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राष्ट्रीय एकता के लिए पहले गृह मंत्री को लेकर १५ वें पीएम नरेंद्र मोदी दौड़े और देश को दौड़ाया
पी एम श्री मोदी ने सफ़ेद झंडी पर बने तिरंगे को दिखा कर दौड़ का शुभारम्भ किया |यह दौड़ राजपथ से इंडिया गेट तक थी |इससे पूर्व उन्होंने आह्वाहन किया कि सरदार पटेल ने हमें ”एक भारत” प्रदान किया-आओ हम सब मिलकर ”श्रेष्ठ भारत” का निर्माण करें|
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की जयंती एक प्रेरक क्षण है। जो राष्ट्र इतिहास को भूल जाता है वह इतिहास का निर्माण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भारत की गौरवशाली विरासत इसके महत्वाकांक्षी युवाओं को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि भारत की समृद्ध विरासत को वैचारिक आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता। उन्होंने श्रीमती इंदिरा गांधी का भी स्मरण किया और कहा कि आज उनकी पुण्य तिथि है। स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल के योगदान की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने सरदार पटेल की तुलना स्वामी विवेकानन्द और चाणक्य से करते हुए बताया कि जिस प्रकार स्वामी विवेकानंद के बगैर स्वामी परमहंस अधूरे है उसी प्रकार महात्मा गांधी भी सरदार पटेल के बगैर अधूरे हैं उहोने उदहारण देते हुए बताया कि गांधी की सफलता में दांडी यात्रा का विशेष महत्व हैं इस यात्रा का आयोजन स्वयं सरदार पटेल ने ही किया था |जिस प्रकार चाणक्य ने मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया था ठीक उसी प्रकार सरदार पटेल ने भी साढ़े पांच सौ से अधिक निरंकुश रियासतों को मिला कर मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया | उन्होंने राष्ट्रीय एकता को समर्पित ये शब्द भी कहे
भाषा अनेक, भाव एक.+राज्य अनेक, राष्ट्र एक+पंथ अनेक, लक्ष्य एक.+बोली अनेक, स्वर एक…
रंग अनेक, तिरंगा एक +समाज अनेक, भारत एक+रिवाज अनेक, संस्कार एक…
कार्य अनेक, संकल्प एक+राह अनेक, मंज़िल एक+चेहरे अनेक, मुस्कान एक…
श्री मोदी स्वयं मंच से नीचे उतरकर जनता के बीच आए और दौड़ में हिस्सा ले रहे लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री भी समान दूरी तक कदम ताल की ।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi flagging off Run for Unity, at the Rajpath on the occasion of Rashtriya Ekta Diwas Celebrations, in New Delhi on October 31, 2014.
The Union Minister for Urban Development, Housing and Urban Poverty Alleviation and Parliamentary Affairs, Shri M. Venkaiah Naidu, the Union Minister for External Affairs and Overseas Indian Affairs, Smt. Sushma Swaraj, the Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Ravi Shankar Prasad and other dignitaries are also seen.
इंडियन बिस्मार्क सरदार पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता के लिए ३१ अक्टूबर को “रन फॉर यूनिटी”
[मुंबई]इंडियन बिस्मार्क सरदार पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता के लिए ३१ अक्टूबर को “रन फॉर यूनिटी”
इंडियन बिस्मार्क +लौहपुरुष+सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा |३१ अक्टूबर को देश भर में रन फॉर यूनिटी का आयोजन भी किया जाएगा| महात्मा गांधी की स्मृति में अभी २ अक्टूबर को भारत को स्वच्छ बनाने के लिए झाड़ू चलाई गई थी अब तो ३१ अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता के लिए लोग दौड़ेंगे |गौरतलब है कि जर्मनी के बिस्मार्क द्वारा राष्ट्रीय एकीकरण के लिए प्रयास किये गए थे उसी तर्ज पर सरदार पटेल ने भी आजादी के बाद रियासतों को तिरंगे झंडे के नीचे ला कर एक मजबूत भारत का गठन किया था|
भारत सरकार ने 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। आज मुम्बई में महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा बुलाई गई एक आधिकारिक बैठक में भाग लेने के बाद केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने और कोयला मंत्री पियूष गोयल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार, सरदार पटेल द्वारा भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान और भारत की राष्ट्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए दिये गए योगदान के बारे में जागरूकता लाना चाहती है।
उन्होंने बताया कि सरदार पटेल को भारत के लौह-पुरुष के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद विभिन्न रजवाड़ों को भारत में मिलाने और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किये थे। इसलिए उनकी जयंती को राष्ट्रीय अखंडता के दिवस के रूप में मनाना उचित ही है। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरदार पटेल के योगदान के बारे में काफी कम जागरुकता है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी हाल ही में पता चला है कि दसवीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक में सरदार पटेल का जिक्र सिर्फ एक ही बार आया है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के करमसांड में हुआ था। पेशे से एक सफल बैरिस्टर वल्लभ भाई पटेल महात्मा गांधी के नेतृत्व में चल रहे भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में शामिल हो गये और बाद में वे इस आन्दोलन के एक कद्दावर नेता के रूप में सामने आए। उन्होंने गुजरात के खेडा, बोरसाड़ और बाढ़दोली के किसान आन्दोलनों को आयोजित करने और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण नेता की भूमिका निभाई। वर्ष 1947-49 के दौरान 500 से अधिक स्वतंत्र रजवाड़ों को भारत में शामिल कराने का श्रेय उन्हीं को जाता है।वे पहले देश में गृह मंत्री थे
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