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तहलका बना तेजपाल का जंजाल पीड़िता की अम्मा ही जा धमकाई

हम राज किसे बनाये आज झल्ला
जिधर देखो आस्तीनें उभरी हुई हैं
भाजपा से अब सपा में वोह वड गए
राह वाया बसपा जिन्होंने अपनाई
सोनिया कहें मोदी फहलाए जहर
मोदी कहें पूरी कांग्रेस को जहरीली
तहलका बना तेजपाल का जंजाल
पीड़िता की अम्मा ही जा धमकाई
अखिलेश बने यूं पी के युवा सी एम्
लेकिन प.यूं.पी. से ही आँख चुराई
मेरठ में कहीं नजरें नहीं मिल पाई

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के खिलाफ तीन साल पुरानी ऍफ़ आई आर पर गैर जमानती वारंट जारी

[फैजाबाद]। राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के प्रदेश अध्यक्ष +पूर्व सिंचाई मंत्री मुन्ना सिंह चौहान सहित पांच लोगों के विरुद्ध तीन साल पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किये गए हैं |
जिसे श्री चौहान ने फर्जी रिपोर्ट पर उत्पीडन की कार्यवाही बताया है| सेकंड न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुन्ना सिंह चौहान और पूर्व जिला पंचायत सदस्य विश्वेशनाथ मिश्र उर्फ सुड्डू समेत पांच लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किये हैं|
पांचों आरोपियों के हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र को निरस्त करके किया है।
रालोद नेता से इस बाबत पूछने पर उन्होंने बताया कि एक दलित [पासी] परिवार को न्याय दिलाने के लिए 19 जुलाई 2010 को पार्टी के लगभग डेढ़ सौ समर्पित समर्थकों के साथ पूराकलंदर थाने का केवल घेराव किया था थाने का दोषी प्रभारी स्थान्तरित भी हो गया लेकिन जाते जाते वोह अपनी रिपोर्ट में पूराकलंदर थाने के सामने इलाहाबाद-फैजाबाद राजमार्ग जाम करने का आरोप भी मढ़ गया | श्री चौहान के अनुसार एक तरफ तो प्रदेश सरकार बसपा की मायावती की सरकार में दर्ज़ फर्जी ऍफ़ आई आर को निरस्त करने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ फर्जी ऍफ़ आई आर के आधार पर उनका औत्पिदन किया जा रहा है|उन्होंने न्यायिक प्रणाली में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अगली तारीख पर अदालत जाकर न्यायाधीश महोदय को स्थिति से अवगत कराएँगे|

सपा ने शास्त्री सोमपाल के बजाय हाजी गुलाम मोहम्मद को लोक सभा के चुनावों में बागपत से प्रत्याशी बनाया

उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने अगले लोक सभा के चुनावों में बागपत के पूर्व घोषित प्रत्याशी बदालने की घोषणा की है | वर्तमान में सिवाल ख़ास से सपा विधायक हाजी गुलाम मोहम्मद को बागपत लोक सभा की सीट के लिए प्रत्याशी बनाया गया है| पूर्व में बागपत से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सोम पाल शास्त्री को उम्मीदवार बनाया गया था|यदपि राष्ट्रीय महा सचिव और प्रवक्ता प्रोफ. राम गोपाल यादव के हस्ताक्षर से जारी विज्ञप्ति में इस बदलाव का कोई कारण नहीं बताया है लेकिन एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में सोम पाल शास्त्री ने बताया है के मुज्जफर नगर के दंगों में निर्दोष युवाओं की गिरफ्तारी और प्रदेश सरकार की अकर्मण्यता के कारण उन्होंने स्वयम बागपत से टिकेट त्याग दिया है|

मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से कुछ शान्ति है ,कर्फ्यू में ढील बढाई जा रही है लेकिन सिसायत गरमा रही है

मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से शांति प्रक्रिया प्रग्रिती पर है इसीलिए कर्फ्यू में ढील की अवधि बढाई जा रही है लेकिन अब छेत्र में सिसायत गर्माने लग गई है| प्रदेश में सत्तारुड समाज वादी सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए मुजफ्फर नगर की तुलना गुजरात के गोधरा काण्ड से की जाने लगी है| सपा से निष्काषित और अमर सिंह के करीबी सांसद ज्याप्रदा[अभिनेत्री] ने तो प्रदेश सरकार को जमीनी हकीकत से ही अंजान बताया है | कर्फ्यू में ९ घंटे की ढील दी गई है|

communal Riots IN U P

communal Riots IN U P

भाजपा और रालोद ने अपने प्रभावी छेत्रों में शांति व्यवस्था के लिए दौरा कार्यक्रम बनाये लेकिन प्रशासन ने कोई रिस्क लिए बगैर रालोद सुप्रीमो और केन्द्रीय मंत्री चौ. अजित सिंह के अलावा भाजपा के १२ विधायकों को भी मुजफ्फर नगर जिले के सीमा से ही वापिस लौटा दिया| चौ अजित सिंह ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की तुलना भाजपा के नरेन्द्र मोदी से करने में देर नही लगाईं|प्रदेश के अपने काबिना मंत्री और वरिष्ठ नेता मो. आजम खान ने अपने वोट बैंक को बचने की खातिर अपनी ही सरकार को तेवर दिखने शुरू कर दिए
मुलायम सिंह यादव ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए गोधरा [२००२] के दंगों और मुजफ्फर नगरकी हिंसा में समानता को ख़ारिज कर दिया|
मो आजम खान को स्पष्ट कह दिया है के या तो वोह पार्टी के साथ रहें अन्यथा इस्तीफा दे सकते हैं|
मुजफ्फर नगर की इस हिंसा से चुनावी ध्रुवि करण प्रभावित होने लग गए हैं| यहाँ विकास को दरकिनार रख कर साम्प्रदाइक द्रष्टि हावी होने लग गई है| इस छेत्र में मुस्लिम और जाटों का प्रभाव है |जाटों के नेता अपने छेत्र तक में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं जबकि अधिकांश मुस्लिमो का सपा से मोह भंग होने लग गया है| जाहिर है जाटों का रुझान हिन्दू वादी भाजपा की तरफ हो सकता है और मुस्लिम वोट बैंक भी अपने लिए किसी नई राजनीतिक विकल्प की सोच सकते हैं

“आप ” ने अयोध्या के नाम पर भाजपा और सपा द्वारा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के कुटिल प्रयासों की कड़ी निंदा की

आम आदमी पार्टी [आप]ने अयोध्या को लेकर “84 कोसी परिक्रमा के नाम पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के कुटिल प्रयासों की कड़ी निंदा की है|
पार्टी ने आरोप लगाया है कि कुछ राजनितिक दल और उनके द्वारा समर्थित संगठनों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए “84 कोसी परिक्रमा” जैसे सांप्रदायिक मुद्दों को हवा दी जा रही हैं।
पार्टी अयोध्या के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के इन कुटिल प्रयासों की कड़ी निंदा करती है।
जहाँ एक और बीजेपी अपने सहयोगी दलों के माध्यम से हिन्दुओं का ध्रुवीकरण कर रही है, वहीँ दूसरी और समाजवादी पार्टी इस मौके का फायदा उठा के अपने कुशासन पर पर्दा डालना चाहती है। भाग्यवश उत्तर प्रदेश और पुरे देश की जनता ने खास करके हिन्दू और मुस्लिम जनता ने इनके इरादों को समझ कर इनकी सांप्रदायिक राजनीती को नकार दिया है।
वीएचपी, आरएसएस और अन्य हिन्दुत्व संगठनों की लीग में बीजेपी ने ख़ास करके उत्तर प्रदेश में हिन्दू और मुसलमानों का ध्रुवीकरण करने की ये गुप्त साजिश रची है। उन्होंने कुछ मिश्रित धार्मिक नेताओं जिनमे से कुछ उन्ही के सांसद और पूर्व मंत्री हैं, उनकी सहायता से “84 कोसी परिक्रमा” आरंभ करने का ऐलान किया है जबकि इस तरह की परिक्रमा का यह पारंपरिक अवसर नहीं है। यह एक जाना हुआ तथ्य है की स्वामी चिन्मायानंद बीजेपी सरकार के केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं जबकि राम विलास वेदांती बीजेपी के पूर्व सांसद हैं।
हालाँकि बीजेपी ये दावा करती आ रही है की वो विकास के मुद्दे पे चुनाव लड़ेगी, लेकिन जिस तरह से अन्य हिंदुत्व संगठनों विशेष रूप से बीजेपी समर्थित वीएचपी को इस अयोध्या मुहिम के लिए आगे किया गया है, वो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के कुटिल प्रयास को साफ दर्शाता है। मोदी जी के “विकास और साफ़ और कुशल सरकार” के दावे का सच तेजी से उजागर हो रहा है,
इस अयोध्या चाल में बहुत कम लोगों का वीएचपी के साथ आना ये दर्शाता है की इस देश की जनता ने इस तरह की राजनीती को मजबूती से अस्वीकार किया है।

रालोद ने ८४ कौसी प्रक्रिमा के आयोजन को मैच फिक्सिंग बताते हुए सपा सरकार से श्वेत पत्र की मांग की

[लखनऊ ]राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला जारी रखते हुए सपा सरकार से श्वेत पत्र की मांग की है| ८४ कौसी प्रक्रिमा के आयोजन को मैच फिक्सिंग की संज्ञा देते हुए टैक्स पेयर्स का करोड़ों रूपया बरबाद करने का आरोप लगाया गया है|
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार और विहिप के आयोजन को मैच फिक्सिंग की संज्ञा करार देते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार और विहिप की मिलीभगत न होती तो अशोक सिंघल जी को चौ. चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोकने के बाद उनको हवाई अड्डा से बाहर लाकर अभिवादन करवाने तथा उसकी विडियों रिकार्डिंग प्रसारित करने की क्या आवश्यकता थी।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने करोड़ों रूपये खर्च करके अयोध्या को छावनी बना दिया फिर भी प्रवीण भाई तोगडि़या का सरयू घाट तक पहुँच जाना भी मैच फिक्सिंग को ही साबित करता है।
श्री चौहान ने मीडिया+ पूरे प्रदेश विशेषकर फैजाबाद के आसपास की जनता को धन्यवाद दिया क्योंकि मीडिया तथा जनता की जागरूकता के कारण विहिप व प्रदेश सरकार के नाटक का भण्डाफोड़ हो गया और धार्मिक उन्माद फैलाने का मंसूबा धरा का धरा रह गया।
श्री चौहान ने आगे बताया कि सुरक्षा व्यवस्था तथा अस्थाई जेलों के निर्माण के नाम पर जनता का करोड़ों रूपया बरबाद करने पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे तथा मार्ग अवरूद्ध करने के कारण प्रदेश की जनता को हुई असुविधा के लिए प्रदेश सरकार माफी मांगे।
उन्होंने राष्ट्र भक्त सन्तों व शंकराचार्य के द्वारा विहिप की परिक्रमा को वैदिक रीति रिवाजों के विपरीत करार करने का स्वागत किया तथा कहा कि चतुर्मास में पशु-पशी भी अपना घर नहीं छोड़ना चाहते ऐसे में यह आयोजन पूरी तरह से राजनैतिक लाभ लेने के लिये सपा व विहिप की नूरा कुश्ती थी जिसको प्रदेश की जनता ने नकार दिया।
प्रदेश अध्यक्ष ने आशंका व्यक्त की कि 2014 का चुनाव नजदीक देखकर प्रदेश सरकार साम्प्रदायिकता फैलाने वाले तत्वों के साथ मिलकर पुनः कोई बड़ा षड़यन्त्र रच सकती है इसलिए प्रदेश की जनता को बहुत सावधान रहने की जरूरत है।

उ प्र.में बिजली संकट के लिए सपा ने बसपा के सर ठीकरा फौड़ा

उत्तर प्रदेश में बिजली के दामो को लेकर आये राजनीतिक उबाल के लिए सत्ता रुड समाज वादी पार्टी ने ठीकरा पूर्वर्ती सरकार बहुजन समाज वादी के सर पर फोड़ दिया है और पार्टी प्रवक्ता और राज्य में मंत्री राजेंद्र चौधरी ने २०१४ तक बिजली समस्या के स्थाई समाधान खोज निकालने का आश्वासन भी दिया है|
चौधरी राजेंद्र सिंह का कहना है कि पहली बी एस पी की सरकार ने महंगी दरों पर बिजली खरीदी और भुगतान नही किया जिसके फलस्वरूप २५००० करोड़ का कर्जा विरासत में मिला है|जिसका भुगतान इस सरकार करना पड़ रहा है| इसके अलावा कहीं से भी उत्पादन नही है | अब मजबूरन बिजली खरीदनी पड़ रही है लेकिन पुराना उधर चुकताये बगैर नया उधार नहीं मिलता |
बिजली की समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार ने २०१४ का लक्ष्य तय किया है|जिसके अंतर्गत बिजली खरीद बडाई जायेगी और उत्पादन के लिए नए कारखाने लगाए जायेंगे| उल्लेखनीय है कि उ. प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ प्रदेश सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दिए हैं जिसे मुद्दा बना कर राजनीतिक दलों ने आन्दोलन छेड़ रखे हैं|भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी है तो आम आदमी पार्टी[आप] ने २२ जून तक मुख्य मंत्री के निवास की बिजली काटने की धमकी दी है| इसके अलावा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के न्रेतत्व में जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है|

चार प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस तो डूबी , उसके साथ सहानुभूति रखने वाले जे डी यु बसपा और लेफ्टिस्ट भी हारे


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई

ओये झल्लेया देखा चार राज्यों में लोक सभा और विधान सभाओं के लिए हुए उपचुनावों में जनता ने केंद्र की भ्रष्ट सरकार के सभी उम्मीदवारों को नकार दिया है|[१]गुजरात में हसाड़े नरेन्द्र भाई मोदी ने दो लोक सभा और चार विधान सभाओं के चुनावों में कांग्रेस को करारी मात दे दी|
[२]उतर प्रदेश में कांग्रेस और बसपा की हंडिया खाली ही रह गई|और सपा वाले खीर खा गए
|[३]वेस्ट बंगाल में हावडा से लेफ्ट को धकेल कर ममता बेनर्जी ने झंडा फहरा दिया है|
[४]बिहार में हमारे से अलग होते जा रहे नितीश कुमार को महाराज गंज में लालू प्रसाद यादव ने रैंक बना दिया\ ओये अब तो मानता है न कि कंग्रेस गई और भाजपा आई आई आई

झल्ला

हाँ बाऊ जी दरअसल दो नावों सवारी करने वाले डूबते ही हैं|नितीश कुमार और बसपा दोनों ही कांग्रेस की झोली में बैठने का लोभ छोड़ नही पा रहे|इसीलिए अब खामियाजा तो भुगतना ही था|उत्तर प्रदेश में आप जी कि भी जमानत जब्त हुई है सो यहाँ काम करके दिखाना होगा|

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया
समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ आज विपक्ष ने उ प्र. सरकार को बिजली के झटके दिए |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के
प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई
ने लखनऊ में सरकार को बिजली के झटके देते हुए बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की अपील की है |पार्टी ने प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करके बिजली नीति को बदले जाने की मांग की है|डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रेतत्व में भाजपाईयों ने पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया |
डा. वाजपई के अनुसार विद्युत नियामक आयोग और उ प्र. पावर कारपोरेशन के सलाहकार एक ही हैं|फर्म बेशक दो हैं मगर उनका मालिक एक ही है|मुलजिम और मुंसिफ दोनों एक ही हैं|उन्होंने मामले को राष्ट्रीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष यह मुद्दा ले जाने की घोषणा करते हुए कहा है कि जब तक भारतीय नियामक से कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक बीजी के बिलों का भुगतान रोक दिया जाना चाहिए और अगर किसी उपभोक्ता की बिजली काटी जाती है तो भाजपा उसकी बिजली कनेक्शन जोड़ने आयेगी |

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

डा. वाजपई ने केंद्र और प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि डीजल पेट्रोल के बाद ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की दरों में बढोत्तरी से किसान हितैषी होने के दावों की हकीकत सामने आ गई है|

रालोद के प्रदेश अध्यक्षमुन्ना सिंह चौहान

ने इस नीति के पीछे उद्योग और सरकार में सांठ गाँठ का आरोप लगाया है| उन्होंने बताया कि आज अखिलेश यादव सरकार के पुतले जलाए हैंऔर
प्रदेश स्तर पर ६ जून को आंदोलन चलाया जाएगा|

बहुजन समाजवादी प्रदेश अध्यक्ष एस पी मौर्य

ने भी विरोध दर्ज़ कराया है|
इससे पूर्व प्रदेश नियामक बोर्ड ने बिजली कि दरों में लगभग ४०% तक बढोत्तरी करने की घोषणा की है|यह राज्य में अब तक कि सबसे बड़ी बढोत्तरी है|डोमेस्टिक में ३५% और रूरल एरिया में ४५% तक बढोत्तरी है|किसानो को प्रति हार्स पावर पर १००/=अतिरिक्त देने होंगे| लेकिन उद्योगों को इस बढोत्तरी से अलग रखा गया है|डोमेस्टिक उपभोक्ताओं को ०.५५ /=की वृद्धि के साथ ४/= प्रति यूनिट देने होंगे |हापुड़ में भाजपा सांसद राजेंदर अग्रावल केन्रेत्त्व में प्रदर्शन किया गया |
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली की दोष पूर्ण आपूर्ति नीति का विरोध आये दिन होता रहता है इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अपने वोट बैंक एरिया में बिजली की खुले आम लीकेज की आलोचना होती रहती है|ऐसे में बिजली कि दरों में यह बेतहाशा बढोत्तरी जले पर नमक का काम कर रही है|विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा हाथ लग गया है | दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की भी राजनीतिक बिजली खतरे में पड़ती नज़र आने लगी है| बेशक भाजपा का बिजली के बिलों के भुगतान सम्बन्धी एलान को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एलान के साथ जोड़ा सकता है मगर इससे भाजपा को जनता से सीधे जुड़ने का एक अवसर जरूर मिल गया है जिससे २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों पर नज़र गडाए एस पी को अपने प्रदेश में राजनीतिक नुक्सान उठाना पड़ सकता है|

उत्तर प्रदेश में स्मारकों के व्यवसाईक उपयोग और उसके विरोध को लेकर वोट बैंक की राजनीती शुरू हो गई है

:उत्तर प्रदेश में जाति धर्म के आधार पर राजनीती करने वाली सत्ता रुड समाज वादी [एस पी]और विपक्षी बहुजन समाज वादी[बी एस पी] पार्टियां लगता है अब जातियों को आपस में लड़ाने की तैय्यारी में लग गई है तभी दलित उत्थान के नाम पर बनाए गए स्मारकों को लड़ाई का मैदान बनाया जा रहा है| प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने दलित महापुरुषों की याद में बने १० अरब की लागत के विशाल स्मारकों से अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए स्मारकों के खाली हिस्सों को मैरिज होम्स [शादी-ब्याह] की तरह प्रोफेशनल उपयोग की इजाजत दे दी है जिसके विरोध में बी एस पी ने दलितों के सड़क पर उतरने की चेतावनी देते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है|मुख्य मंत्री का कहना है कि स्मारकों में जनता का पैसा खर्च हुआ है। वहां शादी होने से शादी करने वालों की नहीं, स्मारकों की ख्याति ही बढे़गी। उनका प्रचार भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के समय स्मारकों में अस्पताल खोलने और बेहतर इस्तेमाल की बात हुई थी, तब उसे अंदर से नहीं देखा था। यहां के एक स्मारक में अष्टधातु के जानवर और पेड़ लगे हैं। वहां के खाली स्थानों में शादी-ब्याह होने से कौन सी दिक्कत है। मुख्यमंत्री बिना नाम लिए हुए कहा कि एक सरकारी स्थान की बुकिंग के लिए लाइन रहती है, क्योंकि सब जानते हैं कि अच्छे स्थान पर कम पैसों में शादी हो जाएगी। ऐसे में स्मारक का बेहतर इस्तेमाल हो जाएगा। शादी ब्याह होगा तो उनका प्रचार भी हो जाएगा। स्मारकों की ख्याति भी फैल जाएगी।
इस सरकारी घोषणा के विरुद्ध बी एस पी कड़ी हो गई है|सत्ता मुक्त हुई बी एस पी ने इस मुद्दे को सडकों पर ले जाने की बात कह दी है और जाति वादी युद्ध की भूमिका की तरफ इशारा भी कर दिया है|पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात करके प्रदेश सरकर के निर्णय को दलित विरोधी बताते हुए सरकार को तत्काल बर्खास्त किये जाने के मांग भी कर दी है|
लगता है के २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों में अपने अपने वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए दोनों पार्टियों को एक मुद्दा मिल गया है|