया गया
राष्ट्रीय महा सचिव ने कहा कि हार्इकोर्ट बैंच को लेकर रालोद हमेशा संघर्षशील रहा है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह इस मुद्दे पर केन्द्रीय कानून मंत्री से मिल चुके हैं तथा उनसे सकारात्मक आशवासन भी मिला है।
रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी ने कहा कि रालोद वकीलों के आन्दोलन को समर्थन प्रदान करता रहा है और आगे भी संघर्षशील रहेगा।
जाट आरक्षण को लेकर भी चौधरी अजित सिंह व श्री जयंत चौधरी केन्द्र सरकार के सम्मुख जाट आरक्षण की मांग उठा चुके हैं
हरित प्रदेश के विषय में श्री जयंत चौधरी ने कहा कि छोटे राज्य हमेशा विकास करते हैं तथा उनमें प्रशासनिक समीक्षा समुचित ढंग से हो सकती है।
18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत श्री जयन्त चौधरी जी की पद यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए तन मन से कामयाब बनाने के लिए रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष श्री त्यागी ने अपील की।
तथा जिला अध्यक्षों की सहायता के लिए जिला प्रभारीयों की नियुकित की जाएगी।

युवा सांसद जयन्त चौधरी ने लोक सभा में लगे व्यवधान संस्कृति के अभिशाप पर गंभीर चिंता जताई

[नई दिल्ली,]युवा सांसद जयन्त चौधरी ने लोक सभा में लगे व्यवधान संस्कृति के अभिशाप पर आज गंभीर चिंता जताई है |
मथुरा से लोकसभा सांसद एवं राष्ट्रीय लोकदल [ रालोद] के युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने लोकसभा की कार्यवाही में जल्दी-जल्दी व्यवधान डालने वाली ‘व्यवधान संस्कृति’ पर, जो आजकल बहुधा देखने में आ रही है, खेद प्रकट किया है।
श्री जयन्त चौधरी ने आज गुरुवार को कहा, ‘‘लोकसभा की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डाला जाना कोई अच्छा संकेत नहीं है। लोकसभा को भलीभांति चलने देना चाहिए, ताकि कानून निर्माताओं को जनता से सम्बद्ध और समाज में बदलाव लाने वाले मुद्दों पर विमर्श करने का अवसर मिल सके।
श्री जयन्त चौधरी ने बताया कि लोकसभा के चालू मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर दो बिल पेश करेंगे। पहला बिल
[१] यमुना नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से आयोग के गठन को लेकर होगा एवं
[२]दूसरा बिल ‘वैकल्पिक ऊर्जा’ को बढ़ावा देने के लिए कोष इकट्ठा करने के उद्देश्य को लेकर होगा।इस रोजाना के व्यवधान से जनहित के इतने महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा नही हो पा रही है|
श्री चौधरी नदी बेसिन प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन द्वारा यमुना नदी के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु राष्ट्रीय यमुना नदी बेसिन आयोग की स्थापना के लिए बिल प्रस्तुत करेंगे। बिल का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर अधिकाधिक समेकित दृष्टिकोण के साथ नदी संरक्षण को बढ़ावा देना है।
यह बिल मथुरा की जनता एवं इस विषय के विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श का नतीजा है।
श्री जयंत चौधरी पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय चरण सिंह के पौत्र और वर्तमान रालोद के अध्यक्ष चो.अजित सिंह के पुत्र हैं और इस १६ कार्यदिवस वाले मानसून सत्र में पहले तीन दिन व्यवधान की भेंट चडने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है|

राष्ट्रीय लोक दल ने आज अपने ४०% बागी सांसदों के स्थगन को निष्कासन में परिवर्तित करने की ओपचारिकता पूरी की

राष्ट्रीय लोक दल[ रालोद] ने आज अपने ४०% सांसदों के स्थगन को निष्कासन में परिवर्तित करने की ओपचारिकता पूरी की|
राष्‍ट्रीय लोकदल अध्‍यक्ष चौधरी अजित सिंह ने सांसद देवेन्‍द्र नागपाल तथा सारिका सिंह बघेल को राष्‍ट्रीय लोकदल से निष्‍कासित किया।
अमरोहा के लोकसभा सांसद देवेन्‍द्र नागपाल तथा हाथरस से लोकसभा सांसद श्रीमती सारिका सिंह बघेल को पार्टी से निष्‍कासित कर दिया गया है तथा इनके विरुद्ध पार्टी ने अब लोकसभा में इनकी सदस्‍यता समाप्‍त करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
18 जुलाई, 2013 को चौधरी अजित सिंह ने दोनों सदस्‍यों को पार्टी से निलंबित कर, उन्‍हें अपना स्‍पष्‍टीकरण देने के लिए एक सप्‍ताह का समय दिया था। श्रीमती बघेल ने कोई जवाब नहीं दिया जबकि श्री नागपाल ने दो महीने का समय मांगा जिसे ओचित्यहीन समझा गया जिसके फलस्वरूप दोनों को तत्‍काल प्रभाव से निष्‍कासित किया गया | इसके अलावा दल-बदल कानून के तहत इनकी लोकसभा की सदस्‍यता समाप्‍त कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।

सांसद देवेन्द्र नागपाल ने अपने निलंबन के उत्तर में रालोद सुप्रीमो अजित सिंह के ओचित्य पर सवाल उठाये

अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल ने राष्ट्रीय लोक दल [रालोद ] से अपने निलंबन को लेकर सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह के ओचित्य पर ही सवाल उठा दिए हैं|
श्री चौधरी अजित सिंह ने चौधरी चरण सिंह के आदर्शों को तिलांजली देकर राष्ट्रीय लोक दल को अपने हितों को साधने के लिए एक क्लब बना लिया है|ऐसे में अजित सिंह के घरेलू क्लब में रहने का कोई ओचित्य नही है|सांसद ने कहा कि अजित सिंह मनमाने तरीके से संगठन चलाते हैं। कभी कोई पार्टी बैठक नहीं बुलाते। उनके लिए सांसद की राय भी मायने नहीं रखती। इसलिए उनका मन पार्टी से खिन्न था।उन्होंने दावा किया कि इससे उनके व्यक्तित्व पर कोई फर्क नही पडेगा उनके द्वारा कराये जा रहे समाज सेवा के कार्यों के फलस्वरूप जनता उनके साथ है जिसके बलबूते पूरे जोशो खरोश से पुनः चुनावी मैदान में उतरेंगे | चर्चा है कि मुलायम सिंह यादव और सपा की नीतियों की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा भी कर चुके नागपाल सपा में जा सकते हैं लेकिन अमरोहा से सपा ने पहले ही अमरोहा लोकसभा सीट के लिए पंचायती राज राज्य मंत्री कमाल अख्तर की पत्नी हुमेरा अख्तर को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।ऐसे में रालोद के हैण्ड पम्प का साथ भी नही होगा जाहिर है चुनौती बढ़ेगी |

RASTRIY LOK DAL

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सांसद नागपाल ने कहा कि वह जाट आरक्षण की लड़ाई में आंदोलनकारियों के साथ रहना चाहते थे इस विषय में अपने अध्यक्ष अजित सिंह से बात भी की लेकिन अध्यक्ष ने इसके विरुद्ध ही लाईन पकड़ी जिसको को लेकर रालोद सुप्रीमो से मतभेद बड़े | गौरतलब है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर चौधरी अजित सिंह ने नागपाल के साथ ही हाथरस की सांसद सारिका बघेल को भी पार्टी से निलंबित कर दिया है| निर्दलीय राजनीती करने के अभ्यस्त नागपाल ने अपने निलंबन का उत्तर ,कड़े शब्दों में, देने का निश्चय कर लिया है |वैसे देवेंदर नागपाल और रालोद के वेबसाईटों पर एक दूसरे के नाम अभी तक हठाये नहीं गए हैं |श्रीमती सारिका से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नही हो पाया |

चौ..अजित सिंह ने अपने सांसद देवेन्द्र नागपाल और सारिका सिंह को निलंबित किया

राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने लोक सभा के चुनावों में उतरने के लिए संगठन को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद तेज कर दी है|बीते दिन पार्टी की मीटिंग के पश्चात आज एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने दो सांसद देवेन्द्र नागपाल और श्रीमति सारिका सिंह को रालोद से निलंबित कर दिया है|

Ralod

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रालोद के टिकट पर अमरोहा से लोकसभा सांसद देवेन्द्र नागपाल तथा हाथरस से लोकसभा सांसद श्रीमति सारिका सिंह बघेल हैं इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी से निलम्बित कर दिया गया है।
रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने इन दोनों बागी सांसदों को पत्र लिखकर इस मामले पर अपना प़क्ष प्रस्तुत करने को कहा है। यदि ये ऐसा करने में असफल रहते हैं तो संगठन से निष्कासन के साथ-साथ इन पर दल-बदल कानून के तहत लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले छह माह से समाचार पत्रों में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर इनके द्वारा दिए गए पार्टी विरोधी वक्तव्य प्रकाशित हो रहे थे। सारिका सिंह बघेल समाजवादी पार्टी से आगामी लोकसभा चुनाव में आगरा से प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर अपर सिविल जज कनिष्ठ प्रभार ने एक अपराधिक केस में सांसद सारिका सिंह बघेल एवं उनके पति देवेंद्र सिंह बघेल के खिलाफ तलाशी वारंट जारी किए थे |
Parliamentarian Smt Sarika Baghail

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देवेन्द्र नागपाल ने भी सार्वजनिक मंच से रालोद छोड़ने का ऐलान किया है। दोनों ने अखबारों में प्रकाशित पार्टी विरोधी वक्तव्यों और गतिविधियों का खण्डन भी नहीं किया है।
पार्टी अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने दोनों सांसदों को पत्र लिखकर रालोद विरोधी गतिविधियों और बयानों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अन्दर जवाब मांगा है। यदि इन्होंने तय समय सीमा के अन्दर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।