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सीमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया की खनिज भंडार से भरपूर ,बंद पड़ी, चार इकाईयों की खरीद के लिए अंतिम तिथि २ सितम्बर

सीमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया की चार इकाइयों की बिक्री की घोषणा कर दी गई है|हित प्रकट करने की अंतिम कल[२ सितम्बर]है|मंधार, अकल्तारा, नयागांव और कुरकुंटा में सीमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया की चार इकाइयां बंद पड़ी हैं|भारतीय स्टेट बैंक के मार्फ़त जैसा है-जहां है के आधार पर इन्हें पूर्णतया बेचने का निर्णय किया जा चुका है|
सीमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया की चार इकाइयों की बिक्री के सिलसिले में हित प्रकट करने की अंतिम तारीख 2 सितंबर, 2013 है। कारपोरेशन ने इन यूनिटों को पूर्णतया बेचने का निर्णय किया है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हित प्रकट करने के लिए [ EOI ] आमंत्रित किए हैं। इस प्रयोजन के लिए भारतीय स्टेट बैंक को मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया गया है। यूनिटों की बिक्री ‘‘जैसा है-जहां है’’ आधार पर करने का प्रस्ताव है। तत्संबंधी कोई मौजूदा देयता नहीं है और परवर्ती बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इन यूनिटों में सीमेंट के विनिर्माण के लिए संयंत्रों द्वारा उत्पादन हेतु पर्याप्त खनिज भंडार मौजूद हैं|
गौरतलब है कि निरंतर घाटे में जा रही कंपनी पर सवा सौ करोड़ रुपयों का कर्ज़ है जिसके ब्याज का भुगतान भी नहीं किया जा रहा | इस वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में सरकार द्वारा दिए गए 128.62 करोड़ रुपये के गैर योजना ऋण पर ब्याज के बोझ को 31 मार्च, 2011 तक के स्तर [123.85 करोड़ रुपये] पर रोक दिया गया था|
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने कंपनी को ऋण चुकाने के लिए कंपनी की बंद इकाइयों को बेचने की प्रक्रिया पूरी होने तक का समय दिया गया है |

भारतीय स्टेट बैंक की शाखा की भी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास

भारतीय स्टेट बैंक की शाखा की भी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास

भारतीय स्टेट बैंक की शाखा की भी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास

[मेरठ]अपराधियों ने थाना मेडिकल की पोलिस को नई चुनौती देते हुए भारतीय स्टेट बैंक [ एस बी आई ]की शाखा की सुरक्षा व्यवस्था को भी तोड़ने का प्रयास किया| शास्त्री नगर के ई ब्लाक की मैं रोड पर एस बी आई की शाखा को लूटने में बदमाशों ने कोई कसर नही छोड़ी| विंडो ऐ सी को निकाला और दो ऐ टी एम् भी तोड़ डाले |
यधपि पोलिस किसी धन की लूट से इंकार कर रही हैं मगर बैंक द्वारा इस विषय में प्रेस से भी गोपनीयता बरती जा रही है|इससे पूर्व अभी एक माह पूर्व ही इसी थाना छेत्र के कोआपरेटिव बैंक में पड़ी डकैती का खुलासा नही किया जा सका है ऐसे में यह दूसरा प्रयास पोलिस की व्यवस्था पर प्रश्न लगा रहा है|