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Tag: ShantiBhushan

विरासत में मिले ऐजेएल के ३०० शेयर्स से शांतिभूषण भी अब कांग्रेस में अशांति फैलाएंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया१हमने केंद्र की सरकार को रुला के रख दिया | ओये आज चौथे दिन भी हमने संसद नहीं चलने दी अब देखते हैं कैसे हसाडे नेताओं को नेशनल हेराल्ड फ्रॉड केस में फंसाते हैं

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी ठीक है आप लोग संसद को जाम रख कर केंद्र और अदालत पर दबाब बनाने में कामयाब हो भी जाओ मगर अब शांति भूषण का क्या करोगे? शांति को अपने पिता की विरासत में मिले ऐजेएल के ३०० शेयर्स को लेकर आप लोगों की जिंदगी में अशांति फ़ैलाने को अदालत में जा रहे हैं |विरासत में मिले ऐजेएल के ३०० शेयर्स से शांतिभूषण भी अब कांग्रेस में अशांति फैलाएंगे

“आप”पार्टी आम आदमी के बजाय दबंगों की”खाप”वास्तव में बनती जा रही है?

[नयी दिल्ली]”आप”पार्टी आम आदमी के बजाय दबंगों की”खाप”वास्तव में बनती जा रही है?आप पार्टी की हालत उन चौबे जी से भी बदतर होती जा आरही है जो छब्बे जी बनने निकले थे और दुबेजी बन कर लौटे क्योंकि पार्टी की आपसी कलह+नीति विरोधी कार्य+ भ्रष्टों के मंच साँझा करने से “दुबे” जी के स्थान पर “डूबे” जी बनने की कगार पर जाते ज्यादा दिख रहे हैं
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद् बैठक से पहले विरोधी स्वर ज्यादा ऊंचाई पकड़ने लगे हैं |
पार्टी के संस्थापक चंदादाताओं में से एक शांति भूषण ने तो केजरीवाल की आप पार्टी को खाप पार्टी की संज्ञा दे डाली है
“अवाम” ने भी आप पर जोरदार हमला बोला है
आप के विद्रोही नेताओं के समूह अवाम ने अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी पर आरोप लगाया कि पार्टी ने राष्ट्रीय परिषद् बैठक के लिए चुनिंदा सदस्यों को आमंत्रित किया है और 40 से ज्यादा सदस्यों को बिना पूर्व सू़चना के निलंबित कर दिया है।
आप वॉलंटियर्स आवाज मंच [अवाम]के सचिव अमित कुमार श्रीवास्तव ने प्रेस को जारी किए एक बयान में कहा, ‘‘ हम खाप प्रणाली और आप द्वारा जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसकी कड़ी निंदा करते हैं क्योंकि यह पार्टी के संविधान के खिलाफ है। ’’ उन्होंने कहा कि जो अवाम के वॉलंटियर्स के साथ हुआ था। वही शांति जी और प्रशांत जी के साथ हुआ और यही 100 से ज्यादा राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के साथ हुआ। सभी कदम और फैसले आप के संविधान के खिलाफ हैं और अवैध है
पार्टी की राष्ट्रीय परिषद् से पहले आप नेतृत्व पर 40 से ज्यादा सदस्यों को निलंबित करने का आरोप लगाते हुए असंतुष्ट आप नेता शांति भूषण ने कहा कि पार्टी की कार्रवाई पार्टी के संविधान के खिलाफ है और कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी|शांति भूषण को बैठक के लिए न्योता दिया गया है |
उधर पार्टी नेताओं की दबंगई भी बढ़ती जा रही है इसके मंत्री और एम एल ऐ अपराधिक मामलों में फंसते जा रहे हैं यह लिस्ट लम्बी होती जा रहे है|नवीनतम घटनाक्रम के अनुसार एम एल ऐ सरिता सिंह [MLA Sarita Singh] के विरुद्ध रोहताश नगर एरिया में दबंगई दिखाने के आरोप में अपराधिक मामला दर्ज कराया गया है|
फोटो कैप्शन
आप पार्टी की दिल्ली सरकार

केजरीवाल की हठधर्मिता नहीं वरन शांति भूषण के अविश्वास के कारण असंतुष्टों से समझौता वार्ता टूटी

अरविन्द केजरीवाल की हठ धर्मिता नहीं नहीं वरन शांति भूषण के अविश्वास के कारण असंतुष्टों से समझौता वार्ता टूटी |,मध्य प्रदेश की इकाई संयोजक, आलोक अग्रवाल ने यह बयान दिया इसके लिएउन्होंने आतिशी मार्लेना के पत्र को आधार बनाया| श्री अलोक के अनुसार
आम आदमी पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता आतिशी मार्लेना द्वारा प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को लिखे पत्र यह कहा गया है कि उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों में एक सहमती बन गयी थी परन्तु शांति भूषण के उसे न मानने के कारण वह सहमती टूट गयी|प्रशांत भूषण द्वारा इस विषय में यह कहकर इसका खंडन किया गया है कि आतिशी इस मीटिंग में नहीं थी अतः उन्हें जानकारी नहीं है.
श्री अलोक ने मीटिंग में होने का दावा करते हुए कहा है कि “चूँकि मैं उस मीटिंग में स्वयं मौजूद था अतः मैं उस दिन की सम्पूर्ण सच्चाई रखना चाहता हूँ. सर्वप्रथम मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि आतिशी की सभी बातों का मैं समर्थन करता हूँ और उस में कही गयी बातें पूरी तरह से सच हैं”.

“आप”मेंटोर शांतिभूषण ने किरणबेदी की प्रशंसा की अब प्रशांतभूषण भी क्या गोवर्धन सिंह की तरह बाहर होंगें ?

[नई दिल्ली]”आप”मेंटोर शांतिभूषण ने किरणबेदी की प्रशंसा की अब प्रशांतभूषण भी क्या गोवर्धन सिंह की तरह बाहर होंगें ?पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण द्वारा किरण बेदी को श्रेष्ठ बताने पर अरविन्द केजरीवाल घिरते नजर आ रहे हैं |यक्ष प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि क्या
महरौली से गोवर्धन सिंह के टिकट विवाद में फंसी “आप” पार्टी अब अपने संस्थापक शांति भूषण और उनके पुत्र प्रशांत भूषण को भी बाहर का रास्ता दिखाएगी
बीते दिनों “आप” पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन महरौली के अपने उम्मीदवार गोवर्धन सिंह का टिकट काट कर नरेश यादव को प्रत्याशी बनाया इसके लिए “आप” पार्टी के छोटे बढे सभी नेताओं दवारा दलील दी गई थी कि गोवर्धन सिंह के रिश्तेदारों ने पीएम नरेंद्र मोदी की दिल्ली में हुई रैली में दस बसें भर कर भेजी थी जिसे पार्टी के साथ गद्दारी माना गया था |यह आरोप पार्टी के आंतरिक लोकपाल द्वारा स्थापित किया गया था |
ये दीगर बात है कि गोवर्धन ने पार्टी पर एक करोड़ रुपयों में उनका टिकट बेचे जाने का आरोप लगा दिया |अब एक दिन के बाद ही आम आदमी पार्टी के वयोवृद्ध संस्थापक और मेंटोर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांति भूषण ने अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली में चुनौती देने उतरी किरण बेदी की शान में कसीदे पढ़े हैं |
किरण बेदी ने भी मीडिया के माध्यम से शांति भूषण का धन्यवाद देने में देर नही लगाईं |
शांतिभूषण ने एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में कहा कि किरण बेदी को लेना और सीएम कैंडिडेट घोषित करना बीजेपी का मास्टर स्ट्रॉक है। मैंने देखा है कि करप्शन के खिलाफ किरण बेदी ने जो काम किया है, बहुत अच्छा किया है। इनकी छवि एक ईमानदार ऑफिसर की रही है।उन्होंने यह भी कहा कि किरण बेदी की वजह से केजरीवाल को नुकसान होगा।वह सीएम बन जाती हैं तो अन्ना का एक शिष्य सीएम बन जाएगा |अगर वह सीएम बनीं तो दिल्ली को एक ईमानदार शासन देंगी।
शांति भूषण यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने आर एस एस की कुछ अच्छी बातों को भी स्वीकारा
इसके बाद अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि इस देश में सभी को अपने विचार रखने की स्वतंत्रता है लेकिन यक्ष प्रश्न अभी भी अनुत्तर है कि गोवर्धन सिंह का टिकट काटने का जो कारण था वोही अब प्रशांत भूषण और शांति भूषण पर भी लागू होता है तो क्या आप पार्टी गोवर्धन सिंह के केस का अनुसरण करते हुए पार्टी के आंतरिक लोकपाल द्वारा इन पिता+पुत्र को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा

“आप”संस्थापक सदस्य शांति भूषण को हरियाणा में चुनावों में भाग नहीं लेने के “पार्टी” निर्णय से ठेस लगी होगी

“आप” संस्थापक सदस्य शांति भूषण को हरियाणा में चुनावों में भाग नहीं लेने के निर्णय से ठेस लगी होगी |
आम आदमी पार्टी[आप] के संस्थापक सदस्य शांति भूषण के आरोपों से पार्टी ने असहमति व्यक्त की है| “आप” पार्टी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से यह असहमति व्यक्त की है |”आप” पार्टी के अनुसार मूलतः आंतरिक डेमोक्रेसी के आधार पर ही इसका गठन किया गया था इसीलिए संस्थापक सदस्य शांति भूषण द्वारा टी वी चैनल्स पर की गई पार्टी की आलोचना सर्वथा गलत है| दो साल पहले गठित पार्टी अभी विकसित हो रही है और १६ वीं लोक सभा के चुनावों में भी अच्छी उपलब्धि रही है|इसी बलबूते पर अब दिल्ली के इलेक्शंस में उतरने की तैयारी की जा रही है|”आप” के अनुसार हरियाणा में होने वालेचुनावों में भाग नहीं लेने के पार्टी निर्णय से हो सकता है शांति भूषण को ठेस पहुंची हो इसीलिए उन्होंने अपने विचार व्यक्त किये हैं लेकिन चुनावों में नहीं उतरने का यह निर्णय पोलिटिकल अफेयर्स समिति+और नेशनल एग्जीक्यूटिव द्वारा लिया गया था |गौरतलब है कि पूर्व मंत्री शांति भूषण “आप” पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और उन्होंने इसके निर्माण में बढ़ी रकम भी दी थी लेकिन आज वयोवृद्ध श्री भूषण ने “आप” पार्टी के डेमोक्रेटिक ढांचे की आलोचना करते हुए इसके शीर्ष नेता अरविन्द केजरीवाल की न्रेतत्व क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लगा दियाऔर इसके लिए उन्होंने पार्टी फोरम नहीं वरन टी वी चैनल्स को चुना |चूँकि अरविन्द केजरीवाल दिल्ली विधान सभा के लिए दोबारा होने वाले चुनावों में भाग लेने के लिए जी तोड़ कौशिश में लगे हैं ऐसे में शांति भूषण की आलोचना से पार्टी की छवि और क्षमता पर असर पढ़ना स्वाभाविक है | सम्भवत इसीलिए पार्टी ने तत्काल यह रेमेडियल बैलेंस्ड वक्तव्य जारी किया है |