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Tag: Samajvadi Party

आज़म खान साहब मेरठ में कमेले की जमीन पर स्कूल के शिलान्यास समारोह में धर्म के साथ राजनीती निरपेक्षता भी दिखा देते तो हो जाती बल्ले बल्ले

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

सपाई चीयर लीडर

Azam Khan In Meerut

Azam Khan In Meerut

ओये झल्लेया देखी हसाडे जनाब आज़म खान साहब की दरियादिली| ओये एक झटके में उन्होंने मेरठ में कट्टर मुस्लिमों के कब्जे में कमेले के नासूर को नेस्तनाबूत करके वहाँ कन्यायों के लिए कॉलेज का शिलान्यास कर ही दिया |ओये हसाडे पवित्र कुरआन का पहला अक्षर है “इकरा” जिसका मतलब होता है “पढ़ो ” कुरआन का पालन करने के लिए लड़कियों को शिक्षित करने में यह कालेज अहम् भूमिका निभाएगाअब मानता है ना हसाडे आजम खान को धर्मनिरपेक्ष?

झल्ला

Black Flags Shown To Azam Khan In Meerut

Black Flags Shown To Azam Khan In Meerut

भापा जी बात तो आप ठीक ही कह रहे हो लेकिन आँखों देखी है कि मेरठ में आज़म खान साहब को कुछ लोगों ने काले झंडे भी दिखाए लेकिन आप लोगों ने उनपर लाठियां बरसवाई |अब काले झंडो के प्रदर्शन से ज्यादा पोलिसीआई लाठी चार्ज को कवरेज मिला |रास्ते में ट्रैफिक रोक कर घंटों के जाम लगवा दिए | आम जनता को परेशानी हुई | भापा जी धर्म निरपेक्षता के साथ साथ राजनीती निरपेक्षता भी दिखा देते तो हो जाती बल्ले बल्ले

प्.उ.प्र.में समाजवादियों के निर्णय तो जनहित में हैं लेकिन इनका पालन शायद “तुगलकी” स्टाइल में हो रहा है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

प्.यूं पी का चिंतित वोटर

ओये झल्लेया ये कथित समाज वादियों के दिमाग को क्या हो गया है ?देख तो अपने मुखिया माननीय मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन पर हमसे लोक सभा की ८० में से ७५ सीटों का तोहफा मांग रहे हैं जबकि कर्म इनके ऐसे हैं कि इन्हें दहाई तक सीटें मिल जाएँ तो गनीमत समझना |अरे भई
[१]मुजफ्फर नगर के दंगों के ओनली मुस्लिम विस्थापितों को ही पांच -पांच लाख की इमदाद दे रहे हैं |अब लोग बाग ये पैसे लेकर फिर शरणार्थी शिविरों में आ बसे हैं | मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा कर कोर्ट ने अलग से फटकार लगा दी है|
[२] इतने महंगे लैप टॉप बांटे जा रहे हैं और प्राप्त कर्ता उन्हें औने पोने दामों बेच रहे हैं|
[३]गन्ना किसान अपने गन्ने की मिठास की कीमत के लिए आंदोलन कर रहे हैं|
[४]राज्य कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त करवाने के लिए हाई कोर्ट को दखल देना पड़ रहा है
[५]मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच के लिए ये लोग आँखे मूंदे बैठे हैं|
[६] एयर पोर्ट्स के लिए जमीन को केंद्र अलग से हाथ फैलाये खड़ा है |
अब तू ही बता कि किस मुँह से ये लोग ७५ सीटों की उम्मीद भी लगा सकते हैं?

झल्ला

आज कल सभी लोग इतिहास की बात करने लगे हैं सो झल्ला भी इतिहास के पन्नों को फलोल रहा है |1325 से १३५१ तक तुगलक वंश के एक शासक मोहम्मद बिन तुगलक हुए हैं उस बेचारे ने भी तत्कालीन समस्यायों को निबटाने के लिए समाज वादियों कि तरह ही हाथ पावँ चलाये थे लेकिन निर्णय ऐसे ले लिए जिनका दुरूपयोग हुआ उसकी नीतियों से फायदा क्या होना था नुक्सान ज्यादा हुआ और जग हसाई हुई सो अलग |तुगलक ने अपने को मशहूर करने के लिए सिक्के ढलवाए “tanka” लेकिन जनता ने उसका दुरूपयोग किया उसने उलेमाओं को भर्ती किया फिर उनके शक्तियों को कम करने में लग गया सूफी भी विरोधी हो गए
राजधानी को दयोगीर Deogirले गए रास्ते में ही बेहद नुकसान हो गया
सूखे के हालत में भी दोआबे में लैंड टैक्स लगा दिया आज भी वोह कलंक धुला नहीं है कोई गलत निर्णय या पालिसी के लिए पर्यायवाची के रूप में “तुगलकी फरमान” का इस्तेमाल किया जाता है|यहाँ एक बात और समझ लो की इस झल्लयत में समाजवादियों की तुलना तुगलक से नहीं कर रहा बल्कि केवल उदहारण दे रहा हूँ

हरदोइए नरेश ने सपाई राजेंदर की हैसियत पूछी: ये भस्मासुरी तेवर किस तरफ इशारा कर रहे हैं?

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

विचलित सपाई

ओये झल्लेया ये हसाडे हरदोइए सांसद नरेश अग्रवाल को कौन सा कीड़ा काट गया? देख तो यार ये अग्रवाल तो अपने आप को सच्च में नरेश ही समझने लग गया है पहले लेडी एस डी एम् नागपाल को नक्सलवादी छेत्रों में भेजने पर अमादा हो गए तो फिर नरेंदर मोदी को लेकर देहाती महिलाओं का हो अपमान कर दिया | चलो ये तो पार्टी के बाहर के लोग थे मगर अब तो हद ही हो गई|हसाड़े पार्टी के कारागार मंत्री राजेन्द्र चौधरी को ही निशाना बना दिया |भाई चौधरी साहब ने ओनली अग्रवाल को भाषा में सयम बरतने के सलाह भर दी थी जिससे भड़क कर अग्रवाल ने उलटे चौधरी साहब की हैसियत पर सवाल उठा दिए |यार हमने तो खुडडे लाइन लगे नरेश को राज्य सभा में भेज कर इसका सम्मान रखा और ये ही अब पार्टी को आंखे दिखा रहे हैं

झल्ला

आर पहलवान जी आप जी को मालूम होना चाहिए कि भारतीय राजनीती में इस प्रकार के भस्मासुरी तेवर तभी दिखाए जाते हैं जब पार्टी से कुछ लेना होता है या फिर पार्टी छोडनी होती है अब आप खुद ढूंढो कि इसमें से कौनसा कीड़ा काटने वाला है |

वन्य जीव अगर किसी की फसल को नुकसान पहुंचाएंगे तो प्रदेश सरकार एक माह में मुआवजा देगी

[लखनऊ ]वन्य जीव अगर किसी की फसल को नुकसान पहुंचाएंगे तो प्रदेश सरकार एक माह में मुआवजा देने पर विचार कर रही है|उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित राज्य वन जीव बोर्ड की चौथी बैठक में यह निर्णय लिया गया|
इस बैठक में अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालकों की न्युक्ति के साथ ही वन्य जीवों द्वारा जन हानि की दशा में कृषक दुर्घटना बीमा यौजना के अनुरूप मुआवजा दिए जाने पर भी विचार करने का निर्णय लिया गया |बैठक में राज्य मंत्री जंतु उद्धान डॉ शिव प्रताप यादव+प्रमुख सचिव राकेश गर्ग+वी एन गर्ग+आदि की उपस्थिति में १५ प्रस्तावों पर संतुति प्रदान की गई|

यूं पी की अयोध्या में गुजरात के सोम नाथ मंदिर की तर्ज़ पर सरकार भव्य मंदिर का निर्माण करायेगी ?

यूं पी की अयोध्या में गुजरात के सोम नाथ मंदिर की तर्ज़ पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा यह एक खबर है और अगर इस चौंकाने और सतर्क करने वाली बड़ी खबर का खंडन शीर्ष न्रेत्त्व से नहीं आया तो इस एक कदम से देश में धर्म निरपेक्षता को एक परिभाषा मिलेगी|
दिल्ली बेस्ड अंग्रेजी के दैनिक टाइम्स आफ इंडिया ने यूं पी के पोलिस और सत्ता के गलियारों में हुए संवादों के आधार पर यह समाचार छापा है कि फैजाबाद के वरिष्ठ पोलिस अधिकारी और डी एम् की मीटिंग में सोम नाथ मंदिर की तर्ज़ पर राम मंदिर के निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की गई है | राज्य सरकार के सचिव सतीश चन्द्र मिश्रा द्वारा डी जी पी को लिखे पत्र में राम जन्म भूमि के निर्माण सम्बन्धी मीटिंग के आयोजन का उल्लेख किया गया है|
इस सन्दर्भ में भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल के अडवाणी के ब्लॉग का जिक्र करना जरुरी है जिसमे उन्होंने सोम नाथ मंदिर के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस के छद्म धर्म निरपेक्षता को उजागर किया है | तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु के विरोध के बावजूद भी तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा एतिहासिक सोम नाथ मंदिर में ज्योतिर्लिन्ग्हम स्थापित करके यह बताने का प्रयास किया है कि हमारा राष्ट्र धर्म विरुद्ध या अधार्मिक नहीं है बल्कि यह सच्चे सेकुलरिज्म को दर्शाते हैं कांग्रेस + सी बी आई+भाजपा +मुजफ्फर दंगों में आरोपों से घिरे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की सत्ता रुड पार्टी का यह समजवादी दावं फ़िलहाल उनके विरोधियों को इस दिशा में व्यस्त ही रखेगा
अपने नवीनतम ब्लॉग के टेलपीस [पश्च्य लेख] में अडवाणी ने लिखा है कि सोमनाथ मंदिर जब बन कर तैयार हुआ तब तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंदर प्रसाद को मंदिर का उद्घाटन करने के लिए ज्योतिर्लिन्ग्हम [Jyotirlingam. ] स्थापित करने का आमत्रण दिया गया |इस कार्य के लिए तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु आपत्ति उठा चुके थे लेकिन प्रधान मंत्री की आपत्ति को दरकिनार करते हुए राजेंद्र बाबू ने यह कहते आमंत्रण स्वीकार किया कि मस्जिद या चर्च में अगर ऐसा आयोजन होता तो भी में सहर्ष स्वीकार करता| अडवाणी ने कहा किहमारा राष्ट्र धर्म विरुद्ध या अधार्मिक नहीं है बल्कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद के भाव देश के सच्चे सेकुलरिज्म को दर्शाते हैं | राष्ट्रपति ने अपने प्रधान मंत्री के विरोध के बावजूद धार्मिक अनुष्ठान में मुख्य अथिति की भूमिका निभा कर यह प्रमाणित भी किया

Violence in Muzzafar Nagar is due to overt and covert stoking of communal fire by the RSS-BJP combine and the Samajwadi Party govt.”AAP”

Aam Aadmi Party [AAP] Says That Violence in Muzzafar Nagar is due to overt and covert stoking of communal fire by the RSS-BJP combine and the Samajwadi Party govt.
In a Press Statement It has been stated that The worst fears about the communal situation in the country are coming true. For several months there has been serious apprehension that a communal conflict might be engineered in Uttar Pradesh to suit the electoral calculus of major political parties. On the one hand the presence of Amit Shah – Modi’s trusted lieutenant – gave rise to concerns of communal polarisation; on the other hand it was clear that the Samajwadi Party’s government would welcome any opportunity of counter-mobilization to Distract the people from its shameful record on law and order and of governance in general.
This is what appears to be unfolding in Muzaffarnagar. While, the spark came from a ten-day old local conflict, it is clear that the situation has assumed its current proportion due to overt and covert stoking of communal fire by the RSS-BJP combine and the Samajwadi Party
government. On the one hand, the presence of several political leaders, mostly from the BJP, in the Maha-panchayat that preceded violence confirms the suspicions about the role of RSS-BJP.
Allowing the circulation of fake-videos, the inexplicable decision to allow a Maha-panchayat and then the counter-gathering by the other community and the delay in deployment of the army suggest that government too was unwilling or unable to control the situation ,if not complicit in this violence.
The occurrence of more than two dozen riots during the tenure of the SP government indicates a near collapse of law and order. Unfortunately, instead of focussing on rapid restoration of normalcy and communal harmony, political parties are busy scoring points against one another.
The political establishment of the country is determined to by-pass issues of corruption, price rise, unemployment and the lack of basic public goods and services in the run-up to the coming general elections; be it the BJP and Samajwadi Party in Uttar Pradesh, or Congress or any other mainstream political parties in other parts of the country. The responsibility of keeping the focus of democratic contestation on the real and substantive issues now falls upon the people and people’s organisations and movements. AAP resolves to join the people in this endeavour and calls upon all the patriotic citizens not to fall prey to divisive communal propaganda and to maintain communal harmony.

उत्तर प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे की महिलाओं को साड़ी और वृद्ध जनों को कम्बल वितरण की यौजना को हरी झंडी

उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाज वादी सरकार ने गरीबी की रेखा से नीचे की महिलाओं को साड़ी और वृद्ध जनों को कम्बल वितरण की लोक लुभावन यौजना को हरी झंडी दे दी गई है| मंत्री परिषद् की बैठक में यह निर्णय लिया गया|भूख मुक्ति एवं जीवन रक्षा गारंटी यौजना के अंतर्गत प्रदेश की बी पी एल महिलाओं को दो दो साडी और वृद्ध जनों को एक एक कम्बल दिए जाने के १९ मार्च २०१३ के शासनादेश में संशोधन परिवर्धन के पश्चात इस यौजना को मंजूरी दी गई है|साड़ियों की टेस्टिंग के लिए वस्त्र समिति कानपूर की लैब को भी शामिल किया गया है|इसके अलावा वितरण की जाने वाली सामग्री पर पंचायती राज विभाग के टैग लगाने को आवश्यक बनाया गया है|

Ministry of Environment & Forests has started digging into the illegal sand Mining of Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh

Ministry of Environment & Forests has started digging into the illegal sand Mining of Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh.
Illegal Sand Mining ,apart from the environment & ecology , has serious political and administrative repercussions. A Committee to Enquire into the Alleged illegal sand Mining in Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh has been Constituted .The ,time framed,Findings of which may reduce the Adverse impacts on environment & ecology +Political+Administration .
During the last few days, various media reports have been highlighting the menace of alleged illegal sand mining in Gautam Budh Nagar,of Uttar Pradesh. This question has been raised on the floors of Parliament also.

Logo Of Ministry of Environment & Forests

Logo Of Ministry of Environment & Forests

S D M Durga Shakti Nagpal Tried TO Tame the sand mafia in Goutam Budh Nagar but samajvadi government ,in the state, has suspended this 28 years young officer .It Is Alleged that several false cases are being fabricated against the young officer.She is now charge sheet-ed.The State Ministers and samajvadi parliamentarians are showing their Rulers arrogance.
It is well known fact that Illegal mining has serious environmental and ecological repercussions. Pursuant to orders of the Hon’ble Supreme Court date 27.02.2012 in SLP ( C) Nos. 19628-19629 of 2009 titled Deepak Kumar etc. Vs State of Haryana & Ors., the handling of prior environment clearance cases of mining of minor minerals, including sand, of lease area upto 5 ha was delegated by this Ministry to the concerned State Environment Impact Assessment Authorities (SEIAAs) vide OM No.L­ 11011/47/2011-lA.ll(M) dated 18.05.2012.
The cases of mining of minor minerals, involving lease area between 5 ha to 50 ha were already being handled by the SEIAAs even before the issuance of this O.M. MoEF deals with the cases of environment clearance in respect of projects of mining of minor minerals with lease area equal to or above 50 ha. No sand mining from any mining lease area EQUAL TO OR ABOVE 50 HA. No sand mining from any mining lease area can take place without obtaining prior environment clearance.
With a view to enquiring into the allegations of illegal sand mining widely reported in the electronic as well as the print media, with visuals of heavy machinery being used in illegal sand mining in Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh, in order to ascertain the factual position and with a view to suggesting further course of action in the matter, Ministry of Environment & Forests has constituted the following committee under the chairpersonship of Dr. Saroj, Director, MoEF:-
1. Dr. Saroj, Director, MoEF
2. Shri G.C. Meena, Deputy Collector of Mines, Incharge Dehradun office of IBM, Dehradun
3. Shri K. K. Garg, Director, Regional Office of MoEF, LucknowThe secretarial assistance to the Committee will be provided by the Regional Office of MoEF, Lucknow. The Committee will submit its report to the Ministry by 9.8.2013.
Arrogant State Govt Is Showing Eyes To the I A S LOBBY+ Leaders of Opposition+ Central Govt. Now Govt At Center has now turned the Ball in its own court . It Is Learned that the report of this committee would ,certainly, Demolish the Empire of Such Mafias in the state..

अखिलेश यादव ने लैप टॉप के वितरण से आगे बढे राजनितिक कदम को दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर मार लिया

प्रधान मंत्री की सीट पर उम्मीद भरी नजरें गढ़ाए समाजवादी पार्टी वर्तमान में रेत माफिया केस में देश की राजनीती में अलग थलग पड़ चुकी है संभवत इसीलिए अखिलेश यादव की सरकार ने निलंबन के एक सप्ताह पश्चात आई ऐ एस दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट जारी कर दी है । इस प्रक्रिया में निलंबित अधिकारी को उनके विरुद्ध लगाये गए चार्ज बता कर अधिकारी का स्पष्टीकरण माँगा जाता है ।सरकार को इसे डैमेज को कंट्रोल करने का समाजवादी प्रयास समझा जा सकता है |
इससे पूर्व निलंबित अधिकारी ने मुख्य मंत्री के सचिव से बात चीत करके अपनी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया जिसके अगले ही दिन यह चार्ज शीट की कार्यवाही की गई है| बेशक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि नोएडा की एसडीएम (सदर) रहीं आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन वापस नहीं होगा लेकिन इसके साथ सपा के सांसद नरेश अगरवाल के सुर बदले हुए दिखाई दिए हैं |उन्होंने पत्रकारों को बताया के दुर्गा शक्ति नागपाल कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है उन्होंने पत्रकारों पर टिपण्णी करतॆ हुए कहा के आप [पत्रकार]लोग मामले को तूल देना बंद करें तो दुर्गा शक्ति नागपाल को न्याय मिल सके |
इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक नरेन्द्र भाटी+राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल+ प्रदेश में काबिना मंत्री आज़म खान+राजेंद्र चौधरी+शिव पाल यादव और खनन मंत्री प्रजापति ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को तत्काल सही ठहराया था | आज़म खान और नरेश अगरवाल ने तो यहाँ तक कहा था कि अधिकारी भी सांप्रदायिक मानसिकता से कार्य कर रहे हैं. यदि डीएम ने दुर्गाशक्ति को क्लीनचिट दी है तो उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने खनन के मामले को पूरी तरह गलत बताया|
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती +भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा के उत्तर प्रदेश में आपराधिक तत्वों का राज चल रहा है जिसका शिकार उत्तर प्रदेश की जनता के साथ-साथ अपने कार्यों के प्रति निष्ठावान और ईमानदार अफ़सर भी बन रहे हैं.एक ईमानदार अफ़सर पर ग़लत कार्रवाई की गई है और पूरा देश दुर्गाशक्ति नागपाल के साथ है.|
गौरतलब है के 2009 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया थाइसके लिए उनसे कोई स्पष्टीकरण तक नहीं माँगा गया|उसके पश्चात सैंड माफिया के रूप में उभरे नरेन्द्र भाटी ने एक सभा में में कह दिया के मात्र ४१ मिनट्स में उन्होंने दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड करा दिया | .
विपक्ष के आरोपों के मुताबिक दुर्गाशक्ति नागपाल इसी खनन माफ़िया के खिलाफ़ सख़्ती से कार्रवाई कर रहीं थी जिस कारण दीवार का बहाना बनाकर उनका निलंबन किया गया. सूत्रों की माने तो नरेन्द्र भाटी ने ही बीते दिनों अपने पैसे से यह दिवार बनवाई थी और मस्जिद बनाने के लिए छेत्र वासियों को उकसाया था |इसके पीछे अनेको कारण बताये जा रहे है लेकिन एक महत्त्व पूर्ण कारण यह भी बताया जा रहा है के सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सार्वजानिक स्थल पर धार्मिक स्थल नही बनाये जा सकतेऐसे में अगर अवैध दीवार गिराई नहीं जाती तो अधिकारी की जवाब देही बनती है और अगर अधिकारी दीवार गिराने की कार्यवाही करतॆ है तो भी उनके खिलाफ जनाक्रोश को भड़काने का आरोप लगा कर अधिकारी को प्रताड़ित किया जा सकता है| इस घटना के पश्चात पूरे प्रदेश में सम्प्रदाइक तनाव को हवा दी गई डी एम् के चैनल को हटा[ Avoid] कर एल आई यूं से सीधे रिपोर्ट मंगाने का दावा किया गया | वास्तव में सेंड माफिया के एक फोन के पश्चात ४१ मिनट में ही सस्पेंशन आर्डर सर्व भी करा दिए गए| पौने पांच हज़ार सदस्यों वाली आईएएस एसोसिएशन ने दुर्गाशक्ति नागपाल के समर्थन में आ गई है|
अभी तक हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने इस घटना क्रम में सीधे हस्तक्षेप में रुचि नहीं दिखाई है लेकिन लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नूतन ठाकुर ने एक याचिका दायर करके आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति के निलंबन को चुनौती दे दी है कोर्ट ने रेत खनन +मस्जिद निर्माण पर प्रदेश सरकार से रिपोर माँगा ली है| इसके अलावा कांग्रेस+भाजपा+बसपा+रालोद+ आप+आदि अनेको दलों ने प्रदेश सरकार के इस कदम को अनुचित बताया है और भाजपा ने तो संसद के मानसून सत्र में मामले को उठाने की बात कही है| अखिलेश यादव की सरकार अपने राज हट्ट पर कायम रहते हुए अभी तक अधिकारी के निलंबन को रद्द करने से मना करके अपनी किरकिरी कराती आ रही है| लोगों ने तो यह भी कहना शुरू कर दिया है के लैप टॉप के वितरण से जो राजनितिक कदम आगे बढे थे दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर उसी बढे कदम को स्वयम मार कर जख्मी कर लिया गया है |

बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज़ करवाने के लिए समाजवादियों को भी उ.प्र. में झंडे उठाने पड़ गए

[मेरठ]उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर विपक्ष तो आरोप लगाता ही आ रहा है लेकिन आज सत्ता रुड समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी मजबूरन मेरठ पोलिस से न्याय पाने के लिए पार्टी का झंडा उठाना पड़ गया|
स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं ने आज पोलिस अधिकारियों के खिलाफ वरिष्ठ पोलिस अधीक्षक के समक्ष प्रदर्शन किया और नारे लगाये तब जा कर विभागीय चैनलों से होते हुए अपराध की ऍफ़ आई आर लावड थाणे में दर्ज़ की गई|धारा ३७६+५२३ आदि में रिपोर्ट दर्ज़ की गई है|
गौरतलब है कि एक जेठ प़र अपनी छोटी भाभी के साथ बलात्कार करके उसे घर से निकलने का आरोप लगाया गया है| लेकिन इस विषय में लावड थाणे में ऍफ़ आई आर दर्ज़ नही की गई|ऊपर से नीचे तक सभी जगह तालम टोल ही चलती रही| पार्टी के महानगर सचिव शाहनवाज कुरैशी के अनुसार पार्टी के महानगर अध्यक्ष और एस एस पी के हस्तक्षेप के बावजूद थाना प्रभारी रिपोर्ट लिखने को तैयार नही हुए|इसी से मजबूर होकर आज कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के झंडे उठालिये और वरिष्ठ पोलिस अधिकारिओं के समक्ष रोष प्रकट किया|