Ad

Tag: Shiromani Akali Dal[Badal]

पंजाब में चुनावों की आहट सुन प्रकाशसिंह बादल ने फिल्म+धर्म में अपने प्रभाव छेत्र को बढ़ाना शुरू किया

[चंडीगढ़,वाशिंगटन डीसी]पंजाब में चुनावों की आहट सुन प्रकाशसिंह बादल ने फिल्म+धर्म+विदेश नीति में अपने प्रभाव छेत्र को बढ़ाना शुरू किया
पंजाब में चुनावों की आहट सुनाई देने लग गई है|सम्भवत इसीलिए शिरोमणि अकाली दल[बादल] के प्रभुत्व वाली सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी [एसजीपीसी] ने अपने नियंत्रण छेत्र को बढ़ाना शुरू कर दिया है|गुरुद्वारा प्रबंधन से लेकर फिल्म छेत्र में भी अपने लिए प्रतिनिधित्व की मांग की है इसके आलावा विदेशों में भी सिखी को अलग पहचान दिलाने के प्रयासों में गति आने लग गई है |माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के मार्ग से पंजाब के किसानों में पैंठ बनानी शुरू कर दी है और फिल्म एम एस जी की रिलीज से शिरोमणि अकाली दल के तख्त को झटके लगने लग गए हैं इनके तराजू का पलड़ा हिलने लग गया है |
इसीलिए अपनी पकड़ मजबूत बनाये रखने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाने लगे हैं
[१]एसजीपीसी ने फिल्म सेंसर बोर्ड में एक सिख प्रतिनिधि के शामिल किए जाने की पुरजोर मांग उठा दी है।बताया जा रहा है कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम की फिल्म एमएसजी के द्वारा बढ़ाये जा रहे दायरे को काटने के लिए और इस छेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए प्रतिनिधित्व की मांग उठाई गई है |गौरतलब है कि एसजीपीसी ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख की की पहली फिल्म के लिए सेंसर बोर्ड प्रमाण पत्र का विरोध किया था जिसके बावजूद फिल्म न केवल रिलीज हुई बल्कि अच्छा व्यवसाय भी दे रही हैं |
धार्मिक क्षेत्र में अपने नियंत्रण को चौड़ा करने,के लिए शिरोमणि अकाली दल+ने तख्त श्री पटना साहिब के प्रबंधन बोर्ड की सत्ता जंग में सफलता पाई
विजेता अवतार सिंह मक्क्ड़ ने चोंमुखी विकास का आश्वासन भी दिया जबकि पराजित एस ऐ डी [दिल्ली] प्रमुख और कांग्रेस प्रभावित परमजीत सिंह सरना
ने इस तख्ता पलट को सिखिस्म के लिए हानिकारक बताया है
अमेरिका में भी सिखी को हिन्दू धर्म से अलग पहवचन दिलाने की चलाई जा रही है भारत यात्रा के दौरान बराक ओबामा के दिल्ली में दिए भाषण को सिख फॉर जस्टिस के प्रिंसिपल स्टेण्ड के समर्थन में देखा जा रहा है भारत में ओबामा के भाषण में ईसाई, मुस्लिम, सिख, जैन और अमेरिका में बुद्धिस्ट्स , के लिए बराबर का दर्जा की पुष्टि के रूप में देखा जाने लगा है

पंजाब में होने वाले एन आर आई सम्मलेन में दोहरी नागरिकता के लिए आवाज भर ही उठा देना

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

शिरोमणि अकाली दल[बादल]का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मेरी तरफ कर अपने कान और गल सुन दे के ध्यान|हसाड़ी सरकार ने अगले महीने चंडीगढ़ और जालंधर में एक साथ पंजाबी एन आर आई [NRI] का सम्मलेन करने का निर्णय ले लिया है |ओये विदेशों में रह रहे हसाडे पंजाबी भाइयों को अपनी मात्र भूमि से जोड़ने के लिए सुखबीर सिंह बादल का यह प्रयास जरुर रंग लाएगा

झल्ला

पहा जी ठप्पे रहो तो ही चंगा होणा है |आपजी को मालूम होना चाहिए कि दुनिआ भर से हसाडे एन आर आई अपने मुल्क में हरसाल लगभग ७० बिलियन डॉलर्स की विदेशी मुद्रा भेजते हैं और बदले में उन्हें मिलता क्या है बाबा जी का ठुल्लु?अरे इस सम्मलेन में कम से कम अपने पंजाबियों के लिए ही दोहरी नागरिकता की आवाज ही उठा देना शायद उससे ही सारे एन आर आई का कुछ भला हो जाये वर्ना तो यही झल्ला यही समझेगा कि चुनावी चंदे की वसूली के लिए ही यह आयोजन किया गया

शिरोमणि अकाली दल[बा] ने उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डाली

Congress[I]

Congress[I]

शिरोमणि अकाली दल[बा] ने उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डाली है|पंजाब में सत्ता रुड शिरोमणि अकाली दल[एस ऐ डी] [बादल]ने आज मनीष तिवारी द्वारा व्हाईट पेपर की मांग का मजाक उड़ाया और आर्थिक नीतिओं पर केंद्र सरकार से ही व्हाईट पेपर की मांग कर डाली है|एस ऐ डी के प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने एक सुप्रसिद्ध व्यंग के आधार पर केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि छाझ तो बोले ही बोले छन्नी भी बोले जिसमे हजार छेद | शिरोमणि अकाली दल[बा] ने उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डाली| डॉ चीमा ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकारकी गलत नीतियों के कारण आज देश कंगाली के कगार पर आ गया है|रूपया लगातार गिरता जा रहा है+महंगाई मुह बाये खड़ी है+देश की साख गिर रही है+ बेरोजगारी युवाओं को सता रही है ऐसे में इन सबकी तरफ से ध्यान हटाने के लिए ही मनीष तिवारी ने पंजाब सरकार की उपलब्धियों को नजर अंदाज किया है और अनावश्यक व्हाईट पेपर की मांग की है| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे पहले अपनी कारगुजारियों को उजागर करने के लिए संसद के माध्यम से देश के सामने व्हाईट पेपर प्रस्तुत करना चाहिए|
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सूचना एवं प्रसारण मंत्री और लुधिआना से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने अपने चुनावी छेत्र में पंजाब सरकार पर दिवालिया पण [ bankruptcy ] का आरोप लगा कर व्हाईट पेपर की मांग की थी|इसी के जवाब में शिरोमणि अकाली दल[बा] ने व्यंगात्मक मुहावरे ” छाझ तो बोले ही बोले छन्नी भी बोले जिसमे हजार छेद” के माध्यम से ना केवल मजाक उड़ाया वरन उलटे केंद्र सरकार से ही आर्थिक नीतियों पर व्हाईट पेपर की मांग कर डालीहै|