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बसपा के बीएस-फोर का सपा में हुआ विलय

[लखनऊ,यूपी] बसपा के बीएस-फोर का सपा में हुआ विलय
बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति (बीएस-फोर) का आज समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय हो गया।
सपा में शामिल बीएस-फोर के संस्थापक पूर्व मंत्री आरके चौधरी के अनुसार ‘‘भाजपा ने वर्ष 1993 में सपा और बसपा का गठबंधन तुड़वाया था। वह एक अच्छा प्रयोग था। उस वक्त वह खुद बसपा में थे। आज वह और उनका पूरा संगठन [बी एस ४ ]सपा में शामिल हो रहा है।
इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री स्वामी ओमवेश भी सपा में शामिल हो गये।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल हुए सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि सपा में बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सब जमीन से जुड़े लोगों में नया विश्वास भरकर सरकार के गलत कार्यों के खिलाफ मुहिम शुरू करेंगे।’’

सपा ने हिन्दू विधवाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं का राग अलापा

[लखनऊ,यूपी] समाजवादी पार्टी ने हिन्दू विधवा महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं की मांग की|यूपी की सत्तासेदूर की गई समाजवादी पार्टी ने आज
भाजपा की मोदी सरकार की यह कहते आलोचना की के हिन्दू विधवाओं की उपेक्षा करके केवल मुस्लिम महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजानाएं बनाई जा रही है|बलिया में प्रेस को सम्बोधित करते हुए सपा के राष्ट्रीय महा सचिव रामशंकर विद्यार्थी ने कांग्रेस के मणिशंकर नैय्यर और कपिल सिब्बल के हाल ही में दिए बयानों की भी आलोचना करते हुए गुजरात और हिमांचल में हार के लिए इन्हे ही जिम्मेदार बताया

शिवपाल चुनावों के बाद सपाई साईकिल का एक पहिया अलग करेंगे,बनाएंगे अपनी पार्टी!

shiv-pal-yadav-in-mawana[इटावा,यूपी]शिवपाल सपाई साईकिल का एक पहिया चुनावों के बाद अलग करेंगे,बनाएंगे अपनी पार्टी!
शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी[सपा] की रीढ़ कहा जाता रहा है लेकिन वर्तमान में सपा और कांग्रेस गठबंधन ने हाशिये पर पहुंच दिया हैं
सम्भवत इसी कुंठा के चलते शिवपाल सिंह यादव आगामी 11 मार्च के बाद अपनी नयी पार्टी बना सकते हैं
शिवपाल ने जसवन्तनगर विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद नुमाइश पंडाल में आयोजित जनसभा में एलान किया कि वह 11 मार्च के बाद नयी पार्टी बनाएंगे। इसी तारीख को विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे।
उन्होंने सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा आप [अखिलेश] देख लेना कि 11 मार्च के बाद आप सरकार बना लो।
हम 11 मार्च के बाद पार्टी बनाएंगे। हम पांच साल से मेहनत कर रहे हैं, आखिर हम कहां जाएं।’’ सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा निकाले गये या बागी हुए उन समाजवादी नेताओं के पक्ष में प्रचार करेंगे, जो चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग किन्हीं कारणवश सपा से अलग हो गये हैं, उन्हें अपनी नयी पार्टी में शामिल करेंगे।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पहले ही सपा-कांग्रेस गठबंधन का विरोध कर चुके हैं और सपा नेताओं से कांग्रेस की सीटों पर चुनाव लड़ने का आहवान कर चुके हैं \अब शिवपाल का नया एलान अखिलेश के लिये चुनावी गणित के लिहाज से मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
शिवपाल ने कहा ‘‘मैं हमेशा नेताजी के साथ रहूंगा लेकिन उनका अपमान बिल्कुल नहीं सहूंगा। मुझे अपने अच्छे कामों की सजा मिली है। जिन लोगों ने गड़बड़ियां की उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।’’ दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाथरस में अपनी चुनावी रैली में शिवपाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अच्छा हुआ कि ‘साइकिल’ उनके हाथ में आ गयी है। जो भी लोग भितरघात कर रहे थे, वे साथ नहीं रह सकते।

सपा की ऑफीशियल वेबसाइट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अभी भी अखिलेश ही हैं

[लखनऊ,यूपी]सपा की ऑफीशियल वेबसाइट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अभी भी अखिलेश ही हैं
समाजवादी पार्टी की ऑफीशियल वेबसाइट पर आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मुख्य मंत्री अखिलेश यादव और नरेश उत्तम पटेल को प्रदेशाध्यक्ष बताया गया है|यदि इसमें कोई त्रुटि नहीं है तो पार्टी अभी भी समझौते से दूर ही है |यद्यपि मुलायम सिंह यादव अखिलेश को अगला मुख्य मंत्री बता कर समझौते के संकेत दे चुके हैं |मुलायम सिंह यादव द्वारा स्वयम को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया जा रहा है |इसके आलावा चुनाव चिन्ह साइकिल के लिए पिता और पुत्र द्वारा चुनाव आयोग में अपील की गई है
वेबसाइट पर अपलोड की गई सूचना के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के स्नातक तथा शिक्षक क्षेत्रों के निम्न प्रत्याशी घोषित किये गये है।
१]कानपुर-उन्नाव शिक्षक क्षेत्र, श्री रामवीर सिंह यादव, डा0 राम मनोहर लोहिया इण्टर कालेज पीनी रोड, शुक्लागंज, उन्नाव।
२]इलाहाबाद-झाॅसी शिक्षक क्षेत्र, श्री अशोक सिंह राठौर, 258 नया पटेल नगर जेल रोड उरई, जालौन।
३]बरेली-मुरादाबाद स्नातक क्षेत्र, कुमारी रेनू मिश्रा, रौसर कोठी, दनियापुर शाहजहाॅपुर।
.एक अन्य सूचना के अनुसार समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल आज टीलेवाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजलुर्रहमान वायसी के सुपुर्द-ए-खाक के मौके पर मौजूद रहे। मौलाना को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होने कहा कि वे हिंदू-मुस्लिम और शिया-सुन्नी के बीच सेतु का काम करते थे। वे शांति और भाई चारा के लिए बराबर प्रयासशील रहे। ऐसे समय जब साम्प्रदायिक और जातीय ताकतें प्रदेश के वातावरण को बिगाड़ने में फिर सक्रिय हो उठी हैं मौलाना का निधन समाज और प्रदेश की अपूरणीय क्षति है।
ये दोनों सूचनाएं (नरेश उत्तम पटेल)प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपलोड की गई हैं

मुलायम ने अडवाणी बनने से किया इनकार:बुलाया सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन

[लखनऊ,यूपी] मुलायम ने अखिलेश के हाथों अडवाणी बनने से किया इनकार:बुलाया सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन
अखिलेश के विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन के जवाब में मुलायम सिंह यादव ने फोड़ा लेटर बम
और सपा के विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन को असंवैधानिक बताया
समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा आज बुलाये गये पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए इसमें शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी।
सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद सपा मुखिया ने चिट्ठी जारी करके कहा कि आज रामगोपाल यादव द्वारा तथाकथित अधिवेशन बुलाया गया है। यह पार्टी के संविधान और अनुशासन के विरुद्घ है। यह पार्टी को क्षति पहुंचाने के लिये बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में शिरकत को अनुशासनहीनता माना जाएगा और सम्मेलन में जो भी जाएगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि जनेश्वर मिश्र पार्क में सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। इसमें मंच पर सपा के वे सभी वरिष्ठ नेता मौजूद हैं, जो कभी मुलायम के बगलगीर थे।गौरतलब हे के अखिलेश यादव केनिवास पर लगभग दोउ सौ विधायकों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी और मुलायम सिंह यादव के पास मात्र २० विधायक ही पहुंचे थे |
इस विशेष अधिवेशन में अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया |मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्ग दर्शक बनाए गया है
अमर सिंह को पार्टी बाहर किया गया है इसके अलावा शिव पाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है|गौरतलब हे के भाजपा में भी वरिष्ठ लाल कृष्ण आडवाणी को मार्ग दर्शक बना कर सम्मान दिया गया है |

सपा के बगावती अधिवेशन में क्रान्ति :अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

[लखनऊ,यूपी]सपा के बगावती अधिवेशन में क्रान्ति :अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष |
मुलायम सिंग यादव की इच्छा के विरुद्ध बुलाये गए विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में आज अखिलेश यादव ने अपने पितामुलायम सिंह यादव से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद लेकर उन्हें यथोचित सम्मान देते हुए पार्टी का मार्गदर्शक बनाया |प्रो राम गोपाल यादव द्वारा प्रस्तावित इस क्रांतिकारी बदलाव को उपस्थित सदस्यों+नेताओं+मंत्रियों ने समर्थन दिया|
पार्टी के चाणक्य रहे ठाकुर अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया और प्रदेश अध्यक्ष दबंग शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है|
इस समर्थन से उत्साहित अखिलेश यादव ने कहा के वह अपने पिता का सम्मान पहले से ज्यादा करेंगे |इसे पूर्व अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर अपने लाखों समर्थकों को नव वर्ष की शुभकामनाये मेल की हैं|

मुलायम ने अपने ही पुत्र अखिलेश और कजिन राम गोपाल को पटख़नी दे सपा से निकाला

[लखनऊ,यूपी]मुलायम ने अपने ही पुत्र और कजिन को पटख़नी देकर सपा से निकाला
मुलायम सिंह यादव ने अपने ही पुत्र सीएम अखिलेश और कजिन राम गोपाल को पटख़नी दे सपा से ६ साल के लिए निकाल दिया है
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी कुनबे में मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी [सपा]मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज बहुत बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने पुत्र एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह-छह साल के लिये निष्कासित कर दिया।
सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री अखिलेश और महासचिव रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के महज पौन घंटे के अंदर संवाददाता सम्मेलन करके दोनों को पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी बचाने के लिये उन्हें ऐसा सख्त कदम उठाया है।
मुलायम ने रामगोपाल द्वारा आगामी एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाये जाने को अवैध करार देते हुए कहा कि इसका अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है। रामगोपाल के कदम से पार्टी को नुकसान हुआ है और चूंकि रामगोपाल के कृत्य में अखिलेश का भी समर्थन है, इसलिये उन्हें भी पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसी समस्या जानबूझकर पैदा की गई है। अखिलेश गुटबाजी कर रहे हैं और रामगोपाल इसमें उनकी मदद कर रहे हैं। रामगोपाल ने अखिलेश का भविष्य खत्म कर दिया है। उन्हें विवादित कर दिया है। मुख्यमंत्री तो निर्विवाद होता है. मुख्यमंत्री इसे समझ नहीं रहे हैं।
इस सवाल पर कि अब मुख्यमंत्री कौन होगा, मुलायम ने कहा कि वह हम तय करेंगे। इसके लिये पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श किया जाएगा।

विकास का दम भरने वाली सपा सरकार आज असेंबली में बेदम हो गई

लखनउ,यूपी]विकास का दम भरने वाली सपा सरकार आज असेंबली में बेदम हो गई |उत्तर प्रदेश विधान सभा का प्रश्न काल हंगामे की भेंट चढ़ गया
काबीना मंत्री आजम खां के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा सदस्यों के और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर बसपा सदस्यों के हंगामे की वजह से विधानसभा में आज प्रश्नकाल नहीं हो सका।बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार कांड मामले में विवादास्पद बयान देने पर आजम खान के विरुद्ध अदालत में केस भी दर्ज करे जा चूका है |
भाजपा और बसपा के सदस्य अलग-अलग मांगों को लेकर सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे।
बसपा सदस्यों ने हाथों में ‘भ्रष्टाचारी और किसान विरोधी सरकार’ के नारे लिखी नीली तख्तियां ले रखी थीं और वे राज्य की कानून-व्यवस्था के खराब होने के आरोप लगाकर नारेबाजी कर रहे थे। वहीं, भाजपा सदस्य आजम खां के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने शोरगुल और हंगामा थमते नहीं देख समूचे प्रश्नकाल की कार्यवाही स्थगित कर दी।
भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना के अनुसार बुलंदशहर बलात्कार मामले को लेकर आजम खां की टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिये उन्हें उच्चतम न्यायालय में माफी तक मांगनी पड़ी।
उन्होंने कहा ‘‘आजम खां को सदन में बैठने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हमारी मांग है कि वह इस्तीफा दें

नोटबंदी पर विपक्ष संसद में अपने अड़ियल रुख से आज भी हटता नहीं दिखा

[नयी दिल्ली]नोटबंदी पर विपक्ष अपने अड़ियल रुख से आज भी हटता नहीं दिख रहा |लोक सभा चली नही लेकिन शुक्र है राज्य सभा में चर्चा शुरू हो गई|अब विपक्ष के आरोपी भाषण नुमा चर्चा के पश्चात् सत्ता पक्ष को बोलने दिया जायेगा इस पर अभी संदेह हैं |वैसे पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने सार्वगर्वित भाषण में चर्चा को शुरू किया |जिसे वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिन से सुना |
नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध को समाप्त करने को सरकार की विपक्षी दलों के साथ अनौपचारिक बैठक नहीं हो पाई।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं तब वे जायेंगे।
खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता इस बारे में बैठेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
इसके बाद विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कक्ष में बैठक की।
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों के साथ एक अनौपचारिक बैठक बुलाई गई है और सरकार उनकी चिंताओं को सुनने को तैयार है।
नोटबंदी पर लोक सभा में आज भी प्रश्नकाल बाधित रहा
निचले सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच समाजवादी पार्टी के सदस्य अक्षय यादव ने कुछ कागज फाड़कर आसन से लगे सभापटल की ओर उछाल दिये।सपजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने राज्य सभा में अपनी पार्टी के कार्ड खोलते हुए नोटबंदी के विरोध में चर्चा की
इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे सदन में कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग दोहरा रहे थे।
सरकार का कहना है कि उसका यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल शुरू से ही कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कार्यस्थगन के बारे में प्रश्नकाल के बाद बात करेंगे। अभी प्रश्नकाल चलने दें।
इसके बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के 10 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की दी

प्रो रामगोपाल यादव का सपा से निष्कासन ऑफिशियली रद्द

ram-gopal-yadav[लखनऊ,यूपी]प्रो रामगोपाल यादव का सपा से निष्कासन ऑफिशियली रद्द
समाजवादी पार्टी [सपा]के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने छह सालों के लिए पार्टी से निकाले गए प्रोफेसर रामगोपाल यादव का निष्कासन आज रद्द कर दिया।
सपा मुखिया ने यहां जारी एक बयान में कहा कि रामगोपाल का सपा से निष्कासन रद्द किया जाता है और वह पहले की ही तरह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, महासचिव एवं संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में काम करते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह के कजिन रामगोपाल को पिछली 23 अक्टूबर को भाजपा के साथ साठगांठ करने और पार्टी के साथ अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष शिव पल द्वारा छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
रामगोपाल ने कल राज्यसभा में सपा के नेता के तौर पर अपनी पार्टी का मजबूत पक्ष रखा था तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि रामगोपाल के लिए पार्टी में वापसी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।
रामगोपाल हाल में समाजवादी परिवार में वर्चस्व के विवाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दिए थे।