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Tag: Refugees of 1947

मोदीभापे !तुमने भी पीड़ितों को जुमलों में ही उलझा लिया

#मोदीभापे
पहले के हुक्मराँ क्या कम थे सितम ढाने को,तुमने भी वोही मजहब इख्तियार कर लिया
1947 के लुटे पिटों ने जब तुमसे भी मांगा इंसाफ,तुमने सभी को जुमलों में उलझा लिया
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !हमारे हाथ उठ रहे तुम्हारी तरफ मगर तुम्हारी नजर आसमान की और

#मोदीभापे
तुम्हारी आरज़ू है सितारा बन अमर हो जाने की ,नज़रें और हाथ आसमान की और रख छोड़े तुमने
तुम भी खेवनहार न बन सके हम पीड़ितों के ,हम डूबते जा रहे हैं मगर तुम्हें ही पुकारते आ रहे हैं
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !खाली थाली,नंगी छत,जनाज़ा गरीब का ही भारी क्यूँ लगता है

मोदीभापे
दिल के फफोले
देशप्रेम का ठीकरा हमेशा गरीब के ही सर् क्यूँ फूटता है
खाली थाली,नंगी छत,जनाज़ा इसका भारी क्यूँ लगता है
जेब मे दमड़ी नही,सर् पर छत नही,पीड़ित बेमिसाल है
देशप्रेम का फकत यही तो झंडाबरदार है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे!हमारे हमारे विचार सही है ,लक्ष्य ईमानदार है और प्रयास संवैधानिक हैं

#मोदीभापे
#दिलकेफफोले
मोदीभापे!हमारे हमारे विचार सही है ,लक्ष्य ईमानदार है और प्रयास संवैधानिक हैं
बालगंगाधरतिलक के अनुसार सफलता के लिए सही विचार+लक्ष्य ईमानदार और प्रयास संवैधानिक होने चाहिए
और हमारे हमारे विचार भी सही है ,लक्ष्य बेहद ईमानदार है और प्रयास पूर्णतया संवैधानिक हैं फिर भी हमे सात दशकों से न्यायोचित #कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम के लिए क्यूँ भटकना पड़ रहा है ???

मोदीभापे! तड़प का मल्हम नही हुक्मरां के हाथ दुनिया की फिक्र करने का दावा करते हैं

मुझ में जबतक मैं हूँ तभी तक तो मैं जिंदा हूँ
अपने ही जख्मों को रफू करने से नही फुरसत
तड़प का मल्हम नही वक्ती हुक्मरां के हाथ
दुनिया की फिक्र करने का दावा रोज करते हैं
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे! ना जाने किस को तूने हक दिया,ना जाने किस को वरदहस्त हासिल

#मोदीभापे
ना जाने किस को तूने हक दिया,ना जाने किस को तेरा वरदहस्त है हासिल
भव्य अट्टालिकाओं की भृष्ट प्रणाली में पिसता ये पीड़ित आज भी उदास है
#रिहैबिलिटेशन/#कंपनसेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !लिखता हूँ रौजाना क्योंकि सिसकियां सुनने को कोई नही

#मोदीभापे
दर्द में हूँ तो भी जिंदा हूँ,सियासी बेरुखी ने दर्द बना छोड़ा
पीड़ित की आह डूब जाती है हुक्मराँ के नँगे अट्टहासों में
पीड़ा बयां करते खत ता कयामत चीखते रहते हैं ,इसीलिए
लिखता हूँ रौजाना क्योंकि सिसकियां सुनने को कोई नही
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !पीड़ित को हक़ नही लुटेरों को मालोमाल कर दिया

मोदीभापे
तुमने भी तख्तनशीं होकर इंसाफ ना किया
पीड़ित को हक़ नही लुटेरों को मालोमाल कर दिया
#compensation/#Rehabilitation Claim
PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे ?तुम्हारी हुकूमत में बची सांसें भी ज़ाया हो जाएंगी

#मोदीभापे
चंद सांसें बचा रखी है पीड़ित ने न्याय की खोज में
लगता है तुम्हारी हुकूमत में भी ये ज़ाया हो जाएंगी
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !गर चुप्प रह गया तो भीतर से जिंदा कहां रह पाऊंगा

#मोदीभापे
#दिलकेफफोले
हक मांगते चले गए,हक मांगता में भी चला जाऊंगा
गर चुप्प रह गया तो भीतर से जिंदा कहां रह पाऊंगा
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052